प्रकाशन विभाग की 24वें दिल्ली पुस्तक मेले में भागीदारी
उत्कृष्ट क्षेत्रीय भाषा डिस्प्ले के लिये मिला स्वर्ण पदक प्रकाशन विभाग ने अपनी समृद्ध विरासत के अनुरूप 25 अगस्त- 2 सितंबर, 2018 तक प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित 24वें दिल्ली पुस्तक मेले में भाग लिया. प्रकाशन विभाग ने बच्चों और अन्य विषयों से संबंधित पुस्तकों के अलावा इतिहास, स्वाधीनता आंदोलन, कला और संस्कृति के बारे में अपनी प्रकाशन व्यापक रूप से प्रदर्शित किये. प्रकाशन विभाग द्वारा स्थापित स्टाल मुख्यत: श्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी पुस्तकों पर केंद्रित था. प्रकाशन विभाग के स्टॉल पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी. विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान और जागरूकता के प्रसार के लिये विभाग द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं-योजना, कुरुक्षेत्र, आजकल, बाल भारती, रोजग़ार समाचार, एम्प्लॉयमेंट न्यूज़ आदि के लिये भी काउंटर लगाये गये.
अपनी परंपराओं के अनुरूप प्रकाशन विभाग ने अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में 19 पुस्तकों का एक समृद्ध संग्रह जारी किया जिनमें आत्मकथाएं, कला और संस्कृति, धरोहर, स्वतंत्रता आंदोलन और बच्चों से संबंधित पुस्तकें शामिल हैं. सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय श्री अमित खरे, ने 30 अगस्त, 2018 को आठ पुस्तकों का विमोचन किया जिनमें ‘रवीन्द्रनाथ की कला सृष्टि’’, भक्ति: उत्तर और दक्षिण भारत का सामान्य सूत्र’, ‘श्रुति और स्मृति’,‘डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार’ (कन्नड़) और ‘पं. दीनदयाल उपाध्याय’ (कन्नड़) शामिल हैं.
डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) और डॉ. रीता रानी पालीवाल, सचिव सस्ता साहित्य मंडल तथा डॉ. साधना राउत, महानिदेशक, प्रकाशन विभाग इस अवसर पर मौजूद थे.
28 अगस्त, 2018 को बाल साहित्य से संबंधित जानी मानी लेखिका डॉ. मधु पंत, विज्ञान कथा साहित्य के जाने माने लेखक श्री देवेंद्र मेवाड़ी और प्रकाशन विभाग की अपर महानिदेशक, डॉ. वसुधा गुप्ता की उपस्थिति में बच्चों के साहित्य से जुड़ी 11 और पुस्तकों का विमोचन किया गया. इन पुस्तकों में ‘दादी मां की पाती’, ‘सफर सुहाना स्वच्छता का’, ‘मैं हूं दोस्त तुम्हारी कविता’ और ‘निवेदिता का नया घर और अन्य कहानियां’ शामिल हैं.
2 सितंबर, 2018 को दिल्ली पुस्तक मेले के समापन समारोह में प्रकाशन विभाग को पुस्तक मेले के दौरान इसके स्टाल में क्षेत्रीय भाषा डिस्प्ले के लिये गोल्ड ट्राफी प्रदान की गई.
प्रकाशन विभाग का स्टाल इतिहास, स्वतंत्रता आंदोलन, कला और संस्कृति पर पुस्तकों की इसकी व्यापक रेंज के लिये आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा. इसने प्रकाशन विभाग को बड़े पैमाने पर पुस्तक प्रेमियों तक पहुंच कायम करने और उनसे मूल्यवान फीडबैक प्राप्त करने का एक अवसर प्रदान किया. - रो.स.