राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार
खान मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 1966 में मौलिक अथवा अनुप्रयुक्त भूविज्ञान, खनन और संबद्ध क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तियों और वैज्ञानिकों के दलों को उनकी असाधारण उपलब्धियों, उत्कृष्ट योगदानों को सम्मान और मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार योजना शुरू की थी. ये पुरस्कार हर वर्ष दिये जाते हैं. समय के साथ राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार योजना में और अधिक विषयक्षेत्रों को शामिल कर लिया गया और पुरस्कार की राशि में भी वृद्धि की गई. नेशनल मिनरल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस भूविज्ञान के क्षेत्र में आजीवन उपलब्धि के लिये वर्ष 1996 में शुरू किया गया। युवाओं में उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देने के लिये 2009 में एक युवा शोधकर्ता पुरस्कार शुरू किया गया जिसे 2013 में बदलकर ‘‘युवा वैज्ञानिक पुरस्कार‘‘ नाम दिया गया. भूविज्ञान में अनुसंधान में तेज़ी लाने के वास्ते राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार योजना को विस्तारित करके वर्ष 2009 से इसे राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार कर दिया गया. पिछले दशक में पुरस्कार की राशि बढ़ाकर तीन गुणा कर दी गई. अब राष्ट्रीय भूविज्ञान उत्कृष्टता पुरस्कार की राशि रु 5,00,000/-, राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों की पुरस्कार राशि प्रत्येक के लिये रु 3,00,000/- और युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के लिये रु 1,00,000/- की राशि तय की गई है.
2. पुरस्कार के लिये नामांकनों का आमंत्रण
हर वर्ष पुरस्कारों के लिये नामांकन मांगने के लिये राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों से संबंधित नियमन पुस्तिका खान मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और सीएसआईआर की वेबसाइट पर वर्ष की पहली तिमाही में पोस्ट की जाती है. कई बार समाचार-पत्र विज्ञापन भी देशभर में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाता है. संयुक्त सचिव, खान मंत्रालय की ओर से भी इस संबंध में प्रायोजक संगठनों के प्रमुखों जैसे कि केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों, अखिल भारतीय वैज्ञानिक/व्यावसायिक/अकादमिक सोसाइटियों, राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों/सम-विश्वविद्यालयों/स्वायत्त शैक्षिक संस्थानों, सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय और राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और पूर्व के उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को अद्र्ध-शासकीय पत्र लिखे जाते हैं. आवेदकों और प्रायोजक एजेंसियों को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों के लिये नामांकन प्रस्तुत करने हेतु पर्याप्त समय दिया जाता है.
3. राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों की श्रेणियां:
हर वर्ष राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार तीन श्रेणियों के अंतर्गत प्रदान किये जाते हैं:
*राष्ट्रीय भूविज्ञान उत्कृष्टता पुरस्कार-एक पुरस्कार
*राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-उन्नीस पुरस्कार
*युवा वैज्ञानिक पुरस्कार-एक पुरस्कार
श्रेणी (II) अर्थात राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार के चार खण्ड हैं जिन्हें चौदह क्षेत्रों में बांटा जाता है. विवरण नीचे दिया गया है:
खण्ड-I: खनिज अन्वेषण और खोज़:
खनिज अन्वेषण और खोज (जीवाश्म ईंधन को छोडक़र) आर्थिक और/अथवा रणनीतिक महत्व तथा नवाचार तकनीकों का अनुप्रयोग (2 पुरस्कार)
कोयला, लिग्नाइट और कोल बैड मिथेन अन्वेषण और खोज आर्थिक और/अथवा रणनीतिक महत्व तथा नवाचार तकनीकों का अनुप्रयोग (1 पुरस्कार)
तेल, प्राकृतिक गैस और गैस हाईड्रेट्स खोज एवं अन्वेषण (परियोजना विकास और संसाधनों तथा भण्डारण प्रबंधन सहित) (1 पुरस्कार)
भूजल अन्वेषण (परियोजना विकास, हाईड्रोजियोलॉजिकल अध्ययन और भूजल संसाधनों का प्रबंधन सहित) (1 पुरस्कार)
खण्ड- II: खनन, खनिज परिष्करण और सतत खनिज विकास
क्षेत्र:
खनिज प्रौद्योगिकी (नई पद्धतियों और प्रौद्योगिकियों का विकास और अनुप्रयोग, खनिज संसाधानों की खोज और विकास, संरक्षण, प्रणालीगत खनन योजना, खान संरक्षा, खान फायर्स, खान ख़तरा, खान पुनर्मूल्यांकन और पुनर्वास सहित) (2 पुरस्कार)
खनिज परिष्करण (खनिज प्रसंस्करण, परियोजना विकास और नियोजन निचले ग्रेड के अयस्कों का उपयोग और मूल्यवद्र्धित खनिज उत्पादों तथा खनिज अर्थव्यवस्था सहित) (1 पुरस्कार)
सतत खनिज विकास
(खान बंदी, परियोजना विकास, सांस्थानिक विकास और क्षमता निर्माण में उत्कृष्ट योगदान सहित) (1 पुरस्कार)
खण्ड- III: मौलिक भूविज्ञान क्षेत्र:
मौलिक भू-विज्ञान (स्ट्रेटिग्राफी, संरचनात्मक भूविज्ञान, पेलियोन्टोलॉजी, जियोमार्फोलॉजी, आर्थिक जियोलॉजी, जियोडायनामिक्स, पेट्रोलॉजी और जियोकैमिस्ट्री, खनिज विज्ञान, जियोक्रोनोलॉजी और आईसोटोप जियोलॉजी (2 पुरस्कार)
खण्ड-IV अनुप्रयुक्त भूविज्ञान क्षेत्र:
क्षेत्र:
अनुप्रयुक्त भूविज्ञान: इंजीनियरिंग जियोलॉजी, जियोथर्मल एनर्जी, सिस्मोटेक्टोनिक्स, भूसांख्यिकी, फोटोजियोलॉजी और रिमोट सेंसिंग तथा जियो-इन्फॅारमेशन सिस्टम (स्पेटियल डाटा मैनेजमेंट एप्लीकेशन्स और डाटा इंटिग्रेशन सहित) (2 पुरस्कार)
भूभौतिकी/अनुप्रयुक्त भूभौतिकी: भूभौतिकीय अन्वेषण में नई प्रौद्योगिकियां, भूभौतिकी पद्धतियों का अनुप्रयोग, जियो-मैग्नेटिज्म, भूभौतिकीय सर्वेक्षण तकनीकें और इंस्ट्रूमेंटेशन
(2 पुरस्कार)
भू-पर्यावरणीय अध्ययन खनन, शहरी, औद्योगिक, तटीय और रेगिस्तान प्रबंधन, पेलियोक्लाइमेट, पेलियोएन्वायरमेंट, मेडिकल जियोलॉजी, जलवायु परिवर्तन और अध्ययन से संबद्ध तथा इनका पर्यावरण पर प्रभाव (1 पुरस्कार)
आपदा प्रबंधन प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि भूकम्प, भूस्खलन, बाढ़ और सुनामी से संबंधित वैज्ञानिक अध्ययनों सहित
महासागर विकास: ओशिनोग्राफी आौर मॅरीन जियोलॉजी (1 पुरस्कार)
ग्लेसियोलॉजी और आर्कटिक तथा अंटार्कटिक रिसर्च-भू-वैज्ञिानक आरोहण सहित(1 पुरस्कार)
4. पुरस्कार के लिये चयन प्रक्रिया
प्रत्येक वर्ष के पुरस्कारों के लिये चार अनुभागीय जांच समितियां (खण्ड-I: खनिज खोज एवं अन्वेषण: खण्ड-II:खनन, खनिज परिष्करण और सतत खनिज विकास: खण्ड-III: मौलिक भूविज्ञान: खण्ड-IV: अनुप्रयुक्त भूविज्ञान) और पुरस्कार स्थापना प्राधिकरण (सचिव, खान मंत्रालय) के अध्यक्ष के अनुमोदन से एक विशेषज्ञों की स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाती है. प्रत्येक अनुभागीय जांच समिति क्षेत्र वार नामांकनों का मूल्यांकन और जांच करती है और पुरस्कारों के लिये उम्मीदवारों को अल्पसूचीबद्ध करती हैं. प्रत्येक अनुभागीय जांच समिति की सिफारिशों की विशेषज्ञों की जांच समिति समीक्षा करती है, जो कि आगे पुरस्कार के लिये नामों के चयन के लिये पुरस्कार स्थापना प्राधिकारी को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करती है. विशेषज्ञों की स्क्रीनिंग कमेटी उत्कृष्टता पुरस्कार और युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के बारे में भी अपनी सिफारिशें पुरस्कार स्थापना प्राधिकारी को प्रस्तुत करती हंै.
उपयुक्त समितियों के सदस्य देश में उपलब्ध प्रतिष्ठित विशेषज्ञों से लिये जाते हैं. विशेषज्ञों के चयन के दौरान मुख्यत: निम्नलिखित मानदंड अपनाये जाते हैं:-
निष्पक्ष छवि और विशेषज्ञों की समग्र स्थिति
निर्धारित क्षेत्र/उप क्षेत्र में विशेषज्ञ की प्रतिष्ठा तथा उल्लेखनीय योगदान तथा प्राप्त उपलब्धियां
विशेषज्ञों का चयन सरकारी संस्थानों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/प्रतिष्ठित अकादमिक संस्थानों/निजी क्षेत्र से किया जाता है.
राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार जैसे कि राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार/उत्कृष्टता पुरस्कार/शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार आदि प्राप्तकर्ता
पूर्व में की गई उत्कृष्ट सेवाओं और पदों का रिकॉर्ड
चयनित विशेषज्ञ नामांकित व्यक्तियों के क्षेत्र से होते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वे नामांकितों के संस्थान/संगठन से संबंधित नहीं हैं.
जो विशेषज्ञ पिछले वर्ष के चयन में शामिल थे उन पर वर्तमान वर्ष के लिये विचार नहीं किया जाता अर्थात् एनजीए-2014 के विशेषज्ञों पर एनजीए-2016 के लिये विचार नहीं किया किया गया था.
विभिन्न चयन समितियों का संयोजन, बैठकों की कार्यवाहियों और नामांकनों पर विचार करने की प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाता है ताकि पुरस्कारों के लिये नामांकित उम्मीदवार चयन प्रक्रिया को प्रभावित न कर सकें. इसके अलावा समितियों के संयोजन की सूचना समितियों के अन्य सदस्यों को जब तक कि वे आपस में नहीं मिल लेते हैं, नहीं दी जाती है. ऐसा परस्पर विचारविमर्श से समिति सदस्यों के किसी समूह द्वारा नामांकितों की उपयुक्तता पर पहले से ही कोई निर्णय ले लिये जाने की संभावना पर रोक के लिये किया जाता है.
प्रत्येक वर्ष के पुरस्कारों के लिये अंतिम चयन पुरस्कार स्थापना समिति द्वारा किया जाता है.
पीआईबी