शारीरिक शिक्षा में कॅरिअर के अवसर
निधि प्रसाद
जीवन शैली के रूप में शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिनांक २९ अगस्त, २०१९ को फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की थी. फिट इंडिया मूवमेंट का उद्देश्य गतिहीन जीवन-शैली से शारीरिक रूप से सक्रिय दैनिक जीवन में व्यवहार परिवर्तन लाना है. फिट इंडिया तभी सफल होगा जब यह एक 'जन आंदोलन बने. 'कैसे रहें औपचारिक शिक्षा का पहला स्तंभ होना चाहिए. इसमें प्रतिदिन अपने शरीर और स्वास्थ्य की देखभाल करने की कला का अध्ययन और अभ्यास करना शामिल है. घर के बाद स्कूल ऐसे प्रथम औपचारिक संस्था होते हैं जहां शारीरिक फिटनेस पढ़ाई जाती है और उसका अभ्यास कराया जाता है. उक्त पृष्ठभूमि में फिट इंडिया मिशन स्कूलों को शारीरिक गतिविधियां और शारीरिक शिक्षा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि फिट, स्वस्थ और खुशहाल भारत का निर्माण किया जा सके.
पहले शारीरिक शिक्षा (पीई) को सामान्य रूप से स्कूल के टाइम टेबल में शामिल गतिविधियां माना जाता था, जिनमें फ्री-हैंड एक्सरसाइज, खेल, क्रीड़ा, दौड़, तैराकी आदि शामिल थीं, समय के साथ इस विषय में नाटकीय रूप से बदलाव आया है. अब स्कूली स्थापनाओं से गैर-स्कूली स्थापनाओं में और स्कूली आयु के बच्चों से हर आयु के लोगों में इसका विस्तार हुआ है. इसके अतिरिक्त, कोविड-१९ ने रोग-प्रतिरक्षा और आरोग्यता के महत्व के प्रति जागरूकता का सृजन किया है और इससे फिटनेस बूम और आरोग्यता आंदोलन को बढ़ावा मिला है. शारीरिक शिक्षा में अब छात्रों की शारीरिक सक्षमता तथा मूवमेंट और सुरक्षा के ज्ञान एवं एक सक्रिय तथा स्वस्थ जीवन-शैली का विकास करने से जुड़े विविध-कार्यकलाप करने में उनकी क्षमता में सुधार लाने का एक सतत दृष्टिकोण निहित है. शारीरिक शिक्षा में खेल, नृत्य और फिटनेस प्रशिक्षण सहित विविध कार्यकलाप शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, शारीरिक शिक्षा विश्वास, आरोग्यता और सामाजिक कौशल-जिन्हें अन्य विषयों के माध्यम से प्राप्त करना अधिक कठिन हो सकता है, का विकास करने और बनाए रखने में सहायता करती है. छात्र सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए युक्तियों, कार्य-नीतियों और संरचनात्मक विचारों का उपयोग करने के विविध कौशलों और क्षमता का विकास करते हैं. कार्य करते समय वे सोचते हैं कि वे क्या कर रहे हैं, स्थिति का विश्लेषण करते हैं और निर्णय लेते हैं. वे अपने स्वयं के तथा अन्यों के कार्य-निष्पादन पर भी चिंतन करते हैं और उन पर सुधार करते हैं. इसलिए शारीरिक शिक्षा (पीई) अनुदेशक की भूमिका और कार्य-क्षेत्र का भी पर्याप्त रूप में विस्तार हुआ है.
शारीरिक शिक्षा (पीई) कैसे पाएं
खेल, स्वास्थ्य और फिटनेस में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए शारीरिक शिक्षा स्नातक (बी.पीएड) श्रेष्ठ कार्यक्रम है. यह आमतौर पर १-२ वर्ष के या ३-४ वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रम के रूप में चलाया जाता है. शारीरिक शिक्षा में स्नातक डिग्री के बाद आप एम.पीएड, खेल प्रबंधन में एमबीए जैसे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और शारीरिक शिक्षा में पीएच.डी. कर सकते हैं. बी.पीएड कार्यक्रम आप पूर्णकालिक और अंशकालिक पाठ्यक्रम के रूप में भी कर सकते हैं. पात्रता मानदंड अलग-अलग विश्वविद्यालय में अलग-अलग होते हैं. तथापि, कुछ मूल अपेक्षाएं हैं:-
१-२ वर्ष की अवधि के पाठ्यक्रम हेतु बी.पीएड पात्रता मानदंड
· उम्मीदवार किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय/कॉलेज से न्यूनतम प्रतिशतता (५०-६० प्रतिशत) के साथ स्नातक उत्तीर्ण हों.
· प्रवेश में वरीयता उन उम्मीदवारों को दी जाती है जिन्होंने स्नातक के दौरान शारीरिक शिक्षा पढ़ी हो या कॉलेज स्तर पर खेलों में भाग लिया हो.
· 2 उम्मीदवारों की आयु १९-२५ वर्ष के बीच होनी चाहिए.
३-४ वर्ष की अवधि के पाठ्यक्रम हेतु बी.पीएड पात्रता मानदंड
· उम्मीदवार किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से किसी भी विधा में बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण हों.
· उम्मीदवार जिस विश्वविद्यालय/कॉलेज में प्रवेश लेना चाहता है उसके द्वारा बारहवीं कक्षा में न्यूनतम निर्धारित प्रतिशतता (सामान्यत: ४५-६० प्रतिशत) रखता हो.
· प्रवेश में वरीयता उन उम्मीदवारों को दी जाती है जिन्होंने स्कूल स्तर पर कोई खेल खेला हो या बारहवीं कक्षा में शारीरिक शिक्षा विषय लिया हो.
· उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु १७ या अधिक होनी चाहिए.
शारीरिक शिक्षा में स्नातक डिग्री में प्रवेश सामान्यत: विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा संचालित प्रवेश-परीक्षा में उम्मीदवारों के निष्पादन के आधार पर दिया जाता है. बी.पीएड प्रवेश-परीक्षा को चार मुख्य घटकों में विभाजित किया जा सकता है:-
· लिखित परीक्षा : परीक्षा का उद्देश्य सामान्य अभिवृत्ति, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, विज्ञान आदि जैसे विषयों पर उम्मीदवारों का मूल्यांकन करना है.
· शारीरिक दक्षता परीक्षा : परीक्षा का यह घटक किसी उम्मीदवार की शारीरिक फिटनेस की जांच करता है. जांच में पुल-अप, फ्लैक्स्ड लेग सिट-अप्स, शटल रन, ६०० यार्ड रन, स्टैंडिंग बोर्ड जम्प आदि जैसी शारीरिक गतिविधियां शामिल हो सकती हैं.
· खेल/क्रीड़ा दक्षता जांच : इस जांच में उम्मीदवार के पसंद के किसी खेल/क्रीड़ा में उसका मूल्यांकन किया जाता है.
· व्यक्तिगत साक्षात्कार : साक्षात्कार दौर का उद्देश्य उम्मीदवार के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को परखना है.
उक्त उल्लिखित सभी परीक्षाओं में उम्मीदवार द्वारा प्राप्त संचयी अंकों के आधार उन्हें बी.पीएड में प्रवेश देने के लिए उनकी अल्पसूची बनाई जाती है. तथापि, प्रवेश परीक्षा के उक्त उल्लिखित घटक उस विश्वविद्यालय/कॉलेज के आधार पर अलग हो सकते हैं, जिसमें उसने आवेदन किया है.
बी.पीएड में सीधा प्रवेश
हालांकि अधिकांश विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, लेकिन कुछ संस्थान उम्मीदवारों को सीधे प्रवेश प्रदान करते हैं. उम्मीदवारों को योग्यता परीक्षा (कक्षा 12 या स्नातक) में उनके द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर सीधा प्रवेश दिया जाता है.
शारीरिक शिक्षा में कॅरिअर के अवसर
बीपीएड डिग्री प्राप्त करने के बाद उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध सबसे लोकप्रिय कॅरिअर पथ निम्नलिखित हैं:
शिक्षक/अनुदेशक/कोच : कार्य में शारीरिक गतिविधियों को सिखाना और शक्ति, समन्वय और मोटर कौशल विकसित करना शामिल है. लेकिन कक्षा में इन शारीरिक कौशल सेट विकसित करने के अलावा, पीई शिक्षक आमतौर पर अपने छात्रों में एक स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली को प्रोत्साहित करते हैं.
शारीरिक शिक्षा का शिक्षक बनने के लिए आवश्यक कौशल : समर्पण, कड़ी मेहनत इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण है. किसी भी पीई शिक्षक के रूप में एक कॅरिअर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार को केवल खेल जानने से परे कुछ गुणों और कौशल की एक शृंखला की जरूरत होती है.
एथलेटिक कौशल : आकांक्षी एक अच्छा एथलीट होना चाहिए और अच्छे स्वास्थ्य, शारीरिक समन्वय, और जीवन शक्ति वाला होना चाहिए. जो उम्मीदवार आत्मविश्वास से पूर्ण और मजबूत हैं, शारीरिक रूप से फिट हैं, वे प्रतिस्पर्धी खेलों और व्यायाम दिनचर्या के लिए आवश्यक तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे.
शिक्षण कौशल : शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को छोटे, अधिक प्रबंधनीय चरणों में जटिल अवधारणाओं और निर्देशों को सामान्य बनाने की जरूरत होती है. उसे यह पहचान करने में सक्षम होना चाहिए किन छात्रों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है और जब जरूरत हो उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए. अन्य प्रमुख कौशल आवश्यकताओं में निम्नलिखित शामिल हैं :
· अनुकूलन क्षमता
· समय प्रबंधन और दृढ़ संकल्प
· अवधारणात्मक कौशल (खेल को पढ़ने और खेलने की प्रत्याशा करने की क्षमता)
· पारस्परिक कौशल
· स्वास्थ्य के मुद्दों और शारीरिक गतिविधि का ज्ञान
· प्रेरणा, सहानुभूति और नेतृत्व कौशल
· अवलोकन और विश्लेषणात्मक कौशल
१. संगठनात्मक कौशल-शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के लिए ठोस संगठनात्मक कौशल की आवश्यकता होती है. उनके कर्तव्यों में माता-पिता से अनुमति प्रपत्र लेना और अन्य स्कूलों को शामिल करते हुए क्षेत्र यात्राओं और खेल आयोजनों के लिए महत्वपूर्ण अतिरिक्त शुल्क संकलित करना शामिल हैं.
२. अंपायर/रेफरी : अंपायर या रेफरी खेल मानक को बनाए रखने में मदद करने के लिए किसी खेल आयोजन की अध्यक्षता करता है. अंपायर/रेफरी उल्लंघनों का पता लगाता है और खेल/खेल के नियमों के अनुसार दंड का निर्णय लेता है.
३. खिलाड़ी/पेशेवर एथलीट : एक पेशेवर एथलीट कौशल विकसित करने, शारीरिक स्थिति में सुधार करने और प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षकों या कोचों के निर्देशन में नियमित रूप से व्यायाम और प्रैक्टिस करता है.
४. टीम मैनेजर- टीम मैनेजर खेल के व्यावसायिक पक्ष को संभालने के लिए जिम्मेदार हैं. निवेशकों को लाना, मीडिया और प्रेस का प्रबंधन करना, कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन करना उनके कुछ कर्तव्य हैं.
५. सलाहकार- सलाहकार अपने संबंधित खेलों में विशेषज्ञ होते हैं और उन संगठनों और संस्थानों में काम पर रखे जाते हैं जो टीम के समग्र सुधार के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं.
६. खेल/एथलेटिक ट्रेनर : खेल या एथलेटिक ट्रेनर एक अत्यधिक कुशल स्वास्थ्य पेशेवर होता है जो आपातकालीन देखभाल, नैदानिक उपचार, चिकित्सकीय कार्य, और खिलाड़ियों को चोटों के पुनर्वास जैसी सेवाएं प्रदान करने में चिकित्सकों के साथ सहयोग करते हैं.
७. कमेंटेटर : खेल कमेंटेटर एक ऐसा पेशेवर है जो वास्तविक समय में खेल की आमतौर पर एक लाइव प्रसारण के दौरान कॉमेंट्री करता है.
८. खेल पत्रकार : एक खेल पत्रकार रिपोर्ट और अच्छी तरह से कहानियां लिखता है. पेशेवर खेलों पर खेल पत्रकार कोच और खिलाड़ियों के साक्षात्कार, खेल के आंकड़ों की रिपोर्ट, और कई बार खेल कमेंट्री की पेशकश करते हैं. खेल पत्रकार टेलीविजन, प्रिंट और रेडियो सहित विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के लिए काम कर सकता है.
९. खेल प्रशासक : खेल प्रशासक के पास खेल क्लबों, फिटनेस सेंटरों, खेल संगठनों आदि के भीतर विभिन्न कार्य होते हैं. खेल प्रशासक आमतौर पर खेलों का आयोजन और कार्यक्रम, बजट का प्रबंधन, और भर्ती एवं कर्मचारियों के प्रशिक्षण की देखरेख करता है.
१०. खेल फोटोजर्नलिस्ट : खेल फोटोजर्नलिस्ट/फोटोग्राफर खेल स्पर्धाओं, एथलीटों, खेल टीमों आदि की तस्वीरें लेता है. खेल फोटोजर्नलिस्ट किसी संगठन के लिए एक पूर्णकालिक कर्मचारी के रूप में काम करता है या फ्रीलांसर के रूप में अखबारों और पत्रिकाओं को अपनी तस्वीरें बेच सकता है.
सरकारी क्षेत्र में, शारीरिक शिक्षा में स्नातकों के लिए अवसर अत्यधिक फायदेमंद हैं. शीर्ष सरकारी संगठनों जो नियमित रूप से खिलाड़ियों और पीई स्नातकों की भर्ती करते हंै उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
· सशस्त्र बल
· अर्धसैनिक बल
· पुलिस और अन्य सुरक्षा बल
· भारतीय रेलवे
· भारतीय खेल प्राधिकरण
· स्वास्थ्य सेवा निदेशालय
बी.पीएड चलाने वाले शीर्ष संस्थान
· दिल्ली विश्वविद्यालय - दिल्ली
· इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, दिल्ली
· एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
· चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, पंजाब
· बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
· बीपीसीए कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, मुंबई
· वीएनएस कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड मैनेजमेंट स्टडीज, भोपाल
· ज्योतिबा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, नागपुर
· बैंगलोर विश्वविद्यालय, बेंगलुरु
· अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
यदि आप खेल खेलना पसंद करते हैं, ऊर्जा से सम्पन्न हैं और खेल, स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में सीखने का आनंद लेते हैं, तो शारीरिक शिक्षा (पीई) का अध्ययन आपके लिए एक अच्छा कॅरिअर हो सकता है. शारीरिक शिक्षा हालांकि सिर्फ खेल के बारे में नहीं है बल्कि आप स्वास्थ्य, आरोग्य और मानव शरीर के बारे में बहुत कुछ सीखेंगे.
(लेखक कॅरिअर काउंसलर हैं. उनसे nidhiprasadcs@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है)
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.
चित्र साभार: गूगल