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विशेष लेख


Special article vol.31

संयुक्त राष्ट्र: दुनिया को अलगाव से बचाने के लिये प्रयासरत

संजीव सहगल

71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र ने सऊदी अरब से उन कानूनों को निरस्त करने का आह्वान किया जिसमें 15 वर्ष से ऊपर की आयु के बच्चों पर वयस्कों के तौर पर मुकदमा चलाये जाने और कोड़े लगाने, पत्थर फेंकने, अंग काटने अथवा यहां तक कि मौत के घाट उतारने की अनुमति दी गई है। परंतु क्या आपको इस बात पर आश्चर्य है कि सऊदी अरब (अथवा उस मामले के लिये कोई अन्य देश) संयुक्त राष्ट्र की क्यों सुनता है? ऐसा इसलिये है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 1945 में (दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के तुरंत बाद) विश्व शांति और सुरक्षा बनाये रखने के लिये की गई थी। यह दुनिया भर में सामाजिक प्रगति को प्रोत्साहन देता है, दुनिया के राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रोत्साहित करता है, मानवाधिकारों की रक्षा करता है, और बेहतर रहन-सहन मानदंडों को लागू करता है।

आज संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देश हैं। जो देश इसके सदस्य नहीं हैं, वे हैं वेटिकन सिटी (जो कि स्थाई पर्यवेक्षक देश है परंतु इसके विशिष्ट दर्ज और छोटी सी जनसंख्या के कारण एक पूर्णकालिक सदस्य नहीं है, फलस्तीन (जो कि एक ग़ैर-सदस्य पर्यवेक्षक देश है), और ताईवान (जिसे संयुक्त राष्ट्र चीन का एक भाग मानता है)।

कुछेक देश सीमित मान्यता रखते हैं। उदाहरण के लिये ताईवान को संयुक्त राष्ट्र के मात्र 21 सदस्यों और वेटिकन सिटी (जिसे पवित्र शहर के तौर पर जाना जाता है) की मान्यता प्राप्त है। फलस्तीन को 134 सदस्य राष्ट्रों की मान्यताप्राप्त है जबकि अन्य इसे इस्राइल का एक हिस्सा मानते हैं। अन्य में शामिल हैं:

*तुर्की रिपब्लिक ऑफ नार्दर्न साइप्रस (वर्तमान में साइप्रस का भाग), मात्र 1 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश से मान्यता प्राप्त

*साउथ ओसेटिया (वर्तमान में जार्जिया का भाग), 5 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से मान्यता प्राप्त

*अबखाजिय़ा (वर्तमान में जार्जिया का भाग), 6 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से मान्यता प्राप्त

*सहरावि अरब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक अथवा पश्चिमी सहारा (वर्तमान में मोरक्को का हिस्सा), 84 सदस्य राष्ट्रों से मान्यता प्राप्त (अवरुद्ध मान्यता के साथ 39 सदस्यों सहित), और

*कोसोवो (वर्तमान में सर्बिया का हिस्सा), 107 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से मान्यता प्राप्त।

इसके अलावा ऐसे प्रदेश, आश्रित, मुक्त एसोसिएशन्स, विशेष प्रशासनिक क्षेत्र, इन्सुलर क्षेत्र और स्वायत्त क्षेत्र हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की मान्यताप्राप्त नहीं है। इनमें वे देश शामिल हैं जिनको अन्य देशों से मान्यता प्राप्त नहीं है:

*ब्लूचिस्तान (पाकिस्तान का हिस्सा)

*झिनझियांग अथवा पूर्वी तुर्किस्तान (चीन का हिस्सा)

*तिब्बत (चीन का हिस्सा)

*कुर्दिस्तान (ईरान, इराक और तुर्की का हिस्सा)

*ओरोमो (इथियोपिया का हिस्सा)

*सोमालीलैंड (सोमालिया का हिस्सा)

*ट्रांसनिस्ट्रिया (मोलडोवा का हिस्सा), और

*नागोमो-करबाख (अजरबाईजान का हिस्सा)

तीव्र सिंहावलोकन

संयुक्त राष्ट्र इसके संस्थापक चार्टर में वर्णित सिद्धांतों और उद्देश्यों से निर्देशित होता है। शांति और सुरक्षा तथा मानवाधिकारों के अलावा संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण, आतंकवाद, लिंग समानता, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, खाद्य उत्पादन, मानवीय और स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों और कई अन्य क्षेत्रों से जुड़ी चिंताओं से स्वयं को संलग्न करता है। संयुक्त राष्ट्र अपने सदस्यों को महासभा और सुरक्षा परिषद जैसे विभिन्न मंच भी उपलब्ध करवाता है जहां वे विभिन्न प्रकार की समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं, और समाधान जुटा सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी महासचिव होता है और वर्तमान में यह पद बान की-मून (दक्षिण कोरिया में जन्मे) धारण किये हुए हैं। वह संयुक्त राष्ट्र के आठवें महासचिव हैं और इस पद पर यह उनका दूसरा कार्यकाल है। उन्होंने घाना के कोफी अन्नान से पद प्राप्त की थी। उनका कार्यकाल 31 दिसंबर, 2016 को समाप्त होने वाला है। पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री अन्तोनिया गुतरेस संयुक्त राष्ट्र के अगले महासचिव होंगे।

महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सिफारिशों पर महासभा द्वारा की जाती है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख विभाग

संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रमुख अंगों की स्थापना 1945 में की गई थी। इनमें शामिल हैं:

1. महासभा: अपनी तरह का एकमात्र सार्वभौमिक मंच, महासभा एक ऐसा मंच है जहां सब तरह की नीतियों का निर्माण होता है। आमसभा का वार्षिक सत्र न्यूयार्क में महासभा हाल में सितंबर में आयोजित किया जाता है जहां सभी सदस्य देश मिलते हैं और अनेक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। महत्वपूर्ण प्रश्नों जैसे कि नये सदस्यों का प्रवेश, शांति, सुरक्षा और बजट पर निर्णयों के लिये दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है जबकि अन्य चर्चाओं के लिये साधारण बहुमत अपेक्षित होता है।

इसकी अध्यक्षता महासभा अध्यक्ष करता है जिनका कार्यकाल एक वर्ष का होता है। इस वर्ष महामहिम पीटर थमसन (फिजी से) महासभा के अध्यक्ष हैं।

इसमें कई बोर्ड, आयोग, समितियां, परिषदें और पैनल तथा अन्य कार्य समूह होते हैं जो कि महासभा के तत्वावधान में कार्य करते हैं। ये हैं व्यापार और विकास बोर्ड (महासभा संकल्प 1995 (3द्ब3) द्वारा स्थापित), निरस्त्रीकरण मामलों पर सलाहकार बोर्ड (महासभा संकल्प 37/99 के द्वारा स्थापित), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष का कार्यकारी बोर्ड (महासभा संकल्प 57(1) और 48/162 द्वारा स्थापित), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष का कार्यकारी बोर्ड (महासभा संकल्प 2029(33) और 48/162 द्वारा स्थापित), विश्व खाद्य कार्यक्रम का कार्यकारी बोर्ड (महासभा संकल्प 50/8 द्वारा स्थापित) और निरस्त्रीकरण आयोग (महासभा संकल्प 502(ङ्कढ्ढ) और एस-10/2 द्वारा स्थापित) आदि

2.सुरक्षा परिषद: संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख घटक, इसके 15 सदस्य देश हैं जिनमें 5 सदस्य देश और 10 अस्थाई सदस्य शामिल होते हैं। पांच स्थाई सदस्यों में अमरीका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस शामिल हैं दस अस्थाई देशों का चयन दो वर्ष की अवधि के लिये महासभा द्वारा किया जाता है। वर्तमान में अस्थाई सदस्य देश जो कि सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं, अंगोला, मिस्र, जापान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, सेनेगल, स्पेन, यूक्रेन, उरूग्वे और वेनेजुएला हैं।

सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बारी-बारी से बनाया जाता है और वर्ण क्रमानुसार इसके सदस्यों के बीच हर माह यह बदलता रहता है। रूसी घोषणा अक्तूबर के लिये अध्यक्षता को धारण किये हुए है। नवंबर में इसे सेनेगल धारण करेगा जबकि दिसंबर में स्पेन सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता धारण करेगा।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 29 में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद अपने संकार्यों को संचालित करने के लिये सहायक संस्थाओं की स्थापना कर सकती है। इसके अधीन सभी वर्तमान समितियों और कार्य समूहों में इसके 15 सदस्य शामिल होते हैं। स्थाई समितियों की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष करते हैं जबकि अन्य समितियों को कार्य समूहों की अध्यक्षता या सह अध्यक्षता परिषद के नामित सदस्य करते हैं। कुछ समितियां जो इसके तत्वावधान में कार्यरत हैं उनमें शामिल हैं: आतंकवाद निरोध समिति, अप्रसार समिति, सैन्य स्टाफ समिति, अंतर्राष्ट्रीय अदालतें और अभिकरण तथा शांति निर्माण आयोग के नाम से पुकारी जाने वाली एक सलाहकार संस्था।

3.आर्थिक और सामाजिक परिषद : यह संस्था एक ऐसा मंच है जहां आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक मुद्दों पर सिफारिशें तथा नीति के बारे में चर्चा, संवीक्षा और कार्यान्वयन किया जाता है। यह सतत विकास को बढ़ावा देने का एक केंद्रीय मंच भी है। इकोसोक में 54 सदस्य होते हैं जिनका चुनाव तीन वर्ष के कार्यकाल के लिये महासभा करती है। इन 54 सदस्यों में से 14 अफ्रीका से, 11 एशिया से, 6 पूर्वी यूरोप से, 10 लातिन अमरीका और कैरेबियन क्षेत्र से और 13 पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों से होते हैं।

वर्तमान में महामहिम फ्रेडरिक मुसलीवा माकामुरे शावा (जिम्बाबवे से) आर्थिक और सामाजिक परिषद का अध्यक्ष हैं। उनका निर्वाचन 28 जुलाई, 2016 को हुआ था। इकोसोक के अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष का होता है और इसे इकोसोक के लघु या मध्यम आकार के सदस्यों से किया जाता है।

इकोसोक के अधीन कार्यरत कई आयोग, समितियां और विशेषज्ञ संस्थाएं हैं इनमें शामिल हैं-जनसंख्या और विकास आयोग, मादक पदार्थ आयोग, संयुक्त राष्ट्र का भौगोलिक नामों पर विशेषज्ञ समूह, संयुक्त राष्ट्र की जिओस्पेशियल सूचना प्रबंधन पर विशेषज्ञ समिति, विकास नीति समिति, अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण बोर्ड और पोषण पर संयुक्त राष्ट्र प्रणाली स्थाई समिति।

4.ट्रस्टीशिप काउंसिल: संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय 3द्बद्बद्ब के अनुसार इसके 7 सदस्य देशों के अधीन रखे गये 11 ट्रस्ट प्रदेशों के अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण के लिये ट्रस्टीशिप काउंसिल की स्थापना की गई थी। बाद में ट्रस्ट प्रदेशों में करीब 10 प्रदेशों को शामिल कर लिया गया जो कि 12 प्रशासन देशों (आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, ब्रिटेन और अमरीका) के पर्यवेक्षणाधीन थे। चूंकि सभी ट्रस्ट प्रदेश 1994 तक स्वतंत्र हो गये और वहां पर उनके स्वयं के शासन स्थापित हो गये, इसने 1 नवंबर, 1994 से अपने प्रचालन निलंबित कर दिये। अब इसकी वार्षिक बैठक नहीं होती है परंतु यह प्रावधान है कि अध्यक्ष के अनुरोध पर अथवा महासभा के सदस्यों के बहुमत के अनुरोध पर अथवा सुरक्षा परिषद के अनुरोध पर यथा अपेक्षित बैठक आयोजित की जा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र के गठन के बाद से 80 से अधिक पूर्व उपनिवेश स्वतंत्रता हासिल कर चुके हैं। 17 गैर स्वशासी प्रदेश (एनएसजीटी) जो कि उपनिवेश बने रहे हैं, वे हैं: अफ्रीका में पश्चिमी सहारा, जिबराल्टर, पिटकैरन, ओंगुइला, बरमुडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, केमैन आईलैंड्स, फाल्कलैंड आईलैंड्स, मांटसेराट, सेंट हेलेना और तुर्कस तथा कैकोस आईलैंड-यूके, अमेरिकन सामोआ, यूएस वर्जिन आइलैंड्स और अमरीका में गुआम, फ्रांस में फ्रेंच पोलीनेसिया, तथा न्यूजीलैंड में तोकेलाऊ।

इन एनएसजीटीज में करीब 20 लाख लोग रहते हैं।

5.अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय: संयुक्त राष्ट्र के प्रधान न्यायिक अंग की सीट हेग (नीदरलैंड्स) में पीस पैलेस में है। संयुक्त राष्ट्र छह प्रमुख अंगों में से एकमात्र यही है जिसका मुख्यालय न्यूयार्क में नहीं है। न्यायालय की भूमिका विवादों, कानूनी विवादों का निपटारा करना और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों से संबंधित मुद्दों पर परामर्शी राय देना है।

न्यायालय के 15 न्यायाधीश होते हैं जिनका चयन नौ वर्षों के लिये महासभा और सुरक्षा परिषद करती है। निरन्तरता बनाये रखने के उपाय के तहत न्यायालय के एक तिहाई न्यायाधीशों का चुनाव हर तीन वर्ष में किया जाता है। यदि किसी न्यायाधीश की उसके कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है अथवा वह त्यागपत्र दे देता है, उसके स्थान पर चयन करने के लिये एक विशेष चुनाव कराया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव अदालत के सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान के जरिये हर तीन वर्ष में किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का वर्तमान अध्यक्ष न्यायाधीश रोनी अब्राहम (फ्रांस से) है जबकि न्यायाधीश अब्दुल कवि अहमद युसुफ (सोमालिया से) इसके वर्तमान उपाध्यक्ष हैं।

6. संयुक्त राष्ट्र सचिवालय: संयुक्त राष्ट्र सचिवालय संयुक्त राष्ट्र का कार्यस्थल है। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव और इसके अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारी सदस्य शामिल होते हैं, जो कि संयुक्त राष्ट्र का दिन-प्रतिदिन का कार्य संचालित करते हैं। इसके कई विभाग और कार्यालय हैं जिनमें विधि मामलों का कार्यालय, राजनीतिक मामलों का विभाग और निरस्त्रीकरण मामलों का कार्यालय, शांतिरक्षा अभियानों का विभाग आदि शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र के कोष और कार्यक्रम

इन प्रमुख अंगों के अलावा, संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था में संबद्ध कार्यक्रम, कोष और विशेषीकृत एजेंसियां शामिल होती हैं जिन्हें स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन संचालित करते हैं और स्वैच्छिक तथा आकलित दोनों अंशदानों से वित्तपोषित होती हैं। इनमें शामिल हैं:

कार्यक्रम और कोष

*यूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम): यह गऱीबी उन्मूलन, असमानता दूर करने और लचीलेपन के निर्माण के लिये करीब 170 देशों और प्रदेशों में कार्य करता है।

*यूएनआईसीईएफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष)

*यूएनएचसीआर (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त)

*डब्ल्यूएफपी (विश्व खाद्य कार्यक्रम): यह विश्व की सबसे बड़ी मानवीय एजेंसी है जो कि कऱीब 75 देशों में लगभग 8 करोड़ लोगों को भोजन प्रदान करती है।

*संयुक्त राष्ट्र महिला

*यूएनसीटीएडी (संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन)

*यूएनईपी (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम)

*यूएनएफपीए (संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष)

*यूएन-हैबिटेट: इसे संयुक्त राष्ट्र मानव पुनर्वास कार्यक्रम के तौर पर भी जाना जाता है।

*यूएनओडीसी (संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ और अपराध कार्यालय)

*यूएनआरडब्ल्यूए फलस्तीनी शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी

संयुक्त राष्ट्र विशेषीकृत एजेंसियां

संयुक्त राष्ट्र विशेषीकृत एजेंसियां संयुक्त राष्ट्र के साथ कार्यरत स्वायत्त संगठन हैं। कुछेक प्रथम विश्व युद्ध के पहले से मौजूद हैं, कुछ संयुक्त राष्ट्र के पूर्ववर्ती -लीग ऑफ नेशन्स से संबद्ध हैं और कुछेक का सृजन संयुक्त राष्ट्र के साथ अथवा द्वारा किया गया है। इनमें शामिल हैं:

विश्व बैंक: यह विकासशील देशों को गऱीबी कम करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, अवसंरचना और संचार में सुधार के वास्ते ब्याजमुक्त ऋण, क्रेडिट और अनुदान उपलब्ध कराता है। यह 100 से अधिक देशों में काम करता है। इसके सहायक संगठनों में शामिल हैं:

*अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी)

*अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटारा केंद्र (आईसीएसआईडी)

*अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए)

*अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी)

*मल्टीलेटरल इन्वेस्टमेंट गारंटी एजेंसी (एमआईजीए)

*आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष): यह देशों को अपनी आर्थिक वृद्धि तेज़ करने के लिये अस्थाई वित्तीय सहायता प्रदान करता है और उनकी रोजग़ार सृजन में मदद करता है। वर्तमान में इसका 74 राष्ट्रों पर 28 अरब अमरीकी डॉलर मूल्य के ऋण बकाया है।

*डब्ल्यूएचओ (विश्व खाद्य संगठन): यह जन स्वास्थ्य आपात सेवाओं के लिये कार्य करता है और पोलियो और मलेरिया जैसी घात बीमारियों के विरुद्ध उन्मूलन अभियान और टीकाकरण अभियान का वैश्विक नेतृत्व करता है।

*यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन): यह शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है और दुनिया भर में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की संरक्षा करता है। अब यूनेस्को की सूची में शामिल 165 देशों में 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें 814 सांस्कृतिक स्थल, 203 प्राकृतिक स्थल और 35 विविध संपत्तियां हैं। भारत में 35 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं जिनमें 27 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 विविध स्थल शामिल है।

*एफएओ (खाद्य एवं कृषि संगठन)

*आईसीएओ (अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन)

*आईएफएडी (अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष)

*आईएलओ (अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन)

*आईएमओ (अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन)

*आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ)

*यूनिडो (संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन)

*यूएनडब्ल्यूटीओ (संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन)

*यूपीयू (यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन)

*डब्ल्यूआईपीओ (विश्व बौद्धिक संपदा संगठन)

*डब्ल्यूएमओ (विश्व मौसम संगठन)

अन्य संस्थाएं

*यूएनएडस: एचआईवी/एडस पर संयुक्त राष्ट्र का संयुक्त कार्यक्रम 10 यूएन सिस्टम एजेंसियों द्वारा प्रायोजित किया जाता है: यूएनएचसीआर, यूनिसेफ, डब्ल्यूएफपी, यूएनडीपी, यूएनएफपीए, यूएनओडीसी, आईएलओ, यूनेस्को, डब्ल्यूएचओ और विश्व बैंक

*यूएनआईएसडीआर (संयुक्त राष्ट्र आपदा न्यूनीकरण कार्यालय): संयुक्त राष्ट्र का यह प्रचालन अंग दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र के शांति निर्माण, मानवीय और विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन में सहायता करता है।

संबंधित संगठन

*आईएईए (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी)

*डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन)

*सीटीबीटीओ (व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि संगठन)

*ओपीसीडब्ल्यू (रासायनिक हथियार निषेध संगठन)

ब्रिटिश इतिहासकार पॉल कैनेडी ने कहा है कि यद्यपि संयुक्त राष्ट्र को कुछ बड़े झटकों का सामना करना पड़ा है, ‘‘लेकिन जब इसके सभी पहलुओं पर विचार किया जाता है तो संयुक्त राष्ट्र ने हमारी पीढ़ी को बहुत लाभ पहुंचाया है और ।।।हमारे बच्चों और हमारे नाती पोतों की पीढ़ी को भी यह बहुत लाभान्वित करेगा।

(लेखक विदेशी मामलों के विशेषज्ञ हैं और विभिन्न समाचार पत्रों के लिये लिखते रहते हैं। ई-मेल: sanjeev@sparshsecuritechcom)