कोविड-19 टीकाकरण 100 करोड़ के पार
दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियानों में से एक, भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान ने हाल ही में 100 करोड़ टीके लगाने का आंकड़ा पार किया. यह ऐतिहासिक उपलब्धि 130 करोड़ भारतीयों की विज्ञान, उद्यम और सामूहिक भावना की जीत थी.
भारत के नागरिकों को 100 करोड़ 'मेड इन इंडिया टीके - कोवैक्सिन और कोविशील्ड - देने की यात्रा 16 जनवरी, 2021 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई. महामारी की शुरुआत के बाद से, भारत ने भारी संसाधनों, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के निरंतर समर्थन, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं, फ्रंट लाइन कार्मिकों के अथक प्रयासों और सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ इस कठिन और दुर्जेय कार्य को लेकर अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है. अन्य देशों की तरह भारत में भी टीकाकरण कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा था ताकि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और सबसे कमजोर लोगों को कवर किया जा सके.
वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक एक अभूतपूर्व उपलब्धि है और दुनिया भारत की सराहना करती है. आइए एक नजर डालते हैं भारत की टीकाकरण उपलब्धि के सफर पर. इसकी प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
29 नवंबर, 2020: भारत सरकार ने मिशन कोविड सुरक्षा-भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन, के लिए 900 करोड़ रुपये के तीसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की. यह अनुदान भारतीय कोविड-19 टीकों के अनुसंधान एवं विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) को प्रदान किया गया.
इस धन के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में पूर्व-नैदानिक और नैदानिक विकास में तेजी लाना; उन कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवारों को लाइसेंस देना, जो उस समय नैदानिक चरणों में थे या विकास के नैदानिक चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार थे; नैदानिक परीक्षण स्थलों की स्थापना, और कोविड-19 वैक्सीन विकास में मदद करने के लिए मौजूदा प्रतिरक्षा प्रयोगशालाओं, केंद्रीय प्रयोगशालाओं और पशु अध्ययन, उत्पादन सुविधाओं और अन्य परीक्षण सुविधाओं के लिए उपयुक्त सुविधाओं को मजबूत करना शामिल था. अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्यों में साझा सामंजस्यपूर्ण प्रोटोकॉल्स, प्रशिक्षण, डेटा प्रबंधन प्रणाली, नियामक प्रणाली, आंतरिक और बाहरी गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के विकास और प्रत्यायन में मदद करना शामिल था.
3 जनवरी, 2021: भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया (कोविशील्ड) और भारत बायोटेक (कोवैक्सिन) के टीकों को मंजूरी दी.
मैसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे ने एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ सार्स-सीओवी-2 स्पाइक (एस) ग्लाइकोप्रोटीन को कूटबद्ध करते हुए एक पुन: संयोजक चिंपांजी एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन (कोविशील्ड) प्रस्तुत किया. मैसर्स भारत बायोटेक ने आईसीएमआर और एनआईवी (पुणे) के सहयोग से एक होल वायरियन इनएक्टिवेटेड कोरोना वायरस वैक्सीन (कोवैक्सिन) विकसित किया, जहां से उन्हें वायरस सीड स्ट्रेन प्राप्त हुआ.
16 जनवरी, 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले चरण के अखिल भारतीय रोलआउट का शुभारंभ किया. अभियान के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता दी गई.
इसने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम को चिह्नित किया, जिसने देश की पूरी लंबाई और चौड़ाई को कवर किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर एक वैक्सीन तैयार होने में सालों लग जाते हैं लेकिन यहां (भारत) इतने कम समय में एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन लॉन्च की गईं.
2 फरवरी, 2021: फ्रंटलाइन वर्कर्स (एफ.एल.डबल्यूज) का टीकाकरण शुरू.
19 फरवरी, 2021: भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की - कोविड-19 से बचाव के लिए
1 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज दी गईं. दुनिया में दूसरा सबसे तेज देश बनने, ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने में भारत को 34 दिन लगे.
1 मार्च, 2021: 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और निर्दिष्ट सह-रुग्णता वाले 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण के अगले चरण की शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री ने एम्स नई दिल्ली में कोविड- वैक्सीन की अपनी डोज भी ली. एक ट्वीट में, उन्होंने कहा, 'मैंने एम्स में कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक ली है. यह अद्भूत है कि कैसे हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए त्वरित गति से काम किया है. मैं उन सभी से वैक्सीन लेने की अपील करता हूं कि जो पात्र हैं. आइए हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 मुक्त बनाएं.
10 अप्रैल 2021: भारत कोविड-19 वैक्सीन की 100 मिलियन खुराक देने वाला सबसे तेज़ देश बन गया. भारत ने 85 दिनों में यह उपलब्धि हासिल की.
13 अप्रैल, 2021: रूस के स्पूतनिक वी को भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई. सरकार डब्ल्यूएचओ-सूचीबद्ध एजेंसियों के आपातकालीन अनुमोदन के साथ विदेश में उत्पादित कोविड टीकों को अधिकृत करती है.
30 अप्रैल 2021: आईसीएमआर को ड्रोन के उपयोग की अनुमति दी गई. ड्रोन का उपयोग करके वैक्सीन वितरण के अध्ययन की अनुमति दी गई और टीकों की डिलीवरी के लिए प्रायोगिक बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट (बीवीएलओएस) ड्रोन उड़ानों के संचालन के लिए तेलंगाना सरकार को सशर्त अनुमति दी गई.
1 मई, 2021: कोविड-19 टीकाकरण की उदारीकृत और त्वरित चरण-3 रणनीति लागू हुई.
13 मई, 2021: डॉ. एन के अरोड़ा की अध्यक्षता में कोविड वर्किंग ग्रुप की सिफारिश के आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच का अंतर 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह किया गया. उपलब्ध वास्तविक जीवन के साक्ष्यों के आधार पर, विशेष रूप से यूके से, कोविड-19 वर्किंग ग्रुप ने कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच अंतराल को 12-16 सप्ताह तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.
2 जुलाई, 2021: टीकाकरण संबंधी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष, डॉ. एन.के. अरोड़ा की अनुशंसा के बाद गर्भवती महिलाएं भी कोविड-19 रोधी टीका लेने की पात्र बन गईं. तद्नुरूप, एक महीने से भी कम समय में (30 जुलाई, 2021 तक) 2.27 लाख गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीके लगाए गए.
13 अगस्त, 2021: जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (डीबीटी-बीआईआरएसी) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा विकसित प्रथम इंट्रानैसल वैक्सीन (नाक से लिए जाने वाले टीके) के दूसरे चरण के परीक्षण के लिए नियामक से मंजूरी मिली. भारत बायोटेक का इंट्रानैसल वैक्सीन पहला नाक का टीका था जिसे चरण 2 परीक्षणों के लिए नियामक अनुमोदन प्राप्त हुआ था. बीबीवी154 एक इंट्रानैसल प्रतिकृति-कमी वाले चिंपांज़ी एडेनोवायरस सार्स-सीओवी-2 वेक्टरेड वैक्सीन है. बीबीआईएल के पास अमरीका के सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय से लाइसेंस प्राप्त प्रौद्योगिकी है.
20 अगस्त, 2021: जायडस कैडिला को जीकोव-डी के लिए डीसीजीआई से आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिली, यह दुनिया का पहला और भारत का स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 वैक्सीन है जिसे 12 साल के बच्चों और इससे अधिक आयु के वयस्कों सहित मानव के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. मिशन कोविड सुरक्षा के तहत भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी में विकसित और बीआईआरएसी द्वारा कार्यान्वित, जीकोव-डी को कोविड-19 रिसर्च कंसोर्टिया के तहत प्रीक्लिनिकल स्टडीज, चरण और चरण क्लिनिकल ट्रायल के लिए राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के माध्यम से सहायता दी गई है. इसे मिशन कोविड सुरक्षा के तहत चरण के क्लिनिकल परीक्षण के लिए सहायता दी गई है.
13 सितंबर, 2021: भारत के संचयी कोविड-19 टीकाकरण कवरेज ने 75 करोड़ का आंकड़ा पार किया.
17 सितंबर, 2021: देश ने एक ही दिन में सर्वाधिक 2.5 करोड़ टीके लगाने का अब तक का उच्चतम टीकाकरण आंकड़ा पार किया, जिससे भारत का संचयी कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 79 करोड़ के लैंडमार्क को पार कर गया.
4 अक्टूबर, 2021: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने नॉर्थ ईस्ट में आईसीएमआर के ड्रोन रिस्पांस एंड आउटरीच (आई-ड्रोन) का शुभारंभ किया. यह एक डिलीवरी मॉडल है, जो सुनिश्चित करता है कि जीवन रक्षक टीके सभी तक पहुंचें. दक्षिण एशिया में पहली बार, 'मेक इन इंडिया ड्रोन का इस्तेमाल कोविड-19 टीकों को 12-15 मिनट में 15 किलोमीटर की हवाई दूरी पर ले जाने के लिए किया गया था.
15 अक्टूबर, 2021: हिमाचल प्रदेश का किन्नौर देश का पहला पूर्ण टीकाकरण वाला जिला बना.
21 अक्टूबर 2021: 100 करोड़ का आंकड़ा पहुंचा.
(संकलन: अनीशा बनर्जी और अनुजा भारद्वाजन)
स्रोत: पसूका