अक्षय ऊर्जा
कैरियर के जरिए जो धरती की मदद करें
अक्षय उर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा का हर तरफ बोलबाला है, क्योंकि नवाचार या नव परिवर्तन के जरिए कम लागत के साथ भविष्य के लिए स्वच्छ ऊर्जा के वादे को भी पूरा किया जा सकता है। दुनिया को एक बेहतर स्वरूप में ढालने के लिए ग्रीन करियर का चुनाव करें। अक्षय ऊर्जा धरती और मानव समुदाय दोनों के लिए बेहतर है, लेकिन वास्तव में यह है क्या?
अक्षय ऊर्जा क्या है
अक्षय ऊर्जा को अक्सर स्वच्छ ऊर्जा के रूप में जाना जाता है। नवीकरणीय ऊर्जा को वैकल्पिक ऊर्जा भी कहा जाता है, इसका सीधा सा मतलब है कि किसी प्राकृतिक स्रोत से ऊर्जा का सृजन किया जाता है जो उपयोग किए जाने पर समाप्त नहीं होता है, जैसे कि पवन या सौर ऊर्जा। यह प्राकृतिक संसाधनों से उत्पन्न होता है- जैसे सूरज की रोशनी, हवा, बारिश, ज्वार और भू-तापीय गर्मी। यह ऊर्जा समाप्त नहीं हो सकती है और लगातार नवीनीकृत होती है और, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे प्रकृति या जलवायु या पर्यावरण को नहीं के बराबर नुकसान पहुंचता है। नवीकरणीय ऊर्जा स्वच्छ, किफायती और भरोसेमंद है और इसमें गरीबी के साथ साथ जलवायु परिवर्तन का भी मुकाबला करने की क्षमता है।
इसके ठीक उलट तेल (पेट्रोलियम), कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन प्रकृति मेंसीमित मात्रा में ही उपलब्ध हैं। जैसे-जैसे हम इनका खपत करते जाएंगे उसी अनुपात में यह धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे। यद्यपि वे प्राकृतिक प्रक्रियाओं के जरिए उत्पन्न होते हैं, मनुष्य जिस अनुपात में इसका इस्तेमाल करते हैं उसी अनुपात में इसकी भरपाई नहीं हो पाती है। प्राकृतिक दृष्टिकोण से भारत में उर्जा की बहुतायत है, यहां सौर उर्जा, पवन उर्जा, जल आधारित उर्जा और जैव या बायोमास द्वारा उत्पादित ऊर्जा की प्रचुरता है। प्रौद्योगिकी के खतरनाक प्रभावों से लड़ने के लिए नई और अक्षय ऊर्जा ही एकमात्र कारगर समाधान है।
2011 के बाद से, अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल अन्य सभी ऊर्जा की तुलना में तेजी से बढ़ रही है। COVID-19 महामारी के कारण हुए भारी आर्थिक परेशानियों के बावजूद, 2020 में दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नौकरियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार पर आधारित एक वार्षिक रिपोर्ट में, अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कहा कि पिछले साल नवीकरणीय ऊर्जा और इससे जुड़े कंपनियों में12 मिलियन नौकरियां और उनमें से एक तिहाई सौर ऊर्जा से संबंधित थीं। साल 2019 में 11.5 मिलियन जॉब के बाद यह बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
अक्षय ऊर्जा क्यों महत्वपूर्ण है?
अक्षय उर्जा और मानव समुदाय को अक्षय उर्जा से होने वाले प्रमुख लाभ
किसी भी मानवीय गतिविधि की तरह, सभी ऊर्जा स्रोतों का हमारे वातावरण और पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ता है। हालांकि, जीवाश्म ईंधन के विनाशकारी प्रभावों से इनकार नहीं किया जा सकता है। मसलन जल और जमीन के उपयोग में कमी, कम वायु और जल प्रदूषण, कम वन्य जीवन और निवास स्थान का नुकसान, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना।
1. नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा नहीं के बराबर (शून्य) या कम ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती है। यह जलवायु के लिए अच्छा है- ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधन के दहन से बड़े पैमाने पर ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने में योगदान देता है। अक्षय उर्जा से जुड़े प्रौद्योगिकी के विभिन्न चरणों पर विचार करने पर भी नवीकरणीय ऊर्जा के अधिकांश स्रोतों से नहीं के बराबर उत्सर्जन नहीं होता है।
2. नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा शून्य या बहुत ही कम वायु प्रदूषण से संबंधित तत्वों का उत्सर्जन करती है। अक्षय उर्जा का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। पूरी दुनिया में जीवाश्म ईंधन पर आधारित सड़क परिवहन, औद्योगिक गतिविधि और बिजली उत्पादन में बढोत्तरी (साथ ही कई शहरों में कचरे को खुले में जलाना) वायु प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर को और बढ़ाने में बड़े पैमाने पर योगदान देती है। कई विकासशील देशों में, हीटिंग और खाना पकाने के लिए चारकोल और ईंधन की लकड़ी के अत्यधिक उपयोग से भी घऱ के भीतर वायु प्रदूषण केखराब स्तर को बढ़ाने का काम करता है। जीवाश्म ईंधन से पैदा होने वाले प्रदूषित कण और अन्य वायु प्रदूषक हकीकत में शहरों में वायु को इस हद तक प्रदूषित कर देते हैं कि लोगों का दम घुटने लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययनों के अनुसार, शहरो में आकाश के ऊपर प्रदूषित कणों की मौजूदगी के कारण लाखों लोग समय से पहले मौत के मुंह में समा जाते हैं और इससे निपटने में अरबों रुपये की लागत आती है।
3. अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा पर लागत बहुत ही कम आती है। आम लोगों के लिए ऊर्जा की कीमतों को किफायती स्तर पर बनाए रखने के लिए अक्षय ऊर्जा बेहतर विकल्प है।
4. नवीकरणीय ऊर्जा या अक्षय ऊर्जा नए रोजगार का सृजन करती है।
अक्षय ऊर्जा के लिए पाठ्यक्रम औरयोग्यता के मानदंड
सतत ऊर्जा प्रौद्योगिकियां और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता वैश्विक पर्यावरण एजेंडे में सबसे ऊपर है। अक्षय ऊर्जा में स्नातकोत्तर की पढ़ाई (मास्टर डिग्री) छात्रों को ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से लैस करेगी। आप स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों, व्यावहारिक ऊर्जा प्रणालियों, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी,जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों में विशेषज्ञता प्राप्त करेंगे।
भारत में अक्षय या नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सबसे लोकप्रिय पाठ्यक्रम निम्नलिखित हैं:-
1. बी.एससी नवीकरणीय ऊर्जा एक 3 साल की अवधि वाला स्नातक पाठ्यक्रम है, जिसे 6अलग-अलग सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। इस पाठ्यक्रम का का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आने वाली पीढ़ी की ऊर्जा की बढ़ती मांग का सामना करने के लिए अक्षय ऊर्जा के स्रोतों के उपयोग और कार्यान्वयन के बारे में संक्षिप्त ज्ञान प्रदान करना है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए विभिन्न कॉलेजों द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। यह पाठ्यक्रम हमें उन संसाधनों के बारे में ज्ञान देता है जो मानव जीवनकाल को समाप्त नहीं होते हैं जैसे जल ऊर्जा, बायोमास, भूतापीय ऊर्जा, और कई अन्य। बी.एससी नवीकरणीय ऊर्जामें नामांकन के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या इसके समकक्ष से विज्ञान विषय में 55 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण होना ज़रुरी है।
2. बी.टेक रिन्यूएबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग- अक्षय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) में 4 साल के बी.टेक कोर्स में प्रवेश के लिए 10+2 स्तर पर अनिवार्य विषय के रूप में भौतिकी शास्त्र, रसायन शास्त्रऔर गणित में 60 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले छात्र आवेदन कर सकते हैं। वैध गेट स्कोर के साथ ईई/ईसीई/ईईई/मैकेनिकल/केमिकल/इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग/ मेक्ट्रोनिक्स/ प्रोडक्शन/ एयरोस्पेस/ रिन्यूएबल एनर्जी के विषयों में स्नातक की डिग्री रखने वाले उम्मीदवार भी प्रवेश के लिए पात्र हैं। उम्मीदवार, जिनके पास न्यूनतम 55% अंकों के साथ भौतिकी / रसायन विज्ञान / सामग्री विज्ञान जैसे विषयों में एम.एससी कीडिग्री है वह भी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र हैं।
3. नवीकरणीय ऊर्जा में बी.टेक + एम.टेक (दोहरी डिग्री) एक पांच वर्षीय पाठ्यक्रम है जहां छात्रों को दोनों में से किसी भी पाठ्यक्रम के सभी आवश्यक विषयों का अध्ययन करना होता है। यह कोर्स एक प्रौद्योगिकी आधारित और शोध-उन्मुख कार्यक्रम है जहां छात्र अपने संबंधित क्षेत्रों के विभिन्न उन्नत आयामों के बारेमें सीखते हैं और छात्रों को उद्योग जगत के लिए तैयारीकरने में मदद मिलती है। यह डिग्री कोर्स सेमेस्टर पद्धति पर - आधारितहोती है, जहां प्रत्येक वर्ष में दो सेमेस्टर होते हैं।
4. नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी में परास्नातक (मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी-एम.टेक) 2 साल का पाठ्यक्रम है। यह कोर्स सेमेस्टर पद्धति पर आधारित है, जहां प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में दो सेमेस्टर होते हैं। इस पाठ्यक्रम में,छात्रों को पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों का गहन ज्ञान प्राप्त करने के लिए बहुत ही गहराई एवं विस्तार से अध्ययन करना पड़ता है। हालाँकि, दोहरी डिग्री कार्यक्रम की तुलना में इस पाठ्यक्रम में शोध से संबंधित कार्य का दायरा थोड़ा कम है, लेकिन उन्नत और नवीनतम प्रौद्योगिकी से जुड़े विषयों पर ज्यादा जोर दिया गया है। इन मानदंडों के अलावा, कई संस्थान कुछ पेशेवर अनुभव वाले छात्रों को वरीयता देते हैं। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत, बायोमास संयंत्र और भविष्य के फ्यूजन (संलयन) ऊर्जा रिएक्टरों को आर्थिक विकास को बनाए रखने के वैकल्पिक तरीकों के रूप में माना गया है, जिससे इस क्षेत्र में पेशेवरों की मांग बढ़ गई है। .एमिटी यूनिवर्सिटी हरियाणा ने ऊर्जा पेशेवरों को तैयार करने के उद्देश्य से इंजीनियरिंग और विज्ञान के छात्रों के लिए सौर और वैकल्पिक ऊर्जा में दो स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की पेशकश करने की पहल की है, जो ऊर्जा से संबंधित मुद्दों और समस्याओं के प्रति बेहतर जानकारी रखते हो इससे जुड़े विषयों को लेकर जागरूक हो, जो टिकाऊ ऊर्जा प्रबंधन के लिए अपने विशेष ज्ञान को कारगर तरीके से लागू कर सके।
अक्षय ऊर्जा के लिए प्रवेश परीक्षा
योग्य उम्मीदवारों को अपनी पसंद के संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए प्रवेश परीक्षा देनी होगी और संबंधित प्रवेश परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करनी होगी।
स्नातक (यूजी) पाठ्यक्रमों के लिए:
संयुक्त प्रवेश परीक्षा(जेईई मेन)
अन्य इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की तरह, पूरे भारत के छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई मेन)में प्राप्त वरीयता क्रम (रैंकिंग) के आधार पर नवीकरणीय ऊर्जा पाठ्यक्रम के लिए विभिन्न संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। स्नातक (यूजी कोर्स) पाठ्यक्रम के दौरान अक्षय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) केलिए कॉलेज का चयन करने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं है। हालांकि, केवल कुछ संस्थान जैसे इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ (बी.टेक और एम.टेक में दोहरी डिग्री), और अंसल विश्वविद्यालय, गुड़गांव (नवीकरणीय ऊर्जा में विशेषज्ञता के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक) जेईई मुख्य परीक्षाके माध्यम से यूजी पाठ्यक्रमों में छात्रों का नामांकन लेते हैं।
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स) के लिए:
अभियांत्रिकी में स्नातक योग्यता परीक्षा (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग-GATE) भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर और सभी सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) द्वारा आयोजित एक अखिल भारतीय परीक्षा है।इस प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, छात्र अक्षय ऊर्जा सहित कई स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (एम. टेक, और एमई) में पूरे भारत के विभिन्न संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, कुछ कॉलेज अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करके संबंधित पाठ्यक्रम में उम्मीदवारों का नामांकन भी लेते हैं।अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार की ओर से कई पहल की गई हैं। भारत सरकार ऊर्जा के प्राकृतिक स्रोतों का व्यापक उपयोग करने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है और अपने शहरों में हवा को स्वच्छ रखने और प्रदूषण के तेजी से बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए 2030 तक अपने बिजली ग्रिड में 500 गीगावाट (GW) अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा को जोड़ने की योजना बना रही है ताकितेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की कोयले पर निर्भरता कम की जा सके। भारत का 2022 तक 175 गीगावाट (GW)ग्रिड स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसमें से 100GW सौर ऊर्जा के माध्यम से उत्पन्न करना है। भारत ग्रीनहाउस गैसों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है। उत्सर्जन में कटौती करने और हवा को स्वच्छ रखने के लिए, भारत ने अब 2030 तक अपनी पहले से स्थापित क्षमता को40 प्रतिशत तक बढ़ाने का संकल्प लिया है जो वर्तमान में 21.4 प्रतिशत है और इसमें तेज गति से बढाने का प्रस्ताव है। देश की लगातार बढ़ती आबादी की ऊर्जा ज़रुरतों को पूरा करने की दिशा में छोटी लेकिन ठोस पहल है।
एनआईएसई, ग्रीन जॉब्स सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ मिलकर जागरूकता पैदा करने और नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में शोध और विकास कार्य को आगे बढ़ने के लिए कुछ बेहतरीन पहल कर रहा है।स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी नौकरियों के लिए प्रशिक्षण पर एक बड़ा जोर दिया गया है। 2015 और 2021 के बीच 100,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर के सौर ऊर्जा सूर्यमित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 78,000 प्रशिक्षुओं प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र दिया गया है। ग्रीन जॉब्स कौशल परिषद अपने सभी जॉब प्रशिक्षण कार्यक्रम को कार्यस्थल के लिए ग्रीन नेशनल ऑक्युपेशन स्टैंडर्ड के जरिए पर्यावरण जागरुकता से लगातर जोड़ रहा है।
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में नौकरी के अवसर
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गय लक्ष्य को पूरा करने के लिए, इस सेक्टर में उपकरण निर्माण की भारी मांग है. जिसके लिए बड़ी संख्या में कुशल पेशेवरों की आवश्यकता है। कुशल कामगारों की आवश्यकता केवल विनिर्माण क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि स्थापना, सिस्टम डिजाइनिंग, संचालन और रखरखाव, वित्त पोषण और विपणन सहित हर क्षेत्र में इसकी ज़रुरत है।सौर ऊर्जा, पवन सौर और समुद्र तट के आस पास पवन ऊर्जा सहित अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में रोज़गार के अवसर हर समय खुल रहे हैं। यह न केवल हाल में स्नातक पास करने वालों के लिए एक आकर्षक कैरियर का रास्ता है बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो वर्तमान में तेल और गैस जैसे अन्य ऊर्जा क्षेत्रों में भी कर रहे हैं।
कारण यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा में इतने सारे नए रोजगार सृजित हो रहे हैं कि स्थायी ऊर्जा में विकास के लिए अधिक बजट लगाया जा रहा है। सरकार अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे पवन टर्बाइनों में अधिक निवेश कर रही है, यहां तक किसौर पैनलों जैसे अक्षय ऊर्जा से जुड़े संसाधनों में निवेश करने वालों के लिए करमें कुछ कटौती की पेशकश भी की जा रही है, जो सौर पैनलों जैसे नवीकरणीय संसाधनों में निवेश कर रहे हैं। विश्व स्तर पर, ऊर्जा क्षेत्र के प्रति नजरिया बदल रहा है, और नवीकरणीय ऊर्जा अग्रणी भूमिका निभा रही है। कुल मिलाकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने से अच्छा वेतन और नौकरी की सुरक्षा मिलेगी। इस क्षेत्र में अवसरों की भरमार है और इन अवसरों का सदुपयोग कर कोई भी व्यक्ति प्रोजेक्ट मैनेजर या अन्य वरिष्ठ पर पहुंच सकता है।
शायद अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि, यहां आकर्षक नौकरी के अवसर विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञता के साथ उपलब्ध हैं, इसमें न केवल इंजीनियरिंग या आला नवीकरणीय भूमिकाओं में, बल्कि उत्पादन, आईटी, वित्त, कानून और शोध के क्षेत्र जैसे कुछ नाम है, असल में इस सेक्टर में रोजगार के अनेको अवसर मिल सकते हैं। हकीकत में ऊर्जा क्षेत्र में सभी के लिए कुछ न कुछ है।भारत के लिए अक्षय ऊर्जा में करियर की संभावनाएं बहुत प्रबल हैं। भारत ईंधन की बढ़ती कीमतों, ऊर्जा असुरक्षा और अन्य पर्यावरणीय और जलवायु संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है। अक्षय ऊर्जा भारत की ऊर्जा की बढ़ती मांग की चुनौतियों का एक कारगर समाधान दे सकती है। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियां अधिक मशीनीकृत जीवाश्म ईंधन प्रौद्योगिकियों की तुलना में अधिक ऊर्जा का उत्पादन देती है, जैसा कि अक्षय ऊर्जा की बहुलता वाले बाजारों में प्रदर्शित किया गया है, साथ ही यह स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित करने का जबरदस्त अवसर प्रदान कर सकती हैं। 2015 में, दुनिया भर में 8.1 मिलियन से अधिक लोगों को अक्षय ऊर्जा से जुड़े क्षेत्र में रोजगार मिला है।
आपको नवीकरणीय ऊर्जा में करियर क्यों चुनना चाहिए इसका एक मुख्य कारण यह है कि यह व्यक्तिगत रूप से फायदेमंद है। जैसा कि सभी जानते हैं कि आप उन परियोजनाओं में शामिल होंगे जो दुनिया को बदल रही हैं। सौर ऊर्जा और समुद्री तट के पास पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत भविष्य में विश्व के ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आप उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन को कम करने वाले नए, स्वच्छ, ऊर्जा स्रोतों के उत्पादन में योगदान दे सकते हैं। अक्षय ऊर्जा के विकास और वितरण में सहायता करके, आप सक्रिय रूप से वैश्विक आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।इससे सबंधित पाठ्यक्रम में सीखने के लिए बहुत सी चीजें हैं, जैसे कि ऊर्जा अवसंरचना, ऊर्जा का तर्कसंगत उपयोग, ऊर्जा संरक्षण और प्रबंधन, ऊर्जा नीतियां, ऊर्जा विनियम, ऊर्जा-पर्यावरण इंटरफ़ेस, और बहुत कुछ।
अक्षय ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा का दायरा
अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत लोगों की संख्या 2030 तक बढ़कर 24 मिलियन हो सकती है। पूर्वानुमानों के अनुसार, साल 2030 में वैश्विक निवेश प्रति वर्ष $1.5 ट्रिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच जाएगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग $20 ट्रिलियन डॉलर का योगदान करेगी, और 2050 तक लगभग 6 मिलियन रोजगार सृजन कर सकने की स्थिति में होंगी। विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, उन्नत ऊर्जा वर्टिकल का वैश्विक कारोबार $1.5 ट्रिलियन का है, जो वैश्विक एयरलाइन उद्योग का लगभग दोगुना, और दुनिया भर में परिधान राजस्व के लगभग बराबर है।
अधिकांश अक्षय ऊर्जा नौकरियां भारत, जापान, ब्राजील, यू.एस. और जर्मनी में उपलब्ध हैं। वास्तव में, सभी अक्षय या नवीकरणीय ऊर्जा नौकरियों का 62%प्रतिशत हिस्सा एशिया में आधारित है, क्योंकि उद्योग की स्थापना और निर्माण क्षेत्र दुनिया भर से इस भौगोलिक हिस्से में स्थानांतरित हो रही है। स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में, सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) 2019 में सबसे बड़ा नियोक्ता था, जो 3.1 मिलियन लोगों को रोजगार देता था, यहां भी 2017 की तुलना में रोजगार में 12% की वृद्धि दर्ज की गई। तरल जैव ईंधन (1.7 मिलियन नौकरियां), ठोस बायोमास (0.7 मिलियन), और बायोगैस (0.3) मिलियन) भी प्रमुख नियोक्ता थे, जैसा कि IRENA की ओर से बताया गया है।
भविष्य के रुझान
भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अक्षय ऊर्जा का दायरा काफी व्यापक है। पूरी दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा(Renewable Energy)के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल और उसे ज्यादा महत्व देने का चलन चल रहा है। इसलिए, इस क्षेत्र में शोध कार्यों के साथ-साथ और अधिक फील्ड वर्क से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं, जो इस सेक्टर विभिन्न आयामों का पता लगाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए अनेकों अवसर खोल रहे हैं। इस प्रकार, नवीकरणीय ऊर्जा का दायरा पर्याप्त या काफी बड़ा है।उम्मीदवारों को उनके संबंधित नवीकरणीय ऊर्जा पाठ्यक्रमों से अर्हता प्राप्त करने के बाद कई संगठनों (सरकारी और निजी दोनों) में नौकरी पर रखा जाता है, और इस सेक्टर में वह अच्छे पैकेज के साथ बेहतर नौकरी के अवसर भी पा सकेंगे। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में छात्र शोध का विकल्प भी चुन सकते हैं क्योंकि इस रास्ते का अनुसरण करने का विकल्प भी मौजूद है। हालांकि, प्रोफेसरों या व्याख्याताओं के रूप में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों (सरकारी और निजी दोनों) में नौकरियां के पर्याप्त उपलब्ध हैं। इसलिए, योग्य उम्मीदवार के करियर की संभावनाएं असीम एवं उज्जवल हैं।
ऊर्जा का क्षेत्र लगातार बदल रहा है और विकसित हो रहा है इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि न केवल काम की अधिक मांग देखने को मिलेगी, बल्कि भविष्य में नई प्रकार की रोजगार आधारित भूमिकाएं भी सृजित होंगी। इसलिए, यदि आप एक ऐसे करियर की तलाश कर रहे हैं जो रोमांचक है और नवाचार को प्रोत्साहित करता है और जहां हर आने वाला दिन पहले वाले दिन बेहतर होता है - तो नवीकरणीय ऊर्जा निश्चित रूप से रोजगार तलाशने लायक एक विकल्प है।
अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए विविध पृष्ठभूमि और कौशल वाले कार्यबल की आवश्यकता होती है। इकोलॉजिस्ट, बायोलॉजिस्ट, फिजिसिस्ट, जियोलॉजिस्ट, आर्किटेक्चरल और स्ट्रक्चरल इंजीनियर, प्लानर, प्रोजेक्ट मैनेजर, कंप्यूटर साइंस या इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, कम्युनिकेशन प्रोफेशनल्स, बिजनेस डेवलपर्स और यहां तक कि हेलिकॉप्टर पायलट के लिए भी नौकरी के अवसर हैं। प्रारंभ में, ऊर्जा कंपनियां अत्यधिक इंजीनियरों और वैज्ञानिकों से भरी थीं। लेकिन पिछले एक दशक में, संतुलित व्यावसायिक कौशल के साथ-साथ स्नातकों को के लिए पर्याप्त अवसरों का सृजन हो रहा है।
उदाहरण के लिए, एक पवन ऊर्जा परियोजना के लिए, पवन ऊर्जा पेशेवरों (और प्रमुख नवीकरणीय ऊर्जा विज्ञान और इंजीनियरिंग से जुड़े लोगों) के अलावा, आपको अच्छे, हवादार स्थानों को खोजने के लिए मौसम विज्ञानियों की आवश्यकता होती है। पर्यावरण में पक्षियों और अन्य जानवरों पर पवन खेत के प्रभावों पर विचार करने के लिए टीम को जीवविज्ञानी और पारिस्थितिकीविदों की भी आवश्यकता है। कभी-कभी, आपको पुरातत्वविद् की भी आवश्यकता हो सकती है। इसके बाद ऐसे भवन डिजाइन करने वाले आर्किटेक्ट होंगे जो स्वयं पवन ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।इस क्षेत्र में हजारों शोधकर्ता काम कर रहे हैं, इसलिए कई नए रुझान सामने आ रहे हैं। यहां कुछ नए रुझान दिए गए हैं:
1. नवीकरणीय ऊर्जा का भंडारण: चूंकि कोई नवीकरणीय स्रोत नहीं मिलते हैं और हर दिन अधिक बिजली उत्पन्न होती है, भविष्य के लिए शेष ऊर्जा का उपयोग करने के लिए बिजली का भंडारण आवश्यक है।
2. माइक्रोग्रिड की अवधारणा: यह काफी नई अवधारणा है। नवीकरणीय ऊर्जा माइक्रोग्रिड में उत्पन्न, संचारित और वितरित की जाती है। क्योंकि इसमें जटिलता कम होती है, इसलिए रखरखाव में कम परेशानी होती है।
3. कम लागतः इस प्रयोजन के लिए इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरणों कम खर्चीले होते हैं। नतीजतन, अक्षय ऊर्जा में वृद्धि के साथ ऊर्जा की प्रति यूनिट लागत कम हो रही है।
4. एआई और आईओटी का परिचय: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उपयोग से एक संयंत्र में हर एक चीज को संभालना और उसका संचालन करना आसान होता जा रहा है। नतीजतन, बिजली उत्पादन की दक्षता काफी अधिक है।
5. अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में डेटा साइंस और बिग डेटा एनालिटिक्स: कई उद्योगों की तरह, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स भी लागत कम करने के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करके और तेल उत्पादकों को बाजार की मांगों को समायोजित करने की अनुमति देकर ऊर्जा क्षेत्र को बदल रहे हैं। सौर ऊर्जा की लागत को कम करने और अपनी प्रौद्योगिकी के लिए नए बाजार खोलने के लिए सौर उद्योग तेजी से डेटा का विश्लेषण और क्रंच करने के तरीकों को अपना रहा है। आने वाले दिनों में अक्षय ऊर्जा बाजार के लिए बिग डेटा और एनालिटिक्स बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के शीर्ष नियोक्ता
• नेशनल हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC)
• नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी)
• पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PGCL)
• सेल्को इंडिया
•अदानी पावर
• रिलायंस पावर
• टाटा पावर सोलर
• हिंदुस्तान पावर
• जेएसडब्ल्यू एनर्जी
• ग्रीन इंफ्रा
• ग्राम शक्ति
शैक्षिक संस्थान पाठ्यक्रम के भीतर नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पाठ्यक्रम शुरू करके और कौशल-आधारित प्रशिक्षण, रोड शो, कार्यशालाएं, सम्मेलन, प्रदर्शनियां आदि आयोजित करके जनता को सीधे शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।दलाई लामा के हवाले से कहा गया, जिस दुनिया में हम रहते हैं, उसे संरक्षित करना और उसकी देखभाल करना हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
लेखिका (काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट और करियर कंसल्टेंट) हैं, उनसे nidhiprasadcs@gmail.com पर संपर्क किया जा