डिजिटल मार्केटिंग में रोजग़ार के अवसर
डॉ. शीतल कपूर
डिजिटल, ग्राहकों के साथ सीधा संपर्क और बिक्री के नवीनतम और तेज़ी से विकसित हो रहे चैनल हैं. इंटरनेट विपणनकर्ताओं और उपभोक्ताओं को अधिक व्यापक संपर्क और विशिष्टता के अवसर प्रदान करता है. डिजिटल मार्केटिंग में ऑनलाइन, सोशल मीडिया और मोबाइल बैंकिंग मार्केटिंग गतिविधियां और कार्यक्रम शामिल होते हैं जो कि ग्राहकों या संभावनाओं को जोडऩे और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जागरूकता विस्तार, उत्पादों या सेवाओं की छवि या बिक्री बढ़ाने के वास्ते डिज़ाइन किये होते हैं. मोबाइल मार्केटिंग ऑनलाइन मार्केटिंग का एक विशेष स्वरूप है जिसमें उपभोक्ताओं के सैल फोनों, स्मार्ट फोनों या टेबलेट्स पर सूचनाएं प्रेषित की जाती हैं. एक शोध के अनुसार भारत में 2017 में डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में कऱीब 1.5 लाख रोजग़ारों के सृजन की आशा है.
ऑनलाइन मार्केटिंग कम्यूनिकेशन्स के प्रमुख साधन वेबसाइटें, खोज विज्ञापन, डिस्पले विज्ञापन, ई-मेल, सोशल मीडिया, ब्लॉग्स, वायरल मार्केटिंग और मोबाइल मार्केटिंग हैं. विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन विकल्पों से आशय है कि कंपनियां ऐसी सूचना या संदेश प्रेषित या प्रस्तुत कर सकती हैं जिनसे वे उपभोक्ताओं की विशेष रुचियोंऔर व्यवहार के अनुरूप उन्हें आकर्षित कर सकती हैं. वैश्विक रूप से और भारत में भी डिजिटल मार्केटिंग परंपरागत माध्यम की तुलना में तेज़ी से वृद्धि की ओर अग्रसर है.
नया डिजिटल युग ब्रॉण्ड्स को अपने चयनित ग्राहकों को लक्षित करने में सहायक होता है जिनका उनके ब्रॉण्ड अथवा पूर्व की ब्राउजिंग रुचियों के अनुरूप होने की संभावना रहती है. व्यवसाय क्षेत्र अब आयु रेंज, स्थान, लिंग और रुचियों के चयन के लिये सोशल मीडिया को इस्तेमाल कर सकते हैं जिन तक वे अपनी लक्षित पोस्ट को प्रस्तुत करना चाहते हैं. इसके अलावा ग्राहक के हाल के शोध इतिहास के आधार पर उन्हें इंटरनेट पर फॉलो किया जा सकता है ताकि वे समान तरह के ब्रॉण्ड्स, उत्पादों और सेवाओं से विज्ञापनों को देख सकें. इससे व्यावसायिक घरानों को विशिष्ट ग्राहकों को लक्षित करने में सहायता मिलती है जिन्हे वे जानते हैं और अपनी उत्पाद या सेवा से ऐसा कुछ सर्वाधिक लाभान्वित महसूस करते हैं जिसमें डिजिटल युग आने तक सीमित क्षमताएं होती थीं.
डिजिटाइजेशन की मौजूदगी सभी प्रकार के क्षेत्रों जैसे कि खुदरा बिक्री, विनिर्माण, बैंकिंग, बीमा, पर्यटन, दूरसंचार, एयरलाइन्स आदि में देखी जा रही है. विश्व की कऱीब 43 प्रतिशत जनसंख्या डिजिटल सम्प्रेषण का प्रयोग करती है और भारत की 30 प्रतिशत जनसंख्या इंटरनेट का इस्तेमाल करती है. एक अध्ययन के अनुसार 2017 तक भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 500 मिलियन से अधिक हो जायेगी और इन उपयोगकर्ताओं का 80 प्रतिशत (अर्थात 400 मि$ +) मोबाइल फोन के जरिये ऑनलाइन हो जायेगा. भारत ने इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 10 मिलियन से 100 मिलियन तक पहुंचने के लिये 10 वर्ष लग गये. इसने 100 मिलियन से 200 मिलियन पहुंचने के लिये 3 वर्ष ले लिये और मात्र 1 वर्ष में 200 मिलियन से 300 मिलियन तक आंकड़ा पहुंच गया. भारत में अकेले फेसबुक का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 110 मिलियन से अधिक है. भारत पहले ही सबसे बड़े दूसरे स्मार्टफोन बाज़ार के तौर पर अमरीका से आगे निकल गया है. इसके अलावा भारत में स्मार्ट फोन रखने वालों की संख्या ने पहले ही डेस्कटाप/लैपटाप के उपयोगकर्ताओं के रूप में परिवर्तन कर लिया है.
डिजिटल मार्केटिंग में विभिन्न प्रकार के संगठनों में रोजग़ार के व्यापक अवसर हैं. कार्य की प्रकृति और विभिन्न रोजग़ार प्रोफाइल ने ऑनलाइन मार्केटिंग कॅरिअर को एक महान अवसर बना दिया. इनमें शामिल हैं:
डिजिटल मार्केटिंग एवं विज्ञापन एजेंसियां:
इन दिनों परंपरागत विज्ञापन एजेंसियां भी डिजिटल मार्केटिंग सेवाएं प्रदान कर रही हैं. ये लघु, मध्यम और बड़ी डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियां होती हैं जो कि सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन, सर्च इंजन मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग आदि प्रदान करती हैं.
ब्रॉण्ड प्रोत्साहन डिजिटल मार्केटिंग:
उन व्यक्तियों के लिये इसमें रोजग़ार के अवसर उपलब्ध होते हैं जो कि किसी ब्रॉण्ड विशेष अथवा संगठन के लिये कार्य करने के इच्छुक होते हैं और डिजाइनर्स, ब्लॉगर्स, ई-मेल मार्केटिंग जैसी डिजिटल मार्केटिंग से सक्रियता से जुडऩे के इच्छुक होते हैं.
डिजिटल मार्केटिंग टूल/प्लेटफार्म कंपनी:
डिजिटल मार्केटिंग में रोजग़ार का एक अन्य अवसर टूल या प्लेटफार्म कंपनियों जैसे कि गूगल, लिंकडिन, फेसबुक, एडोब, ट्विटर, यूट्यूब आदि के लिये कार्य करना होता है. इस प्रकार की कंपनियों के कार्य की प्रकृति और संबद्ध शिक्षण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है और किसी एजेंसी या ब्रॉण्ड में कार्य करने की तुलना में काफी भिन्न होता है.
डिजिटल मार्केटिंग में इन पूर्णकालिक रोजग़ारों के अलावा, इस उद्योग में स्वतंत्र/अंशकालिक/घर से कार्य करने के अवसरों का विकल्प चुन सकते हैं.
अत: किसी व्यक्ति विशेष के लिये उसके अनुभव, तकनीकी और गैर तकनीकी कौशलों जैसे कि सम्प्रेषण सृजनात्मकता, विश्लेषणात्मक कौशल और उनकी रुचि के आधार पर डिजिटल मार्केटिंग में निम्नलिखित रोजग़ार के अवसर उपलब्ध हैं:
1.सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ): प्रवेश स्तर पर कोई व्यक्ति किसी संगठन में डिजिटल मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव के तौर पर कार्य ग्रहण कर सकता है. इस मामले में उसे एक टीम लीडर अथवा प्रबंधक के अधीन कार्य करना और शोध, कंटेंट डेवलपमेंट, परीक्षण आदि सहित विभिन्न प्रकार के कार्य करने होते हैं. एसईओ का कार्य वेब पेजों की रैंकिंग में सुधार करना और गूगल, याहू, बिंग आदि जैसे विभिन्न सर्च ईंजनों पर अपनी उपस्थिति में सुधार करना होता है. वेबपेजों का अधिकतम उपयोग डिजिटल मार्केटिंग का बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू होता है.
2. सर्च इंजिन मार्केटिंग (एसईएम): प्रायोजित प्लेसमेंटों और विज्ञापन के जरिये वेबपेजों की दृश्यता में वृद्धि करना. एसईएम विशेषज्ञ को यह जानकारी होनी चाहिये कि किस प्रकार अभियान चलाये जायें और सर्च इंजिनों पर वेब पेजों की अधिकतम दृश्यता के लिये भुगतान खोज सूचीयन के जरिये क्रय यातायात को किस प्रकार विस्तारित किया जाये.
3.सोशल मीडिया मार्केटिंग (एसएमएम): सोशल मीडिया कंपनियों को जनता की आवास और ऑनलाइन उपस्थिति स्थापित करने में सहायक होता है. सोशल मीडिया के लिये ये तीन मुख्य प्लेटफार्म हैं: (क) ऑनलाइन कम्यूनिटीज और फोरम (ख) ब्लॉग्स, (ग) सामाजिक नेटवर्क जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, लिंकडिन, प्रिंटरेस्ट और अन्य. एक अच्छे डिजिटल विपणनकर्ता को यह जानकारी होनी चाहिये किस प्रकार कंपनी की ब्रैंड छवि के विपणन के लिये सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल किया जाये.
4.ई-मेल मार्केटिंग: ई-मेल विपणनकर्ताओं को प्रत्यक्ष मेल अभियान की लागत पर ग्राहकों को सूचित और सम्प्रेषित करता है. ई-मेल बहुत ही उत्पादक बिक्री टूल्स होते हैं. चूंकि इसमें ग्राहकों को जोडऩा और ब्रॉण्ड को अग्रणी बनाना होता है, बहुत से संगठन आवधिक न्यूजलेटर्स, ई-मेल अभियान, स्वत: प्रत्युत्तर प्रेषित करते हैं ताकि उन्हें नये उत्पादों/सेवाओं को जोड़ते हुए अथवा किसी महत्वपूर्ण शेयरिंग के लिये अद्यतन किया जा सके. चूंकि ई-मेल को समय पर लक्षित करना होता है और संगत कंपनियां इस उद्देश्य के लिये कार्मिकों को हायर करती हैं.
5.मोबाइल मार्केटिंग: इन दिनों सभी आयु वर्गों के बहुत से लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोबाइल मार्केटिंग त्वरित अद्यतन और ऑफर्स तथा ग्राहकों की रुचिकर सूचनाएं उपलब्ध करवाती हैं. इन दिनों मोबाइल एप्प सुविधा, सामाजिक मूल्य, प्रोत्साहन और मनोरंजन आदि शामिल करते हुए उपयोगी कार्य संचालित करती हैं.
6.वेब विश्लेषण: वेब विश्लेषण डिजिटल मार्केटिंग का बहुत ही दिलचस्प पहलू होता है जिसमें टै्रफिक विश्लेषण, बिजनेस और मार्किट रिसर्च तथा वेबसाइट टै्रफिक वृद्धि शामिल होती है. उदाहरण के लिये गूगल विश्लेषक इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाता है कि आपकी वेबसाइट किस प्रकार काम कर रही है. भारत में 40 प्रतिशत विषयवस्तु विपणनकर्ता इन्फोग्राफिक्स और विजुअल मीडिया का इस्तेमाल करती हैं.
2020 में भारत में डिजिटल खरीददारी से जुड़ा बिजनेस बढक़र 70.7 प्रतिशत होने का अनुमान है, जिससे वेबसाइटों, सोशल मीडिया, ब्लॉग्स और ई-न्यूजलेटर्स आदि के जरिये विपणनकर्ताओं द्वारा विषयवस्तु को पहुंचाने की तकनीकों के इस्तेमाल पर ज़ोर रहेगा. चूंकि ब्रॉण्ड ये महसूस करते हैं कि ग्राहकों की फीडबैक, टिप्पणियां और विषयवस्तु बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं इसलिये इस क्षेत्र में इंटरनेट प्रचालन का ज्ञान रखने वालों के लिये रोजग़ार के व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे.
लेखक कमला नेहरू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. ई-मेल : sheetal_kpr@hotmail.com (चित्र-गूगल के सौजन्य से)