प्रधानमंत्री का युवा नवप्रवर्तकों एवं स्टार्ट-अप उद्यमियों के साथ संवाद
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ६ मई, २०१८ को दृश्य सेतु (विडियो ब्रिज) के माध्यम से देश भर के युवा नवप्रवर्तकों तथा स्टार्ट-अप उद्यमियों के साथ संवाद किया . यह प्रधानमंत्री का दृश्य सेतु शृंखला के माध्यम से सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ चौथा संवाद था. भारतीय युवाओं के रोज़गार सर्जक बनने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जनसंख्यिक लाभांश को कार्य में लगाने की दिशा में प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्र का आह्वान करते हुए कहा कि ‘इन्नोवेट इंडिया’ को एक जन आन्दोलन बनायें. उन्होंने नागरिकों को ‘इन्नोवेट इंडिया’ नारे के माध्यम से अपने विचारों तथा नवप्रवर्तनों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि स्टार्ट-अप क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए जनता के साथ पर्याप्त पूंजी एवं साहस का संयोजन आवश्यक होता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि समय का वह दौर बदल चुका है जहां स्टार्ट-अप का तात्पर्य केवल डिजिटल तथा प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तन होता था. उन्होंने कहा कि अब स्टार्ट-अप उद्यमी अनेक क्षेत्रों में हैं. स्टार्ट-अप २८ राज्यों, ६ संघ राज्य क्षेत्रों तथा ४१९ जिलों में फाइल हो चुके हैं. इनमें से ४४% स्टार्ट-अप टीयर-२ तथा टीयर-३ नगरों से पंजीकृत हुए हैं क्योंकि स्टार्ट-अप इंडिया स्थानीय नवप्रवर्तनों को उनके क्षेत्रों से प्रोत्साहित करने पर फोकस कर रहा है. इसके अतिरिक्त, ४५% स्टार्ट-अप महिलाओं द्वारा स्थापित किये गये हैं. श्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के अधीन पेटेंटस तथा टे्रडमार्क फाइल करना कैसे सरल हो गया है. सरकार ने ट्रेडमार्क के लिए आवेदन करने हेतु अपेक्षित प्रपत्रों की संख्या को चौहत्तर से घटाकर आठ कर दिया है, जिसके पारिणाम स्वरूप तीन वर्षों के अन्दर टे्रडमार्क पंजीकरण में तीन-गुना वृद्धि हुई है. पेटेंट की संख्या में भी पूर्व सरकार की तुलना में तीन-गुना वृद्धि हो चुकी है. युवा उद्यमियों के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए रु. १०००० करोड ‘फंड आफ फंडस’ सृजित कर चुकी है कि युवा उद्यमियों को उनके स्टार्ट-अप के लिए निधि के अभाव का सामना न करना पड़े तथा युवाओं को नवप्रवर्तन में आसानी हो. अभी तक उद्यम निधि में कुल रु. ६९८० करोड़ का उद्यामन करते हुए, ‘फंड आफ फंडस’ के माध्यम से रु. १२८५ करोड़ की फंडिग की जा चुकी है. -पीआईबी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा मृदा विज्ञान मंत्रालय
सरकार पिछले चार वर्षों के दौरान एक छोर से छोर, साकल्यवादी वैज्ञानिक पर्यावरण प्रणाली निर्मित करने पर कार्य करती रही है. इसमें देशी प्रौद्योगिकी के वाणिज्यीकरण को समर्थ बनाने के लिए रूपांतरण अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, नवप्रवर्तन तथा स्टार्ट-अप हेतु प्रभावपूर्ण बुनियादी अनुसंधान की गुणवत्ता एवं प्रमात्रा में वृद्धि करना शामिल है. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भू-विज्ञान मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने नई दिल्ली में पिछले ४ वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भू-विज्ञान मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में मीडिया को अवगत कराया. मंत्री ने कहा कि हमारा विज्ञान अब जल, ऊर्जा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, जलवायु, कृषि, खाद्य के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने हेतु कार्य कर रहा है. इसके साथ ही, भारत साइबर कायिक प्रणाली, कृत्रिम आसूचना, सुपर कम्प्यूटिंग, गहरे समुद्र, जैव-औषधीय तथा अन्य के अन्तर्गत महत्वाकांक्षी मिशनों के शुभांरभ में भावी-तैयारी कर रहा है जो हमें तीव्रता के साथ बदलते विश्व क्रम में वैश्विक रूप से प्रतिस्पद्र्धी बनायेगा. –ईएन
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
सरकार पिछले चार वर्षों के दौरान एक छोर से छोर, साकल्यवादी वैज्ञानिक पर्यावरण प्रणाली निर्मित करने पर कार्य करती रही है. इसमें देशी प्रौद्योगिकी के वाणिज्यीकरण को समर्थ बनाने के लिए रूपांतरण अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, नवप्रवर्तन तथा स्टार्ट-अप हेतु प्रभावपूर्ण बुनियादी अनुसंधान की गुणवत्ता एवं प्रमात्रा में वृद्धि करना शामिल है. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भू-विज्ञान मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने
नई दिल्ली में पिछले ४ वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भू-विज्ञान मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में मीडिया को अवगत कराया. मंत्री ने कहा कि हमारा विज्ञान अब जल, ऊर्जा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, जलवायु, कृषि, खाद्य के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने हेतु कार्य कर रहा है. इसके साथ ही, भारत साइबर कायिक प्रणाली, कृत्रिम आसूचना, सुपर कम्प्यूटिंग, गहरे समुद्र, जैव-औषधीय तथा अन्य के अन्तर्गत महत्वाकांक्षी मिशनों के शुभांरभ में भावी-तैयारी कर रहा है जो हमें तीव्रता के साथ बदलते विश्व क्रम में वैश्विक रूप से प्रतिस्पद्र्धी बनायेगा. –ईएन
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
देश भर में १९३ एक पड़ाव केंद्र (ओएससीज) जो कि सखी केंद्रों के रूप में लोकप्रियता के साथ जाने जाते हैं, कार्य कर रहे हैं. विगत चार वर्षों में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की उपलब्धियों पर मीडिया के साथ नई दिल्ली में संवाद के दौरान म. एवं बा. वि. मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए देश में १९३ सखी केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं. मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष तक एक पड़ाव केंद्रों की संख्या बढक़र ६०० से अधिक हो जायेगी. लगभग १.३ लाख महिलाओं सहायता की जा चुकी है.
मंत्री ने यह भी उल्लेखित किया कि गृह मंत्रालय ने हाल ही में महिला सुरक्षा के मुददों को तवज्जों देने के लिए एक विशेष प्रभाग सृजित किया है. महिला एवं बाल विकास मंत्री सभी मंत्रालयों को एक समरूपी प्रभाग सृजित करने के लिए पत्र लिख चुकी हैं. मंत्री ने आगे कहा कि गृह मंत्रालय लैंगिक अपराधियों का एक राष्ट्रीय आधान सृजित कर रहा है. इस आधान के लिंग अपराधियों की विवरणिका को राज्यों/सं.क्षे. के साथ साझा किया जायेगा. निर्भया फंड के अधीन मूल्यांकित परियोजनाओं के बारे में प्रमुखता से बताते हुए मंत्री ने महिला संरक्षा एवं सुरक्षा को अत्यधिक प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा निर्भया फंड के अधीन रु. ६,००० करोड़ से अधिक की परियोजनाएं मूल्यांकित की जा चुकी हैं.
अनिवासी भारतीय (एनआरआई) विवाहों के अंतर्गत विवादों पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय रजिस्ट्रारों को आदेश जारी करने की प्रक्रिया में है कि एनआरआई विवाहों को ४८ घंटे के अन्दर पंजीकृत करना होगा अन्यथा पासपोर्ट/वीजा जारी नहीं किये जायेंगे. रजिस्ट्रार ऐसे एनआरआई विवाहों के विवरण महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजेंगे ताकि एक केंद्रीय डाटाबेस तैयार किया जा सके.
मंत्रालय हाल ही में ऐसे मामलों के अन्तर्गत ‘ सतर्क रहने के ६ परिपत्र’ जारी कर चुका है, विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट निरस्त किये जा चुके हैं. मंत्रालय हितधारकों से प्राप्त हुए लगभग १५००० सुझावों, टिप्पणियों पर विचार करने के पश्चात मसौदा राष्ट्रीय महिला नीति, २०१७ तैयार कर चुका है. – ईएन
सरकार ४० वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए एक योग नयाचार विकसित करेगी
आयुष मंत्रालय ४० वर्ष से अधिक आयु समूह की महिलाओं पर विशेष ध्यान दे रही है और उनके लिए भारतीय रजोनिवृत्ति समिति के साथ परामर्शन के अन्तर्गत विशेष रूप से एक योग नयाचार विकसित कर रहा है. कार्यक्रम से उन महिलाओं को लाभ होगा जिन्हें विशेष रूप से इस आयु समूह के अन्तर्गत होने वाली स्वास्थ्य समस्या है. योग पर तृतीय स्वास्थ्य संपादक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आयुष मंत्री श्री श्रीपद एस्सो नाइक ने कहा कि योग विश्व के लिए भारत की एक सर्वाधिक अमूल्य एवं महत्वपूर्ण विरासत है. आज के उत्तेजनापूर्ण जीवन में जहां तनाव जीवन शैली का पर्याय वन चुका है, योग संतुलित एवं शांतिपूर्ण जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करता है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य जीवनशैली उपलब्ध कराने हेतु अनेक कदम उठा चुका है. तृतीय स्वास्थ्य संपादक सम्मेलन, जिसका आयोजन मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईटी), प्रेस सूचना ब्यूरो तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था, का उद्देश्य विशेषज्ञों की सहायता के साथ योग के वैज्ञानिक एवं तकनीकी पहलुओं को सामने लाना था. योग तथा संबद्ध विज्ञानों के विशेषज्ञों ने प्राचीन श्वसन एवं अन्य कसरतों के लाभों को प्रमुखता देते हुए, अपने शोध प्रपत्र भेंट किए.- ईएन