पायलट एवं कैबिन क्रू के रूप में करिअर
उषा, अल्बुकर्क एवं निधि प्रसाद
विमानन उद्योग में एयरलाइन्स तथा प्रशिक्षण केन्द्रों, बेंडर्स और नियामक प्राधिकरणों सहित ‘विमानन के सभी पहलू शामिल हैं. इसे प्रयोजन एवं लक्ष्य व्यक्तियों तथा माल/सामान को विश्व में लाना ले जाना है.
भारत विश्व विमानन बाजार में २०२० तक विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और २०३० तक सबसे बड़ा देश बनना चाहता है. इन पूर्वानुमानों में कम लागत की एयर लाइन्स की संख्या बढ़ा दी है और अंतर्राष्ट्रीय विमानन उद्योग ने भारतीय तथा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में अत्यधिक आकर्षक वेतनों के रास्ते खोल दिये हंै. रहन सहन स्तर में व्यापक वृद्धि के कारण नई प्राइवेट एयरलाइन्स कम हवाई किरायों के साथ उभर कर सामने आ रही है और हवाई यात्रा अधिकाधिक यात्रियों को आकर्षित कर रही है.
विमानन उद्योग विशाल है और इसे अपने विभिन्न विभागों में विविध कुशलता रखने वाले व्यक्तियों की आवश्यकता है. इसलिए इस क्षेत्र में आपके लिए अनेक पाठ्यक्रमों का विकल्प है. पायलट प्रशिक्षण, कैबिन क्रू प्रशिक्षण तथा वैमानिक इंजीनियरी विमानन जगत में कुछ प्रसिद्ध पाठ्यक्रम हैं. इस उद्योग में तीव्र गति से हो रहे विस्तार के साथ ही, इसके स्थिर विकास को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक एवं अत्यधिक कुशल कार्य बल की आवश्यकता होगी.
वाणिज्यिक पायलट:
क्या आपने कभी जमीन से बहुत दूर उड़ान, आकर्षक परिवेश में चलने तथा साहसिक जीवन बिताने का सपना देखा है? एक वाणिज्यिक पायलट बन कर आप अपने सभी सपने साकार कर सकते हैं और एक अच्छा वेतन प्राप्त कर सकते हैं एक भू पर्यटन कॅरिअर, जमीन से ३०००० फुट ऊपर कार्यालय एवं एक चुनौतीपूर्ण जीवन एक वाणिज्यिक पायलट बनाने के कुछ लाभ हैं.
किन्तु पायलट बनाने के आकर्षण के भ्रम में न रहें. एक अच्छे कॅरिअर के अतिरिक्ति किसी भी पायलट को अत्यधिक प्रशिक्षित एवं कुशल व्यवसायी होना जरूरी होता है, क्योंकि यह कार्य अत्यधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है. किसी भी पायलट को हेलीकॉप्टर सहित विभिन्न विमान उड़ाने पड़ते हैं विमान उड़ान के लिए अत्यधिक शारीरिक प्रयास की आवश्यकता न हो, किन्तु हर तरह के मौसम में यात्रियों से भरें किसी विमान की सुरक्षित उड़ान की जिम्मेदारी का मानसिक दवाब अत्याधिक चुनौतीपूर्ण है. इसके लिए आपकों अनियमित घंटों और दिन प्रति दिन के ऐसे जीवन को अपनाना होगा जिसके योजना बनाना कठिन है.
पायलट को शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ होने के साथ-साथ उनकी नेत्र दृष्टि एवं रंग दृष्टि भी अच्छी होनी जरूरी है. नागर विमानन महानिदेशालय प्रत्येक वर्ष दिल्ली, मुंबई कोलकाता, चेन्नै, अहमदाबाद पटना, गुवाहाटी, भोपाल भुवनेश्वर, हैदराबाद, बंगलौर, कोच्चि सहित अनेक शहरों में और आईजीआरयूए में भी पायलट लाइसेंस परीक्षा संचालित करता है.
कॅरिअर के अवसर:
वाणिज्यिक उड़ान क्षेत्र में उच्च वेतन तथा अनेक अनुलाभों और लाभों के साथ-साथ विविध कार्य अवसर भी मिलते हैं, जैसे कार्पोरेट विमानन (कंपनी के जहाज उड़ाना), कृषि उड़ान (क्रॉप डास्टिंग), या सशस्त्र बलों में पूर्णकालिक उड़ान आप निश्चित रूप से किसी भी घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय एयर लाइन्स जैसे एयर इंडिया, स्पाइस जैट, लुफ्तांसा, जेट एयरवेज, एयर एशिया इंडिगो आदि के लिए कार्य कर सकते हैं.
पायलट कौन बन सकता है?
*कोई भी ऐसा उम्मीदवार जिसकी आयु १८ वर्ष से अधिक है.
*भौतिकी एवं गणित अनिवार्य विषयों के रूप में ले कर विज्ञान विधा में १०+२ या जिन्होंने किसी भी इंजीनियरी विधा में डिप्लोमा प्राप्त किया है.
प्रशिक्षण लागत: भारत: १५ से २० लाख रु. वाणिज्यिक पायलट बनने के लिए लाइसेंस:
छात्र पायलट लाइसेंस (एसपीएल)
एक वाणिज्यिक पायलट बनने की दिशा में पहला कदम एक एसपीएल एक ऐसा लाइसेंस प्राप्त करना है जो नागर विमानन महानिदेशालय, भारत सरकार या विदेश स्थित किसी प्राधिकरण द्वारा मान्यताप्राप्त किसी उड़ान क्लब में पंजीकरण के लिए आवश्यक होता है. इसके लिए आवेदन करने हेतु कम से कम १६ वर्ष की आयु का होने के साथ १०+२ (भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं गणित तथा न्यूनतम ५०त्न अंकों के साथ) होना आवश्यक है.
आवेदन प्रक्रिया नेवीगेशन, मौसम विज्ञान, हवाई विनियमों आदि की सैद्धांतिक एवं मौखिक परीक्षाओं से प्रारंभ होती है. उसके बाद आपको नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अनुमोदित स्वास्थ्य उपयुक्तता प्रमाणपत्र, सेक्यूरिटी क्लीयरेंंस तथा १००००/- रु. की एक बैंक गारंटी प्रस्तुत करनी होती है. इस परीक्षा को जब आप सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं, एक छात्र पायलट लाइसेंस प्रमाणपत्र के साथ आप वाणिज्यिक पायलट बनाने की दिशा में अपनी पहली सीढ़ी पार कर लेते हैं. डीजीसीए वेबसाइट नियमित रूप से नए विनियमों, अपेक्षाओं तथा अनुमोदित केन्द्रों को अद्यतन करती रहती है.
प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल)
मनोरंजन या प्राइवेट स्पोर्ट के रूप में उड़ान भरने के लिए पीपीएल एक बुनियादी लाइसेंस है. पीपीएल अपने लाइसेंस धारियों को ऐस विमानों के कैप्टन या को-पायलट के रूप में उड़ान का अवसर देते हैं जो विमानन सार्वजनिक परिवहन या हवाई कार्य के उद्देश्य से नहीं उड़ते, उम्मीदवार किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से दसवीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होने के साथ आवेदन की तारीख को कम से कम सत्रह (१७) वर्ष की आयु का होना चाहिए.
कुल ६० घंटों के उड़ान अभ्यास तथा कठोर प्रशिक्षण के बाद आप अपना विमानन- वाहित कॅरिअर प्रारंभ करते हैं. इसके लिए अच्छी खोज-बीन एवं स्कूल के स्थान, लागत, प्रतिष्ठा आदि जैसे कुछ तथ्यों को ध्यान में रख कर भारत या विदेश में कोई उपयुक्त उड़ान स्कूल चुनना चाहिए. पीपीएल के लिए पात्र बनने हेतु प्रत्याशित पायलट को विमानन के बारे में उड़ान विद्यालय केन्द्र तथा डीजीसीए सैद्धांतिक परीक्षा में उपस्थित होना होता है और, एएफसीएमई (वायुसेना केन्द्रीय चिकित्सा संस्थापना) या आईएएम (विमानन औषधि संस्थान) से एक चिकित्सा स्वस्थ्यता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है.
वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल)
एक वाणिज्यिक पायलट बनने की दिशा में अंतिम कदम, कम से कम २५० घंटों की व्यापक उड़ान भरने के बाद वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) प्राप्त करना है. पायलटों को सीपीएल उनके केन्द्रों पर व्यापक सैद्धांतिक परीक्षा तथा विमानन पर डीजीसीए की परीक्षा लेने एवं एएफसी एम.ई. या आईएएम से चिकित्सा स्वस्थता परीक्षा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद दिया जाता है. सीपीएल के बाद इंस्ट्रूमेंटिंग एवं टाइप रेटिंग प्रमाणन भी आवश्यक होते हैं.
विमानन के उच्च भारतीय संस्थान
किसी भी संस्थान का चयन करते समय उड़ान एवं ठहरने की लागत (एक महत्वपूर्ण निवेश), स्कूल की प्रतिष्ठा तथा उस स्कूल के पूर्व छात्रों से स्कूल के बारे में धारणा आदि जैसे तथ्य उम्मीदवार को महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं अनेक शिक्षा ऋण तथा छात्रवृत्तियां भी उपलब्ध हैं.
भारत में उड़ान के उच्च क्लब/संस्थान
*राजकीय विमानन प्रशिक्षण संस्थान, भुवनेश्वर
*कोयम्बतूर उड़ान क्लब, कोयम्बतूूर
*भारतीय वैमानिकी अकादमी, मुंबई
*जमशेदपुर को-ऑपरेटिव फ्लाइंग क्लब लि. जमशेदपुर
*अखिल भारतीय वैमानिकी संस्थान (ए.आई.आई.ए.) देहरादून
*राजीव गांधी विमानन अकादमी, सिकंदराबाद
*विमानन एवं वैमानिकी, अहमदाबाद
*राजकीय उड़ान प्रशिक्षण विद्यालय, बंगलौर
*इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए) बरेली
*पश्चिम बंगाल उड़ान प्रशिक्षण संस्थान, कोलकाता
कैबिन क्रू
किसी विमान पर तैनात स्टाफ को सामान्यत: दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है उड़ान कर्मी (फ्लाइट क्रू) एवं कैबिन कर्मी (कैबिन क्रू) पहले वर्ग के कर्मी वे होते हैं जो विमान को उड़ाते हैं और दूसरे वर्ग के कर्मी विमान के यात्री क्षेत्र में कार्य करते हैं दूसरे वर्ग को कैबिन क्रू कहा जाता है और इसमें उडान सहायक, स्टीवर्ड्स या स्टीवार्डेस अथवा एयर होस्ट्स या एयर होस्टेस शामिल होती है. एयर लाइन कैबिन क्रू उड़ान के दौरान विमान यात्रियों के आराम सुरक्षा तथा कल्याण के लिए उत्तरदायी होता है.
किसी बड़ी एयरलाइन के लिए उड़ान सहायक के रूप में कार्य करना प्राय: एक मोहक तथा आकर्षक कार्य माना जाता है. तथापि ये कार्य सांसारिक एवं सामान्य होते हैं तथा इन कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं.
*विमान पर यात्रियों के चढ़ते या उतरते समय उनका अभिवादन करना
*यात्रियों को उनका स्थान बताना और वृद्ध या दिव्यांग जैसे यात्रियों का विशेष ध्यान रखना
*भोजन तथा अल्पाहार परोसना
*आपातकालीन उपकरणों एवं यात्री सूचना साधनों की स्थिति की जांच
*आपातकालीन उपकरणों तथा सुरक्षा पद्धत्तियों का प्रदर्शन
*प्रथमोपचार कार्य
*आपात स्थितियों से निपटना
*यात्रियों को समाचार पत्रों, पत्रिकाओं तथा उड़ान के दौरान मनोरंजन के साधनों का विवरण
*ड्यूटी-फ्री वाणिज्यिक वस्तुओं की बिक्री और विक्रय लक्ष्य प्राप्त करना.
*यात्रा समाप्त होने के बाद लिखित उड़ान रिपोर्ट तैयार करना.
यह भूमिका शारीरिक एवं भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है, इसमें अत्यधिक जिम्मेदारी निहित होती है और इसमें कैबिन कर्मियों से सभी यात्रियों से ऐसी स्थितियों में भी जब वे लम्बे समय तक यात्रा के करने के प्रभाव का अनुभव करते हैं और जब उन्हें अधिक समय तक बैठा रहना पड़ता है, व्यवहार कुशल रूप में निपटने की प्रत्याशा की जाती है.
कई एयरलाइन्स को कैबिन कर्मियों के किसी विशेष हवाई अड्डों के आसपास रहने की आवश्यकता होती है, क्योकि इन कैबिन कर्मियों को अल्प सूचना पर बुलाया जा सकता है. इसके कार्य घंटों में लंबी पारियां तथा देर रात्रि तक कार्य करना शामिल है और सार्वजिनक छुट्टियों के दौरान कार्य करना आवश्यक हो सकता है.
अपेक्षित योग्यताएं: किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री या जमा दो/ समकक्ष के साथ किसी मान्यताप्राप्त संस्था से होटल प्रबंधन एवं खानपान में तीन (३) वर्षीय डिप्लोमा, सामान्यत: राष्ट्रीय भाषा और कम से कम एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा (अंग्रेजी) का ज्ञान होना आवश्यक होता है. उम्मीदवार शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं आकर्षक व्यक्तित्व तथा अच्छे रूप रंग वाला होना चाहिए.
*आयु : २५ वर्ष से कम
*ऊंचाई: न्यूनतम ऊंचाई १७०-१८० सेंमी. (बिना जूतों के) होनी चाहिए.
*वजन: कंपनी के मानकों के अनुसार ऊंचाई के अनुपात में.
*स्थिति (वैवाहिक) : अविवाहित
*दृष्टि: ऐनक लगाए बिना वरीयत: सामान्य नेत्र दृष्टि हो या न्यूनतम गैर शोधित दृष्टि (दूर) प्रत्येक आंख में ६/२४ होनी चाहिए.
*दिखाई देने वाले टेटू और वेधन का पूर्णत: निषेध है और स्टाफ से प्राय: वर्दी पहनने सहित स्मार्ट दिखने की अपेक्षा होती है.
हवाई कैबिन कर्मियों के बहु कॅरिअर विकल्प होते हैं वे सरकारी क्षेत्रों की एयरलाइन्स जैसे एयर इंडिया में रोजगार के अवसर तलाश सकते हैं. किन्तु अधिकांश कैबिन कर्मी घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर चलने वाली प्राइवेट एयरलाइन्स को पसंद करते हैं. जेट एयरवेज, स्पाइस जेट, इंडिगो एयरलाइन्स जैसे प्राइवेट एयरलाइन्स कैबिन कर्मियों के लिए कुछ पसंदीदा फर्में हैं. अनुभव के साथ वे पर्यवेक्षक बन सकते हैं और उन्हें अपने से कनिष्ठ कैबिन कर्मियों के कार्य की निगरानी करने का दायित्व सौंपा जाता है. अधिकांश एयर लाइन्स अपने कैबिन कर्मियों को, उपलब्ध पदों के लिए उनकी उपयुक्तता के आधार पर एयरलाइन्स में अन्य कार्यों का विकल्प भी देती हैं.
कुछ एयरलाइन्स वरिष्ठ उड़ान स्टाफ सदस्यों को दैनिक प्रशासनिक एवं अन्य भू कार्य भी सौंपती है.
कैबिन कर्मियों के लिए उच्च प्रशिक्षण संस्थान:-
*इंडियन एयरलाइन्स लि., केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थापन, हैदराबाद
*आईएटीए
*स्काई लाइन शैक्षिक संस्थान, नई दिल्ली
*भारतीय विमानन अकादमी, मुंबई
*कौनी अकादमी ऑफ टे्रवल, दिल्ली
*एयर होस्टेस अकादमी (एएचए), दिल्ली, चंडीगढ, मुंबई
*फ्रैंक फिन इंस्टीट्यूट ऑफ एयर होस्टेस ट्रेनिंग दिल्ली.
सभी वाणिज्यिक एयरलाइन्स कैबिन कर्मियों के लिए अपने निजी साक्षात्कार संचालित करती हैं और प्रशिक्षण भी देती हैं.
(उषा अल्बुकर्क एवं निधि प्रसाद कॅरिअर्स स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली में क्रमश: निदेशक एवं वरिष्ठ काउंसिलिंग मनोवैज्ञानिक हैं. ई-मेल: careerssmartonline@gmail.