शेयर बाजार से संबंधित कॅरिअर अवसर
विजय प्रकाश श्रीवास्तव
बचत और निवेश किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए अभिन्न हैं. अर्थव्यवस्था में तेजी बनाये रखने के लिए खपत में वृद्धि होनी चाहिए, लेकिन इससे बचत और निवेश का महत्व कम नहीं होता है. बचत आमतौर पर लघु अवधि के लिए होती है और निवेश लंबी अवधि के लिए होता है. बचत के मामले में लाभ (रिटर्न) को प्रमुख महत्व वाला नहीं माना जाता है, जबकि निवेश जोखिम कारक को ध्यान में रखते हुए जितना संभव हो उतना उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए किया जाता है. यदि कोई व्यक्ति बैंक में बचत या सावधि जमा में पैसा डालता है, तो इसमें न्यूनतम जोखिम होता है. सोना, अचल संपत्ति और शेयर बाजार निवेश के अन्य स्रोत हैं जिनमें से शेयर बाजार में उच्च रिटर्न की उम्मीद के साथ अधिकतम जोखिम होता है.
कुछ माह से भारत के शेयर बाजार में तेजी है. जब महामारी शुरू हुई थी तब बीएसई सेंसेक्स 27000 के स्तर पर चला गया था. अब यह करीब 60,000 के आसपास है. शेयर बाजार में तेजी के साथ, अधिकाधिक लोग अब शेयर बाजार में निवेश करने को तैयार हैं. शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी अभूतपूर्व दर से बढ़ रही है. एक प्रमुख वित्तीय दैनिक में प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के अनुसार, नए निवेशक इक्विटी में पैसा लगाने के लिए कतार में हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंजों ने इस वर्ष सितंबर माह में 34.5 लाख से अधिक नए निवेशक जोड़े हैं और पिछले तीन माह में 95.95 लाख नए निवेशक जोड़े हैं. इस विस्तार, जोड़ और कई अन्य कारणों से भारत के शेयर बाजार में काम के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.
शेयर बाजार और उसके कामकाज को समझना
हम सभी जानते हैं कि व्यापार अनिवार्य रूप से एक मूल्य पर दो पक्षों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान है. यह व्यापार किसी बाजार स्थान पर होता है. किराना की दुकानें, मॉल और अन्य स्थान मौजूद हैं जहां यह व्यापार होता है. हम किसी होटल या बैंक शाखा या अन्य सेवा प्रदाताओं के आउटलेट से सेवाएं खरीदते हैं. अब सामान और सेवाओं दोनों को ई-मार्केट प्लेस पर भी खरीदा और बेचा जा सकता है. हम इसे 'ई-शॉपिंग कहते हैं. शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां वित्तीय उत्पाद जैसे इक्विटी, डिबेंचर, बांड आदि खरीदे और बेचे जाते हैं. अधिकतम व्यापार शेयरों में होता है इसलिए यह समझना बेहतर होगा कि शेयर क्या है.
हर कंपनी को पैसे की जरूरत होती है. ऐसा भी हो सकता है कि उन कंपनियों के मामले में जहां बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है, कंपनी के प्रवर्तकों, यदि सक्षम हों, को बाहर से कोई धन लेने की जरूरत न पड़े. लेकिन अन्य मामलों में, प्रवर्तक वित्तीय साझेदारों का सहारा ले सकते हैं, ऋण ले सकते हैं या शेयर जारी कर सकते हैं जो सार्वजनिक या निजी प्लेसमेंट के आधार पर हो सकते हैं. शेयरों (जिन्हें 'स्टॉक भी कहा जाता है) के सार्वजनिक निर्गम के मामले में, शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है. जब कोई कंपनी पहली बार शेयर जारी करती है, तो इसे 'प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (संक्षेप में 'आईपीओ) कहा जाता है. ऐसे शेयरों का कोई भी धारक शेयर बाजार में अपने शेयर बेच सकता है. किसी शेयर का अंकित मूल्य फ्लोटिंग कंपनी द्वारा तय किया जाता है, और इसे उचित प्रीमियम पर बेचा जा सकता है. उदाहरण के लिए, लगभग एक वर्ष साल पहले, भारत सरकार के स्वामित्व वाली मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने 125 रुपये से 135 रुपये के प्रीमियम पर 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले शेयरों का सार्वजनिक निर्गम किया था और अब यह शेयर 270 रुपये के आसपास कारोबार (खरीद-बिक्री) कर रहा है जिसे एक विशेष समय पर इसका 'बाजार मूल्य कहा जाता है. किसी शेयर का बाजार मूल्य पूरी तरह से अलग चीज है. यह वह कीमत है जिस पर किसी शेयर का व्यापार होता है और इसमें उतार-चढ़ाव हो सकता है. शेयर बाजार में शेयर का मूल्य संबंधित कंपनी के प्रदर्शन एवं विकास की संभावनाओं और उनके बारे में निवेशकों की धारणा से निर्धारित होता है.
प्रत्येक शेयर कारोबार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में से किसी एक में होता है. अब सभी शेयरों का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक रूप से होता है और हर कंपनी अपने शेयरों को डीमैट रूप में जारी करती है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) देश में डिपॉजिटरी सेवाएं प्रदान करने वाली दो एजेंसियां हैं. ये जारी किए गए सभी शेयरों की संरक्षक हैं. जब कोई कारोबार होता है, तो शेयरों का स्वामित्व विक्रेता से खरीदार को स्थानांतरित कर दिया जाता है. कई ब्रोकिंग एजेंसियां हैं जो शेयरों के कारोबार की सुविधा प्रदान करती हैं. वे अपने ग्राहकों से शेयर खरीदने या बेचने का ऑर्डर लेती हैं जिसे बीएसई या एनएसई पर निष्पादित करना होता है. कारोबार आदेश (ट्रेड ऑर्डर) ब्रोकिंग एजेंसी की वेबसाइट या ऐप के माध्यम से या व्यक्तिगत मुलाकात से या फोन पर दिया जा सकता है.
भूमिकाएं: शेयर बाजार में कई भूमिकाओं के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है. उदाहरण के लिए ब्रोकिंग फर्म में ऐसे लोग होते हैं जो ट्रेड ऑर्डर प्राप्त करने के लिए केवल फोन कॉल्स सुनते हैं और उन्हें ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर दर्ज करते हैं. इसी तरह ग्राहक सेवा भूमिकाएं भी होती हैं जिनमें ग्राहकों द्वारा उठाए गए मुद्दों या चिंताओं से निपटने या लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करने की आवश्यकता होती है जो व्यक्तिगत रूप से, फोन पर या चैट के माध्यम से प्रदान किया जा सकता है. 10+2 या स्नातक की साधारण योग्यता, उत्तम संचार कौशल और कंप्यूटर पर काम करने के ज्ञान के साथ ऐसी भूमिकाएं मिल सकती हैं. विभिन्न अन्य भूमिकाओं के लिए आपको विशिष्ट ज्ञान और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. ऐसी कुछ भूमिकाओं का वर्णन नीचे किया गया है. चूंकि म्यूचुअल फंड भी शेयरों में निवेश करते हैं, इसलिए यहां वर्णित अवसर म्यूचुअल फंड कंपनियों में भी उपलब्ध हो सकते हैं.
वित्त/लेखा प्रबंधक: शेयर बाजार का कारोबार पैसे का कारोबार है. ब्रोकिंग हाउस को पैसे की आमद एवं बहिर्वाह का प्रबंधन करने और उचित खाते बनाए रखने के लिए कर्मियों की आवश्यकता होती है. वाणिज्य में स्नातक और स्नातकोत्तर (बी.कॉम/ एम.कॉम) ब्रोकिंग फर्म के लेखा और वित्त विभाग में कार्य करने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं.
इक्विटी शोधकर्ता: इक्विटी शोधकर्ता उन कंपनियों का विस्तृत अध्ययन करते हैं जिनके शेयरों का कारोबार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जैसे प्लेटफॉर्म पर होता है. इस अध्ययन का उद्देश्य कंपनी के व्यवसाय और प्रदर्शन की प्रकृति, इसकी लाभप्रदता और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली संभावना को समझना है. इस तरह के अध्ययन के परिणामों के आधार पर स्टॉक को रोके रखने, खरीदने या बेचने का निर्णय लिया जाता है. स्टील, पेट्रोकेमिकल्स, उर्वरक, फार्मास्यूटिकल्स, बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, गैस, शिपिंग, विमानन आदि जैसे क्षेत्रों को शामिल करते हुए क्षेत्र वार अध्ययन भी किया जा सकता है. प्रत्येक इक्विटी शोधकर्ता को एक या एक से अधिक क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है जिन पर उन्हें बरीकी से नजर रखकर इस बारे में सिफारिश करनी होती हैं कि कौन से क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं या लघु और लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. ऐसी सिफारिशों का उपयोग विशिष्ट क्षेत्रों से संबंधित शेयरों को खरीदने या बेचने के बारे में निर्णय लेने के लिए किया जाता है. शोधकर्ताओं को यह जानने के लिए किसी विशेष क्षेत्र के भीतर तुलनात्मक प्रदर्शन का पता लगाने की आवश्यकता हो सकती है कि कौन सी कंपनियां अन्य की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, ताकि उनमें निवेश करने या पहले से निवेश किए गए धन को निकालने का निर्णय लिया जा सके. हर बड़ी ब्रोकिंग फर्म और म्यूचुअल फंड कंपनी के पास इक्विटी शोधकर्ताओं की एक टीम होती है.
तकनीकी विश्लेषक: शेयर बाजार की भाषा में 'तकनीकी विश्लेषण शेयर बाजार में या किसी विशेष स्टॉक की प्रवृत्ति पर एक राय विकसित करने के लिए गणितीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को संदर्भित करता है. भविष्य में, दीर्घ, मध्यम या लघु अवधि में संभावित पैटर्न का पता लगाने के उद्देश्य से पिछले पैटर्न को चार्ट पर रखा जाता है. तकनीकी विश्लेषण का उपयोग मुख्यत: अल्पकालिक अनुमानों के लिए किया जाता है.
पोर्टफोलियो मैनेजर: ऐसे कई निवेशक हैं जो पूरी तरह से स्वयं निर्णय लेने के बजाय अपने निवेश निर्णयों को पोर्टफोलियो मैनेजर्स या पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एजेंसियों पर छोड़ देते हैं जो अपनी सेवाओं के लिए शुल्क लेते हैं और/या प्राप्त लाभ से कमीशन लेते हैं. पोर्टफोलियो मैनेजर का कार्य ग्राहकों से बात करके निवेश के उद्देश्य और समय सीमा को समझना और फिर निवेश की रणनीति तय करना है. कुछ निवेशक उच्च जोखिम के साथ भी त्वरित रिटर्न की इच्छा कर सकते हैं, जबकि अन्य निवेशक अल्प या सामान्य जोखिम के साथ मध्यम स्तरीय रिटर्न पसंद कर सकते हैं.
फंड मैनेजर: फंड मैनेजर से विशेष रूप से म्यूचुअल फंड कंपनियों और पेंशन फंड में बड़ी भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है. वे योजना की प्रकृति के आधार पर किसी विशेष म्यूचुअल फंड योजना के घटक तय करते हैं. उदाहरण के लिए, शुद्ध इक्विटी फंड के मामले में उन्हें यह तय करना होगा कि कौन से शेयर खरीदे/बेचे जाने हैं और कितनी मात्रा में. इसी तरह शेयरों की बिक्री के बारे में भी फैसला लेना होता है. लाभांश आय की निगरानी और ऐसी आय के निवेश की योजना बनाना उनके लिए एक अन्य कार्यात्मक क्षेत्र है. इसका उद्देश्य फंड के मूल्य को अधिकतम करना है जो कि प्रति यूनिट मूल्य में प्रदर्शित है. इक्विटी शोधकर्ता कुछ अनुभव होने पर फंड मैनेजर बन सकते हैं. फंड मैनेजर का मुख्य परिणाम क्षेत्र उसके द्वारा प्रबंधित फंड द्वारा दिया जाने वाला रिटर्न है. उद्योग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले फंड मैनेजर्स की काफी मांग है.
ब्रोकिंग फर्मों के अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशक, घरेलू संस्थागत निवेशक, बीमा कंपनियों की निवेश विंग, पेंशन फंड इक्विटी विश्लेषकों/शोधकर्ताओं, तकनीकी विश्लेषकों और फंड मैनेजर्स की नियुक्त करते हैं.
शेयर बाजार में कॅरिअर बनाने में सहायक योग्यताएं
ऐसी कई योग्यताएं हैं जो शेयर बाजार में कॅरिअर बनाने के लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं. प्रबंधन में उच्च योग्यता जैसे 'मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन या वित्त में विशेषज्ञता के साथ प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएम) अब बहुत लोकप्रिय योग्यता है. चार्टर्ड अकाउंटेंट, चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट और कॉस्ट अकाउंटेंट के लिए शेयर बाजार में कार्य करने के अच्छे अवसर मौजूद हैं. वित्तीय योजनाकारों की भूमिका में कार्य करने के लिए ऊपर उल्लिखित योग्यता के साथ या उसके बिना वित्तीय नियोजन में प्रमाणन वांछनीय है. जोखिम प्रबंधन, बिजनेस एनालिटिक्स, डेटा साइंस, बिग डेटा एनालिटिक्स और निश्चित रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) में योग्य लोगों के लिए भी अवसर मौजूद हैं. अब शेयर बाजारों में आईटी का भारी उपयोग किया जा रहा है. प्रोग्रामर, सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, डेटाबेस मैनेजर और सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए अवसर उपलब्ध हैं. वित्तीय प्रौद्योगिकी एक नए विषय के रूप में उभरी है जिसमें विषेषज्ञता से स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकिंग फर्मों और म्यूचुअल फंड कंपनियों, आदि में भी कार्य करने की गुंजाइश है.
राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान (मुंबई के निकट) में कई उपयोगी पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं जो शेयर बाजार से संबंधित कॅरिअर भूमिका पाने में मदद कर सकते हैं. ये हैं- प्रबंधन (प्रतिभूति बाजार) में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पोर्टफोलियो प्रबंधन/ निवेश सलाहकार/अनुसंधान विश्लेषण), निवेश और प्रतिभूति विधि में एलएल.एम. पाठ्यक्रम (विधि स्नातकों के लिए), प्रबंधन (वित्तीय बाजारों में डेटा विज्ञान) में स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र और प्रतिभूति बाजार में स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र (पीजीसीएसएम).
शेयर बाजारों से संबंधित कक्षा आधारित और ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शाखा 'बीएसईवर्सिटी है. यहां उपलब्ध कक्षा आधारित पाठ्यक्रमों में वैश्विक वित्तीय बाजारों में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स (डाटा एनालिटिक्स) में स्नातकोत्तर डिप्लोमा शामिल हैं. 'बीएसईवर्सिटी द्वारा प्रदान किये जाने वाले ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में पूंजी बाजार के लिए व्यापक निवेश रणनीति, जोखिम प्रबंधन में इक्जिक्युटिव प्रोग्राम, शेयर बाजार में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (उन्नत स्तर) (सीपीएसएम), पूंजी बाजार बूटकैंप, और धन प्रबंधन का परिचय + म्यूचुअल फंड निवेश पाठ्यक्रम शामिल हैं.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की भी एक 'एनएसई अकादमी है जो विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करती है. इनमें एनएसई अकादमी प्रमाणित बाजार पेशेवर (एनसीएमपी), पीजीसीएम निवेश बैंकिंग, वित्तीय विश्लेषिकी में पीजी पाठ्यक्रम, वित्तीय प्रौद्योगिकी में पीजीपी प्रमाणन पाठ्यक्रम, वित्तीय बाजार में पीजी डिप्लोमा शामिल हैं. इक्विटी रिसर्च एंड वैल्यूएशन, टेक्निकल एनालिसिस, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज, सर्टिफिकेशन इन रिसर्च, ट्रेडिंग एंड एडवाइजरी / ऑनलाइन टेक्निकल एनालिसिस/ऑनलाइन इक्विटी रिसर्च एनालिसिस/इक्विटी वैल्यूएशन एंड फाइनेंशियल मॉडलिंग / फाइनेंशियल प्लानिंग एंड वेल्थ मैनेजमेंट पर ऑनलाइन इंटरेक्टिव कोर्स भी उपलब्ध हैं. एनएसई अकादमी कुछ साझेदारी कार्यक्रम भी संचालित करती हैं जैसे- लाइव ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज, कैपिटल मार्केट एनालिटिक्स, इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज, एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग एवं कम्प्यूटेशनल फाइनेंस, स्मार्ट इंडेक्स ट्रेडर प्रोग्राम, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीज.
हमारे देश में शेयर बाजारों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनिमित किया जाता है. यदि आप सेबी में कार्य करना चाहते हैं, तो सबसे आम मार्ग ग्रेड 'क अधिकारी के रूप में इसमें शामिल होना है. इसके लिए लगभग हर वर्ष रिक्तियों का विज्ञापन प्रकाशित होता है. ये रिक्तियां सामान्य के साथ-साथ विशेष शाखाओं में भी मौजूद हैं. सामान्य शाखा के लिए किसी भी विषय में मास्टर डिग्री या विधि में स्नातक की डिग्री, इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री या चार्टर्ड अकाउंटेंसी / चार्टर्ड वित्तीय विश्लेषक/कंपनी सेक्रेटरी / इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की योग्यता होनी चाहिए. विधि, सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और अनुसंधान शाखाओं में विशेषज्ञों की भूमिकाएं उपलब्ध हैं. अनुसंधान शाखा के लिए सांख्यिकी / अर्थशास्त्र/वाणिज्य/व्यवसाय प्रशासन (वित्त)/ अर्थमिति में मास्टर डिग्री आवश्यक है. चयन लिखित परीक्षा (प्रारंभिक और मुख्य) और साक्षात्कार के आधार पर होता है.
यदि आप शेयर बाजार से संबंधित कॅरिअर को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं, तो आपको केवल समाचार पत्रों के विज्ञापनों पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि कई मामलों में, विशेष रूप से निजी फर्मों द्वारा, अभ्यर्थियों को अन्य माध्यमों से भी चयनित किया जाता है. अपेक्षित योग्यता/कौशल रखने वाले व्यक्ति मौजूदा या आगामी अवसरों के लिए विचार किये जाने हेतु ऐसी फर्मों में अपना बायोडाटा जमा कर सकते हैं. आपकी प्रोफाइल प्रमुख जॉब पोर्टल्स पर भी होनी चाहिए.
(लेखक कॅरिअर कांउसलर हैं. ईमेल: v2j25@yahoo.in )
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.