विश्वसनीय, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी देना सरकार की पहचान : वेंकैया नायडू
सूचना एवं प्रसारण मत्री ने वार्षिक संदर्भ ग्रंथ भारत/इंडिया २०१७ का विमोचन किया
‘‘विश्वसनीय, भरोसेमंद और प्रामाणिक’’ जानकारी उपलब्ध कराना इस सरकार की पहचान है. इसी दृष्टिकोण के तहत वार्षिक पुस्तक भारत 2017 में भारत के बारे में प्रामाणिक जानकारी के साथ-साथ ज्ञान का भंडार है. इसमें सटीकता के चश्मे से देश का सर्वेक्षण किया गया है. नई पीढ़ी तक पहुंच बनाने के लिए सभी भारतीय भाषाओं में पुस्तकों, पत्रिकाओं का प्रकाशन बहुत जरूरी है. भारतीय पैनोरमा और विरासत के विभिन्न पहलुओं पर पुस्तकें प्रकाशित करके लोगों में पाठन की आदत डालने में प्रकाशन विभाग ने एक आदर्श मंच उपलब्ध कराया है. सूचना और प्रसारण मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने हाल ही में वार्षिक संदर्भ ग्रंथ भारत 2017 और ऑनलाइन डिजिटल लाइब्रेरी जारी करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही.
वार्षिक भारत ईयर बुक के इलेक्ट्रॉनिक संस्करण को जारी करते हुए श्री नायडू ने कहा कि इसमें नई तकनीकी विशेषताएं हैं और श्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है. ई-बुक में खोज संबंधी सामग्री, संदर्भ सामग्री जैसी विशेषताएं हैं जिसके जरिए पाठक को पढऩे में आसानी हो तथा प्रकाशित पुस्तकों से इसकी कीमत 25 प्रतिशत कम है. उन्होंने कहा कि सरकार के डिजिटल कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रकाशन विभाग ने 750 से अधिक पुस्तकों को डिजिटल स्वरूप में बदल दिया है और यह मार्च, 2017 के अंत तक एक हजार पुस्तकों को डिजिटल रूप देने के 12वीं योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए तैयार है. उन्होंने प्रकाशन विभाग की ओर से तैयार ऑनलाइन डिजिटल लाइब्रेरी का भी शुभारंभ किया जिसमें 750 से अधिक पुस्तकों का भंडार है जिसमें विभिन्न विषय के डीपीडी बुक गैलरी पर निशुल्क उपलब्ध हैं.
श्री नायडू ने डिजिटल तरीके से जीवन जीने के महत्व और इसके लाभों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सूचना और पैसों के डिजिटल लेन-देन से देश में काले धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी. द्विभाषिक संदर्भ पुस्तकें भारत 2017 और इंडिया 2017 वर्षों से सरकार के मंत्रालयों और विभागों की नीतियों, कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में प्रामाणिक और समग्र जानकारी का स्रोत रही हैं. नई मीडिया शाखा द्वारा संकलित सामग्री के आधार पर प्रकाशन विभाग की ओर से प्रकाशित प्रतिष्ठित अंक भारत 2017 के प्रकाशन का ये 61वां वर्ष है. वार्षिक संदर्भ ग्रंथ भारत 2017 में 33 खण्ड हैं. इसमें ग्रामीण से लेकर शहरी तक, उद्योग से लेकर बुनियादी ढांचागत विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर मानव संसाधन विकास, कला और संस्कृति, राज्यव्यवस्था, अर्थव्यवस्था , स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा और जन संचार तक देश के विकास के सभी पहलुओं के बारे में जानकारी शामिल है. इस पुस्तक में सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों, तथा महत्वपूर्ण आंकडों के साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साल भर के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की जानकारी है.
यह पुस्तक डीपीडी के 8 बिक्री केंद्रों और 3 क्षेत्रीय कार्यालयों तथा देशभर में उसके अधिकृत एजेंटों पर 350 रुपये में उपलब्ध है. बिक्री केंद्रों और अधिकृत एजेंटों की सूची डीपीडी की वेबसाइट www.publicationsdiision.nic.in. पर उपलब्ध है. businesswng@gmail.com पर ई-मेल भेजकर भी यह पुस्तक मंगवाई जा सकती है. भारतकोष पोर्टल पर यह पुस्तक उपलब्ध है जिसे प्रकाशन विभाग की वेबसाइट के जरिए पढ़ा जा सकता है. प्रतिष्ठित वार्षिक संदर्भ ग्रंथ भारत 2017 आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले ईपीयूबी फॉर्मेट में ई-पुस्तक के रूप में भी उपलब्ध है. इसे टैबलेट, कम्प्यूटर, ई-रीडर और स्मार्टफोन के जरिए देखा जा सकता है. यह तकनीकी रूप से श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और पूरी तरह से प्रकाशित पुस्तक की तरह ही है.
ई-भारत में बेहतर संवाद के लिए पाठक अनुकूल विभिन्न विशेषताएं हैं जैसे हाईपरलिंक, हाईलाइट करना, बुकमार्क (पृष्ठ स्मृति). साथ ही सोशल मीडिया पर भी इन्हें आसानी से साझा किया जा सकता है. इस पुस्तक में खोज संबंधी सामग्री, संदर्भ सामग्री, आसानी से पढऩे की सहूलियत, आश्वस्त बैकअप जैसी विशेषताएं भी हैं. परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं या शोधार्थी जिनके पास प्रकाशित पुस्तक उनके पास तक पहुंचने तक का समय नहीं है, ई-पुस्तक उनके लिए शानदार विकल्प है.
ई-पुस्तकें उन दूर-दराज़ इलाकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं जहां प्रकाशित पुस्तकें पहुंचाना और उनकी बिक्री जटिल तथा लम्बी प्रक्रिया है. ई-पुस्तक एमेजॉन डॉट इन, गूगल प्ले स्टोर और कोबो डॉट कॉम पर 263 रुपये में उपलब्ध है. इन ई-खुदरा विक्रताओं की वेबसाइट पर जाकर भारत 2017 डालकर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. इसके अलावा हाथ में लेकर पुस्तक पढऩे का विकल्प तो है ही.