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Issue no 19, 07-13 August 2021

खाद्य एवं पोषण विज्ञान में उभरते कॅरिअर

निधि प्रसाद

पानी की तरह खाद्य भी हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है. खाद्य व्यक्ति के स्वास्थ्य, शरीर और मस्तिष्क को प्रभावित करता है, इस प्रकार स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ-साथ बीमारी को रोकता है.

इसमें नगण्य संदेह है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है-घर और कार्यस्थल दोनों पर. सामाजिक प्रतिबंध, संगरोध, दूरसंचार, आभासी शिक्षा, आदि सभी नए मानदंड बन गए हैं. कोई नहीं जानता कि कितने समय तक इन महामारी सुरक्षा उपायों को बनाये रखने की आवश्यकता होगी. यह परिदृश्य हमारे स्वास्थ्य की रक्षा और सुधार के लिए एक आदर्श समय प्रस्तुत करता है क्योंकि समुचित रूप से संतुलित पौष्टिक आहार एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के समर्थन में सहायता करता है. सुपोषण मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के विकास की संभावना को भी कम करता है. अब अधिक लोग अपने दैनिक जीवन पर अपने आहार से पड़ सकने वाले प्रभाव के संबंध में जागरूक हो रहे हैं, और पोषण के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में निवेश बढ़ा रहे हैं. इस परिदृश्य ने ऐसे योग्य पोषण पेशेवरों की वैश्विक मांग को बढ़ावा दिया है जो जन स्वास्थ्य में सुधार करने और स्वास्थ्य संवर्धन में संलग्न होने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर सकते हैं. यह कई ऐसे कॅरिअर अवसरों के साथ एक रोमांचक क्षेत्र है जो आपको खाद्य और पोषण के संबंध में साक्ष्य-आधारित अंतर्दृष्टि के साथ लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की अनुमति देता है. खाद्य और पोषण के संबंध में ज्ञान होना आपको कार्यालय, प्रयोगशालाओं, अस्पतालों, स्कूलों, निगमों, रेस्तरां और अन्य स्थानों जैसी कई कार्य व्यवस्थाओं में स्थापित कर सकता है.

पोषण एवं आहार विज्ञान: पोषण विशेषज्ञ वह व्यक्ति होता है जो दूसरों को खाद्य और पोषण के मामलों और स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव के संबंध में सलाह देता है. कुछ लोग विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञ होते हैं, जैसे कि अन्य विषयों में, खेल पोषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, या पशु पोषण. पोषण विशेषज्ञ या आहार विशेषज्ञ के रूप में, आप अपने ग्राहकों को उनकी उम्र, वजन, लिंग और पोषण आवश्यकताओं के अनुरूप खाद्य संयोजन के सही प्रकार का सुझाव देंगे. आप उन्हें वजन कम करने/बढ़ाने, स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने और उनकी आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करेंगे.

हालांकि, पोषण विशेषज्ञ और आहार विशेषज्ञ बहुत समान पेशेवर हैं, लेकिन इन दोनों खाद्य और आहार विशेषज्ञों के मध्य थोड़ा अंतर है. कोई भी व्यक्ति जो पेशेवर आधार पर पोषण संबंधी परामर्श देता है, उसे पेशेवर पोषण विशेषज्ञ कहा जा सकता है. प्रमाणित पोषण विशेषज्ञ कहलाने के लिए, उन्हें क्लिनिकल न्यूट्रिशन सर्टिफिकेशन (सीएनसी) बोर्ड से प्रमाणीकरण की जरूरत होती है. आहार विशेषज्ञ बनने के लिए, अपेक्षित शैक्षणिक डिग्री प्राप्त करनी होगी और इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन (आईडीए) के साथ पंजीकृत होने के लिए एक परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी.

पोषण एवं आहार विज्ञान में कॅरिअर बनाने के लिए निम्नलिखित अध्ययन मार्ग हैं:

पथ 1: विज्ञान वर्ग में बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करें और 3 वर्ष तक पोषण एवं आहार विज्ञान में बी.एससी., और उसके बाद 2 वर्ष तक पोषण एवं आहार विज्ञान में एम.एससी. करें. या

पथ 2: विज्ञान वर्ग (गृह विज्ञान की सिफारिश की अनुसंशा की जाती है) में बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करें और फिर 3 वर्ष तक गृह विज्ञान में बी.एससी., और उसके बाद गृह विज्ञान में एम.एससी. करें. या

पथ 3: विज्ञान वर्ग में बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करें और फिर 3 वर्ष तक पोषण एवं आहार विज्ञान में बी.एससी. और उसके बाद पोषण एवं आहार विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा करें.

आपको अपने स्नातकोत्तर के बाद एक इन्टर्नशिप पूर्ण करने और इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन (आईडीए) द्वारा आयोजित लाइसेंसिंग परीक्षा को उत्तीर्ण करने की भी आवश्यकता है. पीएच.डी या आगे के शोध का विकल्प चुनकर भी इस क्षेत्र में प्रगति की जा सकती है, क्योंकि निरंतर सीखने का अवसर अधिक होता है.

पोषण में नए उभरते कॅरिअर

पोषण में बी.एससी. के साथ स्नातक नए उभरते कई क्षेत्रों में काम करने के लिए योग्य है, जैसे:

ढ्ढ. खेल पोषण विशेषज्ञ: यदि आपको स्वस्थता और पोषण का शौक है, तो आप एक पेशेवर खेल पोषण विशेषज्ञ बनने पर विचार कर सकते हैं. खेल पोषण पेशेवर के रूप में, आप बॉडी बिल्डर्स, स्पॉर्ट्स एथलीट्स और अन्य फिटनेस उत्साही लोगों को सिखाएंगे कि वे पोषण के साथ अपने स्वास्थ्य में सुधार करते हुए मैदान या कोर्ट पर अपने प्रदर्शन को कैसे अनुकूलित करें. खेल पोषण विशेषज्ञ बनने के लिए, एक स्नातक डिग्री, जैसे खाद्य विज्ञान एवं पोषण या आहार में बी.एससी., अपेक्षित है. स्नातक डिग्री प्राप्त करने के बाद, इच्छुक उम्मीदवार किसी खेल संगठन में नौकरी-कालीन प्रशिक्षण प्राप्त करने पर विचार कर सकते हैं या राष्ट्रीय पोषण संस्थान के लिए प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त करके संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. खेल पोषण खेल की श्रेणी के आधार पर खेल खिलाड़ियों की विशिष्ट पोषण आवश्यकताओं और दिशा-निर्देशों से संबंधित है. इस क्षेत्र का विषय-क्षेत्र इस प्रकार है:

·         खेल प्रशिक्षण, जिम और फिटनेस सेंटर में पोषण विशेषज्ञ

·         जिम जाने वालों के लिए डिजिटल खेल कोच

·         फिटनेस स्ट्रीमिंग प्रोग्रामर

·         प्रमाणित पूरक और दानेदार पोषण विशेषज्ञ

·         भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) में पोषण विशेषज्ञ

 

        I.            संधारणीय पोषण विशेषज्ञ: वर्ष 2050 तक दुनिया की आबादी 10 अरब तक पहुंचने का अनुमान है. सभी को पौष्टिक आहार प्रदान करने और ग्रह का संरक्षण करने के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है. संधारणीय खाद्य और आहार का उभरता हुआ सामयिक मुद्दा पोषण पेशेवरों के प्रशिक्षण के लिए नए अवसर प्रदान कर सकता है. खाद्य संधारणीयता इस संबंध में सजग हो रही है कि हमारी दैनिक पसंद हमारे ग्रह के भविष्य को किस तरह प्रभावित कर सकती हैं. आहार विशेषज्ञ लोगों को हरित-खाद्य युक्तियां, पादप-आधारित खाद्य के लाभ, नैतिक खाद्य के महत्व और हमारे ग्रह पर औद्योगिक कृषि के प्रभाव के संबंध में बताते हैं. ईएटी-लांसेट आयोग, 16 विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों का समूह, ने ग्रह की खाद्य मांगों, अपशिष्ट और समग्र आहार से संबंधित मौजूदा सबूतों का अवलोकन किया. इस आयोग के अनुसार, खाद्य उत्पादन दुनिया में पर्यावरण परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है. वे उल्लेख करते हैं कि शाकाहार और शाकाहारी खाद्य में भूमि उपयोग और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में सबसे अधिक कमी होती है, और शाकाहारी खाद्य में न्यूनतम पानी का उपयोग होता है. यदि हम वास्तविक परिवर्तन को लागू करना चाहते हैं और कृषि के लिए बेहतर दृष्टिकोण खोजना चाहते हैं, तो हमें खाद्य प्रणाली एवं संधारणीय खाद्य प्रणाली मॉडल के सभी घटकों की महत्वपूर्ण समझ की आवश्यकता है. प्राकृतिक एवं मानव संसाधन, खाद्य नीति, अर्थशास्त्र, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और सामाजिक मूल्य सभी उत्पादन से लेकर वितरण, खाद्य पहुंच और उपभोग तक आपूर्ति शृंखला के पहिये के दांतों को संचालित करते हैं. हालांकि, यह प्रारंभ में अस्पष्ट लग सकता है, लेकिन खाद्य संधारणीयता में कई नौकरियां हैं और ऐसे समय जब सभी के लिए रास्ता अलग है, नौकरी के विकल्प केवल विस्तारित हो रहे हैं.     

  

      II.            जन स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ: पोषण का एक अन्य क्षेत्र जन स्वास्थ्य पोषण है जो खाद्य और पोषण से संबंधित एनीमिया, विटामिन ए, मधुमेह, आयोडीन की कमी आदि जैसी जन स्वास्थ्य समस्या पर केंद्रित है.

इस क्षेत्र का दायरा इस प्रकार है:

·         स्नातक पीएचएफआई, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, अन्य स्वास्थ्य संगठनों जैसे किसी संगठन में प्रोजेक्ट असिस्टेंट, प्रोजेक्ट एसोसिएट के रूप में काम कर सकते हैं.

·         किसी गैर सरकारी संगठन या निजी संगठन में मुख्य पोषण विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर सकते हैं.

·         पोषण पत्रकारिता अन्वेषण के लिए एक अन्य क्षेत्र है.

·         जन स्वास्थ्य नीति निर्माता

·         संधारणीय खाद्य पोषण विशेषज्ञ

जन स्वास्थ्य पोषण का उद्देश्य जनसंख्या के बीच समग्र पोषणयुक्त स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है. ऐसा विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं, कार्यक्रम विकास और लोक नीति के माध्यम से. जन स्वास्थ्य पोषण अध्ययन का वह क्षेत्र है जिसका संबंध जनसंख्या में पोषण संबंधी बीमारियों/ समस्याओं की रोकथाम के माध्यम से अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और इन समस्याओं का समाधान करने के लिए लक्षित सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों से है. जन स्वास्थ्य पोषण विशेषज्ञ/पेशेवर जनसंख्या, अर्थात बड़ी संख्या में ऐसे लोग जिनके लिए समूह कार्रवाई आवश्यक है, को प्रभावित करने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए बड़े पैमाने पर, संगठित और बहुआयामी दृष्टिकोण का उपयोग करते हैं. इसलिए, यह क्षेत्र बहु-विषयक प्रकृति का है और जैविक एवं सामाजिक विज्ञानों के आधार पर निर्मित है. सार्वजनिक पोषण के क्षेत्र में किसी पेशेवर के लिए समस्या और उसके परिमाण की पहचान करना, उन समस्याओं के उत्पन्न होने के तरीके और कारण को समझना, और रणनीतियां बनाना एवं उन्हें कार्यान्वित करने के लिए कार्रवाई और उनके प्रभाव का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है.

 

ढ्ढङ्क. खाद्य सुरक्षा अधिकारी: खाद्य सुरक्षा अधिकारी एक ऐसा पेशेवर है जो निरीक्षण हेतु विभिन्न स्थानों से एकत्र किए गए खाद्य नमूनों का विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार है. खाद्य नमूने के विश्लेषण का मुख्य उद्देश्य खाद्य उत्पाद के किसी भी खतरनाक प्रभाव, खाद्य में संदिग्ध सामग्री या उसके निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की पहचान करना है. ऐसे परिणामों के आधार पर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी खतरनाक सामग्री या कच्चे माल का उपयोग करते हुए पाये जाने पर खाद्य उत्पाद के निर्माता, वितरक या विक्रेता को नोटिस जारी कर सकता है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी की अन्य कार्य भूमिकाओं में खाद्य वस्तुओं के निरीक्षण के लिए होटल, रेस्तरां और खाद्य उद्योग का औचक दौरा करना और इसका सर्वेक्षण करना शामिल है कि क्या खाद्य वस्तुओं के विनिर्माण या तैयारी के दौरान सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है.

 

भारत में, राज्य सरकारें एक प्रशासनिक पद पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नियुक्त करती हैं. यह भर्ती राज्य सिविल सेवा (एससीएस) परीक्षा के आधार पर की जाती है. अभ्यर्थी को किसी मान्यताप्राप्त संस्थान से खाद्य प्रौद्योगिकी/ डेयरी प्रौद्योगिकी/जैव प्रौद्योगिकी/कृषि विज्ञान/ जैव रसायन आदि जैसे किसी प्रासंगिक विषय में बी.एससी./बी.टेक की स्नातक डिग्री या मास्टर डिग्री धारित करनी चाहिए. जो लोग वैज्ञानिक के रूप में काम करना चाहते हैं उन्हें किसी प्रासंगिक विषय में पीएच.डी की डिग्री धारित करनी होगी. प्रासंगिक डिग्री प्राप्त करने के बाद, अभ्यर्थी को खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद के लिए आवेदन करना होगा. भर्ती प्रक्रिया राज्य सिविल सेवा (एससीएस) परीक्षा पर आधारित है. चयन प्रवेश परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौर में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा. भर्ती के लिए अधिसूचना संबंधित राज्य सरकारों के द्वारा आधिकारिक वेबसाइट्स, समाचार-पत्रों, और अन्य मीडिया में जारी की जाती है. आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों को नियमित रूप से नौकरी पदों को देखना होगा.  

 

ङ्क. खाद्य प्रौद्योगिकीविद्: खाद्य प्रौद्योगिकी में नवीन प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों को विकसित करने एवं डिज़ाइन करने, खाद्य गुणवत्ता एवं पोषक मूल्य में सुधार करने, हमारी खाद्य आपूर्ति की सुरक्षा, पौष्टिकता एवं उपलब्धता को बढ़ाने के लिए विज्ञान के विभिन्न आयाम शामिल होते हैं. इसमें खाद्य की विशेषताओं, उसकी पोषण संरचना, प्रसंस्करण एवं भंडारण के विभिन्न स्तरों पर होने वाली प्रतिक्रियाओं और परिवर्तनों, खराब होने से बचाने एवं निधानी आयु को बढ़ाने के लिए खाद्य के सूक्ष्मजीवविज्ञानी पहलू का अध्ययन शामिल है. पेशेवर नई प्रसंस्करण, संरक्षण और पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों के माध्यम से विनिर्माण विधियों को सुधारने के लिए कार्य करते हैं.

 

खाद्य वैज्ञानिक बेहतर पोषण एवं स्वास्थ्य लाभ वाले नए अवयवों का अध्ययन करते हैं, उत्पाद की निधानी आयु को बेहतर बनाने के लिए नए उत्पादों या प्रौद्योगिकियों का विकास करते हैं. खाद्य प्रौद्योगिकीविद् न केवल खाद्य प्रसंस्करण में संलग्न होता है, बल्कि खाद्य संयंत्र और प्रसंस्करण में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों के डिज़ाइन में भी संलग्न होता है. छात्र खाद्य प्रौद्योगिकी में डिग्री, डिप्लोमा या डॉक्टरेट प्रोग्राम करने का विकल्प चुन सकते हैं. स्नातक स्तर पर इस पाठ्यक्रम को करने के लिए, अभ्यर्थियों को भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित एवं गृह विज्ञान जैसे विषयों और विश्वविद्यालय/महाविद्यालय द्वारा यथा निर्धारित न्यूनतम अर्हक अंकों (आमतौर पर 50 प्रतिशत-60 प्रतिशत) के साथ विज्ञान वर्ग में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए. स्नातकोत्तर स्तर पर खाद्य प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम करने के लिए, अभ्यर्थियों के पास विश्वविद्यालय/महाविद्यालय द्वारा यथा निर्धारित न्यूनतम अर्हक अंकों के साथ बी.एससी. (भौतिकी, गणित, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान में) या बी.टेक./बी.ई. (खाद्य प्रौद्योगिकी में) डिग्री होनी चाहिए. सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी नौकरी के अवसर मिल सकते हैं. खाद्य प्रौद्योगिकीविदें को नियुक्त करने वाले प्रमुख सरकारी विभागों और प्रतिष्ठानों में शामिल हैं:-

·         भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई)

·         भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई)

·         भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस)

·         कृषि मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

 

इस दौरान, यदि आप खाने के शौकीन हैं और ऐसा कॅरिअर चाहते हैं जिसका खाद्य से कुछ सरोकार हो, तो यहां कुछ अतिरिक्त पेशे हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं.

 

पाक कला में कॅरिअर: यदि आपको अपने कार्यस्थल के रूप में क्यूबिकल के स्थान पर रसोईघर रखना उत्साहित करता है और आप खाद्य का उपयोग करके अपनी उत्कृष्ट रचना बनाना चाहते हैं, तो पाक कला आपका क्षेत्र है. खाद्य तैयार करने से लेकर पकाने, खाद्य की प्रस्तुति, रसोई की देख-रेख, आदि तक विभिन्न जिम्मेदारियां हैं जिन्हें कार्य भूमिका के आधार पर संभाला जा सकता है. इस नौकरी में विभिन्न स्थानों और समय क्षेत्रों में कार्य करने की अपेक्षा की जा सकती है जो कि बेहद रोमांचक हो सकता है! इस कॅरिअर के लिए खाद्य विज्ञान में डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन डिग्री धारित करना रसोई को समझने के ज्ञान में अभिवृद्धि करता है. पाक कला में कॅरिअर के लिए, पाक कला/होटल प्रबंधन खानपान एवं प्रौद्योगिकी (एचएमसीटी) में 4 वर्षीय स्नातक डिग्री या 6 माह से 1 वर्ष तक का डिप्लोमा/ स्नातकोत्तर डिप्लोमा या आतिथ्य एवं पाक शिक्षा में बीबीए या खानपान एवं पाक कला में  बी.एससी. कर सकते हैं. शेफ मैनेजमेंट में डिप्लोमा कार्यक्रम उपलब्ध हैं.

 

पाक कला में कई रोमांचक कॅरिअर अवसर उपलब्ध हैं, जैसे:-

·         शेफ

·         कलिनरि शेफ

·         बेकर

·         पेस्ट्री शेफ

·         वाइन परिचारक

 

फ्लेवर केमिस्ट:  किसी विशेष ब्रांड के नीले पैकेट वाले आलू चिप्स का स्वाद मसालेदार लगता है, जबकि हरे पैकेट वाले का स्वाद चीज़ी एवं क्रीमी लगता है. इन खाद्य पदार्थों को इतना विशिष्ट स्वाद किससे मिलता है? फ्लेवर केमिस्ट ऐसे एजेंट्स का निर्माण करने वाले विशेषज्ञ के रूप में होते हैं जो प्राय: वास्तविक पदार्थ की उपस्थिति के बिना ही विभिन्न खाद्य पदार्थों को उनका अनूठा स्वाद देते हैं. हमारे द्वारा प्रतिदिन खाए जाने वाले कई खाद्य पदार्थों के फ्लेवर्स प्रयोगशालाओं में ऐसे फ्लेवर केमिस्ट द्वारा बनाये जाते हैं जो प्राकृतिक फ्लेवर्स का पुनर्निर्माण करते हैं या उनकी रासायनिक संरचना का पता लगाकर मौजूदा फ्लेवर्स के स्वाद को बढ़ाते हैं. फ्लेवर केमिस्ट के रूप में कार्य करने के लिए, आपके पास रसायन विज्ञान, जैव रसायन या खाद्य विज्ञान में स्नातक और मास्टर डिग्री होनी चाहिए. इतना ही नहीं, फ्लेवर्स में विभेद करने के लिए आपको गंध और विस्तार-उन्मुख स्वाद कलिकाओं की गहन समझ की भी आवश्यकता होती है. आप खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों, चाय, कॉफी और शराब उद्योग आदि में कार्य कर सकते हैं. रोज़गार के अन्य अवसरों में फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन और पालतू खाद्य उद्योग शामिल हैं.

 

मॉलेक्यूलर गैस्ट्रोनॉमिस्ट: किसी रेस्तरां में जाने और पिना कोलाडा ऑर्डर करने की कल्पना कीजिए. इस पेय को भीतर तरल नारियल पेय के साथ जेली के रूप में परोसा जा सकता है. मॉलेक्यूलर गैस्ट्रोनॉमी वह है जो इसे संभव बनाती है. यह खाद्य के रासायनिक गुणों का अध्ययन करने और उस समझ का उपयोग करके पारंपरिक वस्तुओं को नवीन तरीकों से तैयार करने से संबंधित है. यहां तक कि हाल ही में लोकप्रिय हुई नाइट्रोजन आइसक्रीम भी मॉलेक्यूलर गैस्ट्रोनॉमी का एक उदाहरण है. होटल प्रबंधन या पाक कला में स्नातक इस क्षेत्र में प्रवेश का माध्यम है. आपको अपने स्नातकोत्तर के लिए मॉलेक्यूलर गैस्ट्रोनॉमी में एक विशेष प्रोग्राम के साथ इसे आगे बढ़ाना होगा. मॉलेक्यूलर गैस्ट्रोनॉमिकल व्यंजन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं; नतीजतन, इस क्षेत्र में पेशेवरों की मांग बढ़ रही है. आप हाई-एंड बार, होटल, फूड जॉइंट्स और साथ ही शोध संस्थानों में भी काम कर सकते हैं.

 

फूड स्टाइलिस्ट: जब भी आप किसी शेफ से पूछते हैं, फ्लेवर के अलावा किसी डिश का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा क्या है, तो जवाब हमेशा डिश का लुक और प्रेजेंटेशन होता है. यहां तक कि राजमा चावल जैसी साधारण डिश को भी प्रोफेशनल स्टाइल के माध्यम से अधिक आकर्षक और रेस्टोरेंट के लायक डिश जैसा बनाया जा सकता है. फूड स्टाइलिस्ट का काम खाद्य को फोटो, वीडियो और ग्राहकों के लिए सुंदर और ताजा दिखाना है. वे रंग, आकार और बनावट के तत्वों पर ध्यान केंद्रित करते हैं ताकि खाद्य की स्वादिष्ट और दिखने में आकर्षक प्लेट तैयार की जा सके. पेशेवर रूप से यह कौशल सीखने के लिए फूड स्टाइलिंग में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा करने की अनुसंशा की जाती है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है. फोटोग्राफी का ज्ञान और पाक कला/ होटल प्रबंधन में डिग्री भी आपको अपेक्षित बढ़ावा दे सकती है. रचनात्मकता, धैर्य और नवीन सोच ऐसे कौशल हैं जिनके बिना आपका काम नहीं चल सकता है. आप रेस्तरां, होटल और पत्रिकाओं आदि में काम करेंगे और शेफ, ब्लॉगर्स, फोटोग्राफर्स, फूड क्रिटिक्स आदि के साथ निकटता से जुड़ेंगे. कुछ मामलों में, आप फूड फोटोग्राफर भी बन सकते हैं.

 

फूड ब्लॉगर: जब भी आप खाना ऑर्डर करते हैं या खाने के लिए अच्छे रेस्तरां खोज रहे होते हैं, तो सबसे पहले आप आमतौर पर अन्य आगंतुकों द्वारा की गई ऑनलाइन समीक्षाओं को देखते हैं. कतिपय लोग खाने के प्रति इतने जुनूनी होते हैं कि वे अलग-अलग जगहों की यात्रा करते हैं, विशेष रूप से वहां के खाद्य का स्वाद लेने के लिए और दूसरों को खाने के लिए सर्वोत्तम स्थानों के संबंध में सूचित करने के लिए. इन्हें फूड ब्लॉगर कहा जाता है और ये अगली बड़ी चीज बन रहे हैं. चाहे आप अपने शहर में फूड जॉइंट्स में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हों या देश/दुनिया भर के व्यंजनों का पता लगाना चाहते हों, आप इस विकल्प को चुन सकते हैं. फूड ब्लॉगर बनने के लिए कोई विशिष्ट कॅरिअर पथ नहीं है. हालांकि, यदि आप इस मार्ग पर जाना चाहते हैं, तो फोटोग्राफी, कंटेंट राइटिंग, ब्लॉगिंग, सोशल मीडिया और कुछ डिजिटल मार्केटिंग और वेब डिज़ाइन में कौशल हासिल करने के लिए पाठ्यक्रम करना लाभप्रद होगा. यद्यपि कई फूड ब्लॉगर्स स्व-नियोजित हैं, यानी उनका अपना ब्लॉग है; लेकिन कई फूड ब्लॉगर्स अन्य स्थापित खाद्य और जीवन शैली वेबसाइट्स के साथ पूर्णकालिक या अंशकालिक रूप में भी कार्य करते हैं.

 

फूड क्रिटिक: यदि आप भी खाने के दीवाने हैं और समालोचनात्मक दृष्टि से व्यंजन, रेस्तरां और होटलों का मूल्यांकन कर सकते हैं, तो आप फूड क्रिटिक बनने पर विचार कर सकते हैं. फूड क्रिटिक किसी खाद्य व्यंजन के सूक्ष्म विवरण, जैसे कि उसकी बनावट, स्वाद, सुगंध, रूप, गुणवत्ता, फ्लेवर आदि, का पता लगाते हैं और लिखित कॉलम या यहां तक कि वीडियो शो के माध्यम से अपनी राय साझा करते हैं. खाद्य के प्रति प्रेम के अलावा, व्यंजनों, फ्लेवर्स और खाद्य तत्वों आदि के संबंध में ज्ञान का अत्यधिक महत्व है. अत:, होटल प्रबंधन या पाक कला में डिग्री उपयोगी होगी. आप अपने लेखन कौशल को निखारने के लिए अंग्रेजी साहित्य, जनसंचार, पत्रकारिता आदि में डिग्री हासिल कर सकते हैं. अधिकांश रेस्तरां, कैफे और बार अपने खाद्य की समीक्षा कराने के लिए फूड क्रिटिक को आमंत्रित करते हैं. फूड क्रिटिक प्राय: पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और ऑनलाइन खाद्य वेबसाइटों के लिए लिखते हैं.

 

(लेखिका परामर्श मनोवैज्ञानिक और कॅरिअर सलाहकार हैं. उनसे nidhiprasadcs@gmail.com  पर संपर्क किया जा सकता है)

व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं

चित्र साभार: पोषण अभियान