चक्रीय अर्थव्यवस्था में कौशल विकास और रोज़गार के अवसर
प्रो (डॉ.)तनु जिंदल
आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के, स्वच्छ और स्वस्थ भारत के साथ एकीकरण से ही पूर्ण चक्र बनता है. किसी देश के समग्र विकास के लिए पुनर्चक्रण के प्रभावी दृष्टिकोण को विकसित कर और प्राकृतिक संसाधनों की अधिक देखभाल कर सफलतापूर्वक आगे बढ़ना आवश्यक है.
जनता, व्यापार मॉडल और पर्यावरण की बेहतरी के लिए सतत् विकास के वास्ते चक्रीय अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकियां महत्वपूर्ण हैं. संधारणीयता के लिए नीतियों और प्रणालियों की पहचान समय की आवश्यकता है.
चक्रीय अर्थव्यवस्था और हरित प्रौद्योगिकियों के लिए पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन, बुनियादी ढंाचा, मॉडल, प्रणालियां, पुन: उपयोग और अंतिम उत्पाद के पुनर्चक्रण की आवश्यकता होती है. इससे नए कौशल सेट और रोज़गार सृजन की आवश्यकता होगी.
भारत को चक्रीय अर्थव्यवस्था के लिए हरित व्यापार मॉडल, प्रणालियों और कौशल संबंधी सहायता के लिए सक्रिय रूप से नीतियां बनाकर स्वच्छ, स्वस्थ और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाया जा सकता है. चक्रीय अर्थव्यवस्था मॉडल के लिए कौशल विकसित करने के वास्ते, हरित प्रौद्योगिकी और संधारणीयता के सिद्धांतों को शैक्षिक प्रणाली, वर्तमान व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और उच्च शिक्षा में डिग्री कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए. स्वच्छ प्रौद्योगिकियों और हरित अर्थव्यवस्था में रोज़गार सृजन के साथ-साथ कौशल विकास के बहुत सारे अवसर हैं. अंग्रेजी के 3 आर -रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल यानी कम करना, पुन: उपयोग करना और पुनर्चक्रण करना चक्रीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं, जिसमें कम उपयोग कर, कम से अधिक प्राप्त कर और फिर से उपयोग करने के लिए अवशिष्टों का इस्तेमाल किया जाता है. कृषि, घरेलू सामान, मोटर वाहन, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कई क्षेत्रों में चक्रीय अर्थव्यवस्था सिद्धांत को लागू करने की आवश्यकता है.
एक बार चक्रीय अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को एकीकृत करने के बाद उपर्युक्त क्षेत्रों में कौशल विकास और रोज़गार सृजन के लिए बहुत अवसर पैदा किए जा सकते हैं. कौशल विकास और रोज़गार सृजन के लिए प्रारंभिक चरणों में चक्रीय अर्थव्यवस्था की विचारधारा को आगे बढ़ाने की संधारणीयता के अनुकूल नीतियों और दृष्टिकोणों को अपनाया जाना चाहिए.
चक्रीय अर्थव्यवस्था वाली व्यावसायिक परियोजनाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा विकास कौशल तथा रोज़गार सृजन के लिए आवश्यक तरीके विकसित करने चाहिए.
इसके अलावा पर्यावरण और धरती की संधारणीयता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, लाभ कमाने की मानसिकता को बदलने के लिए व्यावसायिक घरानों के सम्मेलन आयोजित करने की आवश्यकता है. आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति की देखभाल की भावना पैदा करने के लिए जलवायु और सतत विकास शिक्षा की भी आवश्यकता है.
चक्रीय अर्थव्यवस्था और उभरती हरित प्रौद्योगिकियां
उभरती हरित प्रौद्योगिकियों का संबंध तकनीकी विकास से है लेकिन तुलनात्मक रूप से पारिस्थितिक क्षेत्र या प्रौद्योगिकियों के संबंध में बाजार में उनकी बहुत कम हिस्सेदारी है.
हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने से कंपनियां और औद्योगिक इकाइयां , उत्पादन में हरित विधियों को शामिल कर पर्यावरण पर विनिर्माण विधियों के प्रभाव को कम कर सकती हैं. ईको-डिजाइन, स्वच्छ उत्पादन, पुनर्चक्रण और पुन:उपयोग जैसे हरित तरीकों का मकसद उत्पादों के निर्माण, वितरण, खपत और डंपिंग से संबंधित खर्चों को कम करने पर केंद्रित है. हरित प्रौद्योगिकियां पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में सक्षम हैं और इनमें प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त कच्चे माल का उपयोग किया जाता है.
विचारणीय कारक : निगमों को केंद्रित उद्देश्य के रूप में स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के उपयोग को ध्यान में रखना चाहिए. संगठनों को पवन या सौर ऊर्जा जैसी हरित ऊर्जा के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना चाहिए. पारिस्थितिक जागरूकता सामाजिक धर्मयुद्ध में बदलनी चाहिए. निवेशकों को स्वच्छ ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी कंपनियों के आधार पर अपने फंड को हरित प्रौद्योगिकी फर्मों को आर्थिक सहायता के रूप में लगाने की जरूरत है. हरित प्रौद्योगिकी ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की बढ़ती कमी से निपटने के लिए निवेशकों को आकर्षित किया है. प्रौद्योगिकी और विज्ञान, पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बनाने के लिए हरित प्रौद्योगिकी के तत्वावधान में काम करते हैं. इसका उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और उसे पहले हो चुके नुकसान की भरपाई करना है. हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरण को बचाने के लिए क्षेत्र में काम करने वाले उद्योगों के लिए एक चिह्नित क्षेत्र है. ये लक्ष्य, अर्थव्यवस्था की मदद के लिए पर्यावरण, संधारणीयता और शासन (ईएसजी) के लिए काम करने वाले संगठनों के लिए मिशन और विजन हैं. निर्माताओं को शून्य-अपशिष्ट की प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए अपनी विनिर्माण प्रक्रिया को बदलकर हानिकारक पारिस्थितिक बाहरी कारकों को कम करना चाहिए. पुनर्नवीनीकरण सामग्री का उपयोग प्लास्टिक, उर्वरक और ईंधन के लिए किया जा सकता है. हरित प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण कार्यों में से एक, कारोबार का पुनर्प्रसंस्करण करना है.
चक्रीय अर्थव्यवस्था और सतत् विकास
संधारणीयता की ओर बढ़ना एक सामाजिक और वैश्विक चुनौती है जिससे निपटने के लिए आवश्यक परिवर्तनों को प्रोत्साहित करने के वास्ते सर्वोत्तम तरीकों और ज्ञान के इस्तेमाल में शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से इनपुट, स्थानीय और राष्ट्रीय सरकारों तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग से प्रयास करने की आवश्यकता है. पर्यावरण को लाभ पहुंचाने की दिशा में हरित अपनाने के लिए आर्थिक लाभों का मूल्यांकन, नई प्रौद्योगिकियों का विकास और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने के लिए लचीले और प्रतिवर्ती तरीके से तंत्र को नया स्वरूप देना हमारे शोध के केंद्र में है. रेखाचित्र में स्पष्ट किए गए बिंदुओं की मदद से चक्रीय अर्थव्यवस्था और सतत् विकास को एक साथ लाने में मदद मिल सकती है.
कौशल विकास और रोज़गार सृजन के लिए च्रकीय अर्थव्यवस्था आधारित बिजनेस मॉडल को बढ़ावा देने और एकीकृत करने के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियां.
सौर पैनल
सौर पैनल हरित तकनीक के लोकप्रिय प्रकारों में से एक हैं. ऊर्जा बिल को कम करने के लिए घर के ऊपर सौर बिजली प्रदान करने के लिए आरवी पर छोटे सौर पैनल लगाए जा सकते हैं. आमतौर पर सौर संकेंद्रकों की तुलना में इनका अधिक इस्तेमाल होता है क्योंकि ये अधिक अनिवारक उपकरण हैं जिससे प्रवासी पक्षियों को नुकसान का खतरा नहीं होता है. इनका एकमात्र फायदा यह है कि कई डिज़ाइनों के अंदर नमक का सुपर-हीटेड कॉलम गर्मी प्रदान करता है जो भाप उत्पन्न करता है और रातभर टर्बाइन को चलाता है.
पवन टर्बाइन
हरित प्रौद्योगिकी पवन टर्बाइनों को अक्सर सौर पैनलों के साथ हरित प्रौद्योगिकी के स्वर्ण मानक के रूप में माना जाता है. सौर विकिरण के निम्न स्तर के कारण जिन क्षेत्रों में सौर पैनल प्रभावी नहीं हैं वहां पवन टर्बाइन स्थापित किए जा सकते हैं. वे दिन-रात काम कर सकते हैं. नीचे की भूमि का उपयोग खेती और पशुपालन के लिए किया जा सकता है. पवन टर्बाइनों की खामी यह है कि उनका परिचालन जीवन सीमित है और वे ज्यादातर पुन:प्रयोज्य नहीं होते हैं.
सूरज की गर्मी
सौर ताप के बारे में अधिक जागरूकता नहीं है लेकिन यह हरित प्रौद्योगिकी के रूप में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है. जब आप अपने पूल के पानी को गर्म करने के लिए सोलर कवर लगाते हैं या बिजली पर निर्भर हुए बिना उसे गर्म रखते हैं, तो आप ऊर्जा की खपत को कम करते हैं. बिजली या प्राकृतिक गैस पर निर्भर हुए बिना पानी को गर्म करने के लिए सौर वॉटर हीटर में सूर्य की ऊर्जा का उपयोग किया जाता है. ग्रीनहाउस परंपरागत रूप से सौर ताप पर निर्भर होते हैं.
जल शुद्धीकरण
लोग लापरवाही से पीने के पानी का उपयोग कर रहे हैं. पृथ्वी स्वाभाविक रूप से पानी को पुनर्संसाधित करती है. हालांकि उभरती हुई प्रौद्योगिकियां पानी को साफ करने की प्रक्रिया को तेज करती हैं.
कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का अनुमान है कि लोगों द्वारा इस्तेमाल किए गए पानी का 80 प्रतिशत पुनर्चक्रण के बिना जैव-नेटवर्क में वापस चला जाता है.
वर्तमान प्रौद्योगिकियां बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन उनमें और सुधार के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता है.
पुनर्चक्रण और अपशिष्ट प्रबंधन हरित प्रौद्योगिकी में नवाचार विकास, अवांछित सामग्री के पुनर्चक्रण में मदद करता है.
घरेलू कचरे को छांटने के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली उभरती प्रौद्योगिकियों को प्लास्टिक वर्गों में अलग किया जाना चाहिए जिससे रीसाइक्लिंग में मदद मिलती है. मुख्य उत्पाद को पिघलाया जाता है जहां कचरे से सभी पोषक तत्व घुल जाते हैं. फिर इसे तरल रूप में परिवर्तित किया जा सकता है जिसका उपयोग बायोगैस बनाने के लिए किया जा सकता है.
रासायनिक पुनर्चक्रण एक उन्नत तरीका है जो प्लास्टिक कचरे को रासायनिक घटकों में बदल द़ेता है, बाद में इसे ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या प्लास्टिक उत्पादों के रूपांतरण में मदद कर सकता है.
साथ ही, रसोई के गीले कचरे से खाद बनाना अपशिष्ट पुनर्चक्रण के मुख्य घटकों में से एक है. अगरबत्ती बनाने में इस्तेमाल होने वाले फूलों का पुनर्चक्रण, पुनर्नवीनीकरण उपयोग से हस्तनिर्मित कागज, कृषि अपशिष्ट, धातु पुनर्चक्रण आदि से छोटे व्यवसाय स्टार्ट-अप का विकास हो सकता है.
आमतौर पर पुनर्संसाधित सामग्रियों में एल्यूमीनियम, स्टील, प्लास्टिक और कागज शामिल हैं. एल्युमिनियम, धातु को पुनर्चक्रित करने में, इसे बॉक्साइट से निकालने में लगने वाली ऊर्जा के मुकाबले दसवें हिस्से से कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है. इनका उपयोग सेल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है. चीन इन खनिजों का प्रमुख स्रोत है, और व्यापार युद्ध तथा उनके अपने प्रतिबंधात्मक विनिर्माण नियम वैश्विक उद्यमियों के लिए इस महत्वपूर्ण सामग्री तक पहुंच को सीमित करते हैं. सबसे अच्छा पुनर्चक्रण कार्यक्रम जापान में पाया जाता है. वहां सजावटी वस्तुओं और प्रकाश में प्रयुक्त दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का पुनउर्पयोग किया जाता है. पुनर्चक्रण में भस्मीकरण शामिल हो सकता है.
स्व-सहायक भवन
इमारतों को बिना किसी सहयोग के, बिजली से चलने वाले नियंत्रण ग्रिड, गैस ग्रिड और शहरी जल प्रणालियों जैसी ढांचागत सुविधाओं की सहायता से कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए. सौर पैनल इमारतों को अपनी गर्मी और बिजली पैदा करने में मदद करते हैं. इसी तरह भवनों का डिज़ाइन इस तरह तैयार किया जा रहा है ताकि दिन के समय में बिजली का उपयोग कम हो. उन्हें इस प्रकार डिज़ाइन किया जा रहा है कि उनमें एयर-कंडीशनर के उपयोग के बिना इमारत को ठंडा रखा जा सकता है. इस प्रकार के भवन निर्माण के लिए आवश्यक विशेष कौशल सेट और प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाने चाहिए.
तरंगों को ऊर्जा में बदलना
ऊर्जा का विशाल संसाधन 'महासागर ऊर्जाÓ है जो लहरों, ज्वार और करंट से उत्पन्न होती है. तरंगों को ऊर्जा में बदलने की दिशा में कुछ संगठन काम कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी समुद्र की लहरों को ऊर्जा में बदलने के लिए जलमग्न प्लवों का उपयोग करने की प्रक्रिया में है. स्टील बुऑज़ 240 किलोवाट की ऊर्जा पैदा कर सकते हैं. तटवर्ती बिजली संयंत्र के लिए पंप, उच्च दबाव वाला पानी उत्पन्न करते हैं. टर्बाइन उच्च दबाव वाले पानी की मदद से घूमता है जो हरित ऊर्जा पैदा करता है. ज्वार की मदद से बनने वाली ऊर्जा में अक्षय ऊर्जा की अच्छी क्षमता होती है क्योंकि यह प्रचुर मात्रा में और सुसंगत होती है. तरंगों की ऊर्जा के दोहन के लिए विशिष्ट व्यवसाय मॉडल विकसित किए जा सकते हैं.
गैर-उत्सर्जन वाहन
ऑटोमोबाइल उद्योग उन प्रमुख क्षेत्रों में से है जो ऐसे प्रदूषक पैदा करते हैं जो पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. यह अनुमान लगाया गया है कि थोड़े समय में ही वाहनों की संख्या दोगुनी हो जाएगी जिसके परिणामस्वरूप पर्यावरणीय प्रदूषक अधिक पैदा होंगेे. हरित वाहन, ईंधन वाले वाहनों का सबसे अच्छा विकल्प हैं, जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होंगे. कौशल विकास और रोज़गार सृजन सहित सतत् विकास के लिए हरित वाहन उद्योग स्थापित करके विशाल बाजार का विकास किया जा सकता है.
वर्टिकल फार्मिंग
वर्टिकल फार्मिंग की अवधारणा, पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी की मदद से खाद्य उत्पादन समस्याओं को हल करने में मदद करेगी. वर्टिकल फार्मिंग के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है और 95 प्रतिशत कम पानी का उपयोग किया जाता है. नवीन तकनीक ताजी हवा और पौष्टिक खाद्य उत्पाद उत्पन्न करने के लिए इमारतों में वर्टिकल फार्म बनाने में मदद करती है. व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा और रोज़गार सृजन के लिए पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव डालने के लिए ऊर्जा के नुकसान को कम करने से आर्थिक और उपभोक्ता लाभों में वृद्धि की जा सकती है.
सर्कुलर इकोनॉमी फ्रेमवर्क के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण से हरित कौशल और सतत् स्टार्ट-अप को बढ़ावा मिलेगा.
हरित विकास और सतत् विकास के लिए निम्नलिखित घटक आवश्यक हैं:
1. ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी
2. कम कार्बन विकास
3. सतत् आर्थिक विकास
4. समान विकास
5. सामाजिक विकास और गरीबी में कमी
6. मजबूत समुदाय और आवासन
7. जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र वस्तुएं और सेवाएं
8. मूल्य प्राकृतिक पूंजी
9. पारिस्थितिकी तंत्र लचीलापन
10. जलवायु अनुकूलन और शमन
सर्कुलर अर्थव्यवस्था और हरित प्रौद्योगिकियां, सामुदायिक स्वास्थ्य और कल्याण, पर्यावरणीय स्वास्थ्य प्रभाव और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करती हैं.
कौशल विकास और रोज़गार पैदा करने के लिए शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में संधारणीयता सिद्धांतों को एकीकृत करने से स्वच्छ, स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा.
(लेखक गु्रप एडिशनल प्रो वाइस चांसलर, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायर्नमेंटल टॉक्सिकोलॉजी, सेफ्टी एंड मैनेजमेंट हैं)
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.