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विशेष लेख


Issue no 21, 24 - 30 August 2024

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का सफर खेलों के महाकुंभ ओलंपिक का समापन 11 अगस्त 2024 को पेरिस में हुआ। ओलंपिक 2024 में भारत का प्रदर्शन टोक्यो ओलंपिक 2020 से मिलता-जुलता रहा। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत ने 07 पदकों (01 स्वर्ण, 02 रजत और 04 कांस्य) के साथ अपनी छाप छोड़ी थी। वहीं पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने 06 पदकों (01 रजत और 05 कांस्य) के साथ अपने सफर का समापन किया। उल्लेखनीय रूप से कुछ प्रतिस्पर्धाओं में भारत ने चौथा स्थान प्राप्त करके खेलों में अपनी उम्दा दावेदारी प्रस्तुत की। हम आपके सामने आज भारत के विजेता खिलाडियों के प्रदर्शन पर चर्चा करेंगे। मनु भाकर (10 मीटर एयर पिस्टल सिंगल्स और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड) पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए निशानेबाजी का खेल सबसे शानदार रहा और तीन पदकों के साथ उम्मीदों को बरकरार रखा। इस खेल में भारत की मनु भाकर ने दो पदक अर्जित किए। भारत की ओर से निशानेबाजी में पदक लाने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं। जिसमें से एक पदक रहा। चौंकाने वाली बात ये है कि मनु भाकर महिला एकल के 10 मीटर एयर पिस्टल की प्रतियोगिता में केवल .1 के स्कोर से चूक गईं अथवा कम से कम रजत पदक लेकर अवश्य आतीं। टोक्यो ओलंपिक 2020 में मनु चौथे स्थान पर रही थीं। मनु ने 14 साल की उम्र में पहली बार पिस्टल थामी और पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2017 की राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में मनु भाकर ने ओलंपियन और पूर्व विश्व नंबर-1 हीना को चौंकाते हुए 242.3 के स्कोर के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया। इसकी बदौलत उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में हीना को हरा दिया। भाकर ने पदक जीतने के बाद कहा, "मैंने अंतिम क्षण तक अपना पूरा प्रयास उस क्षण में बने रहने में लगाया, बस हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करती रही। पूरा फाइनल तनावपूर्ण था, और मुझे पता था कि मुझे खुद को संभालना होगा और ऐसा कुछ नहीं करना होगा जो मैं सामान्य रूप से नहीं करती। इसके अलावा मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल के मिक्स्ड गेम में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य पदक जीतकर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। भारतीय जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में रिपब्लिक ऑफ कोरिया की ओह ये जिन और ली वोन्हो 16-10 से हराकर यह उपलब्धि अपने नाम की। भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 के बाद पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी में दो पदक जीते। सरबजोत सिंह (10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड) 10 मीटर एयर पिस्टल सिंगल्स में मनु भाकर के पदक जीतते ही मिक्स्ड में भी उनसे पदक की उम्मीदें भारत को थीं और इस प्रतियोगिता में उनके साथी थे। सरबजोत सिंह ने मनु भाकर के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में दक्षिण कोरिया को हराकर इतिहास रच दिया। भारतीय जोड़ी ने कोरिया के ली वोन्हो और ओ ये जिन को 16-10 से हराकर देश को इस ओलिंपिक में दूसरा पदक दिलाया। सरबजोत सिंह के शूटर बनने की कहानी बच्चों को खिलौने वाली गन चलाने को देखकर हुई थी। सरबजोत पहले फुटबॉलर बनना चाहते थे। सरबजोत के करियर की शुरुआत 2019 जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक से हुई थी। उन्होंने हांग्जो में 2022 एशियाई खेलों में टीम स्वर्ण और 2023 एशियाई चैंपियनशिप में व्यक्तिगत कांस्य पदक जीतकर प्रभावित सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। नीरज चोपड़ा (भाला फेंक) टोक्यो ओलंपिक 2020 से पहले भारत ने भाला फेंक प्रतियोगिता में कभी कोई पदक नहीं जीता था। भारतीय सेना में तैनात नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर का भाला फेंकते हुए सबको चकित कर दिया। वहीं उनके चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के अरशद नदीम ने सिल्वर मेडल जीता था। पेरिस ओलंपिक में भारत को नीरज चोपड़ा से न केवल पदक बल्कि उसको सोने के रंग में लाने की उम्मीद थी। लेकिन, शायद फाइनल में उनका दिन नहीं था फिर भी उन्होंने 89.45 मीटर के साथ रजत पदक लाकर भारत को गौरवान्वित किया। इससे पहले नीरज ने ओलंपिक, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया और डायमंड लीग ख़िताब भी अपने नाम करने में कामयाबी पायी। भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा टोक्यो 2020 में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले देश के पहले और एकमात्र ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने थे। नीरज का अपने खेल के प्रति समर्पण उनकी सफलता को दिखाता है। उन्होंने बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया और किसी भी एथलेटिक्स खेल में भारत के पहले विश्व चैंपियन बने। कमाल की बात ये है कि इस दौरान अधिकांश प्रतियोगिताओं में अरशद नदीम द्वितीय स्थान पर रहे। स्वप्निल कुसाले (निशानेबाजी) स्वप्निल कुसाले ओलंपिक में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन इवेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज हैं। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में शूटिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। स्वप्निल ने कुवैत में 2015 एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में जूनियर वर्ग में 50 मीटर राइफल प्रोन 3 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। बीजिंग 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में अभिनव बिंद्रा के स्वर्ण और लंदन 2012 में इसी स्पर्धा में गगन नारंग के कांस्य पदक के बाद राइफल शूटिंग में यह भारत का तीसरा पदक था। कुसाले ने पेरिस 2024 में पदक जीतने के बाद कहा, “अभी मेरे मन में बहुत सारी भावनाएं हैं। यह पदक बहुत मायने रखता है। यह स्वर्ण नहीं है, लेकिन मुझे खुशी है कि मुझे पदक मिला। ओलंपिक पदक हासिल करना एक सपना है।” उन्होंने 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग और चैन सिंह से आगे रहते हुए तुगलकाबाद में आयोजित 59वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप भी जीती थी। पीआर श्रीजेश (हॉकी) मेजर ध्यानचंद के समय में हॉकी का स्वर्ण पदक केवल भारत के खाते में ही आता था सामने चाहे कोई भी टीम हो लेकिन पदक भारत को ही मिलना था। मेजर ध्यानचंद के बाद भारत, हॉकी में विश्व स्तरीय पदकों के लिए तरस रहा था। तब साल 2006 में श्रीलंका में हुए दक्षिण एशियन गेम्स से भारतीय हॉकी टीम में इंट्री हुई पीआर श्रीजेश की। उन्हें ‘वॉल ऑफ द गोल पोस्ट’ भी कहा जाता है। पेरिस ओलंपिक 2024 उनका आखिरी ओलंपिक टूर्नामेंट था और उनके साथियों ने कांस्य पदक जीतकर शानदार विदाई दी। पीआर श्रीजेश ने अपनी रक्षात्मक रणनीति के द्वारा पेनल्टी शूटआउट में भारत के गोलपोस्ट को अभेद्य रखा और विपक्षी टीमों के लिए चुनौती बन गए। भारतीय हॉकी टीम में डेब्यू के बाद से पीआर श्रीजेश भारतीय टीम के नियमित सदस्य हैं। इस दौरान टीम में लगातार कई बदलाव होते रहे लेकिन श्रीजेश पर टीम मैनेजमेंट का भरोस कायम रहा। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी भारत ने कांस्य पदक जीतकर भारतवासियों को मुस्कुराने का मौका दिया था। हरमनप्रीत सिंह (हॉकी) भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह भारत की ओर से सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी है। पेनल्टी कॉर्नर स्पेशलिस्ट और शानदार फ्लिक, डिफेंस में असाधारण प्रदर्शन के साथ हरमनप्रीत सिंह ने टोक्यो 2020 में ओलंपिक कांस्य पदक और एशियन गेम्स 2023 में स्वर्ण पदक जीते हैं। सीनियर स्तर पर, हरमनप्रीत ने 2016 में सुल्तान अजलान शाह कप के दौरान भारत के लिए अपना पहला गोल किया। उनके इस शानदार कारनामों की बदौलत उन्हें रियो 2016 खेलों के लिए ओलंपिक टीम में जगह मिल गई। हरमनप्रीत ने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को रजत पदक जीतने में भी अहम भूमिका निभाई। वो 9 गोल कर प्रतियोगिता में दूसरे सबसे बड़े गोल स्कोरर रहे। राष्ट्रीय टीम के लिए लगभग 200 मैचों में 150 से अधिक गोल करने के बाद, हरमनप्रीत सिंह को जनवरी 2023 में हॉकी विश्व कप के लिए भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी सौंपी गई। अमन सहरावत (फ्रीस्टाइल कुश्ती) आपका कोई आदर्श आपका प्रतिद्वंदी बनकर खड़ा हो और आप उसे हरा दें और ओलंपिक का टिकट पा जाएं तो उसकी खुशी अलग ही होती है, कुछ ऐसा ही अमन सहरावत के साथ हुआ। पेरिस ओलंपिक में भाग लेने के लिए उनका मुकाबला अपने आदर्श रवि कुमार दहिया (रजत पदक विजेता टोक्यो ओलंपिक 2020) से था। इस मुकाबले में उन्होंने रवि को हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया और कुश्ती में पदक की उम्मीद भी जगाई और उसे हासिल भी किया। अमन सहरावत ने 21 साल और 24 दिन की उम्र में यह रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने पीवी सिंधु के रियो 2016 ओलंपिक में रजत पदक जीतते समय 21 साल, एक महीना और 14 दिन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया और भारत के सबसे कम उम्र के पदक विजेता बन गए। अमन सहरावत ने कांस्य पदक मुकाबले में प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज़ के खिलाफ 13-5 के प्रभावशाली स्कोर के साथ मेडल पक्का किया किया। हालांकि, अमन सहरावत के लिए यह सफर आसान नहीं रहा। सेमीफाइनल में उन्हें रियो 2016 के रजत पदक विजेता और जापान के शीर्ष वरीयता प्राप्त पहलवान री हिगुची के खिलाफ 0-10 से हार का सामना करना पड़ा था। विनेश फोगाट (फ्रीस्टाइल कुश्ती) कुश्ती में भारत की ओर से पदक की प्रमुख दावेदार विनेश फोगाट को फाइनल से ठीक पहले बढ़े हुए वजन को लेकर अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश सेमीफाइनल तक अपराजेय और विपक्षियों के लिए अबूझ बनी रहीं। इस दौराना उन्होंने विश्व की नंबर वन जापानी पहलवान को एकतरफा हराकर सभी को चौंका दिया था। दो बार की ओलंपियन विनेश फोगाट, राष्ट्रमंडल खेल में तीन स्वर्ण, विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य और एशियाई खेल में एक स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं। उन्हें 2019 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य के अलावा 2021 में एशियाई चैंपियन का ताज भी पहनाया गया था। आपको बता दें कि विनेश का वजन महज 100 ग्राम ज्यादा जो नियमों के विरुद्ध था, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। चौथे स्थान पर सफर समाप्त करने वाले भारतीय खिलाड़ी i. तीरंदाजी में बी धीरज, अंकिता मिश्रित स्पर्धा में अमेरिका से हारकर बाहर हुए। ii. बैडमिंटन में पहली बार भारत खाली हाथ रहा। पुरुष स्पर्धा में लक्ष्य सेन मलेशिया के खिलाड़ी से हारकर बाहर हुए। iii. निशानेबाजी में अर्जुन 10 मीटर एयर पिस्टल राइकल के फाइनल में चौथे स्थान पर हारकर बाहर हुए। iv. भोरोत्तोलन में पदक की सबसे बड़ी दावेदार मीराबाई चानू 199 किलोग्राम वजन उठाकर महज़ एक किलो से हार गईं और उन्हें निराश होना पड़ा। आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई ने रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। सुधित मिश्रा और ईएन टीम द्वारा संकलित स्रोत- WWW.Olympics.Com, PIB