सिर्फ बजटीय आबंटन से स्वच्छता हासिल नहीं की जा सकती: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि स्वच्छ भारत का सपना पूरा करने के लिये व्यवहार में बदलाव लाये जाने की ज़रूरत है। नई दिल्ली में भारतीय स्वच्छता सम्मेलन (इंडोसैन) का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिये काम करना हर किसी की जि़म्मेदारी है। स्वच्छता ऐसी कोई चीज़ नहीं जिसे बजट आबंटन से किया जाना है।यह एक जन आंदोलन बनना चाहिये।उन्होंने कहा कि जिस तरह ‘‘सत्याग्रह’’ ने देश को ब्रिटिश राज से मुक्त कराया था, ‘‘स्वच्छागृह’ देश को गंदगी से छुटकारा दिलायेगा। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान में सकारात्मक भूमिका के लिये मीडिया की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने खुशी जाहिर की कि बच्चों में स्वच्छता से जुड़े मुद्दों को लेकर चेतना बढी़ है और ये इस बात को दर्शाता है कि स्वच्छ भारत अभियान लोगों के जीवन से जुड़ गया है। श्री मोदी ने कहा कि स्वच्छता को लेकर उन्होंने बहुत सकारात्मक प्रतिस्पद्र्धा देखी है। उन्होंने कहा कि पुन:उपयोग और पुनर्शोधन हमारी पुरानी आदतें है। उन्होंने यह भी कहा कि इन आदतों को और अधिक प्रौद्योगिकी आधारित बनाने की ज़रूरत है।
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन हाल के दिनों में सबसे बड़ा आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और साक्षरता समय की मांग है। श्री नायडू ने कहा कि स्वच्छ भारत का एजेंडा अब राजनीतिक तौर पर प्रमुखता हासिल कर चुका है।
पेयजल और स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस वर्ष 2 अक्तूबर तक एक लाख गांव खुले में शौच की प्रथा से मुक्त हो जायेंगे. इस अवसर पर बोलते हुए श्री तोमर ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 40 जिले खुले में शौच मुक्त जिलों का दर्ज़ प्राप्त कर लेंगे।
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले, चंडीगढ़, पुणे और मैसूर नगर निगमों, गंगटोक शहर, राष्ट्रीय कैडेट कोर, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, सूरत रेलवे स्टेशन, गुजरात में रानी की वाव धरोहर स्थल और केंद्रीय विद्यालय, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून को स्वच्छता पुरस्कार भी प्रदान किये। सम्मेलन के दौरान ग्रामीण स्वच्छता पर केंद्रित ‘कुरूक्षेत्र’ पत्रिका का विशेष अंक भी जारी किया गया। यह पत्रिका प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित की जाती है।
सम्मेलन में मुख्यमंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों, देश के सभी जि़लों से निर्वाचित प्रतिनिधियों, सभी एएमआरयूटी शहरों से निगम आयुक्तों, ग़ैर सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र से प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सम्मेलन का उद्देश्य पिछले दो वर्षों में स्वच्छ भारत मिशन के अधीन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हुई प्रगति का जायजा लेना और आगे बढऩे का मार्ग तलाशना है। इंडोसैन 2019 तक स्वच्छ भारत सुनिश्चित करने के लिये उच्चतम राजनीतिक स्तर पर प्रतिबद्धता को दोहराने का एक अवसर है. दिन भर के इंडोसैन सम्मेलन में व्यवहार में बदलावों, उत्कृष्ट स्वच्छता व्यवहारों, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ भारत अभियान के लिये वित्तपोषण, समावेशी स्वच्छता, 100 महत्वपूर्ण स्थानों पर साफ-सफाई, ठोस और तरल कचड़ा प्रबंधन जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इससे पहले 26 सितंबर को पेयजल और स्वच्छता मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिये अमिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर पर आधारित एक राष्ट्रीय श्रव्य दृश्य अभियान का भी शुभारंभ किया।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय ने अस्पतालों, पार्कों और सरकारी कार्यालयों में अखिल भारतीय स्तर पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाने की भी योजना बनाई है। एनसीसी ने भी पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सहयोग से 28 सितंबर को विशेष स्वच्छता दिवस मनाया।
रो.स.