गांधीजी की विरासत पर परिचर्चा कार्यक्रम
राष्ट्र महात्मा गांधी की १५०वीं जयंती मना रहा है, प्रकाशन प्रभाग ने भी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सहयोग से इस उपलक्ष्य में ५ अक्तूबर, २०१८ को नई दिल्ली में ‘गांधी दर्शन: प्रकाशन और लोक संपर्क’ पर एक पैनल परिचर्चा का आयोजन किया. परिचर्चा की अध्यक्षता प्रतिष्ठित लेखक-पत्रकार और आईजीएनसीए के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय ने की तथा प्रतिष्ठित गांधीवादी विद्वान एवं राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक श्री अन्नामलाई, जानीमानी लेखक- संपादक एवं राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की पूर्व निदेशक श्रीमती वर्षा दास और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने परिचर्चा में भाग लिया. प्रतिभागियों का विचार था कि गांधीजी के पास जनता के साथ संवाद करने और उसे जोडऩे की असाधारण शाक्ति एवं क्षमता थी. वह एक महान संप्रेषक थे जिन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के संदेश को न केवल भारत में अपितु विश्व भर में प्रेषित किया. यद्यपि, उनके सौहार्द, शांति एवं सह-अस्तित्व के विचार तथा अंतिम व्यक्ति हेतु उनकी चिंता एक न्यायोचित एवं साम्यवादी समाज हासिल करने के लिए हमारा निरंतर मार्गदर्शन करती रहेगी. पैनल सदस्यों ने सुझाव दिया कि गांधीजी के जीवन और कथन के विभिन्न पहलुओं को आवृत्त करते हुए लघु पुस्तकें प्रकाशित एवं प्रचारित-प्रसारित की जा सकती हैं. पैनल सदस्यों ने महात्मा गांधी के संग्रहीत कार्यों को प्रिंट के साथ-साथ ई-वर्जन में लाये जाने तथा गांधीजी पर अनेक अन्य महत्वपूर्ण प्रकाशनों में भी प्रकाशन प्रभाग की भूमिका की प्रशंसा की. -ईएन