रोज़गार समाचार
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विशेष लेख


Special article vol.31

मानवशक्ति कौशल उन्नयन से दस वर्षों में 60 लाख रोजग़ारों का सृजन हो सकता है

 

नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि नागर विमानन क्षेत्र अगले दस वर्षों में कऱीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजग़ार सृजित करने की क्षमता रखता है। इस क्षेत्र में रोजग़ारों के छह गुणा गुणक प्रभाव को देखते हुए, इससे अगले दस वर्षों में कऱीब 60 लाख -प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजग़ारों का सृजन हो सकता है। चूंकि नागर विमानन क्षेत्र में उच्च मूल्य के रोजग़ार हो सकते हैं, इससे बड़ी संख्या में युवा लोगों की आर्थिक स्थिति में दूरगामी सुधार हो सकते हैं। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र के अगले दस वर्षों के दौरान औसतन कऱीब 10-12 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। लेकिन इसे हासिल करने के लिये हमें सर्वप्रथम क्षेत्र में बड़ी मात्रा में विभिन्न किस्मों की ट्रेडों के लिये कुशल मानवशक्ति की मांग और इसकी उपलब्धता के बीच अंतर को पाटने की आवश्यकता है। विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने कहा कि इससे दुनिया भर में हमारे लोगों की रोजग़ार योग्यता बढ़ सकती है। श्री सिन्हा ने क्षेत्र के विकास के लिये एक अन्य कठिनाई के तौर पर हवाई अड्डों के निर्माण के लिये भूमि की अनुपलब्धता के मुद्दे को भी उठाया। श्री सिन्हा पिछले सप्ताह नई दिल्ली में राष्ट्रीय कौशल अर्हता ढांचा (एनएसक्यूएफ) के साथ नागर विमानन क्षेत्र में कौशल विकास को जोडऩे के लिये जागरूकता निर्माण पर एक कार्यशाला में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव प्रताप रूढ़ी तथा दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए श्री रूढ़ी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने अलग-अलग मंत्रालयों में विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षण के लिये कऱीब 1500 पाठयक्रमों का विकास किया है। तदनुसार उनकी टीम के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती विभिन्न प्रकार के कौशलों और प्रत्येक की पारिस्थितिकी प्रणाली को परिभाषित करना, रोजग़ार भूमिकाओं को परिभाषित करना तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित करने की है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि राष्ट्र कौशल अर्हता ढांचा के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम को जोडऩा बहुत ज़रूरी था क्योंकि यह ढांचा देश भर में मानकीकृत, सतत, राष्ट्रीय तौर पर स्वीकार्य प्रशिक्षण उपलब्ध करवाता है। इस मौके पर नागर विमानन क्षेत्र से संबद्ध विभिन्न ट्रेडों में लोगों को प्रशिक्षण देने के लिये नागर विमानन मंत्रालय और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये गये। श्री जयंत सिन्हा ने इस समझौता ज्ञापन को सबसे अहम बताया। समारोह में नागर विमानन सचिव राजीव नयन चौबे ने कहा कि मंत्रालय की नागर विमानन नीति का उद्देश्य घरेलू टिकटिंग को मौजूदा कऱीब 80 मिलियन से कऱीब 300 मिलियन तक बढ़ाना है। परंतु इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये हमें कुशल मानवशक्ति की उपलब्धता में व्याप्त मौजूदा अंतर को पाटना होगा। श्री रोहित नंदन सचिव, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री ने विभिन्न ट्रेडों और स्तरों पर विश्वस्तरीय प्रशिक्षण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया क्योंकि नागर विमानन उद्योग अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति का है। उन्होंने एक समान प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया। दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों ने दिनभर जारी रही चर्चा में एनएसक्यूएफ, कौशल विकास केंद्रों और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण, रोजग़ार भूमिकाओं की पहचान करने, राष्ट्रीय व्यावसायिक मानदंडों और अन्य प्रशिक्षण संबंधी मामलों पर विचारविमर्श किया।