विपणन में कॅरिअर
विजय प्रकाश श्रीवास्तव
प्रबंधन की अनेक विधाएं है. एक मुख्य विधा विपणन है. इसके अतिरिक्त वित्त, मानव संसाधन, ऑपरेशन, संभार-तंत्र आदि अन्य विधाएं है. यह नहीं कहा जा सकता है कि कोई एक विधा किसी अन्य विधा से महत्वपूर्ण है. तथापि, समाज में हो रहे बदलाव ने विपणन को लोगों के आकर्षण का केन्द्र बिन्दु बना दिया है और आज विपणन-व्यवसायी पूरे विश्व में अच्छी मांग में है.
प्रख्यात प्रबंधन- गुरू पीटर ड्रकर (१९०९-२००५) ने कहा था किसी व्यवसाय उद्यम के दो और मात्र दो मूल कार्य हैं- विपणन और नव प्रवर्तन. कोई भी व्यवसाय जो विकास पथ पर आगे बढऩा चाहता है उसे विपणन की शक्ति का उपयोग करना ही होगा. आज विशाल निगम विपणन को अपनी मुख्य नीति बना कर ही इस स्तर पर पहुंचे हैं. ग्राहकों के रूप में हम, हमें बताए गए विभिन्न विपणन प्रयासों से अनजान नहीं बने रह सकते. हममें से अधिकांश जानते हैं कि विपणन क्या है भले ही, इसे समझाना हमारे लिए
कठिन हो.
विपणन को विभिन्न रूपों में परिभाषित किया गया है विपणन के सार वाली एक सामान्य परिभाषा विपणन की व्याख्या इस प्रकार करती है- ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझना, उत्पादों और सेवाओं की रूपरेखा इन आवश्यकताओं के अनुसार बनाना और इन उत्पादों तथा सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाना. विपणन का अध्ययन हमें बताता है कि लोग अन्य ब्रांडों की तुलना में किसी ब्रांड को क्यों खरीदतें है और उसे क्यों पसंद करते हैं.
आर्थिक उदारीकरण के बाद हमारे देश में उपभोक्तावाद वेग के साथ फैला है. उत्थानशील मध्य आय वर्ग मांग का वाहक है. अधिकाधिक युवक अत्यधिक खर्चीली आय वाली कार्यशील जनसंख्या का भाग बन रहे हैं. उपभोक्ताओं ग्राहकों के पास अधिक विकल्प हैं और व्यवसाय जगत अभूतपूर्व प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है. इस परिदृश्य में व्यवसाय उद्यम विपणन में भारी निवेश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें बाजार में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने की चुनौती को पूरा करने और फिर उस हिस्सेदारी को बढ़ाना होता है.
सभी बड़े और मझले आकार की कंपनियों के कॉर्पोरेट स्तर पर विपणन विभाग होते हैं जिनका प्रबंधन सामान्यत: विपणन में व्यावसायिक रूप से अर्हता प्राप्त व्यक्ति करते हैं. इनके साथ ही साथ इनके क्षेत्रीय विपणन कार्यालय और क्षेत्रगत (फील्ड) विपणन टीमें भी होती हैं.
किसी आम आदमी को विपणन एक सामान्य, सीधा कार्य लग सकता है, किन्तु विपणन के छात्रों के लिए यह एक विषय अनेक अन्तर्निहित विषय-वस्तुओं वाला एक व्यापक विषय है. विपणन के अंतर्गत किए जाने वाले कुछ कार्य
निम्नलिखित हैं:-
बाजार नियोजन :- प्रत्येक व्यवसाय संगठन को एक विस्तृत विपणन योजना की आवश्यकता होती है. इस योजना में शामिल किए जाने वाले क्षेत्रों, बाजार में दिए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं की विशेषता, लक्षित ग्राहक वर्ग, अपनाई जाने वाली विपणन नीतियों और इन नीतियों को कार्यान्वित करने के समय को ध्यान में रखा जाता है. मूल रूप से विपणन, कहां, क्या, कैसे, कब और किसे करने से संबद्ध है.
बाजार अनुसंधान: किसी बाजार योजना को प्रभावी बनाने के लिए बहुत से सतही कार्य आवश्यक होते हैं, जिनमें बाजार- अनुसंधान भी शामिल होता है. बाजार अनुसंधान उपभोक्ताओं में उनकी पसंद में हो रहे बदलाव, प्रतिस्पर्धा और प्रतिस्पर्धियों की नीतियों का अध्ययन है. इसमें डाटा संकलन एवं पूर्वानुमान भी शामिल होता है. सामान्य रूप में बाजार अनुसंधान का अर्थ बाजार और उसमें उपलब्ध संभावनाओं को समझना हैं.
विज्ञापन : विज्ञापन हमारे लिए नया नहीं है. हम प्रतिदिन समाचार पत्रों में या दूरदर्शन पर और सोशल मीडिया में विज्ञापन देखते हैं. ये सभी विज्ञापन विपणन नीतियों के अनुसार दिए जाते हैं. विज्ञापन असरदार और अत्यधिक आकर्षक होने चाहिएं. विज्ञापन एक विचार से प्रारंभ होते हैं, जिसका विकास किया जाना होता है. इतना ही महत्वपूर्ण मीडिया नियोजन भी है, जिसमें निवेश पर अधिकतम प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए मीडिया मंचों, स्थानों आदि का पता लगाना शामिल
होता है.
ब्रांडिंग : विक्रेता अपनी उपस्थिति को मजबूत करने और अपनी पहचान बनाने के लिए ब्रांडिंग अपनाते हैं. ब्रांडिंग एक उत्पाद (अथवा सेवा) को अन्य उत्पाद या सेवा से अलग पहचान बनाए रखती है और क्रय पुनरावृत्ति में सहायता करती है. इस तरह विक्रेता कई महत्व के विक्रय से आश्वस्त होता है. यदि एक ग्राहक के रूप में हम अपने व्यवहार का अध्ययन करें तो हम देख सकते हैं कि हम किसी विशेष ब्रांड की ओर कैसे आकर्षित होते हैं. खरीददारी करते समय हम साबुन का नहीं बल्कि एक विशेष ब्रांड के साबुन की मांग करते हैं. यही बात डिब्बा बंद खाद्य, डिटर्जेंट आदि पर भी लागू होती है.
विक्रय : यह एक मिथ्या धारणा है कि विपणन और विक्रय एक ही और सामान्य कार्य हैं. वास्तव में विक्रय, विपणन का एक भाग है. विपणन में कई बातें शामिल होती हैं जिनका ऊपर उल्लेख किया जा चुका है. जहां केवल विक्रय पर बल होता है, उस पर एक अल्पकालीन सोच होती है, जबकि विपणन एक दीर्घावधि सोच के साथ किया जाता है. वास्तव में विपणन के प्रयास बढ़े हुए विक्रय में परिणत होने चाहिए किन्तु मात्र यही विपणन का उद्देश्य नहीं है. प्रभावी विपणन से व्यवसाय की धारणीयता होती है.
उक्त के अतिरिक्त एवं इसके एक भाग के रूप में, मार्केटिंग के लिए उपभोक्ता व्यवहार, व्यवसाय संचार, ग्राहक सेवा, व्यवसाय पूर्वानुमान, उत्पाद प्रबंधन और संबंध प्रबंधन का अध्ययन अपेक्षित होता है. उभर रहे परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया या मार्केटिंग को भी विपणन के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.
विपणन में एक अच्छे कॅरिअर के लिए आपके पास प्रबंधन में स्नातकोत्तर योग्यता और विपणन में विशेषज्ञता होनी चाहिए. यह योग्यता डिग्री या डिप्लोमा के रूप में हो सकती है. केवल कुछ ही मामलों में बीबीए (व्यवसाय प्रशासन स्नातक) या बीएमएस (प्रबंधन अध्ययन स्नातक) योग्यता वाले व्यक्ति या तो कनिष्ठ पद पर या किसी विक्रय प्रोफाइल पर किसी विपणन कॅरिअर में जाने का अवसर प्राप्त करते हैं. १०+२ या एसएससी योग्यता धारी कोई भी व्यक्ति इन स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने का पात्र होता है. इसी क्रम में सभी स्नातक, भले ही उन्होंने कोई भी विषय चुने हों, प्रबंधन में किसी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं. नियमित पूर्णकालिक पाठ्यक्रम दो वर्ष की अवधि का होता है और विशेषज्ञता पूर्ण अध्ययन अधिकांशत: दूसरे वर्ष कराया जाता है. कुछ संस्थानों द्वारा विपणन प्रबंधन के लिए विशेष पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं जिन्हें विपणन प्रबंधन में मास्टर या विपणन प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा का नाम दिया जाता है. आपके द्वारा चुना जाने वाला पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से संबद्ध हो या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यताप्राप्त हो.
लगभग सभी व्यवसाय विद्यालय विपणन प्रबंधन में पाठ्यक्रम चलाते हैं तथापि कुछ संस्थानों द्वारा चलाये जाने वाले पाठ्यक्रमों की प्रतिष्ठा बेहतर है. भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद ऐसा ही एक संस्थान है. इसी कड़ी में अगले आईआईएम कोलकाता, बैंगलुरू, कोझिकोड, लखनऊ, रांची और इंदौर हैं. रोहतक, तिरुचिरापल्ली, काशीपुर, शिलांग, उदयपुर आदि में नए खोले गए आईआईएम भी प्रख्यात हैं. अधिकांश विश्वविद्यालय में विपणन प्रबंधन सहित विपणन में स्नातकोत्तर डिग्री चलाने के लिए व्यवसाय प्रशासन विभाग, संकाय या संस्थान होते हैं. ऐसे ही कुछ स्थापित विश्वविद्यालय निम्नलिखित हैं :
*दिल्ली विश्वविद्यालय
*बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
*देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
*सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे
*मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, जयपुर
*लखनऊ विश्वविद्यालय
*गुरुनानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर
*जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
नीचे कुछ ऐसे अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची दी गई है जहां विपणन प्रबंधन में पाठ्यक्रम उपलब्ध है:
*जमुनालाल बजाज प्रबंधन अध्ययन संस्थान, मुंबई
*एस पी जैन प्रबंधन अनुसंधान संस्थान मुंबई
*प्रबंधन विकास संस्थान, गुरुग्राम
*टी ए पई प्रबंधन संस्थान, मणिपाल
*गोवा प्रबंधन संस्थान
*निरमा प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद
*एशिया पैसिफिक प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली
*बिरला प्रबंधन प्रौद्योगिकी संस्थान, ग्रेटर नोएडा
* प्रबंधन प्रौद्योगिकी संस्थान, गाजियाबाद
आईआईएम में प्रवेश सामान्य अभिरुचि परीक्षा- जिसे कैट के रूप में भी जाना जाता है, में प्राप्त अंकों के आधार पर दिया जाता है. ये कैट अंक अधिकंाश अन्य प्रबंधन संस्थानों द्वारा स्वीकार किए जाते हैं. कई राज्यों में कैट जैसी परीक्षाएं होती हैं जो उन राज्यों में उपलब्ध प्रबंधन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ली जाती हैं. उदाहरण के लिए तकनीकी शिक्षा
विभाग, महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र स्थित विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पाठ्यक्रमों के लिए ऐसी परीक्षाएं लेती हैं. अनेक निजी संस्थान अपनी निजी परीक्षाएं संचालित करते हैं. इनमें से प्रतिष्ठित संस्थान इस प्रकार हैं: जेवियर श्रमिक संबंध संस्थान, जमशेदपुर ; सिम्बायोसिस व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, पुणे; नरसी मोनजी प्रबंधन अध्ययन संस्थान, मुंबई आदि. कुछ निजी संस्थान भारतीय प्रबंधन विद्यालयों के संघ द्वारा संचालित एटीएमए में तथा अखिल भारतीय प्रबंधन संघ द्वारा संचालित मैट में प्राप्त अंकों को भी स्वीकार करते हैं.
विपणन प्रबंधन में विशेषज्ञता वाले स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कुछ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में उपलब्ध हैं. भारतीय व्यवसाय स्कूल, हैदराबाद और मोहाली एक कठिन एक वर्षीय प्रबंधन पाठ्यक्रम (विपणन) चलाते हैं. तथापि केवल अनुभव प्राप्त उम्मीदवारों को ही इनमें प्रवेश दिया जाता है. भारतीय व्यवसाय स्कूल ने एआईसीटीई की मान्यता नहीं ली है किन्तु इसकी शिक्षा का स्तर अंतर्राष्ट्रीय मान्यता वाला है.
विपणन प्रबंधन के उप विशेषज्ञता क्षेत्र हैं जैसे ग्रामीण विपणन, अंतर्राष्ट्रीय विपणन, कृषि व्यवसाय विपणन आदि, जो विशेष संस्थानों द्वारा चलाये जाते हैं.
विपणन प्रबंधन में योग्यता धारी छात्र निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य करने के अवसर प्राप्त कर सकते हैं:
एफएमसीजी क्षेत्र: एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) अर्थ व्यवस्था का एक बड़ा क्षेत्र है. इन उपभोक्ता सामानों को सभी वर्गों के व्यक्तियों द्वारा प्रयोग में लाया जाता है और इनकी भारी मांग है. ऐसे ही उत्पाद देने वाले अन्य संस्थान भी हैं, इसलिए निरंतर नवप्रवर्तन की आवश्यकता के अनुसार व्यापक प्रतिस्पर्धा है. इस क्षेत्र में बड़ी संस्थाएं अपनी सफलता के लिए अपने विपणन दल पर अत्यधिक निर्भर होती हैं. हिंदुस्तान यूनिलीवर, प्राक्टर एंड गैम्बल, नैसले, कोलगेट पॉमोलिव, पैपसी, कोका-कोला जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां और घरेलू विकसित कंपनियां जैसे अमूल, गोदरेज उद्योग, आईटीसी, मैरीको, डाबर, पतंजलि, आदि भारत में चलने वाली एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हैं.
बीएफएसआई क्षेत्र: बीएफएसआई क्षेत्र में बैकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा कंपनियां शामिल हैं. हम इस क्षेत्र में व्यापक विभिन्नताएं देखते हैं क्योंकि ऐसी कंपनियों का व्यवसाय बढ़ रहा है. अपनी विपणन योग्यताओं के साथ आप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में या तो विशेषज्ञ के रूप में अथवा सामान्य बैंकिंग अधिकारी के रूप में कार्य ग्रहण कर
सकते हैं.
निजी क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों को अपने व्यवसाय चलाने के लिए विपणन व्यवसायों की आवश्यकता होती है. आपने पढ़ा होगा की बीमा एक अनुरोध का विषय है जो बीमा व्यवसाय में विपणन के महत्व पर बल देता है. इस क्षेत्र में अन्य संस्थाएं म्युचुअल फंड, स्टॉक ब्रोकिंग फर्में, आवासन वित्त कंपनियां आदि शामिल हैं.
विज्ञापन एवं बाजार अनुसंधान : विज्ञापन एजेंसियों ने अन्य व्यवसायियों के साथ साथ कॉपी राइटर, विजुअलाइजर और विपणन व्यवसाय होते हैं. विपणन व्यवसायियों के कार्यों को विज्ञापन नीतियां बनाने या अभियान चलाने में महत्वपूर्ण माना जाता है किसी भी विज्ञापन अभियान को प्रारंभ करने से पहले बाजार अनुसंधान भी किया जाता है. कई ऐसी कंपनियां हैं जो केवल बाजार अनुसंधान के क्षेत्र में रत है. इन्हें वे ग्राहक भुगतान करते हैं जो उनसे अनुसंधान सामग्री प्राप्त करते हैं. इन क्षेत्रों के लिए होनहार और सृजनशील व्यवसायियों की आवश्यकता होती है.
शिक्षा : भारत और विदेश में प्रबंधन संस्थानों की बड़ी संख्या होने के कारण अध्यापन के अवसर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं. एक नये उम्मीदवार के रूप में अध्यापन के क्षेत्र में आपके चुने जाने के कम अवसर होते हैं. उद्योग का कुछ वर्षों का अनुभव और/या पी.एचडी योग्यता के साथ आपके लिए संकाय पद प्राप्त करना आसान होता है. डॉ. जगदीश सेठ और प्रोफेसर निर्मल्य कुमार विपणन के प्रोफेसरों के दो ऐसे उदाहरण हैं जो विदेश स्थित प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ाते हैं.
परामर्श: अपने व्यवसाय में वृद्धि करने, अपनी पहुंच बढ़ाने और नये अवसरों का पता लगाने के लिए कई व्यवसाय-संगठनों को विशेषज्ञों के परामर्श की आवश्यकता होती है. कई ऐसी परामर्श एजेंसियां और निजी परामर्शदाता हैं जो ऐसी सेवाएं शुल्क पर देते हैं. ऐसी परामर्श सेवाओं की मांग बढ़ रही है किन्तु ऐसा कॅरिअर केवल बढ़े शहरों में ही
उपलब्ध है.
विपणन कार्मिकों की दूरसंचार, स्वास्थ्य परिचर्या, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, आतिथ्य, पेट्रोरसायन उद्योगों, सूचना प्रौद्योगिकी (हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर), भू संपदा कंपनियों और विशेषज्ञ संगठनों में भी आवश्यकता होती है. फेसबुक, गूगल एंड लिंकेडिन तथा ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे एमाजोन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील के भी उनके व्यवसाय दलों में भी विपणन व्यवसायी होते हैं. इनमें कार्य ग्रहण करना एक विकल्प है.
कई मामलों में विपणन व्यवसायियों की भर्ती कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से की जाती है. इनके वैकल्पिक चैनल जॉब पोर्टल, सोशल मीडिया और समाचार पत्र विज्ञापन होते हैं. डाटा दर्शाते हैं कि निजी क्षेत्र में विपणन व्यवसायियों के लिए अधिक अवसर होते हैं.
विपणन ऐसे व्यक्तियों के लिए अधिक उपयुक्त रोज़गार है जो धैर्यशील एवं लक्ष्य उन्मुखी होते हैं. कोई प्रबंधन कार्यक्रम करने के लिए या सलाह देने योग्य है कि पर्याप्त आधारिक संरचना सुविधा एवं उचित शुल्क वाले संस्थानों को चुना जाए न कि नए स्थापित केंद्रों को, जो कि न केवल अत्यधिक शुल्क लेते हैं बल्कि जिनकी प्रशंसा अभी प्रमाणित नहीं हुई है.
(लेखक मुंबई में एक कॅरिअर काउंसलर हैं) ई-मेल : v2j25@yahoo.in व्यक्त किए गए विचार निजी हैं
चित्र: गूगल के सौजन्य से