कॅरिअर काउंसिलिंग - एक नया कॅरिअर
उषा अल्बुकर्क एवं निधि प्रसाद
कहा जाता है कि हम अपने जीवन में दो महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं. पहला, जीवन-साथी का चयन, और दूसरा, किसी कॅरिअर या व्यवसाय का चयन. ये दोनों महत्वपूर्ण निर्णय निर्धारित करते हैं कि हम अपने जीवन से खुश रहेंगे या नहीं. और जहां एक ओर हम अपने पहले निर्णय पर पर्याप्त समय, ध्यान एवं पैसा लगाते हैं, वहीं दूसरी ओर किसी कॅरिअर के चुनाव पर प्राय: थोड़ा ध्यान दिया जाता है.
किसी कॅरिअर का निर्णय अवास्तविक व्यावसायिक इच्छाओं, अपर्याप्त ज्ञान, अभिभावकों के दबाव तथा समाज के दबाव और भावनात्मक तथ्यों के आधार पर लिया जाता है जो इस निर्णय से अप्रासंगिक होता है. हमारा समाज विशेष रूप से ऐसा है जो इस तथ्य को ठुकराते हुए कि प्रत्येक व्यक्ति क्षमताओं, मूल्यों, रूचियों तथा व्यक्तित्व शैलियों में अलग होता है, और आज विद्यमान हजारों कार्य-अवसरों में से किसी में अत्यधिक सफल हो सकता है, सामाजिक तौर पर बच्चे को तब तक महत्व नही दिया जाता जब तक कि वह एक डॉक्टर, इंजीनियर, व्यवसाय प्रबंधक या कोई चार्टरित लेखाकार न बन जाए.
कॅरिअर अवसरों का विस्तार और युवाओं की मांग तथा आवश्यकताओं के बढऩे के कारण, कॅरिअर काउंसिलिंग ने महत्व तथा प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है. अब इसे किसी व्यक्ति को उसके कॅरिअर लक्ष्यों का पता लगाने, चिंतन करने और उसे प्राप्त करने में सहायता करने के लिए एक उद्देश्य और परामर्श देने को व्यावसायिक स्रोत के रूप में स्वीकार किया जाता है.
कॅरिअर काउंसिलिंग क्या है?
कॅरिअर काउंसिलिंग एक ऐसा कार्य है जो आपको, अपने आप को जानने तथा समझने का मौका देता है साथ ही आपकी शैक्षिक योग्यता, कार्य एवं जीवन-निर्णयों पर आपको जानकार बनाने के लिए रोज़गार-जगत की जानकारी देने में सहायता करता है. स्नातक होने के बाद, प्रमुखता से आप कौन सा रोज़गार प्राप्त करना चाहते हैं, इन तथ्यों पर निर्णय लेने की तुलना में कॅरिअर विकास का महत्व अधिक है. यह एक ऐसा व्यापक, विकासात्मक कार्यक्रम है जो शैक्षिक एवं व्यावसायिक पसंद से लोगों को अवगत कराता है तथा उन्हें कार्यान्वित करने में उनकी सहायता करने के लिए तैयार किया जाता है. व्यावसायिक काउंसिलिंग किसी छात्र के प्रदर्शन को व्यापक स्तर तक सुधार सकता है, ताकि उसे ज्ञात कॅरिअर विकल्पों के ज्ञान एवं उन्हें चुनने की स्वतंत्रता के साथ शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से विकसित होने में सक्षम बनाया जा सके. कोई कॅरिअर मार्गदर्शन एवं काउंसिलिंग कार्यक्रम किसी भी व्यक्ति के आत्म-ज्ञान, शैक्षिक एवं व्यावसायिक खोज एवं कॅरिअर नियोजन में उसकी क्षमताओं का विकास करता है.
कॅरिअर काउंसलर छात्रों को उनकी क्षमताओं, रुचियों, प्रतिभा तथा व्यक्तित्व विशेषताओं का मूल्यांकन करने में सहायता करते हैं, ताकि वे यथार्थ शैक्षिक एवं कॅरिअर लक्ष्यों का विकास कर सकें. काउंसिलिंग का उद्देश्य छात्रों को, जो चल रहा है उसे समझने, और अपने स्वयं के विकल्प लेने में समर्थ बनाने, अपने निर्णय पर पहुंचने तथा उन पर तद्नुसार कार्य करने में सक्षम बनाना है. यह कई उपलब्ध व्यवसायों में से चयन करने के लिए तैयार होने, चयन करने और निर्णय लेना जारी रखने की जीवन-भर की प्रक्रिया है.
कॅरिअर काउंसिलिंग में मूल रूप से चार घटक निहित होते हैं :
१.रुचियों, मूल्यों, क्षमताओं एवं व्यक्तित्व-शैलियों के क्षेत्रों में व्यापक आत्म-जागरूकता लाने में व्यक्तियों की सहायता करना.
२.लोगों को रोज़गार-अवसरों, सूचना एवं संसाधनों से जोडऩा, ताकि व्यक्ति रोज़गार एवं अध्ययन-पथ के अधिक जानकार बन सकें.
३.छात्रों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में बनाए रखना, ताकि वे अपनी किसी निजी रुचियों, मूल्यों, क्षमताओं तथा व्यक्तित्व-शैली के अति-उपयुक्त कोई कॅरिअर-पथ चुन सकें.
४.लोगों को, कॅरिअर परिवर्तन एवं नए कॅरिअर में जाने तथा व्यावसायिक विकास के प्रबंधन सहित रोजग़ार खोज-नीतियों के साथ सहायता करना.
कोई भी काउंसलर अन्य काउंसिलिंग दृष्टिकोणों का प्रयोग करता है. वे छात्रों का मूल्यांकन करते समय और परामर्श देते समय साक्षात्कार, काउंसिलिंग सत्रों, परीक्षाओं या अन्य पद्धतियों का सहारा लेते हैं. वे कॅरिअर सूचना केन्द्र और कॅरिअर शिक्षा कार्यक्रम चला सकते हैं. वे बड़े कॉलेजों, प्रवेश-अपेक्षाओं, प्रवेश-परीक्षाओं तथा वित्तीय सहायता पर परामर्श देते हैं. वे छात्रों को जीवन-वृत लेखन तथा साक्षात्कार देने की तकनीकों जैसे रोज़गार खोज - कौशल का विकास करने में सहायता करते हैं. कॅरिअर काउंसलर छात्रों को कॅरिअर-विकास एवं रोज़गार का पता लगाने एवं आवेदन कराने में सहायता करने के लिए रोज़गार एवं तैनाती काउंसिलिंग में भी विशेषज्ञ हो सकते हैं.
कोई भी काउंसलर विभिन्न आयु वर्गों वाले तथा विभिन्न पारिवारिक स्थितियों तथा संस्कृति वाले लोगों के साथ कार्य करते हैं. अधिकांश स्कूलों में एक कॅरिअर काउंसलर या स्कूल काउंसलर होता है, जो छात्रों के लिए कॅरिअर-मार्गदर्शन का कार्य भी संभाल सकता है. कॅरिअर काउंसलर, छात्रों एवं व्यक्तियों के लिए खुले काउंसिलिंग केन्द्रों पर, उनके कॅरिअर के विभिन्न चरणों पर मार्गदर्शन कार्य भी कर सकते हैं. कॅरिअर निर्णय ऐसा नहीं है जो किसी व्यक्ति के जीवन में केवल एक ही बार घटित होता हो, बल्कि यह एक ऐसी सतत प्रक्रिया है, जो किसी भी चरण पर लिया जा सकता है.
कॅरिअर काउंसिलिंग के कार्य-क्षेत्र-मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन से लेकर अभिवृत्ति एवं रुचियों के निर्धारण तक :
कॅरिअर काउंसलर अनेक अभिवृत्ति एवं कॅरिअर मूल्यांकन परीक्षाएं संचालित करते हैं. ये परीक्षाएं किसी छात्र के सहज कौशलों, शक्ति एवं क्षमताओं का विशिष्ट कॅरिअर्स के मुख्य घटकों के साथ मेल कराने के लिए तैयार की जाती हैं. यह सूचना समय से पहले प्राप्त होना किसी कॅरिअर मार्ग को चुनते समय महत्वपूर्ण हो सकती है.
कॅरिअर-सूचना: किसी भी कॅरिअर-काउंसलर को कॅरिअर प्रवृत्तियों, रोज़गार-अवसरों आदि पर अद्यतन जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे किसी व्यक्ति को, उसके अनुकूल वास्तविक कॅरिअर लक्ष्यों वाली कॅरिअर-योजना बनाने में सहायता कर सकें. ऐसी जानकारी/सूचना सामान्यत: रोज़गार, शैक्षिक अपेक्षाओं, वेतन और कार्य-विवरण पर सूचना देने वाली पुस्तकों, वीडियो, समाचार पत्रों, ऑनलाइन साइट्स तथा अन्य साधनों से ली जाती हैं.
रोज़गार-खोज समर्थन: कॅरिअर काउंसलर, रोज़गार तलाशने वाले व्यक्तियों के लिए समर्थन एवं प्रोत्साहन देने वाला एक अमूल्य स्रोत होता है.
कॅरिअर काउंसलर अपनी काउंसिलिंग सेवाओं के साथ प्राय: कवर-लेटर, रेज्यूम और साक्षात्कार कराने की सेवाएं देते हैं.
पात्रता: काउंसिलिंग में किसी कॅरिअर के लिए, १०+२ के बाद, स्नातक स्तर पर मनोविज्ञान, सामाजिक कार्य आदि जैसे विषय लेना और उसके बाद काउंसिलिंग में स्नातकोत्तर योग्यता प्राप्त करना श्रेष्ठ होता है. हालांकि, कॅरिअर काउंसिलिंग का कोई विशेष पाठ्यक्रम नहीं है, लेकिन मार्गदर्शन एवं काउंसिलिंग के अधिकांश पाठ्यक्रमों में कॅरिअर काउंसिलिंग भी शामिल होती है और मनोविज्ञान की पृष्ठभूमि रखने वाले काउंसलर इस कॅरिअर को अपनाने के लिए आदर्शत: उपयुक्त होते हैं, क्योंकि मानव आचरण में उनका ज्ञान एवं अंतर्दृष्टि उन्हें अपने ग्राहकों को बेहतर रूप में समझने में सहायक होती है. कुछ वर्षों का अनुभव रखने वाले अध्यापक भी कॅरिअर मार्गदर्शन एवं काउंसिलिंग का कार्य कर सकते हैं.
किसी भी विषय में मास्टर डिग्रीधारी उम्मीदवार काउंसिलिंग में डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र होते हैं, किन्तु कुछ संस्थान मनोविज्ञान की पृष्ठभूमि रखने वाले छात्रों को वरीयता देते हैं. पाठ्यक्रम की अवधि १-२ वर्ष होती है. मनोविज्ञान में स्नातक उम्मीदवार पी.जी. डिप्लोमा पाठ्यक्रम कर सकते हैं. नियमित अध्ययन के अलावा, काउंसिलिंग एवं मार्गदर्शन में अधिकांश पाठ्यक्रम अंशकालिक एवं पत्राचार रूप में भी चलाए जाते हैं.
प्रभावी काउंसलर बनने के लिए अपेक्षित कौशल :
*संचार कौशल: प्रभावी काउंसलर उत्कृष्ट संचार कौशल धारी होना चाहिए.
*धैर्य: किसी भी काउंसलर को ग्राहकों के साथ धैर्य बनाए रखना चाहिए, क्योंकि उन्हें दिए जाने वाले सुझावों पर प्रतिक्रिया तथा ठोस विचार प्राप्त होने में समय लग सकता है.
*अच्छा श्रोता: काउंसलर अपने ग्राहकों की बातें सुनने, उनकी कहानी एवं भावनाओं की अभिव्यक्ति के समय पर अपना महत्वपूर्ण वक्त लगाते हैं. काउंसिलिंग के लिए बोलने के बजाय सुनना आवश्यक होता है.
*गैर-निर्णयात्मक: काउंसलर हर प्रकार की निजी सूचनाओं को सुनते हैं और हर तरह के लोगों का सामना करते हैं. भावनात्मक रूप से स्थायित्व और परिपक्वता अन्यों की कॅरिअर समस्याओं को हस्तन करने के लिए अपेक्षित होती है. बहु सांस्कृतिक सक्षमता भी एक गुण है.
संवेदनशील एवं परिप्रेक्ष्यवान: काउंसलर, अन्यों की सहायता करने में एक सशक्त रुचि रखते हों, लोगों का मूल्यांकन करने में वे संवेदनशील एवं परिप्रेक्ष्यवान हों तथा सम्मान, आस्था तथा विश्वास रखने की प्रेरणा देने में सक्षम होने चाहिएं.
*खोज-उन्मुखी: कॅरिअर-काउंसलर्स को अध्ययन एवं कॅरिअर विकल्पों के बारे में भली-भांति जानकार रहना चाहिए और अपनी जानकारी को निरंतर अद्यतन करते रहना चाहिए.
*प्रोत्साहनशील: किसी भी काउंसलर के लिए, प्रोत्साहन देने की क्षमता होना महत्वपूर्ण है. कई ग्राहक अपनी स्थितियों में आशा की किरण तलाशने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. किसी व्यक्ति की आशा को पूर्ण करना प्राय: काउंसलर के प्रमुख कार्यों में शामिल होता है.
कार्य-अवसर:
अधिकांश कॅरिअर-काउंसलर स्कूलों या शैक्षिक संस्थाओं में अथवा कॅरिअर एवं अध्यापन परामर्श सेवा संस्थाओं के साथ कार्य करते हैं. वे कॉलेजों, प्रवेश-अपेक्षाओं, प्रवेश-परीक्षाओं तथा वित्तीय सहायता पर परामर्श देते हैं.
वे कॅरिअर सूचना केन्द्रों और कॅरिअर शिक्षा कार्यक्रमों के साथ भी कार्य कर सकते हैं.
वे छात्रों में जीवन-वृत्त लेखन और साक्षात्कार देने की तकनीकों आदि जैसे कार्य तलाशने के कौशल का भी विकास करते हैं.
कॅरिअर-काउंसलर भर्ती-एजेंसियों के साथ भी कार्य कर सकते हैं और कॅरिअर-विकास तथा रोज़गार तलाशने और आवेदन कराने सहित छात्रों की सहायता करने में रोज़गार एवं तैनाती काउंसिलिंग में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं.
विदेश में शिक्षा लेने की मानसिकता में वृद्धि होने के साथ ही, कॅरिअर काउंसलर छात्रों को अध्ययन-पाठ्यक्रम, संस्थान एवं देश के चयन के बारे में परामर्श दे रहे हैं तथा आवेदन प्रक्रिया में सहायता कर रहे हैं.
कॅरिअर काउंसिलिंग क्यों महत्वपूर्ण है?
यद्यपि, कॅरिअर मार्गदर्शन विशेष रूप से महानगरों में निरंतर महत्व प्राप्त करता जा रहा है किन्तु देश के बड़े भागों में कॅरिअर-नियोजन के बारे में जागरूकता सीमित स्तर पर ही है, और इसके कारण प्रति वर्ष स्नातक बनने वाले ३० मिलियन छात्रों में से २०त्न बेरोजग़ार हैं और गैर-रोज़गार योग्य ही बने रहते हैं. इसी के साथ कईं ऐसे रोज़गार हैं, जिन पर उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलते, उपयुक्त कॅरिअर काउंसिलिंग करने वाले प्रशिक्षित कॅरिअर काउंसलर इस अंतराल को पूरा करने में सहायता करते हैं.
इसके अतिरिक्त, प्रतिवर्ष रोज़गार के अनेक अवसर बढ़ रहे हैं, छात्र इससे भ्रमित हो जाते हैं और गलत निर्णय ले लेते हैं, जिससे उनका जीवन ही प्रभावित नहीं होता, बल्कि देश की जनशक्ति की आवश्यकताओं के लिए प्रशिक्षित व्यवसायियों के विकास के संबंध में भी खाई बढ़ती है.
किसी सार्थक एवं संतोषजनक कॅरिअर के लिए किस शक्ति एवं प्रतिभा का विकास किए जाने की आवश्यकता है इस पर निर्णय लेने में सहायता के लिए किसी व्यावसायिक सलाहकार का होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यह कइयों के लिए एक चुनौतीपूर्ण तथा लाभकारी कॅरिअर बन सकता है.
संस्थाओं की सूची: मार्गदर्शन एवं काउंसिलिंग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने वाले कुछ संस्थान निम्नलिखित हैं :
*राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद-एन.सी.ई.आर.टी., नई दिल्ली - Delhi www.ncert.nic.in
*राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान, तमिलनाडु (एम.ए. कॅरिअर काउंसिलिंग) - www.rgniyd.gov.in
*इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय (इग्नू) - www.ignou.ac.in
*एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा - www.amity.edu
*ज्ञान प्रबोधिनी मनोविज्ञान संस्थान (जे.पी.आई.पी.), पुणे.
*जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली - www.jmi.ac.in
*अन्नामलै विश्वविद्यालय, तमिलनाडु - annamalaiuniversity.ac.in
‘‘तलाश करें कि आप श्रेष्ठ क्या करना चाहेंगे और इसे करने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें जो इसमें आपकी सहायता करें.
(उषा अल्बुकर्क एवं निधि-प्रसाद क्रमश: कॅरिअर्स स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक और उत्तरी दिल्ली शाखा के प्रमुख हैं) ई-मेल : nidhiprasadcs@gmail.com
चित्र: गूगल के सौजन्य से