सिविल सेवाएं परीक्षा
सम-सामयिक घटनाक्रमों का महत्व
एस.बी. सिंह
सिविल सेवाएं परीक्षा के लिये सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स का विषयक्षेत्र ठीक उसी प्रकार होता है जैसे मानव शरीर में रीढ़ होती है. जिस प्रकार बिना रीढ़ के, हमारा शरीर सीधे खड़ा नहीं रह सकता, सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स के बग़ैर सिविल सेवाओं की तैयारी धड़ाम हो जायेगी. यदि सिविल सेवाएं परीक्षा को किसी बात से परिभाषित किया जाता है तो वह सम-सामयिक विषयक्षेत्र अर्थात करंट अफेयर्स है. और यदि कोई ऐसी बात है जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जाने की ज़रूरत है, वह भी सम-सामयिक मामले अर्थात करंट अफेयर्स ही हैं. एक साधारण सी सच्चाई के तौर पर कहा जाये तो सामान्य अध्ययन के पाठ्यक्रम का लगभग साठ प्रतिशत करंट अफेयर्स से होता है. यदि हम एक विस्तारित नजऱ डालें तो करंट अफेयर्स को राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, लोक प्रशासन, भूगोल आदि जैसे वैकल्पिक पेपर्स में भी शामिल किया जाता है. इन वैकल्पिक विषयों का दूसरा पेपर भारत के लिये विशेष प्रभाव रखने वाले विषयों के विभिन्न पहलुओं से संबद्ध होता है और जब तक किसी को इन वैकल्पिक पेपरों के विषयों से संबंधित वर्तमान घटनाक्रमों की जानकारी नहीं होगी तब तक एक प्रभावी, प्रासंगिक उत्तर लिखना असंभव होगा.
इस तरह, कोई भी यह बात भरोसे के साथ कह सकता है कि करंट अफेयर्स सिविल सेवाएं परीक्षा में संपूर्णता से परिपूर्ण विषयक्षेत्र है और इसकी वास्तविकता से कोई भी दूर नहीं हट सकता है. खेद है कि कुछ ही व्यक्ति इस परीक्षा में सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स के महत्व को समझते नहीं हैं. यहां तक कि जिन्हें इसके महत्व की जानकारी भी है उन्हें इस बात को ठीक से समझ न पाने के कारण नुकसान होता है कि इस विषयक्षेत्र की तैयारी किस प्रकार से की जाये. इसके कारण परीक्षार्थियों को अधूरी तैयारी, कम अंकों और निराशा का सामना करना पड़ता है. अत: करंट अफेयर्स की क़ीमत और महत्व को सही तरह से समझ लेना सिविल सेवाएं परीक्षा में सफलता की कुंजी है. इस लेख में उन परीक्षार्थियों के लिये तैयारी के पथ पर अग्रसर होने के लिये हर प्रकार से सम-सामयिक मामलों अर्थात करंट अफेयर्स के विभिन्न पहलुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है, जिनमें इस विषयक्षेत्र की दिशा और उद्देश्यों की कमी है.
सिविल सेवाएं परीक्षा में सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स क्यों शामिल किया जाता है?
जैसा कि हम सब जानते हैं, सिविल सेवाएं परीक्षा विभिन्न प्रशासनिक रोजग़ारों में सामान्य अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया है, न कि विशेषज्ञ चुनने की. इससे पता चलता है कि उम्मीदवार को ऐसे मुद्दों और घटनाक्रमों की अच्छी जानकारी प्रदर्शित करनी चाहिये जो कि सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभावों से जुड़े होते हैं. सिविल सेवाओं में कॅरिअर के लिये, सूचित निर्णय लेने के लिये वर्तमान प्रासंगिकता के मुद्दों की जानकारी होना महत्वपूर्ण है. मैकॉले, जिन्होंने चार्टर एक्ट 1853 के अधीन मैरिट आधारित सिविल सेवाएं परीक्षा की शुरुआत की थी, ने कहा था, ‘‘ज्ञान हस्तातंरणीय है’’. इसके जरिए उनके कहने का तात्पर्य था कि यदि किसी अभ्यर्थी को विविध विषयों का व्यापक ज्ञान है, वह इन्हें बेहतर शासन की क्षमता में परिवर्तन कर सकेगा. दूसरे शब्दों में, व्यापक ज्ञान आधार वाला कोई सरकारी अधिकारी व्यापक प्रशासनिक लक्ष्यों को पूरा करने और बड़े पैमाने पर जन हित में अपने कत्र्तव्यों का निवर्हन करने में सक्षम होता है. इस प्रकार मैकॉले द्वारा अनुशंसित व्यापक ज्ञान करंट अफेयर्स की अच्छी समझ से हासिल किया जा सकता है जो कि समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेबसाइटों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रचारित बहुत ही व्यापक और विविध किस्म के विषयों से निर्मित होता है.
सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स: प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम से इसका संबंध
प्रारंभिक परीक्षा और करंट अफेयर्स: आज की स्थिति में, प्रारंभिक परीक्षा सिविल सेवाएं परीक्षा के सबसे कठिन भाग के तौर पर उभरकर आया है. बहुत से अभ्यर्थी 2-3 प्रयासों में भी प्रारंभिक परीक्षा में सफल नहीं हो पाते हैं. कुछेक तो 5 प्रयासों के बाद भी इसमें सफल नहीं हो पाते. इस असफलता की दर के बारे में निम्नलिखित बातों को लेकर व्याख्या की जा सकती है:- 1) प्रारंभिक परीक्षा एक स्क्रीनिंग टैस्ट होने के कारण, चयन प्रक्रिया की बजाए अभ्यर्थियों को बाहर करने की प्रक्रिया अधिक है, और 2) प्रारंभिक परीक्षा में करंट अफेयर्स के अधिमान में वृद्धि. इस तरह, सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स इसके मौजूदा स्वरूप में प्रारंभिक परीक्षा में सफलता का प्रमुख निर्धारक बन चुका है. प्रारंभिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन पेपर 1 में, कुल 100 प्रश्नों में से 25-30 प्रश्न सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स से संबंधित होते हैं. इस प्रकार प्रारंभिक परीक्षा में इसके एक तिहाई अंक होते हैं कई बार तो इससे भी कहीं अधिक हो जाते हैं. इस तरह प्रारंभिक परीक्षा में सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स में खऱाब प्रदर्शन से सफलता की संभावनाएं क्षीण हो जाती हैं.
प्रारंभिक परीक्षा के लिये सम-सामयिक मामले यानी करंट अफेयर्स की तैयारी कैसे करें? प्रारंभिक परीक्षा के लिये करंट अफेयर्स से जुड़े मुद्दों में संपूर्णता हासिल करना सच में बहुत कठिन काम है क्योंकि परीक्षा में कहीं से भी कोई प्रश्न पूछा जा सकता है. परंतु ‘कहीं से कुछ भी’ व्याक्यांश का यह अर्थ लगाया जा सकता है कि इसमें कुछेक व्यापक क्षेत्र और कुछेक समयावधि शामिल होती हैं. समयावधि की दृष्टि से, पिछले तीन वर्षों के ताज़ा घटनाक्रम ऐसे होते हैं जहां से प्रश्न निर्धारित किये जा रहे होते हैं. परंतु पिछले तीन वर्षों के ताज़ा घटनाक्रमों के संबंध में तैयारी करना एक बड़ी चुनौती बन जाता है. अत: किसी को क्या करना चाहिये? अच्छा, इस प्रश्न का उत्तर यह है कि पिछले एक वर्ष के घटनाक्रमों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये क्योंकि ज़्यादातर प्रश्न इस खंड से होंगे. इसके साथ ही अभ्यर्थी को पिछले दो वर्षों के नवीनतम घटनाक्रमों (अर्थात पूर्व के वर्षों) को तेज़ी से याद कर लेना चाहिये. इसे आगे स्पष्ट करने के लिये, इसका अर्थ यह हो जाता है कि यदि आप 2019 की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, जो कि 2 जून, 2019 को आयोजित की जा रही है, आपको 1 जुलाई, 2018 से 15 मई, 2019 के बीच के घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये. इसके अलावा, आपको उन महत्वपूर्ण मुद्दों और घटनाक्रमों को भी देख लेना चाहिये जो कि 2016-17 और 2017-18 में घटित हुए हैं. पिछले तीन वर्षों के नवीनतम घटनाक्रमों पर नजऱ नहीं डालना और केवल पिछले वर्ष पर ही ध्यान केंद्रित करके रखना जोखि़मपूर्ण हो सकता है.
प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिये शामिल किये जाने वाले सम-सामयिक मामले
I. राजनीतिक, संवैधानिक, विधिक मामले: इसमें प्रमुख संवैधानिक संशोधन, उच्चतम न्यायालय के निर्णय, आरपीए एक्ट से जुड़े मामले आदि सम्मिलित हैं.
II. आर्थिक मुद्दे: इसके तहत, किसी को भी हमारी कृषि, उद्योग, व्यापार और वाणिज्य, विदेश व्यापार, मुद्रास्फीति, निर्यात, भारतीय रिज़र्व बैंक, बज़ट की विशेषताएं आदि से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये.
III. सरकारी कार्यक्रम और नीतियां: हर वर्ष अनेक सरकारी योजनाएं शुरू की जाती हैं. किसी भी अभ्यर्थी को इन योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिये जो सीधे सरकारी वेबसाइटों से प्राप्त की जा सकती है अथवा इन्हें योजना, कुरुक्षेत्र पत्रिकाओं में व्यापक रूप से कवर किया जाता है.
IV. पर्यावरण: यह खण्ड हाल में प्रारंभिक परीक्षा में जोड़ा गया है और इस खण्ड से संबंधित पर्याप्त प्रश्न पूछे जाते हैं. इसके लिये पारिस्थितिकी और पर्यावरण के बारे में मूलभूत जानकारियों के साथ-साथ इस विषय में घटित होने वाली सम-सामयिक घटनाओं के संबंध में जानकारी रखना अपेक्षित होता है. उदाहरण के लिये, सब को वल्र्ड ओवरशूट्स डे, अर्थ आवर, अर्थ डे के बारे में जानकारी रखनी चाहिये, जिन्हें हाल में संपूर्ण विश्व में मनाया गया. जलवायु परिवर्तन पर कई रिपोर्टें प्रकाशित हो चुकी हैं, उदाहरण के लिये आईपीसीसी रिपोर्ट, जैव-विविधता की हानि पर संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट आदि. किसी को भी इन रिपोर्टों के प्रमुख निष्कर्षों को पढ़ लेना चाहिये. भारतीय पर्यावरणीय समस्याओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करना चाहिये जो कि हाल में समाचारों में दजऱ् हुई हैं.
V. पुरस्कार: इनमें खेल, फिल्म, सांस्कृतिक पुरस्कार और प्रतिष्ठित भारतीयों को दिये जाने वाले पुरस्कार शामिल होते हैं. उदाहरण के लिये प्रधानमंत्री श्री मोदी को इस वर्ष सर्वोच्च यूएई पुरस्कार ‘‘जायेद मेडल’’ से सम्मानित किया गया. इसी प्रकार, एक भारतीय युवती, अमिका जॉर्ज को उनके ‘‘फ्री पीरियडस’’ अभियान के लिये ‘‘गोल कीपर्स ऑफ दि वल्र्ड’’ पुरस्कार प्रदान किया गया जो कि गऱीब महिलाओं को सेनिटरी पैड सुलभ कराने के बारे में है. इस वर्ष भारत पर ‘‘पीरियडस: दि एंड ऑफ सेनटेंस’’ नामक एक वृत्तचित्र ने ऑस्कर पुरस्कार जीता है. ये ऐसे कुछ प्रश्न हैं जिनके संबंध में इस वर्ष की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने की बहुत संभावनाएं हैं.
VIII. विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी: भारत से विशेष संदर्भ के साथ विज्ञान/प्रौद्योगिकी में नवीनतम घटनाक्रमों और खोज़ों से संबंधित विवरण को अच्छी तरह से अध्ययन में शामिल किया जाना चाहिये. उदाहरण के लिये, वैज्ञानिक घटनाक्रमों में इवेंट होरिज़ोन टेलिस्कोप द्वारा लिये गये पहले ब्लैक होल चित्र, इस ब्लैक होल का नामकरण पोवेहि किये जाने, और कम्प्यूटर वैज्ञानिक, सुश्री कैती बोमैन, जिन्हें इस चित्र के लिये अल्गोरिथम विकसित किया, आदि के बारे में अच्छी तरह से अध्ययन किया जाना चाहिये. इसी प्रकार, चीन के एक जैवप्रौद्योगिकीविद, ही जियानकुई द्वारा जुड़वां बच्चे पैदा करने के लिये क्रिस्पर-कैस9 के तौर पर मशहूर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और भारत के एएसएटी की अंतरिक्ष की महत्वपूर्ण उपलब्धि इस वर्ष की प्रारंभिक परीक्षा के लिये संगत विषय हैं.
प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिये शामिल किये जाने वाले सम-सामयिक मामले
मुख्य परीक्षा के लिये सम-सामयिक घटनाक्रम
सम-सामयिक घटनाओं अर्थात करंट अफेयर्स की वास्तविक जांच मुख्य परीक्षा में होती है जिसके लिये सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक महत्व के नवीनतम घटनाओं पर अनेक मुद्दों पर विश्लेषण और सार लेखन दोनों कौशलों की आवश्यकता होती है. अन्य शब्दों में, मुख्य सामान्य अध्ययन के पेपर्स सम-सामयिक घटनाक्रमों से निकट से जुड़े होते हैं यह सोच से परे की बात है कि कोई व्यक्ति सम-सामयिक घटनाओं का मज़बूत ज्ञान रखे बग़ैर मुख्य परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है.
सामान्य अध्ययन पेपर I(मुख्य): इस पेपर में, भूगोल पर एक खण्ड होता है जिसमें नवीनतम भौगोलिकीय मुद्दों जैसे कि ग्लेशियरों के पिघलने, अंटार्कटिक क्षेत्र में गर्मी होने, वायु प्रदूषण, अल नीनो कारणों से मानसून में परिवर्तन आदि पर अधिकतम प्रश्न पूछे जाते हैं. इस पेपर में सामाजिक मुद्दों पर भी एक खण्ड होता है जिसमें सम-सामयिक सामाजिक मुद्दे, जैसे कि महिलाओं, बुजुर्गों की समस्याओं, बाल शोषण आदि शामिल किये जाते हैं.
सामान्य अध्ययन पेपर II (मुख्य): इस पेपर में बहुतायत में राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबधों से जुड़े सम-सामयिक घटनाक्रमों से संबंधित प्रश्नों को शामिल किया जाता है. इसके अलावा, इसमें शासन से जुड़े मुद्दों को भी शामिल किया जाता है जो कि पुन: सम-सामयिक ही है. राजनीति से संबंधित विषयक्षेत्र के लिये, चुनाव सुधार, अदालती निर्णय और न्यायिक सुधार, संवैधानिक संशोधन, भारत में संसद का कामकाज और संसदीय प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर, भारत के अपने पड़ौसियों और महान शक्तियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों, नीतियों, जैसे कि एक्ट ईस्ट पॉलिसी, पहले पड़ौसी नीति, भारत प्रशांत नीति, अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और संगठनों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र, एससीओ, ईयू, ब्रिक्स, एयू आदि के साथ भारत का जुड़ाव आदि विषयों को शामिल किया जाना चाहिये.
सामान्य अध्ययन पेपर III(मुख्य): सामान्य अध्ययन का यह पेपर सचमुच में बहुविषयक प्रकृति का होता है और इसमें अर्थशास्त्र, विज्ञान/प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल होते हैं. इन कैप्शन से यह स्पष्ट होता है कि ये सम-सामयिक घटनाओं अर्थात करंट अफेयर्स का ही दूसरा नाम हैं. अर्थव्यवस्था, कृषि और इसके समक्ष सम-सामयिक मुद्दे, ई-कामर्स, चीन और अमरीका के साथ भारत के व्यापार मुद्दे, विश्व व्यापार संगठन, आरसीईपी के साथ संलग्नता तथा कई और विषयों को सम्मिलित करने की आवश्यकता होती है. विज्ञान/प्रौद्योगिकी के संबंध में भारत का अंतरिक्ष और परमाणु कार्यक्रम, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि को व्यापक तौर पर शामिल किया जाना चाहिये. आपदा प्रबंधन पर, हमारी राष्ट्रीय आपदा नीति, प्राकृतिक तथा मानव सृजित आपदाओं पर तैयारी के संबंध में ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है. आंतरिक सुरक्षा पर, सीमा प्रबंधन, अवैध आव्रजन, नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और जातीय संघर्ष, नक्सलवाद आदि सम-सामयिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं.
सामान्य अध्ययन IV(मुख्य): यह पेपर नैतिकता, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि के बारे में होता है. परंतु इस पेपर का भी सम-सामयिक अर्थात करंट अफेयर्स के साथ निकट संबंध है. इसमें भ्रष्टाचार, नैतिक शासन, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और वित्तपोषण आदि से संबंधित मुद्दों को लेकर प्रश्न शामिल किये जाते हैं, जिनके उत्तर किसी के भी द्वारा उसकी सम-सामयिक घटनाक्रमों पर जानकारी होने पर ही दिये जा सकते हैं.
सम-सामयिक मामले और निबंध पेपर: निबंध के पेपर को मुख्यत: दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: 1. दार्शनिक निबंध और 2. सम-सामयिक घटनाओं पर आधारित निबंध. उदाहरण के लिये गुट निरपेक्ष आंदोलन और इसकी वर्तमान संगतता, सहकारी संघवाद, कृषि संकट आदि के बारे में निबंध हो सकते हैं, जिन्हें पिछले वर्षों में केवल सम-सामयिक विषयों से संबंधित प्रश्नों को शामिल किया गया था. इस प्रकार करंट अफेयर्स निबंध के पेपर की तैयारी के लिये भी काफी मददगार हो सकता है.
करंट अफेयर्स और आईएएस इंटरव्यू: आईएएस इंटरव्यू, जिसे व्यक्तित्व परीक्षण के तौर पर जाना जाता है, मुख्यत: दो क्षेत्रों अर्थात जीवनवृत्त और सम-सामयिक मुद्दों के आसपास घूमता है. यह देखा गया है कि इंटरव्यू बोर्ड पर अच्छा प्रभाव ज़माने के लिये करंट अफेयर्स आधारित प्रश्नों का अच्छी प्रकार से उत्तर देना होता है. हाल के नवीनतम घटनाक्रमों पर अच्छी पकड़ के बगैर इंटरव्यू बोर्ड का सामना करने की कल्पना करना मुश्किल है.
सम-सामयिक मामलों के स्रोत: अधिकतर सम-सामयिक मामले समाचार आधारित होते हैं और इस प्रकार उनका मूल दैनिक समाचारों में जुड़ा होता है. समाचार विभिन्न प्रकार के समाचार पत्रों से प्राप्त किये जा सकते हैं. कोई भी अभ्यर्थी विभिन्न समाचार पत्रों में दर्ज रोज़मर्रा आधार की ख़बरों के साथ सम-सामयिक मामलों पर बेहतर पकड़ मज़बूत कर सकता है. मैं कम से कम दो राष्ट्रीय समाचार पत्र और एक आर्थिक समाचार पत्र पढऩे की सलाह दूंगा. यदि समय की कमी है, किसी को भी महत्वपूर्ण खबरों की पहचान कर लेनी चाहिये और इन्हें क्लिपिंग के तौर पर सुरक्षित रखा जा सकता है तथा सप्ताहांत में पढ़ा जा सकता है. समाचार पत्रों के अलावा कुछ जर्नल्स, पत्रिकाओं को भी पढऩा चाहिये. फ्रंटलाइन, ईपीडब्ल्यू, योजना, कुरुक्षेत्र, डाउन टू अर्थ आदि पत्रिकाएं काफी मददगार साबित हो सकती हैं. मैं यह सुझाव देना चाहूंगा कि किसी को भी रोज़ाना किसी अच्छी लाइब्रेरी में जाना चाहिये जहां ये पत्रिकाएं उपलब्ध होती हैं. यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो इन्हें ऑनलाइन भी पढ़ा जा सकता है. कुछ प्रामाणिक वेबसाइट जैसे कि पीआईबी, पीआरएस, ईएनवीआईएस इंडिया सम-सामयिक विषयों के अच्छे स्रोत हैं और इन्हें अभ्यर्थियों को अवश्य प्रयोग में लाना चाहिये.
अंत में यही कहा जा सकता है कि सम-सामयिक घटनाक्रमों यानी करंट अफेयर्स का कच्चा ज्ञान रखना पर्याप्त नहीं होता है. इन्हें सं.लो.से.आ. की प्रकृति के अनुरूप प्रश्नों में परिवर्तित किया जाना चाहिये और निर्धारित शब्द सीमा में उत्तर लिखना चाहिये. इसे अपनी एक आदत बना लेना चाहिये जो कि परीक्षा में उत्तर लिखने के कौशल को हासिल करने के लिये अभ्यर्थी के लिये ज़रूरी है. उत्तरों को किसी सक्षम व्यक्ति को दिखाएं जो कि लेखन कौशल में और सुधार के लिये परामर्श दे सकते हैं.
(एस.बी. सिंह एक जाने माने शिक्षाविद् और आई.ए.एस. मैंटोर हैं. उनसे उनकी ई-मेल sb_singh2003@gyahoo.comपर सम्पर्क किया जा सकता है)
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.
(छायाचित्र: गूगल से साभार)