रोज़गार समाचार
सदस्य बनें @ 530 रु में और प्रिंट संस्करण के साथ पाएं ई- संस्करण बिल्कुल मुफ्त ।। केवल ई- संस्करण @ 400 रु || विज्ञापनदाता ध्यान दें !! विज्ञापनदाताओं से अनुरोध है कि रिक्तियों का पूर्ण विवरण दें। छोटे विज्ञापनों का न्यूनतम आकार अब 200 वर्ग सेमी होगा || || नई विज्ञापन नीति ||

विशेष लेख


Volume-7

स्वच्छता पखवाड़ा अपडेट्स: इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर के तौर पर उभरा

-आनंद सौरभ

इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में देश का सबसे स्वच्छ शहर के तौर पर उभर कर आया है. यह सर्वेक्षण 434 शहरों और कस्बों में संचालित किया गया था. शहरी विकास मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने 4 मई, 2017 को सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा की. भोपाल, विशाखापत्तनम, सूरत, मैसूर, तिरुचिरापल्ली, नई दिल्ली महानगर परिषद, नवी मुंबई, वडोदरा और चंडीगढ़ इस क्रम में सर्वोच्च 10 शहरों में हैं. गोण्डा (उत्तर प्रदेश) सर्वेक्षण में सबसे निचले स्थान पर रहा. इसके बाद भूसावल (महाराष्ट्र), बागाहा (बिहार)-433, हरदोई (उ.प्र.)-432, कटिहार (बिहार)-431, बहराइच (उ.प्र.)-429, मुक्तसर (पंजाब)-427, मुक्तसर (पंजाब)-426 और खुर्जा (उ.प्र.)-425वें स्थान पर रहे.
श्री नायडू ने कहा अक्टूबर 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत से पहले 2014 में किए गए सर्वेक्षण से अभी तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बाद मध्यप्रदेश गुजरात झारखंड और छत्तीसगढ़ ने अपनी रैंकिंग में काफी सुधार किया है. 2016 में किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण में 73 शहरों को शामिल किया गया था और यह राजधानी शहरों के अलावा लगभग दस लाख से ज्यादा की जनसंख्या वाले शहरों में आयोजित किया गया. श्री नायडू ने कहा कि 50 शीर्ष स्वच्छ शहरों ने कुल 14 राज्यों का प्रधिनिधित्व किया, इन शहरों में गुजरात के 12, मध्य प्रदेश के 11, आंध्र प्रदेश के 8 और चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, सिक्किम और उत्तर प्रदेश के एक-एक शहर शामिल हैं. वाराणसी का 2014 में 418वां रैंक था, इस वर्ष इसके रैंक में सुधार होकर 32वां स्थान प्राप्त हुआ है और यह उत्तरी क्षेत्र में सबसे तेजी से स्वच्छता अपनाने वाला बड़ा शहर बन गया है, उन्होंने कहा किए उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब और केरल को शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता मानकों में सुधार लाने के लिए व्यापक रूप से प्रयास करने की जरूरत है.
 स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त बनाने और हर घर से नगरपालिका ठोस अपशिष्ट एकत्र करने, प्रोसेसिंग करने और निपटान करने के वर्तमान में चल रहे प्रयासों के आधार पर परिणामों को प्राप्त करना है. कुल 2000 अंकों में से 900 अंक ओडीएफ  और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में किए गए कार्य के लिए, 600 अंक नागरिक फीडबैक के लिए और 500 अंक निष्पक्ष आकलन के लिए निर्धारित किए गए हैं.
स्वच्छ भारत मिशन की निगरानी के लिये राजघाट पर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र स्थापित किया जायेगा
‘‘सरकार नई दिल्ली में राजघाट पर  राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र स्थापित करेगी. संस्कृति मंत्रालय के स्वच्छता पखवाड़ाअभियान के समापन समारोह के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री डा. महेश शर्मा ने घोषणा की कि यह केंद्र पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा गांधी स्मृति और दर्शन समिति में राजघाट में स्वच्छ भारत मिशन की निगरानी के लिये स्थापित किया जायेगा. संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे.
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) ही सरकार की एकमात्र प्राथमिकता नहीं है, बल्कि यह भारत के लोगों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन बन गया है और देश के हर कोने से इसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के बाद अभी तक चार करोड़ से अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है और 1,94,000 गांव तथा 135 जिलों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ ) किया गया है. उन्होंने बताया कि हिमाचल, सिक्किम तथा केरल ओडीएफ  राज्य हैं और जल्द ही 6-7 और राज्यों को ओडीएफ  राज्य घोषित किया जाएगा.