रोज़गार समाचार
सदस्य बनें @ 530 रु में और प्रिंट संस्करण के साथ पाएं ई- संस्करण बिल्कुल मुफ्त ।। केवल ई- संस्करण @ 400 रु || विज्ञापनदाता ध्यान दें !! विज्ञापनदाताओं से अनुरोध है कि रिक्तियों का पूर्ण विवरण दें। छोटे विज्ञापनों का न्यूनतम आकार अब 200 वर्ग सेमी होगा || || नई विज्ञापन नीति ||

सफलता की कहानी


अंक संख्या 45 ,5-11 फरवरी,2022

ड्रोन के माध्यम से ऊंची उड़ान

साक्षात्कार

 

(रोज़गार समाचार की डेबेस्ट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनीष बाजपेयी से बातचीत)

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अक्तूबर 2021 में पूर्वोत्तर में ड्रोन अनुक्रिया और पहुंच के लिए डेबेस्ट के साथ एक करार किया था. पहली बार दक्षिण एशिया में 'मेक इन इंडियाड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. मणिपुर के बिष्णुपुर जिला अस्पताल से लोकटक झील, करंग द्वीप के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक कोविड वैक्सीन के परिवहन के लिए 12 से 15 मिनट में 15 किलोमीटर की हवाई दूरी तय की थी.

आपको  इस उद्यम का विचार कैसे आया?

मनीष बाजपेयी: ग्रामीण भारत में विकास के लिए बड़ा आधार- डेटा डिजिटीकरण की कमी को देखते हुए हमने ऐसे ड्रोन विकसित करने का अवसर देखा, जो कृषि, चिकित्सा और रक्षा के लिए विविध सेंसर ले जा सकते हैं.

वर्तमान में आपके पास किस प्रकार का ग्राहक आधार है और निकट भविष्य के लिए आपने क्या लक्ष्य निर्धारित किए हैं?

मनीष बाजपेयी: वर्तमान में, हम ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकारों की एजेंसियों, संस्थानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. बहुत जल्द हम लंबी दूरी की निगरानी के लिए अपने विमान तैनात करेंगे. हम भारत में प्रत्येक पंचायत में किराये के मॉडल पर एक ड्रोन स्टेशन बनाने की भी योजना बना रहे हैं जिससे लोगों और किसानों तक सीधे प्रौद्योगिकी पहुंचाई जा सकेगी.

आपकी कंपनी में किस प्रकार के लोगों को काम दिया जाता है?

मनीष बाजपेयी: हम तकनीकी टीम के साथ काम करते हैं जिसमें एयरोस्पेस इंजीनियर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शामिल हैं. फिर हमारी ऑपरेशनल टीम को फ्लाइट सुपरवाइजर, ड्रोन पायलट, मेंटेनेंस इंजीनियर्स की जरूरत होती है. हमारी ग्राउंड टीम में फील्ड डेटा कलेक्शन एसोसिएट्स भी शामिल हैं, जो बहुत ज्यादा तकनीकी काम नहीं है.

भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में आपकी क्या धारणा है?

मनीष बाजपेयी: भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र परिपक्व अवस्था की ओर बढ़ रहा है. अब, वेंचर कैपिटल (वीसी) आसानी से सुलभ हैं. इसके अलावा, सरकारें स्टार्टअप्स से उत्पाद/सेवाएं खरीद रही हैं. इससे उद्योग को बहुत आवश्यक नैतिक और वित्तीय बढ़ावा मिलता है.

स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक भारतीय युवाओं को आपकी क्या सलाह है?

मनीष बाजपेयी: एक परियोजना/उत्पाद के लिए काम करें, गहन फील्ड वर्क करें, गहराई से शोध करें, अपने प्रोटोटाइप को कार्यात्मक तथा वाणिज्यिक बनाएं और समय दें. याद रखें-रोम एक दिन में नहीं बना!

भारत में ड्रोन डिलीवरी के भविष्य के बारे में  आपका क्या पूर्वानुमान है?

मनीष बाजपेयी: ड्रोन डिलीवरी को पहले पहाड़ों, पहाड़ियों और द्वीपों जैसे दुर्गम क्षेत्रों में अधिक महत्व मिलेगा. यह अंतत: अन्य सभी क्षेत्रों में आदर्श बन जाएगा.

पूर्वोत्तर में वैक्सीन वितरण के लिए आईसीएमआर के साथ सहयोग के अपने अनुभव के बारे में हमें बताएं.

मनीष बाजपेयी: हमारी क्षमताओं पर भरोसा करने के लिए मैं डीजी, आईसीएमआर का आभारी हूं. हमने इस परियोजना को पूरा करते हुए बहुत कुछ सीखा. नतीजतन, कई राज्य सरकारों ने इसमें अपनी रुचि दिखाई है.