प्रधानमंत्री ने गांधीनगर में महिला सरपंचों के सम्मेलन
‘स्वच्छ शक्ति-2017’ को संबोधित किया
प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में महिला सरपंचों के सम्मेलन ‘स्वच्छ शक्ति-2017‘ को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन सरपंचों को सम्मानित करने का एक अवसर है जिन्होंने स्वच्छ भारत की दिशा में चलाये जा रहे आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान किया है. उन्होंने कहा कि 2019 में हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनायेंगे, जिन्होंने कहा था कि स्वच्छता राजनीतिक आज़ादी से भी कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है.
उन्होंने एकत्र लोगों से स्वच्छता के लिये चलाये जा रहे अभियान की गति बनाये रखने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने ज़ोर दिया कि स्वच्छता या साफ-सफाई हमारा स्वभाव बन जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि जब हम स्वच्छता हासिल कर लेते हैं और गंदगी को हटा देते हैं तो इसका गरीब को सर्वाधिक लाभ होता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं ने, जिन्हें सम्मानित किया जा रहा है, कई मिथकों को चकनाचूर कर दिया है और ये दर्शा दिया कि किस प्रकार ग्रामीण भारत में सकारात्मक बदलाव आया है.
श्री नरेंद्र मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि जब वे महिला सरपंचों से मिलते हैं तो सकारात्मक बदलाव लाने की दृढ़निश्चयता को देख सकते हैं, जिन्होंने गुणात्मक बदलाव लाये जाने के बारे में ठान रखी है.
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कन्या भू्रण हत्या को समाप्त करने के अभियान में महिला सरपंचों वाले गांव महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भेदभावपूर्ण मानसिकता को स्वीकार नहीं किया जा सकता और लडक़ों और लड़कियों, दोनों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध होने चाहियें.
प्रौद्योगिकी विषय पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे गांवों में अभूतपूर्व बदलाव ला सकती है.
पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनसे समूचे राष्ट्र को प्रेरणा मिलती है.
पत्र सूचना कार्यालय