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विशेष लेख


volume-37,15-21 December 2018

 

क्या है जी-20?

एक प्रमुख वैश्विक मंच

समूह-20 (जी-20) विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक प्रमुख मंच है, जो वर्तमान समय की सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण स्थितियों का समाधान करने के लिए वैश्विक नीतियां निर्धारित करता है. जी समूह में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है.  ये हैं - अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमरीका.

उत्पत्ति

जी-20 का जन्म 1999 में जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों और उनके केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की एक बैठक के फलस्वरूप हुआ, जिन्होंने विश्व की वित्तीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए व्यापक प्रतिनिधित्व वाली अधिक समावेशी संस्था की आवश्यकता महसूस की, जो जोरदार प्रभाव डाल सके. जी-7 में विकसित और विकासशील दोनों तरह के देशों के प्रमुख बाजारों को आमंत्रित किया, ताकि एक नए मंत्रिस्तरीय मंच: जी-20 का गठन किया जा सके.

2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, दुनिया ने यह महसूस किया कि सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर एक नई आम सहमति की आवश्यकता है. उसके बाद से जी समूह शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं और जी-20 विश्व अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने के प्रयास कर रहा है. उसके बाद से इसकी कार्यसूची का विस्तार किया गया और उसमें अतिरिक्त विषय शामिल किए गए, जो वित्तीय बाजारों, व्यापार और विकास को प्रभावित करते हैं.

वैश्विक प्रभाव

सामूहिक रूप में, जी-20 सदस्य सभी आबादी वाले द्वीपों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनकी वैश्विक आर्थिक उत्पादन में 85 प्रतिशत, विश्व की जनसंख्या में दो तिहाई और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

जी-20 नीति निर्धारण में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठन नियमित रूप से हिस्सा लेते हैं, जिन्हें जी-20 की बैठकों में बुलाया जाता है. अध्यक्ष के आदेश के अनुसार अतिथि राष्ट्रों को आमंत्रित किया जाता है और विभिन्न क्षेत्रों और सिविल सोसायटी से सम्बद्ध समूहों को भी आमंत्रित किया जाता है.

रोज़गार समाचार डेस्क द्वारा संकलित