संसद का शीतकालीन सत्र, 2021
दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए ग्यारह विधेयक
संसद का शीतकालीन सत्र, 2021, 29 नवम्बर, 2021 को शुरू हुआ था बुधवार 22 दिसम्बर 2021 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस सत्र में 24 दिनों की अवधि में 18 बैठकें हुईं. इस सत्र के दौरान 13 विधेयक (लोकसभा में 12 विधेयक और राज्य सभा में 1 विधेयक) पेश किए गए. संसद के दोनों सदनों द्वारा 11 विधेयक पारित किए गए.
संसद के सदनों में प्रस्तुत और पारित विधेयकों की पूरी सूची :
1. कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 किसानों के एक समूह द्वारा किए जा रहे विरोध को देखते हुए और प्रत्येक व्यक्ति को भारत की आजादी के 75वें वर्ष में समग्र प्रगति और विकास के पथ पर ले जाने के लिए, यह विधेयक तीन कृषि कानूनों अर्थात मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता, किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 के निरसन के लिए प्रस्तुत किया गया और पारित किया गया. इन कृषि कानूनों को किसानों के समग्र विकास के उद्देश्य से सितम्बर 2020 में संसद द्वारा पारित किया गया था.
2. बांध सुरक्षा विधेयक, 2021 बांध की विफलता से संबंधित आपदाओं की रोकथाम और उनके सुरक्षित कामकाज को सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनसे जुड़े प्रासंगिक मामलों के लिए निर्दिष्ट बांध की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान करता है और संस्थागत तंत्र प्रदान करता है.
3. सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियम) विधेयक, 2021, यह सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी क्लीनिकों और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी बैंकों, दुरुपयोग की रोकथाम, सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी सेवाओं की नैतिक पद्धति और उससे जुड़े या उससे संबंधित मामलों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए राष्ट्रीय बोर्ड, राज्य बोर्डों और राष्ट्रीय रजिस्ट्री की स्थापना प्रदान करता है.
4. सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2021 देश में सरोगेसी सेवाओं के नियमन, सरोगेट माताओं के संभावित शोषण पर रोक लगाने और सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने का प्रावधान करता है.
5. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (संशोधन) विधेयक, 2021 यह स्पष्ट करने का प्रावधान करता है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च अधिनियम के तहत स्थापित किए जाने वाले अन्य संस्थान राष्ट्रीय महत्व के संस्थान होंगे और यह केन्द्रीय निकाय स्थापित करेंगे जिन्हें परिषद कहा जाएगा, ताकि फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान एवं मानकों के रखरखाव के साथ-साथ ऐसे प्रत्येक संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को युक्तिसंगत बनाना सुनिश्चित किया जा सके और ऐसे संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों की संख्या और दायरे का विस्तार किया जा सके.
6. उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2021 सेवानिवृत्त न्यायाधीश को उस महीने के पहले दिन से पेंशन की अतिरिक्त मात्रा का लाभ प्रदान करता है जिसमें वह वेतनमान के पहले कॉलम में निर्दिष्ट आयु पूरी कर लेते हैं, उसमें निर्दिष्ट आयु में प्रवेश करने के पहले दिन से नहीं, जैसा कि उच्च न्यायालयों द्वारा व्याख्या की गई है.
7.नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (संशोधन) विधेयक, 2021 अधिनियम की धारा 27ए की विसंगति को सुधारने के लिए धारा 27ए में 'खंड (Viiia) के स्थान पर 'खंड (Viiib) की प्रतिस्थापना, एनडीपीएस अधिनियम की सही व्याख्या और कार्यान्वयन की दृष्टि से की गई है.
8. दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक, 2021 में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक के कार्यकाल को जनहित में एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाने का प्रावधान है, इसे प्रारंभिक नियुक्ति में उल्लिखित अवधि सहित पांच वर्ष की अवधि पूरे होने तक बढ़ाया जा सकता है.
9. केन्द्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल को जनहित में एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाने का प्रावधान करता है, इसे प्रारंभिक नियुक्ति में उल्लिखित अवधि सहित पांच वर्ष की अवधि पूरे होने तक बढ़ाया जा सकता है.
10. निर्वाचन कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 विभिन्न स्थानों में एक ही व्यक्ति के कई नामांकन के खतरे को रोकने के लिए मतदाता सूची डेटा को आधार इकोसिस्टम से जोड़ने का प्रावधान करता है;
11. विनियोग विधेयक 2021 वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों से संबंधित जिसे लोकसभा द्वारा पारित किया गया था और राज्यसभा को प्रेषित किया गया था, इसे अनुच्छेद 109(5) के तहत 14 दिनों की समाप्ति के बाद दोनों सदनों द्वारा पारित मान लिया जाएगा.
निम्नलिखित पर लोकसभा में नियम 193 के तहत दो छोटी अवधि की चर्चाएं आयोजित की गईं :
i. कोविड-19 महामारी और इससे संबंधित विभिन्न पहलू, और
ii. जलवायु परिवर्तन.
राज्य सभा में देश में कोविड-19 वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों से उत्पन्न स्थिति के बारे में चर्चा हुई.
लोकसभा में कामकाज का प्रतिशत लगभग 82 प्रतिशत और राज्य सभा में लगभग 48 प्रतिशत रहा.
स्रोत : पसूका