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विशेष लेख


Special Article Volume-37

प्रधानमंत्री ने युवाओं से कहा नकदी रहित समाज परिवर्तन में देश का सपना साकार करें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण मन की बातकी 26वीं कड़ी में 27 नवंबर को देश को संबोधित किया. उन्होंने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के सरकार के फैसले की पृष्ठभूमि में  युवाओं से कहा कि वे मोबाइल बैंकिंग प्रौद्योगिकी अपनायें और देश को नकदी रहित समाज बनाने में सक्रिय हिस्सेदारी निभायें. उन्होंने कहा कि सभी सुविधाएं मौजूद होने के बावजूद देश ने अब तक नकदी रहित समाज के विकल्प का दोहन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के लिये उच्च प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म जरूरी नहीं है और यह साधारण फीचर फोन के जरिये भी काम कर सकती है.

श्री मोदी ने युवाओं से कहा कि वे नकदी रहित लेन-देन के सभी एप्लीकेशन अपने फोन में रखें. इसके साथ ही वे अपने आसपास के कम-से-कम 10 लोगों को इन एप्लीकेशन की बारीकियों को समझाने का बीड़ा भी उठायें ताकि देश नकदी रहित समाज बनने की दिशा में आगे बढ़ सके. उन्होंने देश को नयी आर्थिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने के इस अभियान में युवकों और युवतियों के सक्रिय योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत नकदी रहित समाज संभव नहीं है. लेकिन देश को कम नकदी वाला समाजबनने की यात्रा पर निकल पडऩा चाहिये.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंक इन दिनों डिजिटल और मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं. हर बैंक का वॉलेट है जो इलेक्ट्रॉनिक पर्स की तरह काम करता है. बैंक विभिन्न तरह के कार्ड जारी करते हैं. जन धन योजना के तहत भारत के करोड़ों गरीब परिवारों को रुपे कार्डजारी किये गये हैं. पहले इन कार्डों का इस्तेमाल गाहे-बेगाहे ही होता था मगर 8 नवंबर के बाद इनके उपयोग में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. गरीबों ने रुपे कार्ड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

श्री मोदी ने बताया कि मोबाइल फोन के प्रीपेड कार्ड की तरह ही बैंकों में भी प्रीपेड कार्ड उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल खर्चों के लिये किया जा सकता है. उन्होंने संयुक्त भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) को व्यापारिक गतिविधियों के संचालन के लिये उपयोगी प्लेटफॉर्म बताते हुए कहा कि इससे कोई व्यक्ति खरीद करने के अलावा धन भेज और मंगा भी सकता है. इसकी प्रक्रिया व्हाट्सऐप से संदेश भेजने जितनी ही सरल है और नकदी को सामान्य फोन के जरिये भी एक से दूसरी जगह भेजा जा सकता है. उन्होंने युवाओं को आमंत्रित किया कि वे इस अभियान के लिये हर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, एनसीसी और एनएसएस में व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से काम करें.