सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में
विशेषज्ञ अधिकारी के रूप में कॅरिअर
आरती एस
हमारे देश के कई युवाओं की कॅरिअर आकांक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) में प्रोबेशनरी ऑफिसर बनना होती है. ईमानदार और मेहनती लोगों के लिए यह कॅरिअर नौकरी की सुरक्षा और विकास के अवसर दोनों प्रदान करता है. इसमें आवेदन करने के लिए स्नातक की साधारण योग्यता की आवश्यकता होती है और ऑनलाइन परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर, किसी भी पीएसबी अर्थात पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्य करने के लिए आपका चयन किया जा सकता है. इन बैंकों के लिए भर्ती परीक्षा बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान द्वारा आयोजित की जाती है. इस संस्थान को लोकप्रिय रूप से 'आईबीपीएसके रूप में जाना जाता है. यह हमारे देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में स्थित है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विशेषज्ञ परिवीक्षाधीन अधिकारी के पद के बारे में अपेक्षाकृत कम जागरूकता है. आईबीपीएस उपर्युक्त बैंकों में विशेषज्ञ अधिकारियों के पदों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया संचालित करता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में भी सामान्य और विशेषज्ञ अधिकारियों की भर्ती की जाती है, जिसके लिए अलग से चयन प्रक्रिया संचालित की जाती है.
परिवीक्षाधीन अधिकारी (प्रोबेशनरी ऑफिसर) के रूप में सेवा में शामिल होने वाले व्यक्ति एक/दो वर्ष की अवधि के लिए परिवीक्षा में रहते हैं, जिसके दौरान उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है, उन्हें नौकरी का प्रशिक्षण दिया जाता है और उनके संतोषजनक प्रदर्शन के बाद संबंधित बैंकों की सेवा में उनको स्थाई (कंफर्म) कर दिया जाता है. जहां एक ओर सामान्य बैंकिंग अधिकारी ऑपरेशनल बैंकिंग में काम करते हैं, वहीं विशेषज्ञ अधिकारी बैंक से संबंधित अपने विशेष कार्य करते हैं. पिछले कुछ वर्षों में बैंकों ने विशेष कौशल वाले कर्मियों के महत्व को महसूस किया है और तद्नुसार वे विशेष योग्यता वाले लोगों की नई भर्ती करते हैं. कुछ स्थितियों में अनुभवी लोगों के लिए पार्श्व प्रवेश को भी संभव बनाया जाता है.
बैंक में विशेषज्ञ पदों की प्रमुख श्रेणियों में कृषि अधिकारी, विपणन अधिकारी, मानव संसाधन (एचआर) अधिकारी, विधि अधिकारी, राजभाषा अधिकारी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिकारी शामिल हैं. कुछ बैंकों में पदनाम भिन्न हो सकता है, अर्थात कृषि अधिकारी को क्षेत्र या ग्रामीण विकास अधिकारी के रूप में जाना जा सकता है, मानव संसाधन अधिकारियों को कार्मिक या औद्योगिक संबंध अधिकारी कहा जा सकता है और राजभाषा अधिकारियों को हिंदी अधिकारी के रूप में जाना जा सकता है.
विशेषज्ञ अधिकारी पद के लिए आवेदन करने के लिए आपके पास निर्दिष्ट विशेषज्ञता में आवश्यक योग्यता होनी चाहिए. ऐसी आवश्यकताओं और संबंधित भूमिकाओं का वर्णन नीचे किया गया है.
कृषि अधिकारी: ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं स्थित हैं जो ग्रामीणों को सेवाएं देती हैं और उन्हें कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण प्रदान करती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए बैंक अपनी चुनी हुई शाखाओं में कृषि अधिकारियों की नियुक्ति करते हैं. ये अधिकारी ऋण प्रस्तावों का मूल्यांकन कर उन्हें प्रोसेस करते हैं और बैंकों के माध्यम से लागू की जाने वाली सरकारी योजनाओं को लोकप्रिय बनाते हैं. वे स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने, वित्तीय समावेशन और प्राथमिकता क्षेत्र ऋण लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. प्राथमिकता क्षेत्र वह क्षेत्र है जिसे सरकार प्रोत्साहित करना चाहती है और इसमें आवास, शिक्षा और कृषि आदि के लिए निर्धारित सीमा के भीतर ऋण शामिल होते है. पदोन्नति के बाद इन कृषि अधिकारियों को शाखा प्रबंधक और अन्य वरिष्ठ पदों पर काम करने का अवसर मिलता है. योग्यता मानदंड कृषि या संबंधित विषयों या कृषि इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी में चार वर्ष की डिग्री है.
मानव संसाधन अधिकारी: बैंक के मानव संसाधन या कार्मिक विभाग में कार्यरत मानव संसाधन अधिकारी बैंकों में नियुक्ति आदेश जारी करने, स्थानांतरण और नियुक्ति, पेरोल, मुआवजा और लाभ, प्रदर्शन मूल्यांकन, औद्योगिक संबंध, अनुशासनात्मक मामले और प्रशिक्षण प्रशासन आदि जैसे नियमित कार्यों को देखते हैं. कुछ वर्षों के अनुभव के बाद वे बैंक के क्षेत्रीय या जोनल कार्यालय में मानव संसाधन विभाग के प्रमुख हो सकते हैं. मानव संसाधन अधिकारी के लिए पात्रता मानदंड में दो वर्ष की पूर्णकालिक स्नातकोत्तर डिग्री या कार्मिक प्रबंधन या मानव संसाधन या औद्योगिक संबंध या सामाजिक कार्य या मानव संसाधन विकास या श्रम कानून में डिप्लोमा शामिल हैं.
विपणन अधिकारी: लगभग एक दशक से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने उत्पादों और सेवाओं के विपणन के लिए अपने प्रयासों को तेज किया है जिसके लिए विपणन अधिकारियों की सेवाओं का उपयोग किया जाता है. वरिष्ठों के मार्गदर्शन में और बैंक की प्राथमिकताओं के आधार पर, वे शाखा नेटवर्क में विपणन रणनीतियां बनाते और निष्पादित करते हैं. विपणन में विशेषज्ञता के साथ एमबीए/ पीजीडीएम जैसी स्नातकोत्तर डिग्री उम्मीदवार को इस पद के लिए योग्य बनाती है.
विधि अधिकारी: बैंकों को विभिन्न कानूनी मुद्दों का समाना करना पड़ता है. कभी-कभी दस्तावेजों की कानूनी वैधता की जांच करनी पड़ती है और कभी-कभी उधारकर्ताओं और यहां तक कि कर्मचारियों से संबंधित कानूनी मुद्दे भी होते हैं. ऐसे मामलों में बैंक के वैधहितों की रक्षा करनी होगी. एक विधि अधिकारी के रूप में, अन्य बातों के साथ-साथ, आपको बैंक द्वारा नियुक्त बाहरी वकीलों के साथ समन्वय करना होगा और बैंक की ओर से या उसके विरुद्ध दायर किए गए मुकदमों में प्रगति का ट्रैक रिकॉर्ड रखना होगा. विधि अधिकारी के पद के लिए आवेदन करने के लिए, उम्मीदवार के पास एलएलबी योग्यता होनी चाहिए और उसे बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित होना चाहिए.
राजभाषा अधिकारी: केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को राजभाषा नीति को लागू करने और अपने आंतरिक कामकाज के साथ-साथ अपने ग्राहकों और अन्य हितधारकों से निपटने में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. इसकी सुविधा के लिए राजभाषा अधिकारियों को नियुक्त करने का प्रावधान है, जो दस्तावेजों का अंग्रेजी से हिंदी में और हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद करते हैं, हिंदी कार्यशालाएं आयोजित करते हैं, रिपोर्ट एकत्र और संकलित करते हैं और कर्मचारियों को अपने कार्य में हिंदी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. राजभाषा अधिकारी के रूप में सेवा में प्रवेश के लिए आवश्यक योग्यता स्नातक स्तर पर अंग्रेजी के साथ हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्री या स्नातक स्तर पर हिंदी और अंग्रेजी के साथ संस्कृत में स्नातकोत्तर डिग्री है.
सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी: जैसा कि हम देख सकते हैं कि प्रौद्योगिकी हमारे जीवन के विभिन्न आयामों में महत्वपूर्ण पैठ बना रही है. धीरे-धीरे बैंकिंग पर भी तकनीकी परिचालनों का बोल-बाला होता जा रहा है. बैंक की शाखाएं अब नेटवर्क द्वारा एकीकृत हो गई हैं जो किसी विशेष शाखा के ग्राहकों को उस बैंक की किसी भी शाखा में अपना कार्य कराने में सक्षम बनाता है. सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों ने उपयोग में आसानी के साथ मोबाइल बैंकिंग को सरल बना दिया है. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) अब चौबीसों घंटे उपलब्ध कराया गया है. यह सब आईटी में विशेषज्ञता वाले लोगों के योगदान से संभव हुआ है. जो उम्मीदवार इस तरह के प्रयासों में योगदान देना चाहते हैं, वे आईटी अधिकारी के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उनके पास इलेक्ट्रॉनिक्स/ इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार/ सूचना प्रौद्योगिकी/ कंप्यूटर एप्लिकेशंस/ कंप्यूटर विज्ञान / इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में बी.टेक. या बी.ई.की डिग्री होनी चाहिए. उपरोक्त शाखाओं में एम.ई./ एम.टेक. और डीओईएसीसी के 'बी स्तर को पूर्ण करने वाले स्नातक भी इसके लिए पात्र हैं.
पात्रता मानदंड के लिए केवल पूर्णकालिक पाठ्यक्रम स्वीकार किए जाते हैं.
चयन प्रक्रिया: पात्र पाए गए सभी आवेदकों को पहले एक प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होना होता है जिसमें सभी पदों के लिए अंग्रेजी भाषा और तर्क शक्ति (रीजनिंग) से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न शामिल होते हैं. विधि अधिकारियों और हिंदी अधिकारियों के लिए तीसरी परीक्षा सामान्य जागरूकता की होगी जिसमें बैंकिंग उद्योग के विशेष संदर्भ में प्रश्न पूछे जाएंगे. अन्य पदों के लिए उम्मीदवारों के लिए तीसरे खंड में संख्यात्मक अभियोग्यता की परीक्षा होगी. इसमें दो घंटे की समय सीमा के साथ कुल प्रश्नों की संख्या 150 होगी. मुख्य परीक्षा विशेष क्षेत्र से पेशेवर ज्ञान की होगी. राजभाषा अधिकारी पद हेतु आवेदकों के लिए परीक्षा में दो खंड शामिल होंगे-वस्तुनिष्ठ और व्यक्ति निष्ठ. अन्य के लिए केवल वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होंगे. मुख्य परीक्षा अधिकतम 60 अंकों की होती है जिसमें अधिकतम 45 मिनट का समय होता है. उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्यता सूची में शामिल होने के लिए प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त करने होते हैं. इस संबंध में रणनीति अधिकतम स्कोर करने की होनी चाहिए क्योंकि सीमित संख्या में केवल उच्चतम स्कोर प्राप्त करने वालों को ही मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए बुलाया जाएगा
परीक्षा संरचना:
अंग्रेजी भाषा: इसमें पूछे गए प्रश्न कई प्रकृति के प्रश्नों, जैसे कि अध्ययन बोधगम्यता, रिक्त स्थान को भरना, त्रुटि का पता लगाना, अनुच्छेद मिलान (पैरा जंबल्स), अनुच्छेद को पूरा करना आदि, के माध्यम से अंग्रेजी की आपकी समझ का परीक्षण करेंगे. अध्ययन बोधगम्यता में, आपको एक दिए गए अनुच्छेद (पैरा) पढ़ कर दिए गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त उत्तरों का चयन करना होगा. उत्तर में आपसे उस अनुच्छेद के मूलविचार, अंतर्निहित विचारों, क्या कहा गया है और क्या नहीं कहा गया है, की पहचान करने की अपेक्षा की जायेगी. आपसे उस अनुच्छेद के संदर्भ में दिए गए कथनों से निष्कर्ष निकालने, सहमत/ असहमत होने की अपेक्षा की जा सकती है. उस पर आधारित प्रश्न पूछने के लिए गद्यांश के किसी भाग या वाक्य को हाइलाइट किया जा सकता है. आपको अनुच्छेद में दिए गए विशेष शब्दों के पर्यायवाची/विलोम शब्द भी देने पड़ सकते हैं. बोधगम्यता में आपकी सफलता उचित विश्लेषण के साथ आपकी पढ़ने की गति, प्रतिधारण और समझ पर निर्भर करेगी. सामान्य अंग्रेजी की पुस्तकों और अन्य स्रोतों से बोधगम्यता अभ्यास का प्रयास करना मददगार हो सकता है. पैराजंबल्स के लिए आपको किसी पैराग्राफ के वाक्यों का सही क्रम खोजने की आवश्यकता होगी. आपको सही क्रम ढूंढना है और फिर मिलान करने वाले उत्तर को चिह्नित करना है. यहां सूत्र उन पैटर्न का पता लगाना है जो किसी वाक्य को परिचयात्मक बनाते हैं, जो परिचय के बाद विचार या विषय का वर्णन करते हैं और निष्कर्ष को दर्शाते हैं. ऐसे शब्दों और वाक्यांशों की तलाश करें, जैसे कि-'अत:, 'चूंकि, 'साथ ही, 'के कारण'परिणामस्वरूप, आदि. अच्छे व्याकरण और समृद्ध शब्दावली के साथ, आप इस खंड में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
संख्यात्मक अभियोग्यता: संख्यात्मक अभियोग्यता का खंड मुख्य रूप से संख्याओं से संबंधित है और आपकी अंकगणितीय क्षमता की जांच करता है. इसमें प्रश्न शृंखला, संख्यात्मक जोड़, सन्निकटन, डेटा पर्याप्तता / अपर्याप्तता, द्विघात समीकरण, लाभ-हानि, सरल और चक्रवृद्धि ब्याज, क्षेत्रमिति, समय और कार्य, समय, गति और दूरी, अनुपात, संभाव्यता और डेटा व्याख्या आदि से संबंधित हो सकते हैं. आपको लापता तत्व या संख्या का पता लगाने के लिए एक शृंखला को हल करते समय अनुसरण किए जाने वाले पैटर्न के बारे में निश्चित होने की आवश्यकता होती है, जो कि जोड़, घटाव, गुणा, भाग, वर्ग, वर्ग मूल आदि का हो सकता है. सन्निकटन प्रश्न निम्न, मध्यम या उच्च जटिलता के साथ सीधी गणना पर आधारित होते हैं. द्विघात समीकरणों में आपको अभीष्टमान ज्ञात करना होता है. वर्ग/ वर्गमूल/ अंशमानों के बारे में आपकी समझ से इसमें मदद मिलेगी. यहां 'डेटाइंटर प्रिटेशन का अर्थ है ग्राफ़/चार्ट आदि के रूप में प्रस्तुत डेटा का अध्ययन करना और संबंधित प्रश्नों के उत्तर देना.
यहां आपको मूल सिद्धांतों के ज्ञान के साथ गणनाओं में पूरी तरह से निपुण होने की जरूरत है. 'बोडमास का सिद्धांत और टेबल याद रखने से मदद मिलेगी. आप राज्य बोर्ड, आईसीएसई या सीबीएसई के एसएससी (10वीं कक्षा) के गणित पाठ्यक्रम के आधार पर तैयारी कर सकते हैं. उच्च स्कोर प्राप्त करने के लिए आपको अवधारणात्मक स्पष्टता और बहुत अभ्यास की आवश्यकता होगी. यह उच्चतम स्कोरिंग खंड हो सकता है.
तर्क शक्ति: यहां कुछ प्रश्न समस्या (पज़ल्स) के रूप में हो सकते हैं, जबकि कुछ अन्य प्रश्न रक्त संबंध (ए 'बी की बहन है, 'बी सी की बहू है और...), दिशा का ज्ञान ('एम 8 मीटर पश्चिम की ओर जाता है और फिर 6 मीटर दक्षिण की ओर चलने के लिए मुड़ता है, फिर से मुड़ता है और...), कोडिंग, इनपुट-आउटपुट, न्याय वाक्य (सिलोगिज्म), असमानता और रैंकिंग, आदि पर आधारित हो सकते हैं. समस्या संबंधित प्रश्नों में डेटा के परस्पर संबंधित सेट हो सकते हैं (कुछ लोग विशिष्ट स्थिति में एक पंक्ति में बैठे हैं और उनमें से प्रत्येक को एक विशेष रंग पसंद है...). सिलोगिज्म संभावनाओं का पता लगाने के बारे में है. तार्किक असमानता के प्रश्नों में, दिए गए कथन के आधार पर, आपको तत्वों के बीच संबंध स्थापित करने की आवश्यकता होगी. कोडिंग संबंधी प्रश्नों में, विभिन्न शब्दों के लिए कोड दिए जाएंगे, जिनके आधार पर आपको नए शब्दों के लिए कोड खोजने होंगे. इस खंड में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आपको बड़ी संख्या में अभ्यास प्रश्नों को हल करना होगा. उपरोक्त कोष्ठकों में दिए गए उदाहरण, आपको प्रश्न के प्रश्न प्रारूप के बारे में कुछ जानकारी देंगे.
बैंकिंग के विशेष संदर्भ में सामान्य जागरूकता: जैसाकि नाम से पता चलता है, इस खंड में मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था की दुनिया से संबंधित प्रश्न शामिल होंगे. बैंकिंग, बीमा और वित्त से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं. इस खंड की तैयारी के लिए, समाचार पत्रों के व्यावसायिक पृष्ठों, वित्तीय दैनिक / व्यावसायिक पत्रिकाओं को पढ़ने और ऐसे मामलों को कवर करने वाले व्यावसायिक समाचार चैनल देखने की सलाह दी जाती है. यहां प्रश्न बैंकों के विलय (जैसे-किस बैंक का किस बैंक में विलय किया गया है), व्यक्ति (जैसे कि किसी विशेष बैंक/अन्य सरकारी एजेंसियों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कौन हैं), विभिन्न सरकारी योजनाओं, 'अपने ग्राहक को जानें नीति, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका, आदि से संबंधित हो सकते हैं. आप पुस्तकों और लेखकों और विभिन्न देशों में उपयोग की जाने वाली मुद्राओं से संबंधित प्रश्नों के पूछे जाने की भी अपेक्षा कर सकते हैं.
व्यावसायिक ज्ञान: यहां प्रश्न विशेष विशेषज्ञता अर्थात कृषि, कानून, विपणन, मानव संसाधन, सूचना प्रौद्योगिकी और राजभाषा नीति एवं हिंदी भाषा से संबंधित होंगे. उम्मीदवारों को अपने संबंधित विषयों के बारे में पूरी तैयारी करनी चाहिए. अवधारणाओं, सिद्धांतों, दृष्टिकोणों और रणनीतियों से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं. तैयारी आपकी उन पाठ्य पुस्तकों पर आधारित होनी चाहिए जिनका आपने स्नातक और स्नातकोत्तर के दौरान अध्ययन किया है. राजभाषा अधिकारियों की परीक्षा में, अनुवाद आधारित प्रश्न शामिल होंगे. आपकी बोधगम्यता, ज्ञान/बैंकिंग और वित्तीय शब्दों का अर्थ, शब्दावली, व्याकरण, आदि का भी परीक्षण किया जाएगा.
साक्षात्कार: मुख्य परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर एक निश्चित संख्या में उम्मीदवारों को साक्षात्कार प्रक्रिया में उपस्थित होने के लिए बुलाया जाएगा. ऐसी संख्या उपलब्ध रिक्तियों के सापेक्ष होगी. हमेशा की तरह, साक्षात्कार विशेष भूमिका के लिए आपकी अभियोग्यता और उपयुक्तता का आकलन करेगा.
आपको पहले प्रारंभिक परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और फिर साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने हेतु मुख्य परीक्षा में उच्च रैंक प्राप्त करनी चाहिए.
(लेखक कॅरिअर काउंसलर हैं और उनसे artmumb98@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.