रेल मंत्रालय: वर्षांत समीक्षा 2022
प्रमुख उपलब्धियां
यात्री सुविधाएं
• सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत रेल गाडियों की शुरुआत: इन ट्रेनों में अति आधुनिक विशेषताएं हैं जैसे त्वरित त्वरण, यात्रा समय में पर्याप्त कमी, 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति, ऑन-बोर्ड इंफोटेनमेंट और जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, फोल्डिंग सीढि़यां और जीरो डिस्चार्ज वैक्यूम बायो टॉयलेट, सीसीटीवी कैमरे आदि और वैश्विक मानकों के अनुसार अन्य सम-सामयिक विशेषताएं।
• विस्टाडोम कोचों की शुरूआत: विस्टाडोम कोच व्यापक बॉडी साइड विंडो के साथ-साथ छत में पारदर्शी खंडों के माध्यम से मनोरम दृश्य प्रदान करते हैं, इस प्रकार यात्रियों को उन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने में सक्षम बनाते है जहां से वे यात्रा करते हैं।
• तेजस राजधानी ट्रेनों की शुरुआत: स्लीपर कोचों के साथ अल्ट्रा-मॉडर्न तेजस ट्रेनों की शुरुआत की गई है। इन अति आधुनिक ट्रेनों में स्वचालित प्रवेश द्वार, यात्री घोषणा/यात्री सूचना प्रणाली, आग और धुएं का पता लगाने वाली प्रणाली, सीसीटीवी कैमरे, बेहतर शौचालय-बायो-टॉयलेट के साथ वैक्यूम असिस्टेड फ्लशिंग आदि प्रमुख विशिष्टताएं हैं।
• एसी इकोनॉमी कोच: (i) एसी थ्री-टियर कोच का एक नया संस्करण - एसी इकोनॉमी कोच भी उन्नत सुविधाओं और संवर्द्धित यात्री वहन क्षमता के साथ पेश किया गया है।
• एलएचबी डिब्बों का प्रसार: भारतीय रेलवे ने लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) डिब्बों के प्रसार को बढ़ाने का फैसला किया है, जो तकनीकी रूप से बेहतर हैं और इसमें एंटी-क्लाइम्बिंग अरेंजमेंट यानी चढ़ने से राहत देने वाली व्यवस्था, वायु निलंबन प्रणाली (सेकेंडरी) के साथ विफलता संकेतक प्रणाली और कम क्षयकारी शेल जैसी विशेषताएं हैं। इन कोचों में पारंपरिक इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के डिब्बों की तुलना में बेहतर सवारी और सौंदर्यात्मक विशेषताएं हैं।
रिकॉर्ड माल लदान
• अभियान के रूप में, वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले आठ महीनों में भारतीय रेल की माल ढुलाई पिछले वर्ष की इसी अवधि की लदान और आय को पार कर गई।
• अप्रैल-नवंबर 22 की अवधि में, संचयी आधार पर, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में, माल ढुलाई 8% इजाफे के साथ 903.16 मीट्रिक टन से बढ़कर 978.72 मी.ट. हो गई। इस अवधि में रेलवे की आमदनी में 16 प्रतिशत सुधार हुआ, जो पिछले वर्ष की 91,127 करोड़ रुपये की आय से बढ़कर 1,05,905 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
• "हंग्री फॉर कार्गो" मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेलवे ने व्यापार करने में सुगमता के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा वितरण में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह की कमोडिटी स्ट्रीम्स से रेलवे के नए कार्य-व्यापार में वृद्धि हो रही है। त्वरित और चपल कार्यनीति से समर्थित ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और व्यापार विकास इकाइयों का काम रेलवे को इस ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर ले जाने में मदद करता है।
सुरक्षा
• इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई)-ट्रेन संचालन में डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर ईआई को अपनाया जा रहा है।
• स्वचालित सिग्नलिंग (एबीएस)-भारतीय रेलवे के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गों पर अधिक ट्रेनें चलाने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने के वास्ते स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग एक किफायती समाधान है।
• स्वचालित ट्रेन संरक्षा प्रणाली, कवच-भारतीय रेलवे ने दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3000 किमी) पर कवच प्रणाली लागू की है, जिसके लिए 2022 के दौरान ठेके दिए गए।
• लेवल क्रॉसिंग गेट्स की इंटरलॉकिंग: भारतीय रेलवे ने 2022 के दौरान लेवल क्रॉसिंग पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए 317 लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर सिग्नल के साथ इंटरलॉकिंग प्रदान की है।
• एलसी गेट पर स्लाइडिंग बूम: स्लाइडिंग बूम्स के ज़रिए लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर सुरक्षा बढ़ाने (गेट क्षति के मामले में) के लिए 2022 के दौरान 488 लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर स्लाइडिंग बूम्स का काम पूरा किया गया।
• इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग: 2022 के दौरान भारतीय रेल के 67 ब्लॉक सेक्शन में इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नलिंग प्रदान की गई है और 30.11.2022 तक कुल 700 ब्लॉक सेक्शन इस सुविधा से युक्त हो गए हैं।
• इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के लिए सिग्नल डिज़ाइन ऑटोमेशन टूल (सिगडेट), स्वदेश में विकसित स्वचालित मार्ग नियंत्रण चार्ट निर्माण प्रणाली है, जो अवसंरचनात्मक कार्यों में तेजी लाने, दक्षता में सुधार करने और सुरक्षित ट्रेन संचालन को सक्षम बनाने के लिए तैयार की गई है।
• स्थायी समिति ने 29.03.22 को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के दूसरे संस्करण के लिए मानक विशिष्ट सर्किट जारी किया, जिसका इस्तेमाल सिग्नल डिजाइन और सर्किट अनुमोदन में दक्षता में सुधार के लिए 100 मार्गों तक की सभी भावी संस्थापनाओं में किया जाएगा।
• क्षमता निर्माण, अनुसंधान, डिजाइन और मानक के माध्यम से विशेषज्ञता और तकनीकी इनपुट प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य के साथ सिकंदराबाद में आधुनिक सिग्नलिंग के लिए "उत्कृष्टता केंद्र" स्थापित किया गया है।
एक स्टेशन एक उत्पाद (ओएसओपी) योजना
इस योजना के तहत, भारतीय रेलवे 15 दिनों के लिए 1000/- रुपये के मामूली पंजीकरण शुल्क पर स्वदेशी/स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और बेहतर ढंग से उजागर करने के लिए स्टेशनों पर विशिष्ट रूप, अनुभव और लोगो के साथ विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किए गए बिक्री केन्द्र प्रदान कर रहा है। यह योजना 572 बिक्री केन्द्रों के साथ 535 स्टेशनों पर लागू की गई है। कुल 13560 प्रत्यक्ष लाभार्थियों ने 30 नवंबर 2022 तक इस योजना के तहत दिए जा रहे अवसरों का लाभ उठाया है। यह मानते हुए कि प्रति आवंटन 5 अप्रत्यक्ष लाभार्थी थे, कुल 47,145 लाभार्थियों को इससे लाभ पहुंचा।
भारत गौरव टूरिस्ट सर्किट ट्रेनें
भारतीय रेलवे ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थानों को प्रदर्शित करने के लिए एक नया पर्यटन कार्यक्रम यानी विषय आधारित पर्यटक सर्किट ट्रेन-'भारत गौरव' शुरू किया। इस योजना के तहत, समूचे देश में फैले सेवा प्रदाता देश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण समृद्ध खजाने को प्रदर्शित करने में सक्षम होंगे।
स्टेशन पुनर्विकास
भारतीय रेलवे ने ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए स्टेशन के विकास को मुख्य फोकस क्षेत्र बनाया है। तीन स्टेशन अर्थात पश्चिम मध्य रेलवे के रानी कमलापति स्टेशन, पश्चिम रेलवे के गांधीनगर कैपिटल स्टेशन और दक्षिण पश्चिम रेलवे के सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन को विकसित कर चालू कर दिया गया है। 48 रेलवे स्टेशनों पर काम चल रहा है; 19 रेलवे स्टेशन निविदा और योजना के विभिन्न चरणों में हैं। देश भर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास से रोजगार सृजन में वृद्धि के साथ अर्थव्यवस्था में गुणक प्रभाव पड़ेगा। इससे देश की तेज आर्थिक वृद्धि को भी गति मिलेगी।
कौशल विकास
रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश स्तर के प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के लिए रेल कौशल विकास योजना सितंबर 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत उद्योग प्रासंगिक तकनीकी ट्रेडों में क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों पर 90 से अधिक प्रशिक्षण स्थानों पर प्रवेश स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अभ्यर्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।
गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी)
• राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) को गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के रूप में समकक्ष विश्वविद्यालय और केन्द्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के लिए एक कैबिनेट नोट के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 को अंतिम रूप दिया गया।
मानव संसाधन और कार्मिक
• रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पहली बार आधार-आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली शुरू की गई। इससे आरआरबी परीक्षाओं में प्रतिरूपण को समाप्त करने में काफी मदद मिलेगी। आरआरबी अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण को लागू करने में अग्रणी रहे हैं।
• 2022 के दौरान, पूरे भारत में 21 रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) द्वारा मांगकर्ता रेलवे/उत्पादन इकाइयों को लगभग 14000 उम्मीदवारों के पैनल की आपूर्ति की गई।
रोज़गार मेला: 22 अक्टूबर 2022 और 22 नवंबर 2022 को भारतीय रेलवे द्वारा दो रोज़गार मेले आयोजित किए गए। विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए और क्रमशः 10975 और 4003 उम्मीदवारों का डेटा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपी एंड टी) के पोर्टल पर अपलोड किया गया और उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रस्ताव दिए गए।
कैपेक्स यानी पूंजी व्यय
• पिछले कुछ वर्षों के दौरान रेलवे ने अपने नेटवर्क के उन्नयन और विस्तार में भारी निवेश किया है। इस रणनीति ने बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने में रेलवे की मदद की। सुदृढ़ जीडीपी विकास के सहारे, रेलवे ने परिचालन उत्कृष्टता भी दिखाई है। रेलवे का कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) जो वित्त वर्ष 2014 में केवल 53,989 करोड़ रुपये था, वित्त वर्ष 22 में 1,90,267 करोड़ रुपये और बजट अनुमान वित्तीय वर्ष 2023 में 2,45,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। चालू वर्ष में व्यय का स्वस्थ रुझान रहा है और पूंजीगत व्यय के बजटीय लक्ष्य प्राप्त होने की उम्मीद है।
• उच्च पूंजी निवेश, नियमित निगरानी और अंतर-मंत्रालयी मुद्दों का शीघ्र समाधान होने से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में राष्ट्रीय परियोजनाओं सहित प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को पूरा करने और उन्हें भीतरी इलाकों के साथ जोड़ने में मदद मिलेगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) और अन्य महत्वपूर्ण थ्रूपुट वृद्धि परियोजनाओं के चालू होने से क्षमता में वृद्धि होगी। बुलेट ट्रेन परियोजना को गति देने के साथ-साथ इन परियोजनाओं से निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। रेलवे पूंजी निवेश का समग्र अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा गुणक प्रभाव पड़ता है।
• मॉडल शेयर में गिरावट की प्रवृत्ति को उलट दिया गया है और रेलवे ने वित्त वर्ष 2022 में 184 मीट्रिक टन और वित्त वर्ष 23 में 75 मीट्रिक टन वृद्धिशील लोडिंग को नवंबर 2022 के अंत तक लोड किया है। पिछले तीन वर्षों में देखी गई महामारी और नवंबर 2022 के अंत तक, यह 2019-20 की इसी अवधि (यानी पूर्व-कोविड चरण) की तुलना में 10.3% की सीएजीआर से बढ़ी है। रिकवरी मुख्य रूप से कोविड के बाद के परिदृश्य में कुल यात्रियों में पीआरएस यात्रियों की बढ़ती हिस्सेदारी और लोडिंग में वृद्धि से समर्थित है।
सुरक्षा
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने देश भर में दूर-दूर तक फैली रेलवे की विशाल संपत्तियों की सुरक्षा के दायित्व का निर्वाह करने के साथ-साथ रेलवे संपत्ति, यात्रियों और आम आदमी के खिलाफ अपराध का पता लगाने के उपाय भी किए हैं। आरपीएफ ने विभिन्न कार्यक्रमों के तहत इन सभी मोर्चों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जैसे कि देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के बचाव के लिए ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते, मानव तस्करी रोकने के लिए ऑपरेशन एएएचटी, रेल उपयोगकर्ताओं के जीवन को बचाने के लिए ऑपरेशन जीवन रक्षा, यात्रियों के छूटे हुए सामान की पुनर्प्राप्ति के लिए ऑपरेशन अमानत, यात्रा के दौरान प्रसव की आवश्यकता वाली महिलाओं की सहायता के लिए ऑपरेशन मातृशक्ति और महिला सुरक्षा, दलालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ऑपरेशन उपलब्ध, रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन रेल सुरक्षा, नशीली दवाओं के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ऑपरेशन नारकोस, प्रतिबंधित वन्य जीवन एवं उत्पादों के व्यापार/तस्करी पर रोक लगाने के लिए ऑपरेशन विलेप, ऑपरेशन यात्री सुरक्षा और आपातकालीन कार्रवाई।
(स्रोत पीआईबी)