दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अध्ययन
उषा अल्बुकर्क और निधि प्रसाद
शिक्षा हमारे जीवन को परिभाषित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है। शिक्षा और ज्ञान प्रगति की कुंजी है। जब बात कॉलेज शिक्षा की हो, तो सही पाठ्यक्रम और शिक्षण के सही स्वरूप का चयन करना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। बहुत से ऐसे छात्र हैं, जो कॉलेज की डिग्री पाना चाहते हैं, लेकिन कई कारणों से वे ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं हो सके। इसी जगह दूरस्थ शिक्षा की भूमिका शुरू होती है। इच्छानुसार सीखने की आजादी, पसंद के विषयों का चयन और कड़ी प्रतिस्पर्धा के तनाव के बिना परीक्षाएं लेना दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम को बहुत आकर्षक बनाता है। इस प्रणाली की सुविधा ने नियमित पाठ्यक्रमों में प्रतिस्पर्धा कर पाने में असमर्थ लोगों के लिए वैकल्पिक रास्ते का चुनाव कर पाना संभव बनाया है। यह उन छात्रों के लिए भी उपयुक्त है, जो कोई न कोई रोजग़ार करते हैं और सामाजिक या आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसरों से वंचित रह गये हैं तथा अपनी शैक्षिक योग्यताओं को पूर्णता प्रदान करना चाहते हैं। इसके अलावा दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों का किफायती होना इनकी ‘‘बिना दीवारों का क्लासरूम’’ के रूप में लोकप्रियता का महत्वपूर्ण कारक रहा है।
दूरस्थ शिक्षा, ऐसे समय में विद्या का सृजन और उस तक पहुंच कायम कराने की प्रक्रिया है, जब जानकारी का स्रोत और सीखने वाला, समय और दूरी या दोनों कारणों से अलग- अलग हो चुके हों। दूसरे शब्दों में, दूरस्थ शिक्षा सीखने वाले की आवश्यकताओं के अनुरूप क्लासरूम से बाहर समान गुणवत्ता वाले शैक्षिक अनुभव का सृजन करने की प्रक्रिया है। दूरस्थ शिक्षा (डीई) की सफलता छात्र, शिक्षक और प्रौद्योगिकी के बीच त्रि-चरणीय भागीदारी पर आधारित है। इतना ही नहीं, इस पर बात ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त की गयी डिग्री की वैधता, जहां तक पात्रता की आवश्यकताओं का प्रश्न है, को पूर्ण करती है।
दूरस्थ शिक्षण (शिक्षा) अनौपचारिक शिक्षा की आधुनिक प्रणाली है। दूरस्थ शिक्षा के लिए कई तरह की शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें दूरस्थ शिक्षा, मुक्त शिक्षा, मुक्त शिक्षण आदि शामिल हैं। दूरस्थ शिक्षा पूर्णतया स्वतंत्र विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाती है। मुक्त विश्वविद्यालय या दूरस्थ विश्वविद्यालय कहलाने के लिए किसी भी विश्वविद्यालय में आवश्यक तौर पर मल्टी मीडिया सुविधाएं होनी चाहिए और, वास्तव में, इन प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से श्रव्य-दृश्य, रेडियो और टेलीविजन का उपयोग करके, शिक्षक छात्रों को कक्षाएं उपलब्ध करा सकते हैं। शिक्षा पत्राचार या डाक पाठ्यक्रमों, संपर्क, रेडियो, टीवी, वीडियो और ऑडियो कैसेट आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया और अन्य तरह के श्रव्य- दृश्य माध्यमों से प्रदान की जाती है।
पत्राचार शिक्षण संस्थानों में छात्रों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करते हैं -
*मुद्रित पाठ्यक्रम सामग्री
*अध्ययन केंद्रों या ऑनलाइन माध्यम से या विश्वविद्यालय परिसर में व्यक्तिगत तौर पर कक्षाओं का आयोजन
*परीक्षाएं आयोजित करते हैं। अब अधिकांश विश्वविद्यालय ‘मांग पर परीक्षा’ की सुविधा प्रदान करते हैं। इसमें उम्मीदवार अपने द्वारा चुनी गयी तिथि पर ऑनलाइन या अध्ययन केंद्र में परीक्षा दे सकते हैं।
भारत में दूरस्थ शिक्षा संस्थानों को मोटे तौर पर निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
1. दूरस्थ शिक्षा विभाग : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और मुंबई विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालय, छात्रों को नियमित परिसर-आधारित कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उपलब्ध कराते हैं, जबकि छात्र वहां मौजूद भी नहीं होते। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 1962 में पत्राचार पाठ्यक्रम शुरू करने के बाद, अन्य पारंपरिक विश्वविद्यालयों ने पत्राचार पाठ्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों की पेशकश करना शुरू कर दिया और इस तरह दूरस्थ या पत्राचार पाठ्यक्रम संस्थानों (सीसीआई) की स्थापना हुई। दूरस्थ शिक्षा की स्थापना नियमित कॉलेजों में जाने में असमर्थ लोगों तक शिक्षा की पहुंच संभव बनाने के उद्देश्य के साथ की गयी थी।
इसमें, छात्र और शिक्षक सीधे तौर पर एक-दूसरे के संपर्क में नहीं होते, लेकिन वे शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए ई-लर्निंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ई-मेल जैसे विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। शिक्षा के इस माध्यम में छात्रों को नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होती, और उनके शोध कार्य का मूल्यांकन नियमित अंतराल पर होने वाली परीक्षाओं के माध्यम से किया जाता है।
दूरस्थ शिक्षा संस्थान पाठ्यक्रम दिशानिर्देश प्रस्तुत करते हैं और संस्थान में दाखिला लेते ही अध्ययन पद्धति सुझाते हैं। कुछ व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए पुस्तकालय की सुविधा और ऑनलाइन जानकारी भी उपलब्ध है। कोई भी अपनी सुविधा के अनुसार विषय का अध्ययन कर सकता या सकती है, लेकिन डिग्री प्राप्त करने से पहले उसे विश्वविद्यालय के निर्णय के अनुसार इम्तिहान या परीक्षा देनी होगी।
व्यावहारिक रूप से प्रत्येक विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा का विभाग मौजूद है। इनमें जो ज्यादा विख्यात हैं वे हैं- दिल्ली यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, जामिया हमदर्द ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग, उस्मानिया यूनिवर्सिटी, कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी और अन्य।
2. मुक्त विश्वविद्यालय : मुक्त विश्वविद्यालय वह होता है, जो दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रमों में दाखिले के लिए मुक्त प्रवेश की पेशकश करता है। मुक्त विश्वविद्यालय में कोई संबद्ध कॉलेज नहीं होते और उसमें केवल अध्ययन केन्द्र और संस्थान सम्मिलित होते हैं। मुक्त विश्वविद्यालय देश भर में छात्रों के लिए दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों की पेशकश करते हैं और इनके द्वारा औपचारिक योग्यताओं से वंचित लोगों के लिए भी खुले रहते हैं। मुक्त विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य उन लोगों को शिक्षा प्रदान करना है, जो पारंपरिक विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं ले सकते हैं, यानी किसी न किसी रोजग़ार में संलग्न अथवा या दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोग। मुक्त विश्वविद्यालय उन लोगों को लचीले पाठ्यक्रम विकल्प उपलब्ध कराते हैं, जिनके पास संभवत: औपचारिक योग्यता नहीं हो, लेकिन वे प्रथम डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए आवश्यक 18-20 साल कर न्यूनतम आयु में पहुंच चुके हैं। कुछ पाठ्यक्रमों में दाखिला लिखित परीक्षा पास करने पर निर्भर करता है, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया और पात्रता मानदंड नियमित विश्वविद्यालयों की तुलना में आसान हैं। इतना ही नहीं, पाठ्यक्रम छात्र की गति के आधार पर लिया जा सकता है। ये विश्वविद्यालय लगभग हर राज्य में मौजूद हैं और स्नातक, स्नातकोत्तर, एम फिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों के साथ ही साथ वाणिज्य, इतिहास, अर्थशास्त्र जैसे विषयों की व्यापक रेंज और सभी तरह के विज्ञान से लेकर व्यवसाय प्रबंधन, कानून, पुस्तकालय विज्ञान, पत्रकारिता, कंप्यूटर, जैव प्रौद्योगिकी, कृषि आदि तक में डिप्लोमा और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
कुछ मुक्त विश्वविद्यालयों में: इग्नू, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय, नासिक, डॉ बी।आर। आम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, तमिलनाडु मुक्त विश्वविद्यालय शामिल हैं।
3. दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले निजी संस्थान : कई निजी विश्वविद्यालयों ने दूरस्थ शिक्षा माध्यम के जरिये बड़ी संख्या में छात्रों तक अपनी शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना आरंभ किया है। इस प्रकार ऐसे विश्वविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले लोकप्रिय पाठ्यक्रम अब ज्यादा छात्रों के लिए और अधिक किफायती रूप से उपलब्ध हैं। छात्र भी उपयुक्त पाठ्यक्रमों, कम प्रतिस्पर्धी प्रवेश प्रणाली, साथ ही साथ ऑनलाइन प्रशिक्षण, रिकॉर्डिड वीडियो और एनिमेटेड व्याख्यान जैसे शिक्षण के प्रभावी अभिनव तरीकों के माध्यम से लाभांवित हो रहे हैं। कुछ निजी विश्वविद्यालयों ने पाठ्यक्रम विकास, छात्र अवसर कार्यक्रम और यहां तक कि संकाय के क्षेत्रों में विदेशी विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों के साथ करार किए हैं। इस तरह के शैक्षिक सहयोग से छात्रों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि होती है।
दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले निजी विश्वविद्यालयों में शामिल हैं: सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग, मणिपाल यूनिवर्सिटी, सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी, एमिटी यूनिवर्सिटी, आईसीएफएआई और अन्य।
मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी)- विश्वविद्यालय शैली की शिक्षा के अलावा ऐसे भी ऑनलाइन पाठ्यक्रम हैं, जो छात्रों को अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने और उन्नत बनाने में सहायता प्रदान कर रहे हैं। सबसे ज्यादा विख्यात एमओओसी ऑनलाइन पाठ्यक्रम हैं, जिनका लक्ष्य वेब के माध्यम से असीमित भागीदारी और मुक्त पहुंच उपलब्ध कराना है। फिल्माये गए व्याख्यानों, वाचन और प्रॉब्लम सेट्स जैसी पारंपरिक पाठ्यक्रम सामग्री के अलावा, एमओओसी समुदायिक संवाद में सहायता प्रदान करने के लिए छात्रों, प्रोफेसरों, और शिक्षण सहायकों के बीच इंटरैक्टिव उपयोगकर्ता मंच प्रदान करते हैं । इनकी गिनती सदैव औपचारिक शिक्षा में नहीं होती, बल्कि ये इन्हें प्रस्तुत करने वाली संस्थाओं की ओर से गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने के लिए मंच प्रदान करते हैं, आमतौर पर निशुल्क।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय और एमआईटी द्वारा स्थापित ईडीएक्स वेबसाइट, शीर्ष विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली निशुल्क मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) की सबसे बड़ी प्रदाताओं में से एक है, और बर्कले, बोस्टन, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, आईआईटी बॉम्बे, यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड आदि जैसे विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। इंटरनेट पर प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और भारतीय विश्वविद्यालयों के कई अन्य ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जो आपकी सोच को व्यापक बनाने में सहायता करेंगे, कौशल में वृद्धि करेंगे और तो और करियर में आगे बढऩे के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण उपलब्ध कराएंगे।
चाहे आप कंप्यूटर विज्ञान, भाषा, इंजीनियरिंग, मनोविज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, जीव विज्ञान या विपणन में रुचि रखते हों, एमओओसी में आप के लिए पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। ये लर्निंग पोर्टल्स - 100 से अधिक श्रेणियों में, कला, व्यापार, वित्त, गणित, प्रबंधन, व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे विषयों में मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रमों - प्रमाण पत्र और डिप्लोमा दोनों से युक्त हैं। ये सभी पाठ्यक्रम अपनी गति से संचालित होने वाले हैं, इसलिए कोई भी अपनी इच्छा के अनुसार इनका अध्ययन कर सकता है। अध्ययन के लिए अपनी पसंद का विषय मिलते ही आप फ्री अकाउंट में रजिस्टर कीजिए और ‘कोर्स स्टार्ट’ बटन पर क्लिक कीजिए। कोई भी, किसी भी समय मूल्यांकन और पुन: मूल्यांकन कर सकता है, लेकिन पास होने के 80 प्रतिशत या उससे अधिक की आवश्यकता होती है।
कुछ निशुल्क ई-लर्निंग वैबसाइट्स हैं :
*कोर्सेरा –www.coursera.org
*ईडीएक्स- www.edx.org
*सेलर अकेडेमी- www.saylor.org
*गीसीएफलर्न फ्री –www.gcflearnfree.org
*यूडीईएमवाई – www.udemy.com
दूरस्थ शिक्षा के लाभ
*लचीलापन - दूरस्थ शिक्षा समय में लचीलापन और दाखिला प्रदान करती है। कोई भी छात्र अपना समय स्वयं चुन सकता है। कोई भी छात्र एक ही समय में नौकरी और अध्ययन जारी रख सकता है। यह पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए वर्षों की संख्या के संबंध में भी लचीलापन प्रदान करती है।
*मुक्त विश्वविद्यालय छात्र/छात्रा की उम्र के आधार पर उनके दाखिला लेने पर रोक नहीं लगाते।
*यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य है, हालांकि मुक्त विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा के मानक पारंपरिक विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा जैसे ही अच्छे हैं।
*भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए दूरस्थ शिक्षा एक विकल्प है। भारत और कई अन्य देशों में ऐसे लोग मौजूद हैं, जो अच्छे विश्वविद्यालय या कॉलेज से काफी दूरी पर रहते हैं।
*काम के साथ साथ अध्ययन- कौशल को लगातार उन्नत बनाने में मदद करता है। दूरस्थ शिक्षा आजीविका कमाने के साथ-साथ अध्ययन का विकल्प प्रस्तुत करती है।
हजारों दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम मौजूद हैं और जो लोग ऐसी शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें चयनात्मक और केंद्रित रहने की आवश्यकता है। पाठ्यक्रमों और संस्थानों की विश्वसनीयता और मान्यता की जांच करें और ऐसे पाठ्यक्रमों का चयन करें, जो आपके कॅरियर के लक्ष्यों के अनुरूप हों। अपने दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्था का चयन करें। दूरस्थ शिक्षा के पाठ्यक्रमों में दाखिले के तरीके में संस्थाओं के आधार पर भिन्नता होती है। कुछ कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला होता है, जबकि अन्य सीधे प्रवेश प्रदान करते हैं।
पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता निर्भर करती है -
*शिक्षण सामग्री की गुणवत्ता पर
*ऑनलाइन व्याख्यान, आभासी कक्षाओं आदि जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग पर
*अच्छी तरह से संचालित किए जाने वाले अध्ययन केन्द्रों पर
जहां स्कूल ऑफ कॉरस्पोंडेंस एंड कंटीन्युइंग एजुकेशन, दिल्ली विश्वविद्यालय भारत में स्थापित प्रथम पत्राचार विद्यालय था, वहीं आज सैकड़ों विश्वविद्यालय और शिक्षण केंद्र दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम उपलब्ध करा रहे हैं। पांडिचेरी विश्वविद्यालय मानव संसाधन प्रबंधन, विदेश व्यापार, सॉफ्टवेयर विपणन और वित्तीय प्रबंधन जैसे विभिन्न प्रबंधन कार्यक्रमों जैसे विलक्षण पाठ्यक्रमों की रेंज प्रस्तुत करता है, जबकि चेन्नै स्थित अन्नामलाई विश्वविद्यालय, उन गिने चुने विश्वविद्यालयों में से है, जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से चीनी प्रौद्योगिकी, जल विज्ञान, पेट्रोलियम अन्वेषण आदि जैसे बड़ी संख्या में विज्ञान के विषयों को कवर करता है। पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, भारत में पहला तकनीकी विश्वविद्यालय है, जिसने दूरस्थ शिक्षा ‘मोड’ के तहत तकनीकी पाठ्यक्रम शुरू किये हैं।
अंत में, आज रोजग़ार का बाजार अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और बेहतरीन नौकरियां उन लोगों को मिलती हैं, जिनके पास आवश्यक शैक्षिक योग्यता हो। भारत में दूरस्थ शिक्षा, लाखों छात्रों को नियमित कॉलेज की शिक्षा का व्यवहार्य विकल्प प्रदान करती है। यह पूर्णकालिक डिग्री की तुलना में किफायती है और ज्यादातर मामलों में, अच्छी गुणवत्ता वाली, सुव्यवस्थित शिक्षण सामग्री उपलब्ध करती है।
बहुत सी महिलाओं, सेवानिवृत्त व्यक्तियों या पहली बार के शिक्षार्थियों ने भी दूरस्थ शिक्षा को बहुत ही मूल्यवान पाया है। बाल कल्याण, खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता प्रशिक्षण आदि से संबंधित पाठ्यक्रमों ने अपनी शिक्षा पूरी करने में असमर्थ लोगों या अपने क्षितिज को और व्यापक बनाने के इच्छुक लोगों को रोजगार के लिए आवश्यक योग्यता प्राप्त करने के साधन सुलभ कराए हैं।
भारत भर के कुछ सबसे अच्छे दूरस्थ शिक्षा कॉलेज निम्नलिखित हैं :
*इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय या इग्नू –www.ignou.a.in
*पहले स्कूल ऑफ कॉरस्पोंडेंस एंड कंटीन्युइंग एजुकेशन के नाम से जाना जाने वाला स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग –www.sol.du.ac.in
*अन्नामलाई यूनिवर्सिटी – www.annamalaiuniversity.ac.in
*उस्मानिया यूनिवर्सिटी - www.osnabua.ac.in
*मणिपाल यूनिवर्सिटी- www.smude.edu.in
*सिक्किम यूनिवर्सिटी- www.smude.edu.in
*सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग- www.scdl.net
*कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी- www.karnatakakastateopenuniversity.in
*आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी – www.icfaiuniversity.in
*डॉ बी आर अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीआरएओयू) -(BRAOU) www.dbraou.ac.in
(उषा अल्बुकर्क कॅरिअर्स स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक और निधि प्रसाद वरिष्ठ परामर्श मनोवैज्ञानिक हैं।
careerssmartonline@gmail.com)