गति शक्ति-राष्ट्र की प्रगति की गति
समीरा सौरभ
गति शक्ति केंद्रीय स्तर पर मंत्रालयों और सरकारी विभागों के बीच सूचना-साझाकरण की समस्या का समाधान है. यह सरकार की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में गतिशीलता का संचार है. गति शक्ति से भारत में बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार की उम्मीद है. इसका एक उदाहरण जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) अर्थात् जनधन योजना, आधार और मोबाइल संचार की त्रिमूर्ति है, जिसका प्रभाव सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को अंतरित करने पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.
गति शक्ति का औचित्य
प्रधान मंत्री ने इस तथ्य पर चिंता प्रकट की है कि हमारे देश में बुनियादी ढांचे का विषय अधिकतर राजनीतिक दलों के लिए प्राथमिकता नहीं रहा है और यहां तक कि यह विषय उनके घोषणापत्र में भी दिखाई नहीं दे रहा है, इस तथ्य के बावजूद कि यह विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाता है कि सतत विकास के लिए गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण एक प्रमाणित तरीका है, जो कई आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है और बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा करता है.
प्रधान मंत्री ने कहा है कि बृहत् आयोजना और सूक्ष्म कार्यान्वयन के बीच व्यापक अंतर, समन्वय की कमी, अत्याधुनिक जानकारी एवं सोच की कमी और पृथक इकाई के रूप में काम करने की प्रवृत्ति, आदि समस्याओं के कारण निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है और बजट की बर्बादी हो रही है. इससे ऊर्जा या गति, जिसे शक्ति के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है, वह विस्तारित या संवर्धित होने के बजाय विभाजित हो जाती है. पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान, जिसकी घोषणा 15 अगस्त को, 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, लाल किले के प्राचीर से की गई थी, इस अंतराल को दूर करेगी, क्योंकि मास्टर प्लान के आधार पर काम करने से संसाधनों का इष्टतम उपयोग होगा. पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान समग्र अभिशासन का विस्तार करते हुए, न केवल सरकारी प्रक्रिया और इसके विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाएगी, बल्कि परिवहन के विभिन्न माध्यमों को एकीकृत करने में भी मदद करेगी.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए 13 अक्टूबर, 2021 को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ किया. इसका लक्ष्य बुनियादी ढांचे का तीव्र विकास और उसे साझा मार्ग पर लाना है. 100 लाख करोड़ रुपये की गति शक्ति योजना में एक केंद्रीकृत पोर्टल की परिकल्पना की गई है जिसमें 16 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सभी मौजूदा और योजनाबद्ध बुनियादी ढांचा कार्यक्रम शामिल किए गए हैं ताकि अवसंरचना संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत आयोजना और समन्वित कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके.
गति शक्ति का शुभारंभ करते हुए प्रधान मंत्री श्री मोदी ने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास की गति को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया. भारत में पहली अंतरराज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में चालू की गई थी. इसके बाद 2014 तक यानी 27 साल में 15,000 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बनाई गई. आज देशभर में 16,000 किमी से अधिक लंबी गैस पाइपलाइन के लिए काम चल रहा है और इसे अगले 5-6 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के 5 साल में सिर्फ 1900 किलोमीटर रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ. पिछले 7 वर्षों में, 9 हजार किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइनों का दोहरीकरण कर दिया गया है. 2014 से पहले के 5 सालों में सिर्फ 3000 किमी रेलवे का विद्युतीकरण किया गया था. पिछले 7 वर्षों में 24000 किलोमीटर से अधिक रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है. 2014 से पहले मेट्रो रेल करीब 250 किलोमीटर के ट्रैक पर ही चल रही थी. आज मेट्रो का विस्तार 700 किमी तक कर दिया गया है और 1000 किमी नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है. 2014 से पहले के पांच वर्षों में, केवल 60 पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा सका था, जबकि पिछले 7 वर्षों में, हमने 1.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा है.
देश के किसानों और मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए प्रसंस्करण से जुड़े बुनियादी ढांचे का भी तेजी से विस्तार किया जा रहा है. 2014 में देश में सिर्फ 2 मेगा फूड पार्क थे. आज देश में 19 मेगा फूड पार्क चल रहे हैं. अब उनकी संख्या को 40 से अधिक करने का लक्ष्य है. 2014 में सिर्फ 5 जलमार्ग थे, आज भारत में 13 चालू जलमार्ग हैं. बंदरगाहों पर जहाजों का टर्नअराउंड समय 2014 के 41 घंटे से घटकर आज 27 घंटे हो गया है. देश ने वन नेशन वन ग्रिड की परिकल्पना को साकार किया है. 2014 की 3 लाख सर्किट किलोमीटर बिजली पारेषण लाइनों की तुलना में आज भारत में 4.25 लाख सर्किट किलोमीटर बिजली पारेषण लाइनें हैं.
प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास से भारत विश्व की व्यापारिक राजधानी बनने के सपने को साकार कर सकता है. उन्होंने कहा कि हमारे लक्ष्य असाधारण हैं और इसके लिए असाधारण प्रयासों की आवश्यकता होगी. इन लक्ष्यों को हासिल करने में पीएम गति शक्ति सबसे ज्यादा मददगार होगी. जिस तरह जेएएम (जन धन, आधार, मोबाइल) की त्रिमूर्ति ने सरकारी सुविधाओं तक लोगों की पहुंच में क्रांति ला दी, उसी तरह पीएम गति शक्ति से अवसंरचना के क्षेत्र के लिए भी क्रांति आएगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नीति निर्धारण को एकीकृत करके और भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में सभी हितधारकों को एक साथ लाकर देश में रसद लागत को कम करना है. गति शक्ति योजना बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के संबंध में नौकरशाही की उलझनों को समाप्त करने और पृथकता में काम करने की अंतर-मंत्रालयी प्रवृत्ति को तोड़ने का प्रयास करती है.
पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (जीएसएनएमपी) का डिज़ाइन इस बात को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को उनके निर्धारित समय से पहले निष्पादित करने के लिए सरकार की सामूहिक शक्ति को एकीकृत किया जा सके. विभिन्न सरकारों द्वारा देरी और अतिव्यापी परियोजना निष्पादन के कारण बजट के अपव्यय को समाप्त करना इस योजना का मूल लक्ष्य है. आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत आत्मनिर्भर भारत की भावना का विस्तार करते हुए, जीएसएनएमपी अगले 25 वर्षों में भारत के रोज़गार गहन एकीकृत विकास के भविष्य का अनावरण करने के लिए तैयार है. वर्तमान में, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) 2020-25 के तहत 110 ट्रिलियन रुपये की मेगा परियोजनाओं को इस कार्यक्रम के तहत लाया जाएगा. इसके अंतर्गत 16 महत्वपूर्ण मंत्रालयों को डिजिटल रूप से जोड़ा गया है, जिनमें अन्य के अलावा निम्नांकित महत्वपूर्ण हैं - रेलवे, सड़क, राजमार्ग, पेट्रोलियम और गैस, दूरसंचार, बिजली, जहाजरानी और विमानन मंत्रालय.
यह विभिन्न मंत्रालयों द्वारा अलग-अलग उपायों के सिलसिले को तोड़ते हुए एनआईपी के तहत सभी बुनियादी ढांचा केंद्रित परियोजनाओं में समन्वय और नियोजन के लिए परस्पर संवाद का एकल मंच है. परियोजनाओं के भू-मानचित्रण के माध्यम से मंत्रालयों के बीच आपसी संपर्क स्थापित किया जाएगा ताकि प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति और स्थिति की दृश्यता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीकृत पोर्टल पर वास्तविक समय डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके. प्रगति की प्रत्यतक्ष जानकारी मिलने से परियोजनाओं के निर्बाध कार्यान्व्यन में समय पर सहायता और उपाय सुनिश्चित किए जा सकेंगे, जिससे समय और लागत में वृद्धि के सर्वाधिक सामान्य जोखिमों को कम किया जा सकेगा.
गति शक्ति कार्यक्रम का लक्ष्य
1. पीएम गति शक्ति ने लॉजिस्टिक लागत में कटौती, कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाने और टर्नअराउंड समय को कम करने का लक्ष्य रखा है.
2. योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति प्रदान करना है. विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं को एक समान दृष्टि से डिज़ाइन और कार्यान्वित किया जाएगा.
3. गति शक्ति सड़क से रेलवे, उड्डयन से कृषि तक परियोजनाओं के समन्वित विकास के लिए विभिन्न विभागों से जोड़ती है.
4. केंद्र अगले चार से पांच वर्षों के दौरान 500 मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
5. पीएम गति शक्ति योजना में एक सामान्य मंच का निर्माण शामिल है जिसके माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के बीच वास्तविक समय के आधार पर समन्वय के माध्यम से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाई जा सकती है और प्रभावी ढंग से कार्यान्वित की जा सकती है.
योजना के हिस्से के रूप में, कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) का गठन किया गया है, और 18 मंत्रालयों के सचिव इस समूह के सदस्य हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के रसद प्रभाग के प्रमुख, अधिकार प्राप्त समूह के सदस्य संयोजक के रूप में कार्य करेंगे.
यह समूह विभिन्न गतिविधियों की समकालिकता के लिए प्रक्रिया और रूपरेखा भी निर्धारित करेगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि बुनियादी ढांचे के विकास के विभिन्न उपाय सामान्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि यह समूह मांग पक्ष को पूरा करने के लिए आवश्यक उपाय भी करेगा, जिनमें स्टील, कोयला, उर्वरक जैसे विभिन्न मंत्रालयों की जरूरतों के अनुसार बॅल्क माल का कुशल परिवहन शामिल है. पीएम गति शक्ति एनएमपी का उद्देश्य विभागों द्वारा अलग-अलग उपाय करने की प्रवृत्ति को समाप्त करते हुए, परियोजनाओं के लिए अधिक समग्र और एकीकृत आयोजना तथा कार्यान्वायन की व्यवस्था करना है ताकि मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और अंतिम-मील कनेक्टिविटी के मुद्दों का समाधान किया जा सके.
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनजीपी) के गठन, संरचना और अधिकार क्षेत्र की शर्तों को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें संबंधित अवसंरचना मंत्रालयों के नेटवर्क प्लानिंग विंग के प्रमुख शामिल होंगे और यह ईजीओएस की सहायता करेगा. एनपीजी की सहायता के लिए लॉजिस्टिक्स डिविजन में एक तकनीकी सहायता यूनिट (टीएसयू) होगी. सरकार का मानना है कि यह ग्रुप नेटवर्क के समग्र एकीकरण की दिशा में काम करेगा, किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्यों के दोहराव से बचने के लिए इष्टतमी को उपयोग को बढ़ावा देगा और सूक्ष्म् योजना तैयार करने के माध्यम से रसद लागत को कम करेगा.
टीएसयू में विभिन्न बुनियादी ढांचा क्षेत्रों, जैसे विमानन, समुद्री, सार्वजनिक परिवहन, रेल, सड़क और राजमार्ग, बंदरगाह, बिजली, पाइपलाइन, जीआईएस, आईसीटी, वित्त/बाजार पीपीपी, रसद, डेटा एनालिटिक्स, जैसे क्षेत्रों से संबंधित विशेषज्ञ होंगे.
गति शक्ति का कार्यान्वयन निम्नलिखित के विकास पर भी निर्भर करेगा
1. साझेदार सहक्रियता
25 वर्षों की लंबी अवधि में फैले, गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (जीएसएनएमपी) में तमिलनाडु और यूपी में 11 औद्योगिक गलियारे, दो रक्षा गलियारे विकसित करने का प्रावधान है, सभी गांवों में 4जी नेटवर्क कवरेज, राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 2 लाख किलोमीटर तक विस्तार, 220 नए हवाई अड्डों का निर्माण, हेलीकॉप्टर और वाटर एरोड्रोम, 17000 किलोमीटर नई गैस पाइपलाइन आदि कुछ लक्ष्य इस योजना के अंतर्गत निर्धारित हैं.
इस मंच के साथ राज्य सरकारों और स्थानीय नगर पालिकाओं को भी जोड़ने का लक्ष्य है ताकि परस्पसर तालमेल के लिए समस्त बुनियादी ढांचे और सम्बद्ध परियोजनाओं के बारे में जानकारी और डेटा साझा किया जा सके. यह योजना चूंकि दीर्घावधि की है, इसलिए इसमें समन्वय सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारक मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक नेटवर्क योजना समूह स्थापित किया जाएगा, जिसकी नियमित बैठकें होंगी और एक अधिकार प्राप्त समूह, जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय मास्टर प्लान में परिवर्तन कर सकता है. योजना की विचार प्रक्रिया और भावना तीन रणनीतिक स्तंभों पर टिकी हुई है - संबद्ध मंत्रालयों के बीच समन्वय, सहयोग और प्रतिबद्धता. लीकेज बंद करना और अंतर्विभागीय विवादों का समाधान, इस योजना के लिए निर्णायक हो सकता है.
2. वित्तीय ढांचा
जीएसएनएमपी की भावना से प्रेरित होकर, वित्तीय क्षेत्र को अपनी क्षमता में सुधार लाने के लिए कमर कसनी होगी ताकि वह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और उनकी अनुषंगी परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान कर सके और उनकी सहायता कर सके. क्षमता निर्माण के लिए जोखिम प्रबंधन कौशल में सुधार, संवर्धित पूंजी आधार, ऋण समाधान प्रक्रियाओं में तेजी लाने और बैंकों तथा गैर-बैंकिंग संस्थानों की जोखिम उठाने की क्षमता के विस्तार की आवश्यकता होगी ताकि वे महामारी के बाद बदले हुए कारोबारी माहौल में भाग ले सकें.
3. ऋण सूचना की जानकारी
बुनियादी ढांचे से संबंधित ऋणों के जोखिम को उजागर करने में असमर्थता का मुख्य कारण ऋण बाजार में सूचना संबंधी विषमता है. उधारकर्ताओं/परियोजनाओं की स्थिति के बारे में पर्याप्त गुणात्मक, लगभग-लाइव जानकारी जोखिम को काफी हद तक कम कर सकती है क्योंकि इससे समय पर उपाय संभव हो सकेंगे. इससे 'गलत चयनÓ और 'नैतिक खतरेÓ जैसे मुद्दों का समाधान काफी हद तक किया जा सकता है. किसी ऋण संस्थान द्वारा केंद्रीय एजेंसी को ऋण संबंधी जानकारी साझा करना सार्वजनिक हित में है और विश्वस्तर पर इसका उपयोग क्रेडिट जोखिम को कम करने के उद्देश्य के रूप में किया जाता है.
आगे का रास्ता
इस परियोजना से प्रधान मंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित वैचारिक परिवर्तन आने की उम्मीद है. मंत्रालय अब अलग-अलग काम नहीं करेंगे और परियोजनाओं की योजना और डिज़ाइन को समग्र दृष्टि से एकीकृत करेंगे. इससे अनेक लोगों के लिए व्यापार करने में आसानी होगी और आर्थिक विकास में वृद्धि होगी. योजनाओं के निर्माण और परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी आएगी. इसलिए, राष्ट्रीय मास्टर प्लान से अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के निर्माण और सूचना और संसाधनों की निर्बाध आवाजाही के माध्यम से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने की उम्मीद है. उन्नत वायरलाइन और वायरलेस ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी द्वारा सक्षम डिजिटलीकरण और डिजिटल प्रौद्योगिकियां, महत्वाकांक्षी गति शक्ति - मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत किए जाने वाले कार्यों की आधारशिला होंगी. रसद दक्षता सुनिश्चित करने के लिए ईजीओएस को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के कार्यान्वयन की समीक्षा और निगरानी का दायित्व सौंपा गया है. इसे एनएमपी में बाद में किसी तरह के संशोधन करने के लिए रूपरेखा और मानदंड निर्धारित करने का अधिकार है.
गति शक्ति का शुभारंभ माननीय प्रधान मंत्री द्वारा अष्टमी के शुभ दिन, शक्ति की पूजा के दिन किया गया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि राष्ट्र की प्रगति की गति को भी नई शक्ति मिल रही है. पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान भारत के विश्वास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और मास्टर प्लान 21वीं सदी के भारत को गति देगा.
(लेखिका आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार में निदेशक हैं)