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नौकरी फोकस


Volume-52

संभार-तंत्र प्रबंधन में कॅरिअर

उषा अल्बुकर्क़ एवं निधि प्रसाद

माना जाता है कि संभार-तंत्र तब चलन में आया जब सेनाओं को अपने बेस से आगे के स्थान पर जाते समय युद्ध-सामग्री की आपूर्ति की आवश्यकता होती थी और हेनीबल, सिकंदर महान तथा वेलिंगटन के ड्यूक जैसे कुछ सैन्य लीडर्स को संभार-तंत्र में प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति माना जाता था.
संभार-तंत्रशब्द का प्रयोग १९९० के दशक के प्रारंभ में व्यवसाय जगत में तब व्यापक रूप में होने लगा जब उदारीकरण के साथ-साथ सार्वभौमिकरण को सामान के भंडारण एवं एक स्थान से दूसरे स्थान पर कुशलतापूर्वक वितरित करने की आवश्यकता हुई. संभार तंत्र प्रबंधन, जो सप्लाई चेन प्रबंधन (एस.सी.एम.) के नाम से भी जाना जाता है, वे सभी कार्य हैं जो कोई उत्पाद आपके हाथों में देने के लिए कच्चे माल को परिष्कृत करने के समय से लेकर आपके द्वारा परिष्कृत उत्पाद खरीदने के लिए धनराशि का भुगतान करने या अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के समय तक किए जाते हैं.
संभार-तंत्र, ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के क्रम में, किसी सामग्री सूचना अथवा अन्य संसाधनों को उनके मूल स्थान से आपूर्ति करने के प्रबंधन की प्रक्रिया है. दूसरे शब्दों में कहें तो संभार-तंत्र को सामान एवं सामग्रियों के प्रापण, ढुलाई, भंडारण एवं वितरण का सावधानीपूर्ण प्रबंधन कहा जा सकता है. यह एक सप्लाई चेन का भाग है जिसमें सूचना के एकीकरण, ढुलाई तथा इन्वेंटरी, भंडारण, सामग्री- हस्तन और पैकेजिंग कार्य शामिल हैं. चूंकि सप्लाई चेन में, कच्चा माल प्राप्त करने, कच्चे माल तथा परिष्कृत उत्पाद की ढुलाई, सामान एवं सामग्रियों के भंडारण तथा वितरण तक के सम्पूर्ण कार्य शामिल होते हैं, इसलिए संभार-तंत्र कंपनियां सामग्रियों (कच्ची सामग्री तथा तैयार उत्पाद दोनों) को सभी महाद्वीपों में कार्यालयों से घरों तक या कारखानों से ग्राहकों तक पहुंचाने के कार्य करती हैं. संभार-तंत्र उद्योग आर्थिक प्रगति एवं विकास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. सभी प्रकार के व्यवसायों- चाहे वे बड़े हों या छोटे, इन्वेंटरी तथा प्राप्य लेखाओं में सहायता के लिए संभार-तंत्र प्रबंधकों की आवश्यकता होती है. इसलिए संभार-तंत्र विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे तृतीय पक्ष संभार-तंत्र, व्यवसाय संभार-तंत्र, उत्पादन संभार-तंत्र एवं व्यावसायिक संभार-तंत्र.
किसी अर्हताप्राप्त संभार-तंत्र विज्ञानी के मुख्य कार्यों में इन्वेंटरी प्रबंधन, क्रय, ढुलाई, भंडारण, परामर्श एवं इन कार्यों का संयोजन तथा नियोजन करना शामिल है. संभार-तंत्र प्रबंधक कच्चा माल लाने एवं वितरण और कंपनी द्वारा बनाए गए तैयार उत्पादों को थोक विक्रेताओं या वितरकों तक पहुंचाने के अपेक्षित प्रयासों में समन्वय स्थापित करते हैं. संभार-तंत्र में वितरण प्रबंधकों की कार्य- भूमिका में ढुलाई, स्टॉक नियंत्रण, भंडारण करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि माल एवं सामग्रियों के आवागमन पर निगरानी रखने के लिए उपयुक्त संरचना है. कोई भी संभार-तंत्र प्रबंधक यह सुनिश्चित करने के लिए भी जिम्मेदार होता है कि माल के आउटलेट्स में समय पर प्रेषण पर ध्यान रखने के अतिरिक्त माल उपयुक्त तथा सुरक्षित तरीके से भी रखा जाता है.
सप्लाई चेन प्रक्रिया के अबाध एवं कुशल परिचालन के समर्थन के लिए अनेक व्यवसाय कार्य किए जाते हैं तथा विशेष कार्य-कलापों में सामान्यत: माल की गुणवत्ता, मात्रा, ढुलाई एवं भण्डारण की लागत तथा दक्षता पर निगरानी रखना, सूचना प्रणालियों में समन्वय लाना तथा नियंत्रण रखना तथा कार्य निष्पादन एवं योजना सुधार और मांग पर निगरानी रखने के लिए डाटा विश्लेषण शामिल हैं. सभी देशों तथा शहरों में बड़ी कुरियर कंपनियों तथा फ्रेट एवं फॉरवर्डिंग एजेंट्स के स्थापित होने और आज के ई-कॉमर्स विस्तार के साथ ही संभार-तंत्र प्रबंधन का महत्व बढ़ गया है तथा संभार-तंत्र प्रबंधन से जुड़े व्यक्तियों की भारी मांग है.
पात्रता मानदण्ड :-
इस स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को सामान्यत: दसवीं और बारहवीं कक्षा में न्यूनतम ५०अंक तथा किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक डिग्री धारी होना चाहिए. ये पाठ्यक्रम सामान्यत: स्नातकोत्तर डिग्री (एम.बी.ए.) और स्नातकोत्तर डिप्लोमा स्तरों हेतु चलाए जाते हैं.
अधिकांश संस्थान या तो कैट, मैट, एक्स ए.टी. या समतुल्य परीक्षाओं के अंक स्वीकार करते हैं या आपको संस्थान की प्रवेश परीक्षा में बैठना
होता है.
इनके अतिरिक्त आपके पास कुछ कौशल भी होना चाहिए, जैसे:-
*अत्यधिक कार्य- दबाव में कार्य करने की क्षमता.
*कार्य-समर्पण एवं एक जुटता की भावना.
*अच्छा संचार कौशल.
*नेतृत्व कौशल.
*विश्लेषणात्मक कौशल.
*भौगोलिक ज्ञान.
*संगठनात्मक कौशल तथा दूसरों की तरह सोचने की क्षमता.
*समय प्रबंधन कौशल.
*वित्तीय डाटा की व्याख्या करने तथा लागत का अनुमान लगाने की क्षमता.
संभार तंत्र में कोई कॅरिअर बनाने के लिए संभार-तंत्र से जुड़े किसी विषय में कोई पाठ्यक्रम जैसे सी.एल.पी. (प्रमाणित संभार-तंत्र प्रैक्टिसनर) व्यवसाय संभार-तंत्र, सप्लाई चेन प्रबंधन, नौवहन एवं परिवहन प्रबंधन आपके लिए सहायक होगा.
इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए कुछ पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं:-
*एम.एस.सी.-संभार-तंत्र एवं सप्लाई चेन प्रबंधन.
*व्यवसाय संभार-तंत्र में डिग्री.
*उच्च संभार-तंत्र प्रबंधन में डिग्री.
*संभार-तंत्र नेटवर्क डिज़ाइन और सप्लाई चेन प्रबंधन.
*संभार-तंत्र में एम.बी.ए.
* सामग्री एवं संभार-तंत्र प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा.
संभार-तंत्र प्रबंधन में पाठ्यक्रम चलाने वाले कुछ भारतीय संस्थान
*मैरीटाइम शिक्षा एवं प्रशिक्षण अकादमी, मुंबई- www.ametuniv.ac.in
*प्रबंधन एवं अर्थशास्त्र अध्ययन कॉलेज (यू.पी.ई.एस.), देहरादून- www.upes.ac.in
*संभार-तंत्र संस्थान, चेन्नै- www.ciilogistics.com
*भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान, मुंबई- www.iimm.org
*एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा- www.amity.edu
संभार-तंत्र में एम.बी.ए. एक ऐसा कार्यक्रम है जो छात्रों को क्रय, सामग्री प्रबंधन, सप्लाई चेन प्रबंधन, ढुलाई, सीमा शुल्क विनियमों, विदेशी मुद्रा, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, सूचना प्रौद्योगिकी तथा ऐसे ही अन्य विषयों का गहरा ज्ञान एवं समझ देता है. अन्य पाठ्यक्रम सप्लाई चेन तथा वितरण, सामग्री प्रबंधन, फ्रेट फोरवर्डिंग, निर्यात-आयात पद्धत्तियों नौवहन प्रलेखन तथा अन्य के संबंध में विशेष ज्ञान देते हैं.
संभावनाएं एवं अवसर :
संभार-तंत्र एक विशाल क्षेत्र है तथा प्रतिभावान और उत्साही उम्मीदवारों के लिए भारत तथा विदेश में शानदार अवसर हैं. इस क्षेत्र के लिए संभावनाएं सप्लाई चेन विस्तार के साथ बढ़ रही हैं, सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था से भी तीव्रता से उन्नतिशील है, और कंपनी के सी.ई.ओ. माल, सामग्रियों तथा अन्य सभी पदार्थों की ढुलाई तथा वितरण के पर्यवेक्षण में दक्षता के महत्व को समझ रहे हैं.
संभार-तंत्र में कॅरिअर शानदार वेतन के साथ आकर्षक चुनौतियां, यथा समय जिम्मेदारी तथा यात्रा के अवसर देता है. संभार-तंत्र प्रबंधन न केवल विश्व के अग्रणी संगठनों में महत्वपूर्ण है, बल्कि क्लीयरिंग एवं फोरवर्डिंग कंपनियों, फ्रेट फोरवर्डिंग संगठनों, कुरियर आदि में रोज़गार के शानदार अवसर भी देता है. इसके अतिरिक्त, विनिर्माण तथा वितरण कार्यों वाली कंपनियों को संभार-तंत्र में प्रशिक्षित व्यावसायियों की आवश्यकता होती है. कार्गो हैंडलर्स तथा नौवहन कंपनियां भी संभार-तंत्र में डिग्रीधारी व्यवसायियों की भर्ती करती है. ई-कॉमर्स के विस्तार ने संभार-तंत्र के क्षेत्र में नए अवसर तथा नई जिम्मेदारियां सृजित की हंै. ई-कॉमर्स की सफलता भी प्रभावी आई.टी.समर्थन, ढुलाई और बेहतर सभार-तंत्र आधारिक संरचना पर निर्भर प्रतीत होती है.
इस क्षेत्र में उभर रहे कॅरिअर में कई व्यवसाय संगठनों तथा कंपनियों में भंडार प्रबंधन, इन्वेंटरी प्रबंधन, नौवहन समन्वयकर्ता, निर्यात विक्रय समन्वयकर्ता, निर्यात कार्यपालक, संभार-तंत्र समन्वयकर्ता और ऐसे ही अन्य पद शामिल हैं. संभार-तंत्र के क्षेत्र में अधिकांश रोज़गार विक्रय, विपणन, परिचालन, ग्राहक सेवा तथा समर्थन, जैसे कार्यों में भी होंगे, इनमें से प्रत्येक कार्य के लिए विशिष्ट कौशल अपेक्षित होता है. यद्यपि, विक्रय एवं विपणन क्षेत्र में जाने वालों के लिए विक्रय कौशल के साथ-साथ व्यापार पद्धतियों के विभिन्न पहलुओं के हस्तन के लिए प्रलेखन अपेक्षाओं की समझ की भी आवश्यकता होती है. परिचालन कार्मिकों को निर्यात/आयात पद्धत्तियों और व्यापार तथा नौवहन प्रलेखन का गहरा ज्ञान होना चाहिए.
अन्य अवसर नियोजन एवं नीति निर्माण प्रेरणा, मूल्यांकन, उत्पादन विकास तथा इन्वेंटरी नियंत्रण में हैं व्यवसाय कौशल की एक व्यापक पृष्ठभूमि, सप्लाई चेन प्रोसेस का ज्ञान और संबंधित इंटर्नशिप/कार्य-अनुभव आपको किसी विनिर्माता, रिटेलर, कॅरिअर, थर्ड पार्टी लोजिस्टिक्स फर्म, ई-कॉमर्स कंपनी तथा अन्य सगठनों में कॅरिअर प्रारंभ करने तथा उन्नति करने के व्यापक अवसर देंगे.
किसी अर्हता प्राप्त व्यक्ति के लिए रोज़गार के अनेक अवसर हैं. क्षेत्र निम्नलिखित हैं:-
१. स्वास्थ्य सुरक्षा
२. परिधान एवं जीवन शैली
३. ऑटोमोटिव
४. प्रकाशन
५. इंजीनियरी
६. वैद्युत हार्डवेयर
७. एफ.एम.सी.जी.
८. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिकी
कोई भी व्यक्ति, नीचे उल्लिखित कोई कार्य-भूमिका चुन सकता है, यथा-
१. संभार-तंत्र एवं वितरण प्रबंधक
२. सप्लाई चेन विश्लेषक
३. सप्लाई चेन प्रबंधक
४. सप्लाई चेन सलाहकार
५. एक्सपेडिटर
६. सामग्री नियोजक
७. उत्पादन नियोजक
८. सहायक क्रेता
संभार-तंत्र प्रबंधन में उच्च भर्तीकर्ता
2 ब्लू डार्ट
2 फेड एक्स
2 हेल्थकार्ट
2 अग्रवाल पैकर्स एवं मूवर्स
2 डी.टी.डी.सी.
2 फस्ट फ्लाइट
2 स्पाइसजेट
2 टी.सी.एस.
2 कॉग्निजेंट
2 सा.क्षे. उपक्रम- ओ.एन.जी.सी., गेल, एन.एच.पी.सी. आदि.
जैसे-जैसे बड़ी संख्या में स्टार्ट अप्स एवं ई-कॉमर्स वेबसाइटों के यहां कार्य-अवसर होंगे, इस व्यवसाय में विशेषज्ञों, नए कौशल की मांग बनी रहेगी और रोजगार-पद सृजित होंगे, अनुमान है कि इस उद्योग के रोज़गार में विकास सभी स्तरों अर्थात् डिलीवरी ब्वॉय से लेकर पर्यवेक्षक स्तर तक तथा ई-कॉमर्स उद्योग के विकास के साथ सामान्य एवं उत्पाद लाइन प्रबंध स्तर पर व्यापक वृद्धि लाएगा. इसलिए, जो व्यक्ति प्रबंधन एवं समन्वय क्षमता तथा भौगोलिक स्थान का ज्ञान और कम्प्यूटर कौशल रखते हैं उनके लिए इस क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य वाला कॅरिअर्स है.
(उषा अल्बुकर्क़ एवं निधि प्रसाद कॅरिअर्स स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली में क्रमश: निदेशक एवं वरिष्ठ काउंसिलिंग सायकोलॉजिस्ट हैं.)

चित्र: गूगल के सौजन्य से