आज के तकनीक - संचालित डेयरी उद्योग में रोज़गार के अवसर
ज्योति तिवारी
भारत में डेयरी एक महत्वपूर्ण कृषि-व्यवसाय है, जिसमें क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा (लगभग 35%) संगठित है। भारत का डेयरी उद्योग अर्थव्यवस्था के लिए कई महत्वपूर्ण विकास लक्ष्यों को पूरा करने में काफी हद तक सफल रहा है, जैसे कि किसानों की आजीविका में सुधार, रोजगार सृजित करना, कृषि उद्योगीकरण और व्यावसायीकरण को प्रोत्साहित करना और जनता के लिए पोषण बढ़ाना। भारत के डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न प्रकार के हितधारक शामिल हैं, जैसे छोटे और बड़े पैमाने पर किसान, सहकारी समितियाँ, निजी डेरियां, एग्रीगेटर्स, दूध प्रसंस्करण कंपनियाँ, वितरक और खुदरा विक्रेता। सरकार किसानों का समर्थन करने और डेरी उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
खेत से फ्रिज तक
डेयरी आपूर्ति श्रृंखला एक जटिल प्रक्रिया है जो खेत से शुरू होती है और फ्रिज में सम्पन्न होती है। गायों को दुहने से लेकर अंतिम उत्पादों की आपूर्ति करने तक, डेयरी व्यवसायों को दूध और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त प्रसंस्करण और प्रचालन अनिवार्यताओं का पालन करना होता है।
डेयरी व्यवसाय के सफल संचालन के लिए एक मजबूत टीम आवश्यक है। यह टीम दुधारू पशुओं के झुंड के स्वास्थ्य को बनाए रखने, प्रत्यक्ष खुदरा या प्रसंस्करण के लिए उपयोग किए जाने वाले दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन और बिक्री के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने, सुरक्षित संरक्षण सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को समय पर वितरण सुनिश्चित करने से लेकर जिम्मेदारियों की एक श्रृंखला सावधानीपूर्वक निष्पादित कर रही है। टीम में कृषि प्रबंधन, पशु चिकित्सा देखभाल और पोषण, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी, गुणवत्ता नियंत्रण विशेषज्ञ, पैकेजिंग विशेषज्ञ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, विपणन और बिक्री जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले व्यक्ति और भारी मशीनरी के संचालन और रखरखाव के लिए इंजीनियर और तकनीशियन शामिल हैं।
डेयरी व्यवसाय व्यवस्था में प्रमुख कार्मिकों और उनकी जिम्मेदारियों की सूची नीचे दी गई है:
· उत्पाद निर्माता: नए उत्पाद, स्वाद और प्रारूप की जरूरतें डेयरी प्रोसेसर के विकास में योगदान करती हैं। इसलिए, लगातार बढ़ते प्रतिस्पर्धी बाजार में उपभोक्ताओं के साथ तालमेल बिठाने और नए एवं उन्नत उत्पादों के नवाचार के लिए, मध्यम और बड़े डेयरी उद्योग, अनुसंधान और विकास पर खर्च करते हैं। ऐसे पेशेवर की डेयरी उद्योग में काफी मांग में है, जो अतिरिक्त कार्यक्षमता और स्वास्थ्य लाभ के साथ उत्पाद विकसित कर सकते हैं।
· डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट डेयरी उत्पादन की दक्षता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नई तकनीक और प्रक्रियाएं विकसित करने और उनके कार्यान्वयन में सुधार लाने के लिए जिम्मेदार है।
· डेयरी इंजीनियर डेयरी उत्पादन में काम आने वाले उपकरण और मशीनरी की डिजाइनिंग, संस्थापना और रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं। डेयरी उद्योग बड़े पैमाने पर स्वचालन से गुजर रहा है और अधिक से अधिक तकनीक संचालित होता जा रहा है। इसलिए इंजीनियरों की मांग बढ़ रही है।
· डेयरी गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी दूध और डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता की निगरानी और परीक्षण कार्यों की देखरेख करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे उद्योग मानकों को पूरा करते हैं।
· डेयरी प्रबंधक उत्पादन, वित्तीय प्रबंधन और स्टाफ प्रबंधन सहित डेयरी फार्म या सुविधा के दिन-प्रतिदिन के कार्यों की देखरेख करता है।
· डेयरी प्रयोगशाला तकनीशियन दूध और डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके नमूनों का परीक्षण और विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार है।
· डेयरी बिक्री और विपणन कार्यकारी ग्राहकों और वितरकों को डेयरी उत्पाद बेचने और उन्हें प्रोत्साहित करने की भूमिका का निर्वाह करता है।
· दुग्ध उपार्जन अधिकारी दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध संग्रहण एवं क्रय करने तथा उसकी गुणवत्ता एवं मात्रा सुनिश्चित करने का कार्य देखता है।
· डेयरी प्लांट संचालक पाश्चुरीकरण और पैकेजिंग सहित डेयरी उत्पादन प्रक्रियाओं में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों और मशीनरी का संचालन करता है।
· डेयरी पोषण विशेषज्ञ डेयरी पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन को अनुकूलित करने के लिए पोषण योजनाएं विकसित और कार्यान्वित करता है।
· डेयरी पशुचिकित्सक डेयरी पशुओं का स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती सुनिश्चित करने के लिए उन्हें चिकित्सा देखभाल और उपचार प्रदान करते हैं।
· डेयरी फार्म मैकेनिक डेयरी उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और मशीनरी के रखरखाव और मरम्मत का काम देखता है।
· डेयरी लेखाकार बजट, लेखा और रिकॉर्ड-कीपिंग सहित डेयरी फार्म या केन्द्र के वित्तीय पहलुओं का प्रबंधन करता है।
· डेयरी विस्तार अधिकारी पशु देखभाल और उत्पादन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर डेयरी किसानों को शिक्षा और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
· डेयरी चरवाहा दैनिक आधार पर डेयरी पशुओं के झुंड का प्रबंधन करता है, जिसमें दूध पिलाना और खिलाना शामिल है।
डेयरी क्षेत्र में शीर्ष नौकरियों के लिए सर्वोत्तम तैयारी करने के लिए, किसी ऐसे शैक्षणिक पाठ्यक्रम का अनुसरण करना चाहिए जो न केवल उम्मीदवार को डेयरी उत्पादन, प्रसंस्करण और आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं के बारे में शिक्षित करता हो, बल्कि उसे उद्योग के लिए तैयार भी करे। डेयरी उद्योग में करियर बनाने के लिए सबसे उपयुक्त शैक्षणिक पाठ्यक्रम डेयरी विज्ञान और/या खाद्य प्रौद्योगिकी है।
डेयरी विज्ञान: पाठ्यक्रम और कॉलेज
डेयरी विज्ञान दूध और दूध से बने खाद्य उत्पादों के जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी और इंजीनियरी का अध्ययन है। इसमें दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण और प्रबंधन के साथ-साथ नए और बेहतर डेयरी उत्पादों के विकास के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन शामिल है।
डेयरी विज्ञान के क्षेत्र में विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जैसे:
· डेयरी पशुओं की आनुवंशिकी, प्रजनन, पोषण और स्वास्थ्य सहित दुग्ध उत्पादन और प्रबंधन।
· पास्तुरीकरण, विलयन और किण्वन सहित दूध का प्रसंस्करण और संरक्षण।
· डेयरी रसायन और सूक्ष्म जीव विज्ञान, जिसमें दूध की संरचना और गुणों और उसमें पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों का अध्ययन शामिल है।
· डेयरी इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, जिसमें डेयरी उद्योग में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और सुविधाओं के डिजाइन और संचालन शामिल हैं।
· डेयरी उत्पाद विकास और मूल्यांकन, जिसमें विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों का निर्माण, उत्पादन और मूल्यांकन शामिल है।
डेयरी वैज्ञानिक अक्सर डेयरी उद्योग, सरकारी एजेंसियों या शोध संस्थानों में काम करते हैं, जहां वे अनुसंधान, उत्पाद विकास, गुणवत्ता नियंत्रण या प्रबंधन में शामिल हो सकते हैं। डेयरी विज्ञान के स्नातकों के पास खाद्य प्रसंस्करण और निर्माण, परामर्श और शिक्षा में भी करियर के अवसर हैं।
डेयरी विज्ञान पढ़ाने वाले शीर्ष भारतीय कॉलेज
· राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल, हरियाणा।
· भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), उत्तर प्रदेश।
· डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी कॉलेज, आणद कृषि विश्वविद्यालय, गुजरात।
· मद्रास वेटरनरी कॉलेज, चेन्नई।
· डेयरी साइंस कॉलेज, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बेंगलुरू।
· लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा।
· गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब।
· डेयरी विज्ञान और खाद्य प्रौद्योगिकी कॉलेज, उड़ीसा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, ओडिशा।
· डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी कॉलेज, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, महाराष्ट्र।
· डेयरी विज्ञान कॉलेज, पशु चिकित्सा कॉलेज और अनुसंधान संस्थान, तमिलनाडु।
· डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी कॉलेज, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक।
· कॉलेज ऑफ डेयरी साइंस, एमपीकेवी, राहुरी, महाराष्ट्र।
· डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी कॉलेज, राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान।
· डेयरी विज्ञान विभाग, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश।
· डेयरी साइंस कॉलेज, गुजरात कृषि विश्वविद्यालय, गुजरात।
· डेयरी विज्ञान विभाग, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर, तमिलनाडु।
· डेयरी विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हरियाणा।
· डेयरी विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, रायचूर, कर्नाटक।
· डेयरी विज्ञान विभाग, असम कृषि विश्वविद्यालय, असम।
· डेयरी विज्ञान विभाग, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, गुजरात।
कृपया ध्यान दें कि यह सूची पूर्ण नहीं है और इसी तरह के कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले अन्य कॉलेज भी हैं। प्रवेश प्रक्रिया, योग्यता मानदंड, पाठ्यक्रम संरचना और फीस के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमेशा कॉलेज या विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट देखने की अनुशंसा की जाती है।
पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताएं: डेयरी विज्ञान
सामान्य नामकरण: बी.टेक (डेयरी प्रौद्योगिकी)/बी.टेक (डेयरी विज्ञान)/बी.टेक (डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी)/डेयरी प्रौद्योगिकी या डेयरी इंजीनियरिंग में डिप्लोमा।
पात्रता और प्रवेश
बीटेक डेयरी टेक्नोलॉजी/डेयरी इंजीनियरिंग/डे साइंस 4 साल का अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स है। जिन छात्रों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से साइंस स्ट्रीम में 12वीं कक्षा पास की है, वे बीटेक डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। देश के लगभग सभी शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान जेईई मेन और जेईई एडवांस जैसी प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर छात्रों को दाखिला देते हैं। प्रवेश परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के बाद काउंसलिंग का एक दौर भी होता है।
पाठ्यक्रम
बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी/बी.टेक डेयरी साइंस प्रोग्राम के लिए पढ़ाए जाने वाले विषय अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग समान हैं। सेमेस्टर मोटे तौर पर निम्नलिखित तरीके से विभाजित हैं:
सेमेस्टर I
· दूध का भौतिक रसायन
· दूध उत्पादन प्रबंधन और डेयरी विकास
· द्रव यांत्रिकी
· बुनियादी सूक्ष्म जीव विज्ञान
· उष्मागतिकी
· गणित
सेमेस्टर II
• डेयरी माइक्रोबायोलॉजी
• ऊष्मा और द्रव्यमान स्थानांतरण
• दूध का रसायन
• पारंपरिक डेयरी उत्पाद
• जैव रसायन और मानव पोषण
• औद्योगिक सांख्यिकी
सेमेस्टर III
• कंप्यूटर प्रोग्रामिंग
• संघनित और सूखा दूध
• वसा प्रचुरता वाले डेयरी उत्पाद
• प्रशीतन और वातानुकूलन
• डेयरी इंजीनियरी
• आर्थिक विश्लेषण
• डेयरी विस्तार शिक्षा
सेमेस्टर IV
· पनीर प्रौद्योगिकी
· आइस क्रीम और फ्रोजन डेसर्ट
· डेयरी उत्पादों का निरीक्षण
· स्टार्टर कल्चर और किण्वित दुग्ध उत्पाद
· डेयरी प्रक्रिया इंजीनियरिंग
· विपणन प्रबंधन और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
· डेयरी संयंत्र प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण
· डेयरी जैव प्रौद्योगिकी
सेमेस्टर V
· डेयरी उद्योग में सूचना प्रौद्योगिकी
· डेयरी उद्योग में गुणवत्ता और सुरक्षा की निगरानी
· उप-उत्पाद प्रौद्योगिकी
· वित्तीय प्रबंधन और लागत लेखा
· डेयरी संयंत्र डिजाइन और लेआउट
· रासायनिक गुणवत्ता आश्वासन
· डेयरी मशीन डिजाइन के सिद्धांत
· पर्यावरण विज्ञान-I
सेमेस्टर VI
• खाद्य अभियांत्रिकी
• खाद्य रसायन
• खाद्य और औद्योगिक सूक्ष्म जीव विज्ञान
• डेयरी उत्पादों की पैकेजिंग
• खाद्य प्रौद्योगिकी
• उद्यमिता विकास और औद्योगिक परामर्श
• ऑपरेशन रिसर्च
• पर्यावरण विज्ञान-II
सेमेस्टर VII
• व्यावहारिक प्रशिक्षण और अनुभवात्मक अधिगम
सेमेस्टर VIII
· किसी संयंत्र में प्रशिक्षण
उच्च अध्ययन
डेयरी प्रौद्योगिकी स्नातक विभिन्न पदों और रोज़गार भूमिकाओं में डेयरी उद्योग में शामिल होना पसंद कर सकते हैं या उच्च अध्ययन के लिए जा सकते हैं।
• डेयरी विज्ञान में स्नातकोत्तर : यदि कोई पूर्ववर्ती क्षेत्र में ही आगे अध्ययन जारी रखना चाहता है, तो डेयरी प्रौद्योगिकी में एम.टेक या एम.एससी पहला पाठ्यक्रम है। यह दो साल का कोर्स है और पात्रता मानदंड में डेयरी टेक्नोलॉजी में बीएससी/बीटेक होना शामिल है। यह सबसे लोकप्रिय परास्नातक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में से एक है और इसमें प्रवेश अत्यधिक प्रतिस्पर्धी हैं।
• एमबीए: बड़ी संख्या में इंजीनियरी स्नातक पीजीडीएम (प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) या एमबीए (व्यापार प्रबंधन में स्नातकोत्तर योग्यता) पाठ्यक्रम चुनकर प्रबंधन के क्षेत्र में जाने का विकल्प चुनते हैं। प्रवेश राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है। विशेषज्ञता विकल्प के रूप में एमबीए के साथ-साथ बीटेक डेयरी टेक्नोलॉजी की उपाधि होना बेहद फायदेमंद है और कई संगठन सक्रिय रूप से ऐसे उम्मीदवारों की तलाश करते हैं।
पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताएं: खाद्य प्रौद्योगिकी
खाद्य प्रौद्योगिकी/खाद्य प्रसंस्करण/खाद्य इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करना भी डेयरी उद्योग में प्रवेश करने का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। डेयरी उत्पादों के उत्पादन, संरक्षण और पैकेजिंग में उपयोग किए जाने वाले वैज्ञानिक सिद्धांतों और तकनीकों में एक मजबूत आधार प्रदान करके खाद्य प्रौद्योगिकी डेयरी उद्योग की नौकरियों में मदद कर सकती है। इस ज्ञान को उत्पाद विकास, गुणवत्ता नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन जैसी भूमिकाओं में लागू किया जा सकता है। खाद्य प्रौद्योगिकी को समझने से उत्पादन दक्षता में सुधार, उत्पाद की उपज में वृद्धि और उद्योग के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने में भी मदद मिल सकती है।
सामान्य योग्यताएं: बी.एससी (खाद्य प्रौद्योगिकी), बी.टेक (खाद्य प्रौद्योगिकी), बी.ई. (खाद्य प्रौद्योगिकी), बीई (खाद्य इंजीनियरिंग), बी.टेक (खाद्य प्रसंस्करण), बी.एससी (खाद्य सुरक्षा और प्रौद्योगिकी) आदि।
खाद्य प्रौद्योगिकी शिक्षण से संबद्ध प्रमुख भारतीय कॉलेज
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटीज)
• राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम), दिल्ली
• एमआईटी कला, डिजाइन और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र
• हरकोट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय, कानपुर
• भारतीय खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान
• राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान
• लक्ष्मीनारायण प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर
• जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली
• गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, दिल्ली
• गलगोटिया विश्वविद्यालय, नोएडा
• लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
पाठ्यक्रम
निम्न तालिका उन विविध विषयों को स्पष्ट करती है जिनसे आप खाद्य प्रौद्योगिकी में डिग्री या डिप्लोमा में अध्ययन करने की उम्मीद कर सकते हैं:
• खाद्य माइक्रोबायोलॉजी
• एंजाइम प्रौद्योगिकी
• खाद्य रोग-मुक्तता और स्वच्छता
• पोषण और स्वास्थ्य
• खाद्य प्रसंस्करण
• खाद्य संयंत्र लेआउट और डिजाइन
• कानून और गुणवत्ता आश्वासन
• खाद्य प्रसंस्करण में इकाई संचालन
• खाद्य और सब्जी प्रसंस्करण
• संयंत्र इंजीनियरी
• समुद्री भोजन और डेयरी प्रौद्योगिकी
• अनुप्रयुक्त खाद्य जैव प्रौद्योगिकी
• फसल प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी
• मांस और कुक्कुट प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी
• खाद्य योजक
• मिष्ठान प्रौद्योगिकी
• किण्वित दुग्ध उत्पाद
• खाद्य विश्लेषण
• पैकेजिंग प्रौद्योगिकी
• उत्पाद डिजाइन और विकास
• खाद्य प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम: लोकप्रिय विकल्प
खाद्य प्रौद्योगिकी में उच्च अध्ययन
मास्टर स्तर पर, आप न केवल खाद्य प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में मुख्य विषयों का अध्ययन करेंगे बल्कि किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए वैकल्पिक या एकाग्रता का चयन भी करना होगा। नीचे कुछ लोकप्रिय विकल्प दिए गए हैं:
• न्यूट्रास्यूटिकल्स
• पैकेजिंग और संबंधित प्रौद्योगिकी
• खाद्य संवेदी विज्ञान
• खाद्य प्रौद्योगिकी और सुरक्षा
• खाद्य प्रोटीन रसायन
• गुणवत्ता प्रबंधन
• बायोकेमिकल इंजीनियरी
• डेयरी उत्पाद और प्रौद्योगिकी
• फेब्रिकेटिड और टेक्सचर्ड खाद्य पदार्थ
• स्वास्थ्य डेटा विश्लेषण
• कृषि व्यवसाय प्रबंधन
• स्वाद प्रौद्योगिकी
डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम
• खाद्य प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य इंजीनियरी और प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य और डेयरी प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• खाद्य जैव प्रौद्योगिकी में पीएच.डी
• कृषि और खाद्य सुरक्षा में पीएचडी
प्रमुख भारतीय डेयरी कंपनियों की सूची
• अमूल
• मदर डेयरी
• केरल सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (एमआईएलएमए)
• पराग मिल्क फूड्स लिमिटेड
• श्राइबर डायनामिक्स डेयरीज लिमिटेड
• मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (दूधसागर डेयरी)
• कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड (नंदिनी)
• तमिलनाडु को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड
• क्रीमलाइन डेयरी प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जर्सी डेयरी)
• आंध्र प्रदेश डेयरी डेवलपमेंट कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड।
डेयरी क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की संभावनाएं
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), एडवांस्ड एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी नई तकनीकों ने डेयरी व्यवसायों के संचालन को डिजिटल बनाने, दूध की बर्बादी कम करने, दूध उत्पादन में सुधार करने, अंतिम छोर तक संभार तंत्र ढांचा विकसित करने, पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी करने, दूध उत्पादन में विसंगतियों का पता लगाने और मौसम की स्थिति की भविष्यवाणी करने, आदि कार्यों में मदद की है। डेयरी उद्योग में प्रौद्योगिकी की भूमिका का विस्तार हुआ है जिससे ग्रामीण स्तर पर दूध की संरचना के परीक्षण या स्वचालित दूध संग्रह से लेकर दूध की एयर-लिफ्टिंग तक, और यांत्रिक डेयरी संयंत्र संचालन और कुल दूध गुणवत्ता मापदंडों का आकलन करने जैसे कार्य इसके दायरे में आ गए हैं। इसके अलावा, तकनीक को अपनाने से गाय दूध देने के लिए तैयार है या नहीं, यह पता लगाने के लिए सेंसर जैसे अभिनव समाधान, रोबोट दुग्ध मशीन, उत्पाद खोज के लिए ब्लॉकचेन, मवेशियों की निगरानी और ड्रोन जैसे प्रयोग इस क्षेत्र में देखे गए हैं।
इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बाद, स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती उपभोक्ताओं के लिए प्राथमिक फोकस बन गया है। आजकल, उपभोक्ता खाद्य उत्पादों, विशेष रूप से डेयरी उत्पादों की स्वच्छता, गुणवत्ता, सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं। नतीजतन, प्रोबायोटिक्स जैसे उच्च पोषण मूल्य वाले उत्पादों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण के अनुकूल और सुविधाजनक पैकेजिंग भी डेयरी उद्योग के लिए एक आवश्यक मानदंड बन गया है। इसके अलावा, ई-कॉमर्स ने डेयरी उद्योग के लिए उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ने के अवसर भी पैदा किए हैं। इसकी विशाल क्षमता को महसूस करते हुए, सरकार, शिक्षा जगत, उद्योग और निजी संगठन डेयरी उद्योग को फलने-फूलने और इसे एक सफल कैरियर संभावना के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए मिल कर काम कर रहे हैं।