इंजीनियरी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी
उषा अल्बुकर्क एवं
निधि प्रसाद
इंजीनियरी करने का चयन करना आपके विचारों को, वैज्ञानिक ज्ञान को प्रौद्योगिकी में परिवर्तित करने और प्रौद्योगिकी को नव-प्रवर्तन में परिवर्तित करने से जोडऩा है. इंजीनियरी आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण अंग है और यह जल तथा खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन एवं जैववैविध्य, आधारिक संरचना और ऊर्जा, स्वास्थ्य और जनसंख्या सहित विश्व- चुनौतियों का सामना करने में एक अहम भूमिका निभाती है. भारत में, विशेष रूप से इंजीनियरी के समक्ष विनिर्माण, प्राकृतिक संसाधनों, आधरिक संरचना एवं विज्ञान के क्षेत्रों में चुनौतियां हैं.
बी.ई., बी.टेक. या बी.ऑर्क. करने के लिए भारत में किसी इंजीनियरी कॉलेज में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों को, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई.) द्वारा प्रत्येक वर्ष ली जाने वाली सामान्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.) मुख्य तथा उच्च में बैठना होता है. इस परीक्षा के माध्यम से छात्र आई.आई.टी., एन.आई.आई.टी. जैसे तथा अन्य इंजीनियरी कॉलेजों में प्रवेश ले सकते हैं. इस परीक्षा में प्राप्त अंकों का उपयोग विभिन्न शाखाओं में इंजीनियरी पाठ्यक्रम चलाने वाले देश के विभिन्न इंजीनियरी कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए किया जा सकता है. तथापि, कईं संस्थान इंजीनियरी के विभिन्न अधिस्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए अपनी निजी प्रवेश परीक्षा संचालित करते हैं.
भारत में इंजीनियरी कॉलेजों के प्रकार
*आई.आई.टी. (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान)
*एन.आई.टी. एवं आई.आई.आई.टी. (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान)
*विश्वविद्यालय विभाग/संघटक कॉलेज
*संबद्ध कॉलेज
*प्राइवेट विश्वविद्यालय/मान्य विश्वविद्यालय
किसी भी इंजीनियरी कॉलेज में प्रवेश लेना एक जटिल प्रक्रिया है, क्योंकि यह, प्रवेश-परीक्षा, संस्था की प्रकृति तथा राज्य - जहां वह संस्था स्थित है, के आधार पर अलग-अलग होती है.
कुछ उच्च इंजीनियरी प्रवेश परीक्षाएं
इंजीनियरी में स्नातक डिग्री (बी.टेक./बी.ई.) में प्रवेश, एक प्रवेश-परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है. किसी इंजीनियरी कॉलेज में प्रवेश के लिए मुख्य प्रवेश परीक्षाओं में निम्नलिखित परीक्षाएं शामिल हैं :-
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.) : यह परीक्षा आई.आई.टी., एन.आई.टी., केन्द्रीय निधि सहायताप्राप्त तकनीकी संस्थाओं (सी.एफ.टी.आई.) जैसे आई.आई.आई.टी. आदि तथा अन्य सहभागी संस्थाओं में इंजीनियरी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संचालित की जाती है. इस समय सोलह आई.आई.टी. हैं, जो भुवनेश्वर, चेन्नै, दिल्ली, गांधीनगर, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जोधपुर, कानपुर, खडग़पुर, मंडी, मुम्बई, पटना, रोपड़, रूडक़ी में स्थित हैं और इनमें आई.टी.बी. एच.यू. - वाराणसी, आई.एस.एम, धनबाद, रूडक़ी, आई.आई.आई.टी. इलाहाबाद, आई.आई.आई.टी. - ग्वालियर तथा राष्ट्रीय फाउण्ड्री एवं फोर्ज प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.एफ.एफ.टी.), रांची शामिल हैं.
जे.ई.ई. मेन्स - (पेपर पेंसिल) तथा जे.ई.ई. उच्च
गुजरात, नगालैंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड तथा ओडिशा राज्यों ने जे.ई.ई. (मेन्स) प्रणाली अंगीकार कर रखी है. इसलिए, इन राज्यों - जो पहले छात्रों को अपनी राज्य स्तरीय परीक्षा के आधार पर प्रवेश देते थे, की संस्थाओं में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों को जे.ई.ई. (मेन) के आवेदन पत्र भरने की भी सलाह दी जाती है.
बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान में प्रवेश के लिए बिट सेट - पिलानी, गोवा तथा हैदराबाद परिसरों में इंजीनियरी, विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा फार्मेसी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए जिन छात्रों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान तथा गणित विषयों में बारहवीं कक्षा परीक्षा में न्यूनतम ७५त्न अंक और भौतिकी, रसायनविज्ञान तथा गणित में से प्रत्येक विषय में कम से कम ६०त्न अंक प्राप्त किए हों और अंग्रेजी में पर्याप्त दक्षता रखते हों वे बिट सेट प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए अर्ह होते हैं.
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली - दिल्ली क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए ८५त्न सीटें और दिल्ली से बाहर के क्षेत्रों के लिए १५त्न सीटें. प्रवेश बारहवीं कक्षा (या समकक्ष परीक्षा) को ४०त्न वेटेज (उपयुक्त रूप से सामान्यीकृत) तथा जे.ई.ई. (मेन) - परीक्षा में प्रदर्शन को ६०त्न वेटेज देते हुए अखिल भारतीय सम्पूर्ण रैंक के आधार पर दिया जाता है और उम्मीदवार, भारतीय छात्रों के लिए के.मा.शि.बो. (सी.बी.एस.ई.) द्वारा केन्द्रीय काउंसिलिंग के लिए भी पात्र घोषित होने चाहिएं तथा एन.आर.आई., विदेशी नागरिकों, पी.आई.ओ. उम्मीदवारों के लिए सेट-ढ्ढढ्ढ (भौतिकी, गणित स्तर-ढ्ढढ्ढ) अंकों के आधार पर दिया जाता है.
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.आई.टी.)
केन्द्र सरकार ने इलाहाबाद, ग्वालियर, जबलपुर एवं कांचीपुरम में चार आई.आई.आई.टी. स्थापित किए हैं. ये संस्थाएं सूचना प्रौद्योगिकी एवं संबंधित विषयों में अर्धस्नातक तथा स्नातकोत्तर शिक्षा देने के लिए स्थापित की गई हैं. ग्वालियर स्थित आई.आई.आई.टी. प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) के लिए हैं. जबलपुर तथा कांचीपुरम के आई.आई.आई.टी. डिजाइन और विनिर्माण में सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) के लिए हैं. आई.आई.आई.टी. में अधिस्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश जे.ई.ई. - मेन्स के माध्यम से दिया जाता है.
मणिपाल विश्वविद्यालय : इसमें प्रवेश अखिल भारतीय मणिपाल विश्वविद्यालय ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में प्राप्त रैंक के आधार पर दिया जाता है. उम्मीदवार १०+२ या ए-लेवल, अथवा आई.बी., अमेरिकन ट्वेल्थ ग्रेड या समकक्ष परीक्षा भौतिकी, गणित एवं अंगे्रजी मुख्य विषयों के रूप में लेकर और रसायन विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी या कम्प्यूटर विज्ञान या जीवविज्ञान या इंजीनियरी ड्राइंग एक ऐच्छिक विषय के रूप में लेकर उत्तीर्ण हो और भौतिकी, गणित तथा किसी एक ऐच्छिक विषय में न्यूनतम ५०त्न अंक रखता हो. गैर-अवासी भारतीय भी एन.आर.आई. कोटा के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं.
एन.यू.ई.टी. (एन.आई.आई.टी. विश्वविद्यालय) - एन.आई.आई.टी. विश्वविद्यालय, निमराणा
प्रवेश सी.एस. एवं ई.सी. के लिए बारहवीं कक्षा में भौतिकी, रसायनविज्ञान एवं गणित के आधार पर और बी.टी. के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं जीव विज्ञान के आधार पर तथा न्यूनतम ६०त्न अंक होने पर दिया जाता है. किसी भी जे.ई.ई. - मेन, बिटसेट, सेट, या एन.यू.ई.टी. या किसी राज्य इंजीनियरी प्रवेश परीक्षा में बैठे हों.
शिव नाडार विश्वविद्यालय - एस.एन.यू. सेट
बारहवीं कक्षा में भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं गणित में न्यूनतम ६०त्न अंकों के साथ उत्तीर्ण हों और जे.ई.ई. - मेन परीक्षा में बैठे हों.
पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (यू.पी.ई.एस.) - बी.टेक. (४ वर्षीय) पाठ्यक्रम चलाता है-
उक्त पाठ्यक्रम में प्रवेश यू.पी.ई.एस. इंजीनियरी अभिरुचि परीक्षा (यू.पी.ई.एस.ई.ए.टी.) तथा तत्पश्चात केन्द्रीकृत काउंसिलिंग अथवा गैर-परीक्षा मार्ग (नॉन - एग्ज़ाम पाथवे) - बोर्ड मैरिट एवं जे.ई.ई. मेन - मैरिट - यू.पी.ई.एस. जे.ई.ई. मेन मैरिट रैंक के माध्यम से केन्द्रीकृत काउंसिलिंग के आधार पर दिया जाता है.
धीरूभाई अंबानी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संस्थान - बी.टेक. (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) (आई.सी.टी.) पाठ्यक्रम : इस कार्यक्रम में प्रवेश संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.-मेन) के अखिल भारतीय रैंक के आधार पर दिया जाता है, इसलिए इन पाठ्यक्रमों के लिए केवल वे उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं जो जे.ई.ई. - मेन परीक्षा में बैठे हों.
राज्य इंजीनियरी प्रवेश परीक्षाओं की सूची :
*आंध्र प्रदेश सामान्य प्रवेश परीक्षा (ई.ए.एम. सेट)
*बिहार सम्मिलित प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा (बी.सी.ई.सी.ई.)
*गोवा सामान्य प्रवेश परीक्षा (जी. सेट)
*झारखंड इंजीनियरी प्रवेश परीक्षा (जे.सी.ई.सी.ई.)
*कर्नाटक सामान्य प्रवेश परीक्षा (सेट)
*केरल इंजीनियरी वास्तुकला चिकित्सा (के.ई.ए.एम.)
*महाराष्ट्र इंजीनियरी प्रवेश परीक्षा (सेट)
*पूर्वोत्तर राज्य इंजीनियरी प्रवेश (एन.ई.ई.)
*उड़ीसा संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.)
*पांडिचेरी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (पी.जेट)
*पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (डब्ल्यू.बी.जे.ई.ई.)
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.)
जे.ई.ई. (मेन) का प्रश्न-पत्र-१ (बी.ई./बी.टेक) जो जे.ई.ई. (उच्च) के लिए पात्रता परीक्षा भी है, विभिन्न आई.आई.टी. द्वारा चलाए जाने वाले अधिस्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए है.
जे.ई.ई. (मेन) के दो प्रश्न पत्र होते हैं, प्रश्न पत्र-१ (बी.ई./बी.टेक.) और प्रश्न पत्र-२ (बी.ऑर्क./बी. प्लानिंग). उम्मीदवार पाठ्यक्रम के आधार पर कोई एक या दोनों प्रश्न-पत्र चुन सकता है.
जे.ई.ई. (मेन) - बी.ई./बी.टेक. (प्रश्न पत्र-१) की पद्धति :
*प्रवेश परीक्षा तीन घंटे की होती है और इसमें भौतिकी, रसायनविज्ञान तथा गणित जैसे विषयों से ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते हैं.
*प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होते हैं.
*परीक्षा में गलत उत्तर के अंक काटे जाते हैं.
मुख्य परीक्षा में सफल होने के बाद आप का अलग चरण जे.ई.ई. - उच्च की तैयारी करने का होता है.
बी.ऑर्क./बी.प्लानिंग (प्रश्न पत्र-२)
*प्रवेश परीक्षा के तीन भाग होते हैं - गणित, अभिरुचि परीक्षा और ड्राइंग परीक्षा.
*गणित और अभिरुचि परीक्षा में ऑबजेक्टिव प्रश्न शामिल होते हैं, जबकि ड्राइंग परीक्षा में किसी छात्र की ड्राइंग के प्रति अभिरुचि की जांच करने से संबंधित प्रश्न होते हैं.
जे.ई.ई. मेन के लिए पात्रता मानदण्ड
*जे.ई.ई. - मेन के लिए आवेदन करने के योग्य होने के लिए अर्हता परीक्षा के रूप में संदर्भित, बारहवीं कक्षा की अंतिम परीक्षा या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हों.
*अपनी बारहवीं कक्षा में पांच विषय उत्तीर्ण होने चाहिएं.
*उम्मीदवार जे.ई.ई. मेन परीक्षा में अधिकतम तीन बार बैठ सकते हैं.
*जे.ई.ई. - उच्च
जे.ई.ई. - उच्च परीक्षा, संयुक्त प्रवेश परीक्षा का दूसरा चरण है, जो १६ आई.आई.टी. एवं आई.एस.एम., धनबाद में इंजीनियरी प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा है.
जे.ई.ई. उच्च के लिए पात्रता मानदण्ड :
जे.ई.ई. - उच्च में बैठने के लिए उम्मीदवार जे.ई.ई. - मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण हों तथा प्रथम, १,५०,००० उम्मीदवारों में कोई रैंक रखते हों.
परीक्षा की तैयारी करने के तरीके
किसी भी प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के तरीके इस प्रकार हैं :-
अभ्यास, लेखन गति में सुधार और संकल्पना को स्पष्ट रखना.
*जे.ई.ई. या किसी अन्य परीक्षा की तैयारी करते समय उन सभी महत्वपूर्ण सिद्धांतों (फॉर्मूला), प्वाइंट्स, युक्तियों तथा अन्य सभी बातों जिन्हें आप परीक्षा से कुछ दिनों पहले दोहराना चाहते हों, उन्हेंं एक अलग कागज पर लिख लें.
*टॉपिक्स की विषय-वार सूची बना लें. कुछ टॉपिक्स ऐसे हैं जो जे.ई.ई. पाठ्यक्रम में नहीं होते, किंतु राज्य प्रवेश परीक्षा पाठ्यक्रमों में होते हैं. ऐसे टॉपिक्स की एक अलग सूची बना लें.
*नए टॉपिक्स की संकल्पना को ठीक से समझ लें और जो टॉपिक्स आपने पढ़ लिए हों या आपको याद हों उन्हें दोहराते रहें. नए टॉपिक्स की भी अलग सूची बना लें.
*आपकी राज्य परीक्षा के लिए जितने दिन बचे हों उन दिनों की संख्या के अनुसार एक अध्ययन योजना बना लें और उक्त सूची में दिए गए सभी टॉपिक्स की पुनरावृत्ति करने के प्रयास करें. आपको प्रत्येक टॉपिक्स की गहराई में जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि राज्य-परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न प्राय: उतने आवश्यक नहीं होते जितने जे.ई.ई. में होते हैं.
*यह सुनिश्चित कर लें कि प्रत्येक टॉपिक की, और विशेष रूप से उन टॉपिक्स की पुनरावृत्ति कर रहे हैं जिन टॉपिक्स में आपने अन्य परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त नहीं किए थे.
*पिछले प्रश्न-पत्रों के उत्तर लिखें, कोई नई पद्धति खोजें. ज्वलंत टॉपिक्स का पता लगाएं, और सुनिश्चित कर लें कि आपने उनकी अच्छी तैयारी कर ली है, यदि नहीं तो उनका अभ्यास करें.
*तेज गति से लिखने का अभ्यास करें. जी हां, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अपनी संकल्पनाओं का अध्ययन करना. हो सकता है आपको कई प्रश्नों के उत्तरों का पता हो, किंतु यदि आप उत्तरों को एक समय-सीमा में या दबाव में आने के कारण नहीं लिख पाए तो क्या फायदा? स्वयं की एक ऐसी अभ्यास परीक्षा लें जैसे कि आप किसी जे.ई.ई. परीक्षा में बैठे हों - कोई व्यवधान नहीं, कोई विश्राम या अंतराल नहीं. ऐसी अभ्यास परीक्षा के बाद लिखे गए उत्तरों को पढ़ें और उन टॉपिक्स का पता लगाएं जिन पर आपको अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.
*यदि गलत उत्तर के अंक काटे जाने का प्रावधान हो तो सतर्क रहें. हो सकता है कि जितने अंक आपने प्राप्त करें, उनसे अधिक अंक अनुमान से लिखे गए उत्तरों के कारण कट जाएं. उत्तर का अनुमान तभी लगाएं जब आप ७५त्न से अधिक आश्वस्त हों. हालांकि इनमें से अधिकांश परीक्षाओं में गलत उत्तर के अंक नहीं काटे जाते. इसलिए, ऐसे मामले में सभी प्रश्नों के उत्तर देने के प्रयास करें. (ऐसे प्रश्न का उत्तर भी दें जिसके बारे में आप ५०त्न आश्वस्त हैं). ध्यान रखें - शांत चित्त हो कर प्रश्नों के उत्तर लिखें. आपको बस यह ध्यान रखना आवश्यक है कि दिए गए समय में अधिकतम प्रश्नों का सही उत्तर लिखना है और यह आपके रैंक का और बाद में कॉलेज का निर्धारण करेगा.
इसलिए विषयों (टॉपिक्स) की सूची बनाएं, एक अध्ययन योजना बनाएं, संकल्पनाओं को स्पष्ट करें, यदि संभव हो तो महत्वपूर्ण विषयों को निर्धारित करें, सभी विषयों को कम से कम एक बार दोहराएं तथा परीक्षा समय-सीमा में देने का अभ्यास करें. गलत उत्तर के अंक कटने का ध्यान रखें. इन बातों का ध्यान रखने से आप कामयाब हो सकते हैं.
किसी भी प्रवेश परीक्षा में बैठने से पहले अनुसरण की जाने वाली कुछ नीतियां :
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पहली एवं सबसे प्रमुख नीति यह है कि आप स्वयं पर विश्वास रखें. गलत धारणाओं को कभी भी अपने पर हावी नहीं होने दें. सकारात्मक सोच रखें और बिना किसी हड़बड़ी के परीक्षा उत्तीर्ण करने का विश्वास रखें. किसी प्रवेश परीक्षा में बैठने की अपनी क्षमता एवं सामथ्र्य के आधार पर अपनी सहायता करें.
योजनाकार
आपको एक योजनाकार बनने की आवश्यकता होती है. अपनी योग्यता तथा कमियों को जानकर तद्नुसार योजना बनाएं. आपके द्वारा निर्धारित की जाने वाली योजना, परीक्षा में आपके लक्ष्य को पूरा करने में आपकी सहायता करेगी. अपनी इस कमजोरी पर ध्यान केंद्रित करें जिन पर अधिक ध्यान और समय दिए जाने की आवश्यकता है. इसके बाद उन विषयों पर ध्यान दें जिनकी तैयारी आप शीघ्र कर सकते हैं.
शांत चित्त रह कर अध्ययन करें
शांत चित्त रहें और अपने अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित रखें. अध्ययन करते समय अत्यधिक आवेश में न आएं. आपका मन शांत एवं तनाव-मुक्त होना चाहिए. अपने सम्पूर्ण परीक्षा कार्यक्रम के दौरान आशावादी बने रहने से सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं. कुछ गहरे श्वास लेना आपके लिए सहायक होंगे.
सामाजिक जीवन : अपने सामाजिक जीवन से न कटें. अपने सामाजिक जीवन और शैक्षिक जीवन में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें. अपनी तैयारी में इतना तल्लीन न हों कि आप उससे तंग हो जाएं. अपने आस-पास के लोगों से सामाजिक बनें. ऐसा करने से स्वस्थ मन से अपना अध्ययन करने में आपको सहायता मिलेगी.
नमूना प्रश्न-पत्र
प्रवेश-परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ उपाय यह है कि नमूना प्रश्न-पत्रों का उत्तर लिखना. नमूना प्रश्न-पत्रों से आप अपनी परीक्षाओं के दौरान लगने वाले समय के प्रबंधन की व्यस्त योजना बना सकते हैं. नमूना प्रश्न-पत्र आपको वास्तविक प्रश्न-पत्रों के बारे में एक अनुमान बनाने में सहायता कर सकते हैं, और आप अपनी परीक्षा के लिए एक संयोजित रूप में नीति बना सकते हैं. आपको किन प्रश्नों का उत्तर पहले देना है और किन प्रश्नों का उत्तर बाद में - इस पर आपकी एक धारणा तैयार हो जाएगी और आप उसे निष्पादित कर सकेंगे.
परीक्षा के दिन की तैयारी के सुझाव :
*परीक्षा केन्द्र पर, परीक्षा प्रारंभ होने के कम से कम ३० मिनट पहले पहुंचने के लिए तैयार रहें.
*सुनिश्चित कर लें कि आपका प्रवेश-पत्र परीक्षा के दौरान आपके पास है.
*सबसे पहले उन प्रश्नों का उत्तर दें जिनका उत्तर गलत होने पर अंक नहीं काटे जाएंगे. जिन प्रश्नों का उत्तर आपको नहीं पता, उनका उत्तर लिखने से बचें.
*पहले आसान प्रश्नों के उत्तर लिखें, कठिन प्रश्नों का उत्तर बाद में दें.
*शांत-चित्त रहें - आपकी तैयारी आपको जे.ई.ई. में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सहायता करेगी.
(उषा अल्बुकर्क एवं निधि-प्रसाद कॅरिअर्स स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड में क्रमश: निदेशक और सीनियर काउंसिलिंग सायकोलोजिस्ट हैं).
ई-मेल आईडी : careerssmartonline@gmail.com व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं.
इमेज : साभार गूगल
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- सम्पादक