ऐतिहासिक स्मारकों के आसपास स्वच्छता अभियान
पर्यटक स्थलों की स्वच्छता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पर्यटन मंत्रालय ने एएसआई द्वारा संरक्षित सभी स्मारकों और पुरातत्वीय स्थलों को ‘पोलीथीन मुक्त क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री महेश शर्मा ने कहा कि सभी राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया गया है कि वे स्मारकों को स्वच्छ और पोलीथीन मुक्त बनाए रखने में एएसआई की सहायता करें। सभी स्थलों की संरक्षित सीमाओं के तीन सौ मीटर के दायरे में ये स्वच्छता नियम लागू होंगे।
स्वच्छ भारत मिशन के बारे में पेयजल और स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री ने बताया कि ‘‘हमने सभी राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया है कि वे संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर से लेकर 300 मीटर के दायरे में पोलीथीन मुक्त अभियान लागू करने में मदद करें।
उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय एएसआई के अधिकार क्षेत्र वाले कुछ क्षेत्रों में पोलीथीन मुक्त अभियान के कार्यान्वयन के लिए कुछ कानून बनाने की भी योजना बना रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि इस फैसले की एक महीने के बाद समीक्षा की जाएगी और यह निर्णय किया जाएगा कि इसका उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने की आवश्यकता है या नहीं।
श्री शर्मा ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने सभी एएसआई स्मारकों के लिए संरक्षित बाउंडरी बनाने और उन तक दिव्यांग लोगों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 350 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एएसआई ने स्वच्छता मानदंड के आधार पर 25 शीर्ष आदर्श स्मारकों की एक सूची भी तैयार की है, जिनमें गुजरात स्थित रानी की वाव को भारत में सबसे स्वच्छ स्मारक घोषित किया गया है।
इसके अतिरिक्त 75 अन्य आदर्श स्मारकों की पहचान की गई है, जिन्हें स्वच्छ पर्यटन मोबाइल ऐप में शामिल किया जाएगा, जिससे नागरिक स्मारकों के आसपास कचरे के फोटोग्राफ ले सकेंगे और उन्हें एएसआई के नोडल अधिकारी को एमएमएस के जरिए भेज सकेंगे, जो उनकी शिकायत का निपटारा सुनिश्चित करेगा। एएसआई देश के सभी स्मारकों के इर्दगिर्द चारदीवारी करने जा रहा है।
श्री शर्मा ने बताया कि ‘‘हम इन स्मारकों के चारों ओर बाउंडरी बना रहे हैं। पहले चरण के दौरान 350 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। वापकोस और टीसीआईएल को दायित्व सौंपा गया है और एक वर्ष के भीतर 100 स्मारकों की स्वच्छता का काम पूरा हो जाएगा।’’
उन्होंने बताया कि बाउंडरी बनाने के अलावा एएसआई स्मारकों को पोलीथीन मुक्त भी बनाएगा और रैम्प बनाए जाएंगे ताकि दिव्यांगजन आसानी से वहां पहुंच सकें। श्री शर्मा ने कहा कि शौचालयों, हरित उद्यानों, पोलीथीन मुक्त क्षेत्र, जानकारी के लिए संकेतक, विकलांगजनों की पहुंच के उपाय, पेयजल और कचरा डिब्बों के लिए प्रावधान जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। एएसआई ने आदर्श स्मारकों के रूप में स्मारकों का प्राथमिकता वर्गीकरण भी किया है। इन स्मारकों में लालकिला, ताजमहल, लेह पैलेस, हम्पी, कोणार्क मंदिर, और रंगघर जैसे भवन शामिल हैं। मंत्रालय ने 75 और स्मारकों की सूची तैयार की है जिन्हें आदर्श स्मारकों में शामिल किया जाएगा। इनमें शेरशाह सूरी का मकबरा, सूर्यमंदिर, जलमहल आदि शामिल हैं।