हम जीमैट में आपकी सहायता के लिये तत्पर हैं
रुचि श्रीमाली
स्नातक प्रबंध प्रवेश परिषद (जीएमएसी) किसी व्यक्ति के विश्लेषणात्मक, परिमाणात्मक, और अंग्रेजी पठन-पाठन, लेखन तथा शाब्दिक कौशलों के मूल्यांकन के लिये कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के तौर पर स्नातक प्रबंध प्रवेश परीक्षा (जीमैट) का आयोजन करती है। यह परीक्षा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बिजऩेस स्कूलों द्वारा संचालित किये जाने वाले एमबीए, एग्ज़ीक्यूटिव एमबीए और विशेषीकृत मास्टर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिये अपेक्षित होती है।
2,000 से अधिक विश्वविद्यालय और संस्थान 6,000 से अधिक स्नातक बिजऩेस कार्यक्रमों में प्रवेश के लिये जीमैट स्कोर्स को स्वीकार करते हैं। इनके अलावा, जीमैट स्कोर कुछेक प्रतिष्ठित अध्येतावृत्तियों का लाभ लेने के वास्ते भी प्रयोग में लाया जाता है। कुछेक नियोक्ता भी उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करते समय जीमैट स्कोर को स्वीकार करते हैं। हालांकि विदेश में विश्वविद्यालयों द्वारा स्वीकार किया जाने वाला औसत जीमैट स्कोर भिन्न-भिन्न होता है, सामान्यत: सर्वोच्च स्थान रखने वाले विश्वविद्यालयों के लिये 710 से ऊपर का जीमैट स्कोर अपेक्षित होता है, जबकि मध्यम स्तर के विश्वविद्यालय 600 अथवा अधिक के जीमैट स्कोर को स्वीकार करते हैं।
जीमैट की परीक्षा कम्प्यूटर आधारित होती है। इसका अर्थ है कि परीक्षा देने वाले उम्मीदवार एक समय में केवल एक प्रश्न को देख पाते हैं। अगले प्रश्न का कठिनता स्तर किसी के पूर्व के उत्तर की शुद्धता पर आधारित होता है। जीमैट ने हाल में एग्ज़ीक्यूटिव मूल्यांकन परीक्षा के नाम पर एक मिनी जीमैट परीक्षा शुरू की है, जिसे विशेष तौर पर ईएमबीए के आवेदकों के लिये डिज़ाइन किया गया है। मिनी जीमैट परीक्षा में आवेदकों की केवल विश्लेषणात्मक और तार्किक सोच का मूल्यांकन किया जाता है और यह थोड़ी अवधि की होती है। पूर्ण रूपेण जीमैट परीक्षा की फीस 250 अमरीकी डॉलर होती है जो कि लगभग 15,000 से 16,000 हजार तक होती है।
जीमैट परीक्षा पद्धति
जीमैट परीक्षा की अवधि 3 घण्टा 30 मिनट है, इस दौरान उम्मीदवारों के निम्नलिखित कौशलों की जांच की जाती है:
*विश्लेषणत्मक लेखन: इस खण्ड के लिये 30 मिनट दिये जाते हैं जिसमें उम्मीदवार को दिये गये तर्क का विश्लेषण प्रस्तुत करना होता है।
*इंटीग्रेटिड रिजनिंग: इस खण्ड को भी 30 मिनट में हल करना होता है। इसमें सारणी विश्लेषण, अंश विश्लेषण, मल्टी सोर्स रिजनिंग और ग्राफिक व्याख्या से संबंधित 12 प्रश्न होते हैं।
*परिमाणात्मक कौशल: इस खण्ड में उम्मीदवार को 37 प्रश्नों को हल करने के लिये 75 मिनट मिलते हैं जिसमें मुख्यत: उम्मीदवार के डॉटा योग्यता और समस्या समाधान कौशलों का विश्लेषण किया जाता है।
*शाब्दिक कौशल: इस खण्ड में उम्मीदवार को 41 प्रश्न हल करने के लिये 75 मिनट दिये जाते हैं। ये प्रश्न वाक्य सुधार, पठन बोध और महत्वपूर्ण तार्किकता से संबंधित होते हैं।
जीमैट स्कोर 10 बिंदुओं की वृद्धि के साथ जैसे कि 550, 560, 570।।।आदि के तौर पर प्रदान किये जाते हैं। जीमैट स्कोर पांच वर्षों के लिये वैध होता है। आपको कालेजों में आवेदन करने से पहले परीक्षा देनी होती है। यदि आपको अपने स्कोर्स पसंद नहीं हैं आप बिना किसी अतिरिक्त लागत के परीक्षा के तत्काल बाद इन्हें रद्द कर सकते हैं।
2016 के शुरू में, जीएमएसी ने एक विकल्प का परीक्षण किया था जिससे परीक्षार्थियों को अपनी वरीयता के अनुरूप परीक्षा के खण्डों को पुनर्नियोजित करने का अवसर होता है। लेकिन परीक्षा परिणामों के अनुसार भी जीमैट के पास फ़ीचर हो सकता है अथवा नहीं भी हो सकता है।
जीमैट परीक्षा में हाल में किये गये बदलाव
क्या जीमैट अब अधिक कठिन है?
जीमैट की मात्रात्मक प्रतिशतता के खण्ड वार विश्लेषण से आपको यह अनुभूति हो सकती है कि ‘परिमाणात्मक‘ खण्ड में स्कोर हासिल करना आसान हो गया है जबकि ‘शाब्दिक‘ खण्ड में अच्छा स्कोर हासिल करना थोड़ा कठिन हो गया है। यद्यपि इस बारे में विशेषज्ञों का मत भिन्न है।
जीमैट विशेषज्ञों के अनुसार चीन, भारत और अन्य एशियाई देशों में जीमैट परीक्षार्थियों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। सामान्यत: इनका गणित कौशल बेहतर होता है जबकि अंग्रेजी का कौशल सुविकसित नहीं होता क्योंकि यह उनके लिये द्वितीय भाषा होती है। अत: यह प्रतीत होता है कि अधिक लोग शब्दिक खण्ड की अपेक्षा परिमाणात्मक खण्ड में अधिक स्कोर अर्जित करते हैं। अत: इस प्रतिशतता परिवर्तन से आपको वास्तव में परेशान नहीं होना चाहिये।
बृहद स्कोर रिपोर्ट आपके लिये अपने कार्यनिष्पादन का विश्लेषण करने में मददगार होती है
डिफाल्ट जीमैट स्कोर रिपोर्ट से आपको अपने कच्चे स्कोर्स, परिमाण, शाब्दिक, आईआर और एडब्ल्यूए खण्डों पर आपकी खण्ड प्रतिशतता और आपके कुल मिलाकर हासिल किये गये स्कोर का पता चलता है। ये वही हंै जिसकी आपको प्रवेश उद्देश्य के लिये आवश्यकता होती है। लेकिन यदि आपने परीक्षा में अच्छा स्कोर हासिल नहीं किया और यह जानना चाहते हैं कि आपको कहां पर सुधार की आवश्यकता है और 25 अमरीकी डॉलर की अतिरिक्त फीस के साथ वृहद स्कोर रिपोर्ट प्रदान करने के लिये आवेदन कर सकते हैं। इस स्कोर रिपोर्ट में कई प्रकार के विवरण शामिल होते हैं, जैसे कि आपके सही उत्तर कितने हैं, प्रत्येक प्रश्न को हल करने में आपने कितना औसत समय लिया, प्रत्येक खण्ड और उपखण्ड में आपका प्रतिशतता रैंक, और समय प्रबंधन की दृष्टि से आपका रैंक।
कुछेक जीमैट खण्ड अन्य की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण हैं
विश्लेषणात्मक लेखन एडब्ल्यूए और इंटीग्रेटिड रीजनिंग आईआर खण्ड परिमाणात्मक और शाब्दिक खण्डों से पहले प्रस्तुत होते हैं। लेकिन केवल परिमाणात्मक और शाब्दिक खण्ड आपके कुल अर्जित स्कोर को प्रभावित करते हैं। आईआर खण्ड इस बात का परीक्षण करता है कि आप कठोर विवरण की किस प्रकार व्याख्या और विश्लेषण कर सकते हैं जिसमें काफी अधिक समय लग सकता है। परंतु सावधान हो जाइये क्योंकि इसका 1 से 8 तक के पैमाने पर स्वतंत्र मूल्यांकन किया जायेगा। एडब्ल्यूए खण्ड का मूल्यांकन 1 से 6 तक के स्केल पर किया जायेगा। रिपोर्ट कार्ड में एडब्ल्यूए और आईआर खण्ड के स्कोर का अलग-अलग उल्लेख किया जाता है।
अत:, यद्यपि आपको एडब्ल्यूए और आईआर खण्डों में अच्छा प्रदर्शन करने की आवश्यकता होती है, यह परामर्श दिया जाता है कि परिमाणात्मक और शाब्दिक खण्डों पर आप अधिक ध्यान केंद्रित करें। कुल मिलाकर स्कोर 200 से 800 तक के स्केल पर दजऱ् किया जाता है। ज्यादातर बिजनेस स्कूल सुव्यवस्थित स्कोर्स को प्रोत्साहित करते हैं और उम्मीदवार के एडब्ल्यूए और आईआर स्कोर्स को भी देखते हैं।
पुन: परीक्षा देना अथवा अपने स्कोर्स को रद्द करना
पूर्व में आप जीमैट की दोबारा परीक्षा केवल 31 दिनों के बाद दे सकते थे। लेकिन 19 जुलाई, 2015 से आप किसी मामले में मात्र 16 दिनों बाद पुन: परीक्षा दे सकते हैं।
एक अन्य बदलाव यह किया गया है कि यदि आप अपने परीक्षा स्कोर को निरस्त करते हैं और पुन: जीमैट परीक्षा देते हैं, आपके लक्षित कालेजों को भेजे गये स्कोर कार्ड में आपके निरस्त स्कोर का भी उल्लेख होता था। लेकिन अब स्कोर रिपोर्ट में आपके पूर्व के निरस्त किये गये स्कोर्स का उल्लेख नहीं होता है। अत: छात्र कालेज प्रवेश समितियों को इसके बारे में जानकारी के बिना जितनी बार चाहें उतनी बार परीक्षा दे सकते हैं।
जीएमएसी पर काफी अधिक अध्ययन सामग्री उपलब्ध
जीमैट की आधिकारिक वेबसाइट-द्वड्ढड्ड।ष्शद्व पर बहुतायत में अध्ययन सामग्री उपलब्ध है। इनमें मुफ्त परीक्षा तैयारी साफ्टवेयर, दो और भुगतान आधारित कम्प्यूटर परीक्षाएं (मॉक जीमैट परीक्षा), आधिकारिक निर्देशिका, आपकी जीमैट अभ्यास परीक्षाओं की खण्डवार समीक्षा आदि शामिल है।
अच्छा जीमैट स्कोर कितना होता है?
विश्व में सर्वोच्च 50 बिजऩेस स्कूलों की सामान्यत: 660 या अधिक के जीमैट स्कोर की अपेक्षा होती है। एमबीए कार्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश के लिये ताज़ा औसत जीमैट स्कोर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में 727, स्टैंडफोर्ड बिजनेस स्कूल में 732 और बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में 723 है।
यूरोपीय विश्वविद्यालयों में औसत जीमैट स्कोर थोड़ा कम है। लंदन बिजनेस स्कूल और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने औसत 698 के जीमैट स्कोर पर जबकि आईई बिजनेस स्कूल ने औसत 680 के जीमैट स्कोर के साथ छात्रों को प्रवेश प्रदान किया।
आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय विशेष तौर पर जीमैट स्कोर्स के लिये नहीं कहते हैं परंतु इनमें से कुछ (जैसे कि मैक्वारे ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट) जीमैट स्कोर्स को स्वीकार करते हैं। मैक्वारे औसतन 680 के जीमैट स्कोर को रखता है।
हमारे निकटवर्ती एशियाई बिजनेस स्कूल भी जीमैट स्कोर को स्वीकार करते हैं। आईआईएम अहमदाबाद और आईएसबी हैदराबाद 711 के औसत जीमैट स्कोर के साथ छात्रों को स्वीकार करते हैं। चीन, यूरोप के अंतरराष्ट्रीय बिजनेस स्कूल का औसत स्कोर 692 होता है जबकि नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर 672 का औसत स्कोर रखता है।
जीमैट के लिये कितनी समयावधि के लिये अध्ययन करना चाहिये?
जीमैट सर्वेक्षण के अनुसार सफल जीमैट परीक्षार्थी को परीक्षा की तैयारी के लिये कऱीब 100 घण्टे का समय लगाना होता है। इसमें कऱीब 40 घण्टे निर्देशित तैयारी (जीमैट कोचिंग), और 60 घण्टे स्वयं अध्ययन और अभ्यास के होते हैं।
अत: यदि आपके पास दो से तीन महीनों का समय है, तो यह परीक्षा की तैयारी के लिये पर्याप्त है। इनमें सप्ताहांत के दौरान 4 घण्टे की सघन कोचिंग और दो से चार घण्टे का स्वयं अध्ययन तथा सप्ताह के दिनों के दौरान अभ्यास को शामिल किया जा सकता है।
जीमैट द्वारा उपलब्ध करवाई गई आधिकारिक अध्ययन सामग्री के अलावा सभी प्रमुख कोचिंग केंद्र अपनी जीमैट की तैयारी की पुस्तकें प्रकाशित करते हैं जिनका आप अपने उद्देश्य के लिये प्रयोग कर सकते हैं। आप अपने शुरूआती स्तर, बज़ट, उपलब्ध समयावधि, और शिक्षण के तरीके अनुरूप विभिन्न अध्ययन संसाधनों को जुटा सकते हैं। परीक्षा के दौरान होने वाली कुछेक गलतियों से आपको बचना चाहिये, इनका विवरण इस प्रकार है:-
परीक्षा की तैयारी के लिये आखिऱी समय तक इंतज़ार करना: यद्यपि जीमैट का विचार है कि आपको परीक्षा के लिये तैयारी करने में दो से तीन माह का वक्त लगता है, कुछ परीक्षार्थी परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिये एक वर्ष तक का समय लगाते हैं। इससे आपके लिये प्रथम लक्ष्य के अनुरूप बिजनेस स्कूलों का चयन करने में मदद मिल सकती है जो आप चुनना चाहते हैं, इन्हें हासिल करने के लिये अपेक्षित जीमैट स्कोर अर्जित करने के लिये प्रयास करें।
अपने भीतर लक्ष्य रखने से आपके अपेक्षित स्कोर्स हासिल करने के अवसरों में वृद्धि हो सकती है। जितना अधिक अभ्यास कर सकते हैं करें और यदि आप अभ्यास परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, कठिन मेहनत करने की कोशिश करें। इसके लिये आपको समय की आवश्यकता होगी-अत: जैसे ही आप एमबीए करने का निर्णय कर लेते हैं तो शीघ्रातिशीघ्र इसकी शुरूआत कर दें।
परीक्षा के मात्र एक खण्ड पर ध्यान केंद्रित करना: जीमैट एक चुनौतीपूर्ण परीक्षा है। मात्र अंग्रेजी में अथवा मात्र परिमाणात्मक खण्ड में अच्छा होना आपको बहुत दूर तक नहीं ले जायेगा। जीमैट में चार भिन्न-2 कौशलों की जांच होती है। सभी कौशलों के विकास पर ध्यान केंद्रित करें और यदि आप सर्वश्रेष्ठ बिजनेस हासिल करना चाहते हैं, अपने कॅरिअर को निखारना चाहते हैं और बिजनेस छात्रों के लिये उत्तम छात्रवृत्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो एक संतुलित स्कोर का लक्ष्य रखें।
मदद लेने से इन्कार करना: स्वयं अध्ययन आपको अधिक बुद्धिमान होने की संतुष्टि प्रदान कर सकता है परंतु इससे आपका स्कोर प्रभावित हो सकता है। कुछ लोगों को गणित में सहायता की आवश्यकता हो सकती है जबकि अन्य को अंग्रेजी में सहायता की ज़रूरत हो सकती है। जीमैट के शाब्दिक खण्ड के लिये कठिन शब्दों का ज्ञान और व्याकरण की पेचीदगियों की जानकारी रखना अपेक्षित होता है। यदि अभ्यास परीक्षाओं में आप अच्छा नहीं कर पाते हैं तो समय पर मदद लें। पेशेवर अनुदेशक आपकी प्रत्येक खण्ड के लिये जीमैट-विशिष्ट दृष्टिकोणों में मदद कर सकते हैं और विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को हल करने में उत्कृष्ट और समय अनुकूल शोधित उक्तियों की जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
यदि आप खुद ब खुद अध्ययन पर ज़ोर देते हैं, पहले एक तरह के प्रश्नों में दक्षता हासिल करें और इसके बाद अन्य प्रकार के प्रश्नों पर ध्यान दें। अधिक से अधिक अभ्यास करते हुए नियमित रूप से अपनी प्रगति की निगरानी करें।
अंत में यही कहा जा सकता है कि नियमित अभ्यास और सतत ध्यान आपकी उच्चतम जीमैट स्कोर हासिल करने की कुंजी है। हररोज़ वास्तविक अभ्यास परीक्षाओं के जरिये अपनी गति और शुद्धता का निर्माण करें और आपको अपने उद्देश्यों को हासिल करना चाहिये।
(लेखक एक स्तम्भकार है: ई-मेल: rruchishrimalli@gmail.com)