सिविल सेवा साक्षात्कार संभावित प्रश्न और उनके उत्तर
भाग – III
एस बी सिंह
कोई भी साक्षात्कार, खासकर सिविल सेवा के लिए साक्षात्कार, मुख्य रूप से बोर्ड के सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों और अभ्यर्थियों द्वारा दिए जा रहे उत्तरों के बारे में होता है. इस प्रकार, प्रश्नों का अनुमान लगाना और उनके उत्तर तैयार करना साक्षात्कार की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. साक्षात्कार के उद््देश्य और तकनीक से खुद को परिचित करने के बाद, अभ्यर्थी को विभिन्न विषयों पर संभावित प्रश्नों का एक पूल तैयार करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए और साक्षात्कार बोर्ड के लिए संभावित तार्किक और स्वीकार्य उत्तर, स्पष्टीकरण तैयार करने चाहिएं. इस अभ्यास से साक्षात्कार सत्र के दौरान औचक पूछे जाने वाले प्रश्नों में कमी आएगी और पूछे गए अधिकांश प्रश्न संभावित विषयों से होंगे.
प्रश्नों का क्षेत्र वार विश्लेषण
I. शैक्षणिक पृष्ठभूमि: इस खण्ड में, स्कूल, कॉलेज के नाम, अध्ययन किए गए विषयों और प्राप्त अंकों या ग्रेडों से संबंधित प्रश्न शामिल होंगे. आपको यह जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि आपके स्कूल/कॉलेज के नाम का क्या महत्व है, यह कब और किसने स्थापित किया था, कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति जिसे आप याद कर पाएं जिसने इस संस्थान से पढ़ाई की है, आदि. उदाहरण के लिए, यदि आपने 'नवोदय विद्यालय नामक किसी स्कूल में पढ़ाई की है तो आपको ऐसे स्कूलों के उद्देश्यों, इसके बारे में आपके निजी अनुभव और इस स्कूल से जुड़कर आप में जिन मूल्यों का समावेश हुआ है, उसकी जानकारी होनी चाहिए.
II. माता-पिता की पृष्ठभूमि: कुछ मामलों में वे आपके माता-पिता के पेशे में भी दिलचस्पी लेंगे, यह पूछकर कि आपने उनके पेशेवर अनुभव से क्या सीखा है, और आपके माता-पिता आपके लिए किस प्रकार रॉल मॉडल हैं.
III. कार्य अनुभव: यदि आपने निजी क्षेत्र अथवा सरकार के अधीन कार्य किया है, वे निश्चित रूप से आपके रोज़गार विवरण से संबंधित कई प्रश्न पूछेंगे. आपके लिए अपने संगठन के बारे में पूर्ण जानकारी रखना अपेक्षित है, आपके द्वारा संचालित कार्यों के विवरण, आप क्यों इस रोज़गार को छोड़ना चाहते हैं और सिविल सेवा में शामिल होना चाहते हैं, आपके रोज़गार का अनुभव सिविल सेवाओं में आपके कॅरिअर में किस प्रकार मददगार हो सकता है.
IV. राज्य, जिससे आप संबंधित हैं: आपके राज्य को लेकर अनेक प्रश्न पूछे जा सकते हैं. इसका सांस्कृतिक, ऐतिहासिक महत्व, कानून और व्यवस्था की स्थिति, शासन व्यवस्था, विभिन्न आर्थिक संकेतकों पर कार्य-निष्पादन, कृषि, औद्योगिकीकरण, उपलब्ध संसाधनों की स्थिति और आपके राज्य की विभिन्न समस्याओं के समाधान आदि ऐसे विभिन्न क्षेत्र हो सकते हैं जिन पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं.
V. शौक, अतिरिक्त पाठ्येत्तर गतिविधियां: आपके शौक को लेकर, प्रश्नों का उद्देश्य आपकी वास्तविक रूचि का आकलन करना होता है जिनमें आपकी रुचि होती है. यदि पुस्तकें पढ़ना आपका शौक है, क्या आप कथा या ग़ैर कथा पढ़ते हैं, आपका पसंदीदा लेखक कौन है, आपने हाल में कौन सी पुस्तकें पढ़ी हैं, आदि के बारे में प्रश्न पूछे जाने की संभावना होती है. इसी प्रकार, यदि आपको वृत्तचित्र देखने अथवा फोटोग्राफी का शौक है, वे उल्लिखित शौक में आपकी प्रतिबद्धता और रुचि के स्तर का पता लगाने के लिए इस विषय में गहराई तक जाएंगे. उदाहरण के लिए, आपने वन्यजीव वृत्तचित्र देखना अपने शौक के बारे में उल्लेख किया है, आपको कुछेक मशहूर भारतीय और विदेशी वृत्तचित्र निर्माताओं के नाम पूछे जाएंगे, भले ही आपने उनके वृत्तचित्रों को देखा है अथवा नहीं. यदि आप किसी मशहूर वन्यजीव वृत्तचित्र निर्माता के नाम को याद नहीं कर पा रहे हैं तो इससे बोर्ड के समक्ष आपका अच्छा प्रभाव नहीं होगा. इसी तरह, यदि आपने योग अथवा ध्यान को अपनी रुचि के लिए उल्लेख किया है, इन रुचियों पर सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों प्रकार के प्रश्न अपेक्षित होंगे. उदाहरण के लिए, योग के दर्शनशास्त्र का क्या महत्व है, इसका मुख्य प्रस्तावक कौन है, आपने योग से संबंधित कौन सी पुस्तकें पढ़ी हैं, प्रमुख योग विशेषज्ञ कौन हैं आदि बोर्ड सदस्यों द्वारा पूछे जाने वाले रुचिकर क्षेत्र के प्रश्न होंगे. इस तरह, आपको अपनी विभिन्न रुचियों पर संभावित प्रश्न तैयार करने चाहिए और उन पर अपने ज्ञान को मज़बूत करना चाहिए.
VI. आप सिविल सेवाओं में क्यों शामिल होना चाहते हैं: साक्षात्कार सत्र के दौरान, सामान्य सवाल होता है -''आप सिविल सेवाओं में क्यों शामिल होना चाहते हैं. लगभग प्रत्येक अभ्यर्थी से बोर्ड के किसी एक अथवा अन्य सदस्य द्वारा यह सवाल अवश्य पूछा जाता है. यद्यपि यह सवाल सामान्य है, इसका यह अर्थ नहीं कि इस प्रश्न का उत्तर भी सामान्य होना चाहिए. आदर्शवादी लगने के बजाय, आपको इस सवाल का यथार्थवादी उत्तर देना चाहिए. उत्तर जैसे कि-मैं राष्ट्र की सेवा करना चाहता हूं, अथवा मैं समाज की सेवा करना चाहता हूं, अथवा, इससे विविध, चुनौतीपूर्ण कॅरिअर प्राप्त होता है, पुराने, रटे रटाए से उत्तर दिखाई देते हैं जो लगभग प्रत्येक अभ्यर्थी देता है. इसका अधिक वास्तविकता से परिपूर्ण उत्तर होना चाहिए: ''मैं अनेक कारणों से सिविल सेवाओं में शामिल होना चाहता हूं. सर्व प्रथम इसमें रोज़गार सुरक्षा है, दूसरा इसके अंतर्गत सरकार में कुछेक बहुत महत्वपूर्ण रोज़गार प्राप्त होते हैं. तीसरा मैं सिविल सेवाओं में इसकी विविध प्रकृति के कारण अत्यधिक रोज़गार संतुष्टि हासिल कर पाऊंगा. चौथा, मैं सिविल सेवाओं को मात्र एक रोज़गार नहीं मानता बल्कि जनता से गहरे जुड़ाव के साथ की जाने वाली सेवा मानता हूं. अंत में, यह मुझे देश की शासन व्यवस्था का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करेगी जिससे मुझे जनता की सेवा में अर्थपूर्ण योगदान करने का अवसर प्राप्त होगा. यदि आप इस तरह से अपना उत्तर तैयार करते हैं, आप सिविल सेवाओं के बारे में अधिक यथार्थपूर्ण जवाब दे पाएंगे.
यहां अन्य संबंधित प्रश्न हो सकते हैं:
आपके अध्ययन के विषयक्षेत्र (इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कृषि, वनस्पति विज्ञान आदि) का प्रशासन में किस प्रकार सदुपयोग किया जा सकता है. इसके संबंध में, आपको कहना चाहिए कि इस तरह के विषय का ज्ञान मुद्दों को बेहतर समझने में आपकी सहायता करेगा और बेहतर नीतियां और निर्णय करने में आसानी होगी. आप इस उत्तर के समर्थन में कुछेक उदाहरण दे सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि आप चिकित्सा की पृृष्ठभूमि से हैं, आप कह सकते हैं कि चिकित्सा संबंधी मुद््दों की जानकारी होने से आपको अधिक व्यावहारिक स्वास्थ्य नीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी. इस तरह, साक्षात्कार बोर्ड के समक्ष जाने से पहले सिविल सेवाओं में अपने शैक्षणिक विषयक्षेत्र की संगतता का पता लगा लें.
इसी प्रकार, ऐसे कुछेक प्रश्न हो सकते हैं जिनके उत्तर आपको मालूम नहीं होते हैं. उनसे निपटने के दो रास्ते हो सकते हैं. पहला, यदि आपको प्रश्न के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है, बस विनम्रता से स्वीकार कर लें और कहें कि आपको इसका उत्तर मालूम नहीं है. दूसरा, यदि आपको प्रश्न के बारे में थोड़ा बहुत मालूम है, बोर्ड से कहें कि आप कुछ अनुमान के साथ इसका प्रयास कर सकते हैं. यदि अनुमति दी जाती है तो विवेकपूर्ण अनुमान लगाएं और इसका उत्तर दें.
VII. स्थिति आधारित प्रश्न: हमेशा नहीं, परंतु कई मामलों में, कोई एक बोर्ड सदस्य स्थिति आधारित प्रश्न पूछ लेता है. यह या तो वास्तविक स्थिति के बारे में हो सकता है जो कि समाचारों में प्रसारित हुआ है अथवा कोई काल्पनिक हो सकता है. दोनों तरह की स्थितियों में, वास्तविक अथवा काल्पनिक, आपके उत्तर में हर प्रकार से वजन होना चाहिए और तब एक ऐसा समाधान बताएं जो ज़मीन पर कार्यान्वित होने लायक, देश अथवा नागरिकों के लिए फायदेमंद और अभिनव विचारों से परिपूर्ण हो. उदाहरण के लिए इस स्थिति के बारे में सोचें: एक प्राइवेट कंपनी को अपना संयंत्र बंद करने के लिए कहा गया था क्योंकि इसकी उत्पाद विनिर्माण प्रक्रिया से पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के प्रति ख़तरा उत्पन्न हो रहा था. लेकिन कंपनी के पास बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन के उत्पादन की सुविधाएं हैं जो कोरोना संकट को देखते हुए देश में ऑक्सीजन संकट से निपटने में मददगार हो सकती है. कंपनी ने आपसे संयंत्र को पुन: खोलने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया है ताकि यह यथापेक्षित ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति कर सके. क्या आप इसे पुन: खोलने की अनुमति प्रदान करेंगे, यदि आप ऐसा निर्णय लेने के लिए प्राधिकृत हैं. अब, आपका उत्तर सभी संभव स्रोतों से ऑक्सीजन उत्पादन तेज़ करते हुए मानव जीवन की सुरक्षा के बारे में प्राथमिकता पर आधारित होना चाहिए. चूंकि कंपनी ने आपसे अनुमति के लिए संपर्क किया है, आप इसे सर्वाधिक आवश्यक आधार पर विचार करेंगे. परंतु साथ ही साथ, आप इस तथ्य पर भी विचार करेंगे कि कंपनी को पर्यावरणीय ख़तरे को ध्यान में रखते हुए बंद किया गया था, और इस तरह इसे ऑक्सीजन उत्पादन के वास्ते स्थाई तौर पर प्रचालन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. पर्यावरण के प्रति आपकी चिंता बरकरार रहेगी और आप केवल ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए, न कि इसके मुख्य पंक्ति के उत्पादों के लिए, जिसका यह इसकी बंदी से पहले विनिर्माण कर रही थी, अस्थाई और सशर्त अनुमति प्रदान करेंगे. इससे, ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने का उद्देश्य, कंपनी के पर्यावरण जोखिम पर समझौता किए बग़ैर, जो कि कंपनी के द्वारा पुन: पैदा किया जा सकता है, पूरा हो सकेगा.
VIII. ताज़ा घटनाक्रम: चूंकि कोरोना लंबे समय से समाचारों में बना हुआ है, कोरोना के बारे में इसके स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और सामाजिक प्रभावों को लेकर अनेक प्रश्न पूछे जाने की आशा है. वैक्सीन उत्पादन और वितरण, वैक्सीन डिप्लोमेसी, वैक्सीन राष्ट्रवाद, वैक्सीन पासपोर्टस ऐसे मुद््दे हैं जिन पर प्रश्न तैयार किए जा सकते हैं. दूसरी वेव क्यों आई, क्या इसे रोका जा सकता था, दूसरी वेव पर अंकुश कैसे लगाएं, क्या तीसरी वेव भी आ सकती है-ये ज़्यादा संभावित प्रश्न हो सकते हैं. जहां तक अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का संबंध है, कोरोना काल में भारतीय विदेश नीति, पड़ौसियों जैसे कि नेपाल और चीन के साथ हमारे विवाद से जुड़े मुद्दे साक्षात्कार के दौरान छाए रह सकते हैं. अब्राहम समझौते, चतुर्भुज, भारत प्रशांत नीति, कोरोना काल में पेटेंट्स की माफी, संयुक्त राष्ट्र संघ और महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका, चीन, रूस, अमरीका के साथ भारत के संबंध इंटरव्यू बोर्ड की रुचि के क्षेत्र हो सकते हैं. साथ ही, सार्क और बिम्सटेक के बीच तुलना, म्यामांर में सैन्य विद्रोह पर भारत का रूख, रोहिंग्या संकट, भारत का बीआरआई और सीपीईसी में विरोध, आरसीईपी से बाहर निकलना आदि प्रश्नों के लिए सर्वाधिक विषय हो सकते हैं. विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के युद्धविराम और भारत तथा चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़पों को लेकर हुई वार्ताओं के संबंध में विवरण पढ़ लें. इन विषयों के बारे में तैयारी करने का उत्कृष्ट मार्ग अच्छे समाचार पत्रों में संबंधित मुद्दों पर संपादकीय टिप्पणियों को पढ़कर अपने उत्तर तैयार करना है.
IX. सामाजिक मुद्दों पर प्रश्न: हमारे समाज से संबंधित अनेक मुद्दे हो सकते हैं, उदाहरण के लिए, बच्चों, महिलाओं और ग़रीबों में पोषण संबंधी मुद्दे, ऑनलाइन शिक्षा में असमानता, महामारी के दौरान नागरिकों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा में वृद्धि और इसी तरह के अन्य मुद्दे हो सकते हैं. आपको इन विषयों पर संवेदनशीलता के साथ बात करनी चाहिए और दिल तथा दिमाग से समाधान प्रस्तुत करने चाहिएं.
X. विवादित प्रश्न: ऐसे बहुत से संवेदनशील मुद्दे होते हैं जिनके बारे में बग़ैर निर्देशन के किसी अभ्यर्थी के लिए सही रुख अपनाना कठिन प्रतीत होता है. यहां मेरा सुझाव इनके प्रति अतिवादी रुख अपनाना नहीं होगा. आपको तर्क के दोनों पक्षों को प्रस्तुत करना चाहिए, उनके संबंधित गुणों का आकलन करना चाहिए और एक मध्यम आधार प्रस्तुत करना चाहिए. आपको ऐसा रवैया नहीं रखना चाहिए जो कि सरकार विरोधी लगे. परंतु आप सरकार की विफलताओं को उजागर करने और बेहतर नीतिगत उपाए सुझाने के लिए स्वतंत्र हैं. कुछ आलोचनाओं का सदैव स्वागत होता है परंतु आपको एक विपक्षी दल की तरह पेश आने अथवा सरकार की आलोचना से परिपूर्ण कोई समाचार पत्र के आलेख की तरह अपने को प्रस्तुत नहीं करना चाहिए. विवादास्प्द कृषि कानूनों का एक उदाहरण लीजिए, उनका विरोध करने या बचाव करने के बजाय एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाएं जिसमें सरकार और किसानों दोनों के दृष्टिकोण का समावेश हो. फिर समस्या के समाधान के लिए सहमति से परिपूर्ण दृष्टिकोण का सुझाव दें. इस प्रकार उपर्युक्त सलाह का पालन करके, आप पूर्व तैयारी के साथ अपेक्षित पंक्तियों पर कई प्रश्न प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं ताकि आप अपने साक्षात्कार के दौरान आश्चर्यचकित न हों.
(लेखक शिक्षाविद् और साक्षात्कार परामर्शदाता हैं. ई-मेल: sb_singh2003@yahoo.com )
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.
(चित्र: गूगल के सौजन्य से)