स्वच्छ भारत मिशन : नये शिखर की ओर अग्रसर
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्वच्छता पखवाड़ा मनाया
आनंद सौरभ
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जनवरी, 2017 के दूसरे पखवाड़े में स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है. स्वच्छता अभियान के दौरान, विभिन्न स्तरों पर मंत्रालय के सचिवालय के साथ-साथ इसकी मीडिया इकाइयों और अन्य कार्यालयों में सघन अभियान शुरू किया गया है. कार्यालयों में स्वच्छता को प्रोत्साहन और बढ़ावा देने के लिये एक पुरस्कार प्रदान किया जायेगा. साफ-सफाई, रिकार्डिंग और संवीक्षा में प्रगति, ई-ऑफिस के कार्यान्वयन के आधार पर ‘उत्कृष्ट अनुभाग’ का फ़ैसला करने के लिये एक समिति का गठन किया गया है. सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि विशेष उद्देशीय बास्केटों में ही बेकार कागजों को डाला जाये. मंत्रालय में स्वच्छता पहलों की देखरेख के लिये एक आंतरिक समिति गठित की गई है जो कि मंत्रालय में स्वच्छता अभियान की जांच के लिये औचक निरीक्षण करती है. मंत्रालय में एक सघन स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है. सभी अनुभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है पुरानी और अप्रयुक्त वस्तुएं अनुभागों में न पड़ी हों. उनसे यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी तारें या केबलें अव्यवस्थित न हों तथा फर्नीचर टूटा हुआ नहीं हो तथा इसकी शीघ्रातिशीघ्र मरम्मत कराई जाये. अप्रयुक्त और खराब सामग्रियों का भी निपटान किया जाना है. विभागीय कैंटीन के कर्मचारियों को स्वच्छता पहलों का ध्यान रखने और कैंटीन में साफ-सफाई सुनिश्चित करने को कहा गया है. मंत्रालय ने विभिन्न स्थानों पर ‘स्वच्छता’ विषयों पर पोस्टर भी लगाये हैं.
प्रकाशन विभाग द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान आधुनिक परिदृश्य और सुविधाओं से युक्त एक नई बुक गैलरी तैयार की जा रही है जिसमें स्वच्छता से जुड़े विषयों सहित विभिन्न विषयों पर इसके महत्वपूर्ण प्रकाशनों को प्रदर्शित किया जायेगा. पखवाड़ा के दौरान स्वच्छता पर पन्द्रह भाषाओं में पुस्तकों की एक श्रृंखला लाये जाने की भी इसकी योजना है. इनमें बच्चों के लिये ‘‘ऐसे जंगल स्वच्छ हुआ’’ जैसी पुस्तकें शामिल हैं. इस अवधि के दौरान स्वच्छता संबंधी पुस्तकों पर फ़ोकस के साथ योजना कार्यालयों के सेल्स एम्पोरियम और सेल्स यूनिटों में पुस्तक प्रदर्शनियां आयोजित की गई हैं. विभाग-साप्ताहिक पत्रिका ‘‘रोजग़ार समाचार’’ और मासिक पत्रिका ‘कुरूक्षेत्र’ में भी विभिन्न मंत्रालयों द्वारा आयोजित स्वच्छता अभियानों के बारे में नियमित रूप से रिपोर्टें प्रकाशित कर रहा है.
क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय अपने 22 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिये दूर-दराज के क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न भागों में स्वच्छता संदेश पहुंचाने के लिये रैलियों, फिल्म शो, समूह चर्चाओं, सार्वजनिक सभाओं और फोटो प्रदर्शनियों सहित अंतर-वैयक्तिक सम्प्रेषण माध्यमों का इस्तेमाल कर रहा है.
सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में 13 से 23 जनवरी, 2017 तक आयोजित भारतीय पैनोरमा फिल्म समारोह में स्वच्छ भारत पर भी फिल्में दिखाई गईं तथा इस अभियान का व्यापक प्रचार किया गया.
विज्ञापन और प्रचार निदेशालय ने पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की ओर से खुले में शौच करने के दुष्प्रभावों के बारे में 60 सेकंड के स्पॉट के साथ दृश्य-श्रव्य प्रचार शुरू किया. इसने शहरी विकास मंत्रालय की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण तथा असली तरक्की पर भी एक श्रव्य-दृश्य अभियान जारी किया. आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग ने 17 जनवरी, 2017 से आरंभ स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान कार्यशाला का आयोजन किया.
यह क्षेत्रीय भाषाओं के बुलेटिनों सहित नियमित समाचार बुलेटिनों और समाचार आधारित कार्यक्रमों में भी स्वच्छता पखवाड़ा की विभिन्न गतिविधियों को पर्याप्त कवरेज प्रदान कर रहा है. दूरदर्शन समाचार हर रोज अपने स्वच्छता बुलेटिन में 5 मिनट के स्थाई स्लॉट में नागरिक समाज और मंत्रालयों तथा विभागों की स्वच्छता पहलों को प्रसारित कर रहा है.
गीत एवं नाटक प्रभाग स्वच्छ भारत मिशन पर व्यापक प्रचार के लिये स्थानीय भाषाओं में नाटक, कम्पोजिट, नृत्य-नाटक, संगीत कार्यक्रम, नुक्कड़-नाटक, कठपुतली शो, मैजिक शो, पौराणिक गायन और लोक गीतों सहित लाइव लोक और पारंपरिक कलाओं का प्रयोग कर रहा है.
भारतीय जनसंचार संस्थान आईआईएमसी के अपने सामुदायिक रेडियो के जरिये सहित स्वच्छता अभियान के संबंध में संदेश फैला रहा है. संबंधित विषयों पर पर्यावरणीय विशेषज्ञों के साथ साक्षात्कार और चर्चाएं प्रसारित की जा रही हैं.
फोटो प्रभाग विभिन्न मंत्रालयों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सूचना के आधार पर स्वच्छता पखवाड़ा के अधीन सभी प्रकार की पहलों की सघन फोटो कवरेज प्रदान कर रहा है.
‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ अभियान की शुरूआत बेहतर स्वास्थ्यकर परिणामों को हासिल करने के वास्ते की गई थी.
सरकार ने स्वच्छता सुधार और जागरूकता विस्तार तथा स्वास्थ्यप्रद जीवनचर्याओं के जरिये बेहतर स्वास्थ्य परिणाम हासिल करने के लिये ‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ की शुरूआत की थी. स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की संयुक्त पहल है. कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत की आवश्यकता को सफलतापूर्वक परिलक्षित किया है और यह भारत भर में नागरिकों से जुड़ा सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया है. उन्होंने कहा कि 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिये स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र एक अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. बच्चों को बदलाव का माध्यम बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि लाखों छात्र अपने घरों, गांवों और जिलों में खुले में शौच से मुक्त बनाने के संदेशों को पहुंचाने में परिवर्तनकारी कारक बन सकते हैं.’’ समारोह में बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे पी नड्डा ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को याद दिलाया कि सरकारों और विभागों को परस्पर अलगाव से काम नहीं करना चाहिये बल्कि एक दूसरे के साथ निकट सहयोग से काम करना चाहिये तथा अपने बीच एक तालमेल रखना चाहिये. इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बीच एक अन्य पहल ‘स्वस्थ बच्चे स्वस्थ भारत’ का भी शुभारंभ किया गया है.
इस्पात मंत्रालय और इसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया इस्पात मंत्रालय ने 1-15 जनवरी, 2017 तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाया. इस अवधि के दौरान मंत्रालय के कार्यालय परिसरों को साफ-सुथरा किया गया. इस अवधि के
दौरान मंत्रालय में स्वच्छता पर दो भागीदारी कार्यक्रमों पोस्टर प्रतियोगिता और निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ गतिविधियों की समीक्षा की और पखवाड़े के दौरान हरित पर्यावरण और स्वच्छता गतिविधियों के संचालन के लिये मंत्रालय के अधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रबंधन की प्रशंसा की तथा उनसे पूरे वर्ष इस गति को बनाये रखने को कहा. धातु तलछट, लौह अयस्कों को हटाने और कम करने तथा विद्युत उत्पादन में गैसीय कचड़े के पुनर्शोधन के लिये भी विशेष स्वच्छता अभियान संचालित किया गया. इस्पात मंत्रालय में सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों ने अपने संयंत्रों, खानों, निर्माणियों और आवासीय क्षेत्रों सहित परिसरों में स्वच्छता गतिविधियां संचालित कीं. इस्पात मंत्रालय इस उद्देश्य के लिये आवश्यक बजटीय आबंटन की मांग करते हुए ‘वेस्ट टू वैल्थ’ अवधारणा के अनुरूप उत्पादक और पर्यावरण अनुकूल कचड़ा निपटान के अभिनव तरीकों के अध्ययन और प्रोत्साहन की भी योजना बना रहा है. ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ के दौरान सेल, आरआईएनएल और एफएसएनएल के विभिन्न संयंत्रों ने ऊपर वर्णित कचड़ों के निपटान से संबंधित कार्य संचालित किये. उन्होंने 323782 टन धातु तलछट, 402793 टन लौह अयस्कों को हटाया और उपयोग किया तथा प्रति घण्टा 127266400 एनएम3 के बराबर गैसीय कचड़े का पुनर्शोधन किया.