आई.ए.एस. साक्षात्कार-III
वर्तमान घटनाओं पर आधारित प्रश्नों का झरोखा
एसबी सिंह
इ न स्तंभों में अपने पिछले दो लेखों में, मैंने अपने निजी परिप्रेक्ष्य रखे हैं कि आईएएस साक्षात्कार सत्र क्या है, यह कैसे संचालित किया जाता है, इसमें अंक कैसे दिए जाते हैं, आदि. मैंने यह भी स्पष्ट किया है कि जीवनवृत्त आधारित प्रश्नों (अर्थात् आपके विस्तृत आवेदन पत्र पर प्रश्नों) की तैयारी कैसे करें. इस लेख में मैं साक्षात्कार के वर्तमान घटना आधारित भाग, ऐसे प्रश्न सहज रूप से किस तरह उठते हैं और उनके उत्तर कैसे दें आदि पर जानकारी दे रहा हूं. सच तो यह है कि ऐसा बहुत कुछ है जो वर्तमान घटनाओं पर पूछा जा सकता है, उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संभावित मामलों के बारे में अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है.
वर्तमान घटनाओं के अंतर्गत क्या आता है?
ऐसा सब कुछ जो वर्तमान है वह वर्तमान घटना है. तथापि, आईएएस साक्षात्कार के दृष्टिकोण से यह वर्तमान घटना की एक सीमित परिभाषा मात्र है. इसकी विस्तृत परिभाषा इस तरह होगी:- वे मामले तथा घटनाएं- जिन पर आम रुचि सृजित होती है और मीडिया तथा बुद्धिजीवियों के संवाद को निरंतर महत्व दिया जाता है, वर्तमान घटनाएं होती हैं. इस तरह, समाचार पत्रों, टीवी न्यूज चैनलों में आने वाले सभी मामले या समाचार वर्तमान तो हो सकते हैं, किंतु वर्तमान घटना अथवा प्रसंग नहीं. केवल वे मामले जो नागर समाज का निरंतर ध्यान आकर्षित करते हैं और वार्ता, विचार-विमर्श, विश्लेषण के लिए उठाए जाते हैं उन्हें वर्तमान घटना अथवा प्रसंग कहा जा सकता है. उदाहरण के लिए पूरे उत्तर भारत को प्रभावित करने वाली एक शीत लहर एक वर्तमान मामला हो सकती है, किंतु यह वर्तमान प्रसंग या घटना तब बनती है जब इसे जलवायु परिवर्तन अथवा किसी अन्य तथ्य या घटना से जोड़ा जाता है. इसी तरह, आगामी महीनों में कई राज्यों में उनके विधान सभा चुनाव संचालित किए जाने वाले हैं, किंतु इससे जुड़े समाचार वर्तमान घटना नहीं कहे जा सकते. केवल इसके ज्वलंत मामले जैसे उ. प्र. में खेली जा रही राजवंशी राजनीति, प्रचार में जाति, धर्म के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय के नियंत्रण आदेश, लोक सभा तथा राज्य विधान सभा चुनाव एक साथ कराए जाने की आवश्यकता, आने वाले चुनावों से जुड़ी वर्तमान घटनाएं बन सकते हैं. शेष मामले केवल समाचार हैं. अपनी तैयारी के दौरान प्रासंगिकता से निकट से जुड़े रहने के लिए ऐसी विशिष्टियों को समझना महत्वपूर्ण होता है.
वर्तमान घटनाएं: साक्षात्कार का अनिवार्य भाग:
आईएएस साक्षात्कार कई प्रारूपों में संचालित किया जा सकता है. इसमें जीवनवृत्त आधारित प्रश्न पर या वैकल्पिक प्रश्न पत्र आधारित प्रश्न पूछे जा सकते हैं, किंतु यह निश्चित है कि वर्तमान घटनाओं पर कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाएंगे. हो सकता है कि किसी या कुछ उम्मीदवारों से कम प्रश्न पूछे जाएं और अन्य उम्मीदवारों से ऐसे प्रश्नो की झड़ी लगा दी जाए. चंूकि आईएएस साक्षात्कार बोर्ड किन्हीं मामलों में आपकी राय जानने में रुचि रखता है, इसलिए साक्षात्कार बोर्ड को आपसे राय आधारित प्रश्न पूछने के व्यापक अवसर मिलते हैं. इसलिए, ऐसा शायद ही होता हो कि किसी उम्मीदवार से वर्तमान घटनाओं पर आधारित प्रश्न नहीं पूछे जाएं.
वर्तमान घटनाओं का समावेश
सामान्यत: जब तक वर्तमान घटनाओं के पुराने मामलों पर प्रश्न पूछने की आवश्यकता वाला कोई प्रसंग सृजित न हो, साक्षात्कार के दौरान केवल अत्यधिक वर्तमान मामलों पर ही प्रश्न पूछे जाते हैं. उदाहरण के लिए यह संमाव्य नहीं है कि अब ब्रेक्जिट (ब्रिटिश एक्जिट) पर प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे. ब्रेक्जिट के लिए अब जो प्रासंगिक बन गया है वह है यूके द्वारा यूरोप से निर्गमन की मॉडेलिटी ईयू चार्टर के आर्टिकल ५० का आह्वान, या क्या वर्तमान प्रधानमंत्री थेरेसा में ‘हार्ड ब्रेक्जिट’ चुनेंगे अथवा ‘सॉफ्ट ब्रेक्जिट’, या उस मामले के लिए ब्रेक्जिट पश्चात् युग में यूरोप का रूप आदि जैसे मामले साक्षात्कार के दौरान उठाए जाने की संभावना है. इसी तरह, जलवायु परिवर्तन पर, पेरिस कान्फरेंस पर प्रश्न पूछने के बदले ट्रम्प की इससे बाहर होने की चेतावनी, २०१४, २०१५ एवं २०१६ में तापमान निरंतर क्यों बढ़ा, आर्कटिक क्षेत्र का तापमान बढऩे के परिणाम आदि जैसे उभर रहे मामलों के बारे में पूछा जा सकता है. दूसरे शब्दों में, बोर्ड केवल अत्यधिक ताजा वर्तमान मामलों- जिन्होंने मीडिया तथा आम जनता का ध्यान आकर्षित किया है, के बारे में ही पूछेगा. मेरी सलाह है कि पिछले ३-४ महीनों की वर्तमान घटनाओं की ध्यानपूर्वक तैयारी करें. साक्षात्कार सत्र से कुछ दिनों पहले की घटनाओं अथवा साक्षात्कार के दिन घटी घटनाओं पर प्रश्न पूछने की अधिक संभावना है, क्योंकि ये घटनाएं बोर्ड के सदस्यों के मन में अभी भी ताजा हैं.
वर्तमान घटनाओं का वर्गीकरण: यदि किसी ने विभिन्न प्रकार की वर्तमान घटनाओं को विवेक पूर्ण ढंग से एवं कुशलता के साथ संगठित एवं वर्गीकृत नहीं किया है तो वह सूचना के महासागर में खो जाएगा. भले ही आपने कितने भी वर्तमान घटनाओं को पढ़ा हो लेकिन आपने उनकी तैयारी करने का कोई तरीका नहीं ढूंढा तो आप उन घटनाओं पर पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर देने में असमर्थ रहेंगे. यह याद रखें कि जिस तरह आपने मुख्य लिखित परीक्षा की तैयारी की है उस रूप में प्रश्नों का उत्तर देने के लिए वर्तमान घटनाओं की तैयारी नहीं करें. साक्षात्कार के लिए वर्तमान घटनाओं की तैयारी करने का तरीका मुख्य परीक्षा के लिए की जाने वाली तैयारी के तरीके से बहुत भिन्न होता हैं. लिखित परीक्षा में वर्तमान प्रश्न का उत्तर लिखने के लिए ८-९ मिनट अपेक्षित होते हैं, जबकि साक्षात्कार में वर्तमान घटनाओं का उत्तर केवल ४-५ मिनट में देना होता है. दूसरे, लिखित परीक्षा में पूरक प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे, किंतु साक्षात्कार में अनुवर्ती प्रश्न पूछे जा सकते हैं. उदाहरण के लिए, लिखित परीक्षा में प्रश्न पूछा जा सकता है कि अमरीका ने पेरिस जलवायु संधि से हटने की धमकी क्यों दी. किंतु साक्षात्कार में इस प्रश्न का अनुवर्ती प्रश्न भी पूछा जा सकता है. जैसे ट्रम्प जलवायु परिवर्तन को चीन द्वारा सृजित हॉक्स क्यों कहते हैं. आपके द्वारा इसका उत्तर दिए जाने के बाद आपसे यह प्रश्न भी पूछा जा सकता है कि जलवायु परिवर्तन की ट्रम्प की संकल्पना पर चीन का क्या रुख है.
इसलिए, उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि वर्तमान घटनाओं की तैयारी सामान्य अध्ययन के दृष्टिकोण से करने पर साक्षात्कार में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते. साक्षात्कार के लिए वर्तमान घटनाओं की तैयारी एक प्रतिमान रूप में करना आवश्यक है. इसके लिए वर्तमान मामलों को व्यापक शीर्षकों में सम्मिलित करने और उसके बाद उनकी सभी दृष्टिकोणों से तैयारी करने की आवश्यकता होती है. उदाहरण के लिए पर्यावरण से संबंधित सभी मामलों को आपस में मिला लें और उसके बाद संबंधित मामलों की संपूर्ण शृंखला पर तैयारी करें. मुख्य शीर्षक जिनके अंतर्गत आप वर्तमान घटनाओं को विभिन्न वर्गों में जोड़ सकते हैं:-
*राजनीति एवं अभिशासन
*सरकार की नीतियां, योजनाएं तथा कार्यक्रम
*पर्यावरण, पशु अधिकार
*अर्थव्यवस्था
*अंतर्राष्ट्रीय घटनाएं
*सामाजिक न्याय मामले
*स्वास्थ्य मामले
*विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
*नीतिपरक मामले जैसे गर्भपात, इच्छा मृत्यु, सरोगेसी,
*गर्भावस्था समापन आदि
महत्वपूर्ण वर्तमान विषयों का पता कैसे लगाएं:
चूंकि वर्तमान घटनाओं में अनेक विषय शामिल होते हैं इसलिए प्रासंगिक एवं संभावित विषयों का बुद्धिमानीपूर्ण पता लगाना महत्त्वपूर्ण है. उम्मीदवारों को वर्तमान घटनाओं की प्रमुख पत्रिकाओं जैसे फ्रंटलाइन, योजना, डाउन टू अर्थ, इकोनॉमिक एंड पोलिटिकल वीकली के विषय सूची वाले पृष्ठ देखने चाहिएं. इस तरह के अभ्यास से आपको प्रासंगिक विषयों की झलक मिल जाएगी. आपको इकोनॉमिस्ट, टाइम, न्यूज वीक आदि जैसी कुछ प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाएं एवं समाचार पत्र भी पढऩे चाहिएं क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मामलों, पर्यावरणीय मामलों पर उनकी कवरेज अधिक विस्तृत होती है.
बोर्ड वर्तमान घटनाओं पर क्या पूछना पसंद करता है: बोर्ड का प्रत्येक सदस्य अपने विषय का विशेषज्ञ होने के अतिरिक्त, वर्तमान घटनाओं का विशेषज्ञ होता है. सदस्यों को पता होता है कि उन्हें उम्मीदवारों को वर्तमान घटनाओं के ज्ञान के बारे में परखना है. इसलिए वे स्वयं भी अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों को पढ़ते हैं ताकि प्रश्न पूछने में सक्षम हो सकें. कुछ सदस्य वर्तमान घटनाओं की एक सूची बना लेते हैं और उन विषयों पर पहले से प्रश्न बना कर अपनी डायरी क्रमबद्ध रूप में लिख लेते हैं तथा साक्षात्कार देने आए उम्मीदवार उन्हें अपनी डायरी से प्रश्न पूछते हुए देखते हैं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. वर्तमान घटनाओं के प्रश्न कभी भी आपकी प्रत्याशा के अनुसार अर्थात् सूचना रूप में या तथ्यों के विवरण के रूप में कभी नहीं पूछे जाते. आपको यह स्पष्टतया पता होना चाहिए कि साक्षात्कार कभी भी आपके ज्ञान की जांच के लिए नहीं, बल्कि आपके सच्चे, प्रामाणिक एवं स्वाभाविक व्यक्तित्व की जांच के बारे में होता है. इसलिए वर्तमान घटनाओं पर प्रश्न इस तरह से भी तैयार किए जाएंगे जिसमें आपकी राय ली जा सके, आपकी मानसिक सतर्कता, आत्मसातकरण शक्ति आदि का पता लगाया जा सके. इसे नीचे उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया गया है.
उदाहरण I: अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर बहुत कुछ होता है. इसलिए, आज के समय में नए शब्द, वाक्यांश आदि उभर कर सामने आए हैं. बोर्ड के सदस्य प्रश्नों के माध्यम से आपसे इन शब्दों के अर्थ तथा महत्व जानना चाहते हैं. ये शब्द कुछ इस प्रकार हैं:
*पोस्ट ट्रुथ वल्र्ड, या , पोस्ट फैक्ट वल्र्ड
*डिसरप्टिव पॉलिटिक्स
*न्यू नॉर्मल
*इकोनॉमिक एंड कल्चरल नेशनलिज्म
*हार्ड ब्रेक्जिट या सॉफ्ट बे्रक्जिट
निश्चित रूप से ऐसे कुछ और शब्द भी होते हैं. बोर्ड आपको इन शब्दों के अर्थ स्पष्ट करने के लिए कहेगा. इसलिए, वर्तमान घटनाओं पर तैयारी करते समय ऐसी वर्तमान शब्दावलियों पर भी ध्यान दें जो समसामयिक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को निरूपति करते हैं.
उदाहरण-II: शब्दों के अतिरिक्त वे कुछ मामलों पर वे आपको अपनी राय देने के लिए कहेंगे. ट्रम्प ने ‘एक चीन नीति’ पर प्रश्न उठाए हैं जिसका अमरीका ने पालन किया है अर्थात ताइवान को मान्यता नहीं देना और चीन की महाद्वीप सरकार के साथ संव्यवहार. इस पर एक सीधा प्रश्न होगा कि अमरीका ने एक चीन नीति का पालन क्यों किया और ट्रम्प के अधीन इसके संशोधन की क्या उलझनें/बाधाएं हैं. इसी तरह वे आपसे यह भी पूछ सकते हैं: शीत युद्ध के समय से अमरीका और रूस के संबंध प्रतिकूल रहे हैं, ट्रम्प का यह कहने का क्या अभिप्राय है कि रूस के साथ अमरीकी संबंध ‘नेगोशिएबल’ हैं.
उदाहरण-III: वर्तमान विश्व ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रहा है. पेरिस वार्ता और किगाली वार्ताओं पर, बढ़ते हुए तापमान का सामना करने के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं. यह स्पष्ट है कि वे आपसे इन वार्ताओं की विशेषताओं तथा इनकी प्रभाविता पर पूछेंगे. किंतु इससे अधिक महत्त्वपूर्ण रूप में, वे आपसे निम्न तरह के प्रश्न पूछेंगे. ‘जियोइंजीनियरिंग’ का क्या अर्थ है, या, एक व्यक्ति के रूप में आप कार्बन फुटप्रिंट कम करने में किस तरह सहायता कर सकते हैं.
उदाहरण IV: तमिलनाडु में जल्लीकट्टू नामक सांड को काबू में करने का एक प्रचलित खेल है, जिस पर उच्चतम न्यायालय ने पाबंदी लगा दी है. किंतु इस प्रतिबंध के विरुद्ध वहां एक उत्तेजना है और स्वयं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वहां के लोग इस खेल के अपने अधिकार का समर्थन कर रहे हैं. बोर्ड इस विषय पर आपसे एक स्थिति परक प्रश्न पूछेगा. प्रश्न इस तरह हो सकता है: आप राज्य के मुख्य सचिव हैं. आपको जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के उच्चतम न्यायालय के निर्णय को कार्यान्वित करना है. किंतु उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद, इस प्रतिबंध और चल रहे इस खेल पर नियंत्रण रखने पर केंद्र सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाने की मांग का एक व्यापक आंदोलन चल रहा है. राज्य के मुख्य सचिव के रूप में क्या आप मुख्यमंत्री की भी मांग पर जल्लीकट्टू की अनुमति देंगे?
उदाहरण V: लोक सभा एवं राज्य विधान सभाओं के साथ-साथ चुनाव पर चर्चा चल रही है. बोर्ड आपसे इस पर कुछ इस तरह प्रश्न पूछ सकता है:-
क्या आप एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में हैं. यदि आप हां कहते हैं तो आप इसका समर्थन करेंगे और उसके बाद आपसे अन्य प्रश्न पूछा जाएगा कि संसदीय प्रजातंत्र में निहित विभिन्न कारणों से विधान सभाओं एवं लोक सभा के मध्य सत्र में भंग कर दोनों चुनाव एक साथ कैसे कराए जा सकते हैं. इस तरह एक साथ चुनाव कराने पर एक ही प्रश्न नहीं हो सकता है. आपको एक साथ चुनाव कराने के सभी संबंधित प्रश्नों का अपने सटीक विचारों एवं तर्क के साथ उत्तर देना होगा.
वर्तमान घटानओं के प्रश्नों की तैयारी करने के कुछ उपयोगी सुझाव:
१.विविध स्रोतों जैसे विभिन्न समाचार पत्रों, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं से विभिन्न वर्तमान घटनाओं को एकत्र करें.
२.वर्तमान मामलों पर अपनी राय स्थापित करने के लिए राज्य सभा, टीवी, बीबीसी, सीएनएन पर विभिन्न विचार विमर्श, वार्ताएं आदि देखें.
३.किसी विषय विशेष पर पूछे जाने वाले संभावित प्रश्न बनाएं और उनके ऐसे स्पष्ट उत्तर तैयार करें जो आप साक्षात्कार में ४-५ मिनट में बता सकें.
४.अपने उत्तर में केवल तथ्यों और आंकड़ों पर जोर न दें. उन तथ्यों/आंकड़ों/उनके संदर्भ, तर्क एवं विवेचना के साथ समाहित करें.
५.यदि आपको मामलों के बारे में जानकारी नहीं है तो उसे स्वीकार करें और यदि आप प्रश्न पर अपना अनुमान रखना चाहते हैं तो पहले बोर्ड की अनुमति ले लें.
चेतावनी: स्वयंभू विशेषज्ञों के अनुभवहीन मार्गदर्शन में की जाने वाली साक्षात्कार की तैयारी वर्तमान घटनाएं एक सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र की तैयारी की तरह तैयार कराई जाती हैं. वर्तमान घटनाओं पर कक्षाएं संचालित की जाती हैं और उनमें उन सभी ऐसी बातों पर विचार-विमर्श किया जाता है जिनका साक्षात्कार के लिए कम महत्व होता है. समाचार पत्रों से विस्तृत सामग्री एकत्र करके अन्य रूप में तैयार करके दी जाती है. जैसा कि ऊपर बताया गया है, यदि किसी को वर्तमान घटनाओं की वास्तविक प्रकृति की समझ नहीं होती है तो उसके लिए इस का बहुत कम महत्व होता है.
(एस. बी. सिंह एक प्रख्यात शिक्षाविद् तथा आई.ए.एस. साक्षात्कार विशेषज्ञ हैं. उनसे उनकी ई-मेल sb_singh2003@yahoo.com पर संपर्क किया जा सकता है. व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं.)