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विशेष लेख


Issue no 17, 24-30 July 2021

युवा- लेखकों के लिए प्रधानमंत्री की परामर्श योजना

भविष्य के चिंतक तैयार करना

 

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक, लेफ्टिनेंट कर्नल युवराज मलिक से साक्षात्कार

शिक्षा मंत्रालय ने देश में पढ़ने-लिखने और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने तथा पूरे विश्व में भारत और भारतीय लेखन को प्रतिष्ठित करने के उद्देश्य से 30 वर्ष से कम आयु के उभरते लेखकों के प्रशिक्षण के लिये प्रधानमंत्री युवा लेखक परामर्श योजना - युवा आरंभ की है. यह योजना स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में देश के स्वाधीनता संग्राम के बारे में लेखन के लिये युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी युवा मानस को सशक्त बनाने और अध्ययन अनुकूल माहौल सृजित करने पर बल देती है जो युवा अध्येताओं को भविष्य की नेतृत्व- भूमिकाओं के लिए तैयार कर सके. इस उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में युवा अभियान भविष्य के इन नेताओं की आधारशिला मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. इस योजना के तहत तैयार की जाने वाली पुस्तकें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से प्रकाशित की जायेंगी. रोज़गार समाचार ने युवा योजना के बारे में रा.पु.न्या. के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल युवराज मलिक से साक्षात्कार किया. कर्नल मलिक से बातचीत की आकाशवाणी के साथ कार्यरत नई दिल्ली के फ्रीलांस न्यूज एंकर एस. रंगाबशियम ने.

1.       युवा लेखकों को परामर्श देने की प्रधानमंत्री की योजना- युवा क्या है?

युवा (यानी यंग, अपकमिंग ऐंड वर्सेटाईल ऑथर्स) एक परामर्श कार्यक्रम है जो युवा मानस को सशक्त बनाने और अध्ययन अनुकूल प्रणाली सृजित करने  तथा  देश के युवा रचनाकारों को वैश्विक स्तर पर भारत और भारतीय लेखन का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम बनाता है. इस कार्यक्रम की अवधारणा इस आधार पर की गयी कि 21वीं सदी के भारत के लिये युवा लेखकों की एक ऐसी पीढ़ी विकसित करने की जरूरत है जो विश्व में भारतीय साहित्य के राजदूत सृजित कर सकें. योजना के तहत 30 वर्ष से कम आयु के इच्छुक लेखक देश की 22 अधिसूचित भाषाओं में से किसी में भी अपनी पांडुलिपि भेज सकते हैं. व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद 75 आलेख एनबीटी से प्रकाशन के लिये चुने जायेंगे. प्रधानमंत्री की  'एक भारत श्रेष्ठ भारतÓ परिकल्पना से सहयोग लेते हुए यह राष्ट्रीय स्तर पर बहुभाषा लेखक परामर्श का अपनी तरह का पहला कार्यक्रम होगा जो युवा लेखकों को आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में राष्ट्रीय आंदोलन के ज्ञात- अज्ञात पक्षों पर अपने विचारों को लिपिबद्ध करने का मंच प्रदान करेगा.

2.       एनबीटी यह कैसे सुनिश्चित करेगा कि इस योजना के तहत प्रकाशित पुस्तकें उत्तम गुणवत्ता की हों और योजना आकांक्षी युवा लेखकों के लिये लाभकारी हो?

एनबीटी के पास योजना में भाग लेने वाले युवा लेखकों के सहयोग के लिये व्यापक संसाधन हैं. शीर्ष 75 लेखकों का चयन एनबीटी से गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जायेगा. दो सप्ताह का एक कार्यक्रम आय़ोजित किया जायेगा जिसमें हमारे पैनल के जाने माने लेखक और परामर्शदाता चुने गये युवा लेखकों को व्यापक प्रशिक्षण देंगे. यह परामर्श प्रक्रिया विभिन्न भाषाओं के विशिष्ट लेखकों और परामर्शदाताओं द्वारा संचालित की जायेगी जिससे युवा लेखकों को अपनी भाषा में अपने विचारों को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त करने में मदद मिलेगी. युवा लेखकों को उन विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक आय़ोजनों, पुस्तक मेलों, सांस्कृतिक आदान -प्रदान कार्यक्रमों इत्यादि से अपनी जानकारी बढ़ाने का मौका मिलेगा, जो एनबीटी नियमित रूप से आयोजित करता है या जिनमें भागीदारी करता है. इस य़ोजना का उद्देश्य युवा लेखकों को अपनी लेखन कला तराशने के लिये प्रोत्साहित करना है ताकि वे अपनी सोच को अभिव्यक्त करने की क्षमता अधिकतम कर सकें और भविष्य के कुशल लेखक बन सकें.

3.       इस योजना की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

कोई भी भारतीय युवा जिसमें लेखन की रुचि है और जो 30 वर्ष से (01 जून 2021 को) कम उम्र के हैं इस य़ोजना में भाग ले सकते हैं. ठ्ठड्ढह्लद्बठ्ठस्रद्बड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ/ रू4त्रश1.द्बठ्ठ  पर  01 जून से 31 जुलाई 2021 तक आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता से 75 सक्षम युवा लेखकों का चयन किया जायेगा. यह प्रतियोगिता भारतीय संविधान से मान्यता प्राप्त 22 अधिसूचित भाषाओं के साथ साथ अंग्रेजी के लिये भी खुली है. चुने गये य़ुवा लेखकों को 6 महीने तक 50,000 प्रतिमाह दिया जायेगा और उनकी पुस्तकों के सफल प्रकाशन पर 10 प्रतिशत की रॉयल्टी मिलेगी. यह एक ऐसा अवसर है जिससे देश के किसी भी युवा को वंचित नहीं होना चाहिये.  प्रधानमंत्री की वैश्विक नागरिक और एक भारत श्रेष्ठ भारत परिकल्पना के अनुरूप यह योजना भारत को विश्वगुरू के पद पर स्थापित करने में एक ठोस कदम साबित होगी.

4.       यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर अपनी तरह की पहली योजना है. एनबीटी, इंडिया किस तरह इस य़ोजना का हिस्सा बनेगा?

एनबीटी, इंडिया पिछले 64 वर्षों से सुलभ पुस्तकें और पठन सामग्री उपलब्ध करा रहा है. य़ोजना के क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में नैशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया  परामर्श के सुनियोजित स्तरों के माध्यम से चरणबद्ध रूप से योजना का कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगा. योजना तीन- तीन महीने के दो चरणों मे बांटी गयी है (1) - प्रशिक्षण, (2) संवर्द्धन. पहला चरण परामर्श पक्ष पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमे युवा लेखकों को एनबीटी की प्रकाशन अनुकूल प्रणाली के सलाहकार पैनल के स्थापित जाने माने लेखकों/ परामर्शदाताओं द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा. दूसरे चरण में लेखकों को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंचों पर संवाद संपर्क का मौका मिलेगा. इसी चरण में उनकी पुस्तकें प्रकाशित और अन्य भाषाओं में अनुदित होंगी.

5.       प्रधानमंत्री की युवा योजना के लिए राष्ट्रीय आंदोलन को विषय के रूप में रखने के पीछे क्या दृष्टिकोण है?

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 31 जनवरी को अपने मन की बात कार्यक्रम में, युवाओं से स्वतंत्रता सेनानियों, उनसे जुड़ी घटनाओं  और अपने क्षेत्रों से स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वीरता की दास्तानों के बारे में लिखने का आग्रह किया था. उनका यह आग्रह योजना का आधार बन गया क्योंकि राष्ट्रीय आंदोलन भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण काल है. इसका उद्देश्य युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम से परिचित कराना और रचनात्मक और अभिनव तरीके से राष्ट्रीय आंदोलन पर उनके दृष्टिकोण को सामने लाना है. उन्हें भविष्य के लेखक और रचनात्मक नेताओं के रूप में तैयार करते हुए, यह योजना संचित प्राचीन भारतीय ज्ञान की समृद्ध विरासत को केन्द्रीय मंच पर लाना सुनिश्चित करेगी.