रोज़गार समाचार
सदस्य बनें @ 530 रु में और प्रिंट संस्करण के साथ पाएं ई- संस्करण बिल्कुल मुफ्त ।। केवल ई- संस्करण @ 400 रु || विज्ञापनदाता ध्यान दें !! विज्ञापनदाताओं से अनुरोध है कि रिक्तियों का पूर्ण विवरण दें। छोटे विज्ञापनों का न्यूनतम आकार अब 200 वर्ग सेमी होगा || || नई विज्ञापन नीति ||

नौकरी फोकस


Volume-52, 24-30 March, 2018

 

पूंजी बाज़ार में रोजग़ार के अवसर

विजय प्रकाश श्रीवास्तव

 आम आदमी के लिये बैंक सर्वाधिक सुपरिचित वित्तीय संस्थान हैं जिन्हें धनराशि को जमा और निकासी तथा ऋण प्राप्त करने के लिये प्रयोग में लाया जाता है. बैंकों की शाखाएं बड़े पैमाने पर मौजूद हैं और वे अमीर-गऱीब सभी को अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं. जहां तक कॅरिअर की बात है, इन बैंकों ने, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में ही, हजारों युवाओं को रोजग़ार प्रदान किया है. बैंकों को हमारे देश में एक अच्छा रोजग़ार विकल्प माना जाता है. बैंक धनराशि से संबंधित संव्यवहार करते हैं. बैंकों के साथ-साथ दूसरे संस्थान भी हैं  जो कि धनराशि और वित्त के व्यवसाय से जुड़े होते हैं. ऐसे संस्थान पूंजी बाज़ार की परिधि में आते हैं जो कि आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ विस्तारित होते रहते हैं. इस पूंजी बाज़ार में संचालित होने वाले भिन्न-भिन्न वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स हैं. इनमें बॉण्ड, इक्विटी शेयर्स, डिबेंचर्स, कॉल मनी, डेरिवेटिव्स, कमोडिटी इंडेक्स, वायदा और विकल्प आदि शामिल हैं. इन शर्तों के  लिये स्पष्टीकरण आसानी से वित्तीय प्रबंधन की पुस्तकों में और निश्चित तौर पर इंटरनेट से प्राप्त किये जा सकते हैं. पूंजी बाज़ार में प्राइमरी पूंजी बाज़ार और सेकेंडरी पूंजी बाज़ार शामिल होते हैं. प्राइमरी पूंजी बाजार स्टॉक्स और अन्य सिक्यूरिटीज के नये इश्यूज के लिये ट्रेड करते हैं जबकि सेकेंडरी पूंजी बाज़ार मौजूदा अथवा पूर्व में जारी प्रतिभूतियों से संबंधित संव्यवहार करते हैं. बिजऩेस संबंधी टीवी चैनलों पर आप स्टॉक्स के मूल्यों के बारे में चल रही पट्टी को अवश्य देखते होंगे. इनमें से बहुत से स्टॉक्स निवेशकों को पहली बार 50-60 वर्ष पहले प्रस्तुत किये गये होंगे और भिन्न मूल्य के लिये हालांकि अब भी कारोबार किया जा रहा है. ऐसी प्रतिभूतियों का मूल्य बाज़ार के उतार चढ़ाव, अर्थव्यवस्था की स्थिति, मांग, कंपनी प्रबंधन की गुणवत्ता और भविष्य की संभावनाओं पर निर्भर करता है. यह उदाहरण पूंजी बाज़ार की दीर्घावधि और गतिशील प्रकृति पर प्रकाश डालने के लिये दिया गया है. प्राइमरी पूंजी बाज़ार सेकेंडरी पूंजी बाज़ार की मज़बूती पर विकास करता है. पूंजी बाज़ार वह बाज़ार है जहां क्रेता और विक्रेता बॉण्डों, स्टॉक्स आदि जैसी वित्तीय प्रतिभूतियों के लेनदेन के लिये एक साथ जुटते हैं. इन दिनों ऐसे ज़्यादातर लेनदेन इलेक्ट्रॉनिकी/ऑनलाइन किये जाते हैं. इस बाज़ार में सांस्थानिक और व्यक्तिगत दोनों प्रकार के क्रेता होते हैं. पूंजी बाज़ार वित्तीय क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. एक मजबूत और बढ़ता पूंजी बाज़ार घरेलू और विदेशी दोनों निवेश आकर्षित करता है जो कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिये आवश्यक है. सरकार सामान्यत: ऐसे बाज़ारों में हस्तक्षेप नहीं करती है परंतु अनुचित व्यापार व्यवहारों पर अंकुश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिये नियमन आवश्यक हो जाता है. वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड पूंजी बाज़ारों पर निगाह रखता है. व्यवसाय विशेष के लिये विनिर्दिष्ट नियामक होते हैं. 29 जनवरी 2018 को जारी बजट पूर्व आर्थिक सर्वक्षण में वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. इस प्रकार हमें विश्वास है कि हमारी अर्थव्यवस्था गतिशील रहेगी और इसके साथ ही पूंजी बाज़ार भी विकास करेगा. कस्टमर सर्विस एसोसिएट्स आदि जैसे सामान्य पदों को छोडक़र पूंजी बाज़ार में अन्य सभी रोजग़ारों के लिये विनिर्दिष्ट ज्ञान और अध्ययन अपेक्षित होता है. एक सामान्य स्नातक अर्हता आपकी बैंक में नौकरी प्राप्त करने में मददगार हो सकती है परंतु पूंजी बाज़ार के मामले में ऐसा नहीं है. यहां आपको विनिर्दिष्ट अर्हताओं की आवश्यकता होती है. निम्नलिखित अर्हताएं आपके लिये पूंजी बाज़ार में अच्छा कॅरिअर बनाने में मददगार हो सकती हैं-

कॉमर्स में स्नातकोत्तर:

10+2 से आगे छात्रों के लिये कॉमर्स हमेशा अध्ययन का लोकप्रिय विषय रहा है. देश भर में फैले स्नातकोत्तर की पढ़ाई को संचालित करने वाले अधिकतर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कॉमर्स में मास्टर डिग्री (एम.कॉम) का अध्ययन कराया जाता है.

वित्त में विशेषज्ञता के साथ बिजनेस प्रशासन में मास्टर्स:

एमबीए अर्हता के महत्व के बारे में जानकारी कार्पोरेट रोजग़ार की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति को है. कुछ विश्वविद्यालयों ने अपने बिजऩेस पाठयक्रमों के नाम मास्टर इन मैनेजमेंट स्टडीज (एमएमएस) कर दिये हैं. भारतीय प्रबंध संस्थान (अहमदाबाद/बंगलुरु/ कोलकाता/इंदौर/लखनऊ/शिलांग/रोहतक/काशीपुर/तिरुचिरापल्ली और कुछ अन्य केंद्रों पर संचालित) द्वारा यथा संचालित दो वर्षीय पूर्णकालिक पोस्ट ग्रेज्युएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट की सर्वाधिक मांग है. बिजनेस मैनेजमेंट पाठयक्रमों में संचालित विशेषज्ञताओं में से फाइनेंस मुख्य है. मास्टर इन फाइनेंशियल मैनेजमेंट जैसे अन्य पाठयक्रम भी उपलब्ध हैं जिनमें पहले से विशेषज्ञता को परिभाषित किया गया है. मैनेजमेंट पाठयक्रमों में प्रवेश संयुक्त अभिरुचि परीक्षा (कैट), प्रबंध अभिरुचि परीक्षा (मैट), प्रबंधन में प्रवेश हेतु एआईएमएस परीक्षा आदि के जरिये प्रदान किया जाता है. कुछेक संस्थान             जैसे कि मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर लर्निंग, विश्वविद्यालयवत्त् संस्थान, अपनी स्वयं की परीक्षाएं आयोजित करते हैं.  मुंबई में नर्सी मांझी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एनएमआईएमएस) पूंजी बाज़ार में एमबीए पाठ्यक्रम संचालित करता है. इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम), नवी मुंबई फाइनेंशियल मार्किट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा संचालित करता है. ऐसे और भी कई पाठयक्रम हो सकते हैं. यह सुनिश्चित कर लें कि जिस बिजऩेस पाठयक्रम का आप चुनाव करते हैं उसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई)/विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्वीकृति प्राप्त हो.

चार्टर्ड एकाउण्टेंसी:

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउण्टेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा संचालित किया जाने वाला यह सुप्रसिद्ध पाठयक्रम है. कोस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउण्टेंसी: इंस्टीट्यूट ऑफ कोस्ट एकाउण्टेंट्स ऑफ इंडिया यह पाठ्यक्रम संचालित करता है जो कि कुछ हद तक चार्टर्ड एकाउण्टेंसी में पाठ्यक्रम जैसा है.

कंपनी सचिव: यह पाठ्यक्रम भारतीय कंपनी सचिव संस्थान संचालित करता है.

चार्टर्ड फाइनेंशियल एनॉलिस्ट: इस पाठयक्रम की अंतर्राष्ट्रीय पहचान है. इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित सीएफए इंस्टीट्यूट द्वारा विश्व भर में संचालित किया जाता है. इसका अर्थ है कि भारत          में इसे देश को छोड़े बिना कोई भी कर सकता है.

सीआईएमए प्रमाणित विशेषज्ञता:

चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ एकाउण्टेंट्स ब्रिटेन मूल का पेशेवरों का संस्थान है. यह चार्टर्ड मैनेजमेंट ग्लोबल एकाउण्टेंट के तौर पर बिजनेस एकाउंटिंग और सर्टिफिकेशन में प्रमाण-पत्र संचालित करता है जिसे भारत में पूरा किया जा सकता हैं

उपर्युक्त सभी पाठ्यक्रम (चार्टर्ड एकाउण्टेंसी और नीचे) सामान्यता संपर्क कक्षाओं की सुविधा के साथ स्व-अध्ययन के अधीन संचालित किये जाते हैं.

अर्थशास्त्र, डाटा विश्लेषण आदि में उच्चतर अर्हता भी पूंजी बाज़ार में रोजग़ार के लिये मददगार हो सकती हैं. सूचना प्रौद्योगिकी की पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों की भी काफी मांग है क्योंकि इन दिनों प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल और प्रौद्योगिकीय नवाचारों पर ज़ोर है और यह पूंजी बाज़ार में हर जगह घटित हो रहा है.

पूंजी बाज़ार में प्रवेश के लिये विभिन्न मूल्यवान पाठ्यक्रम संचालित करने वाले निम्नलिखित कुछेक संस्थान हैं:

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) संयुक्त रूप से मुंबई विश्वविद्यालय के साथ ग्लोबल फाइनेंशियल मार्किट्स में मास्टर्स और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में मास्टर्स संचालित करता है. बीएसई संस्थान में उनकी वेबसाइट पर सूचीबद्ध कई अन्य अल्पावधि पाठयक्रम भी हैं.

प्रतिभूति बाजार नियामक, सेबी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्यूरिटीज मार्किट (एनआईएसएम) की स्थापना 2006 में की थी. इसका मुख्य कैम्पस मुंबई के निकट पाटलगंगा में है. यह स्नातकोत्तर पाठयक्रम संचालित करता है जिनमें पोस्ट ग्रेज्युएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (सिक्यूरिटीज मार्किट्स), पोस्ट ग्रेज्युएट प्रोग्राम इन सिक्यूरिटीज मार्किटस, पोस्ट ग्रेज्युएट डिप्लोमा इन क्वांटिटेटिव फाइनेंस शामिल हैं. अंशकालिक कार्यक्रमों सर्टिफिकेट इन ट्रेजरी मैनेजमेंट, सर्टिफिकेट इन सिक्यूरिटीज लॉ, पोस्ट ग्रेज्युएट डिप्लोमा इन फाइनेंशियल इंजीनियरिंग एंड रिस्क मैनेजमेंट. संस्थान कई अल्पावधि और प्रमाणन पाठयक्रम भी संचालित करता है.

क्रेडिट रेटिंग इन्फारमेशन सिस्टम ऑफ इंडिया लिमिटेड, अब सीआरआईएसआईएल, वित्तीय विशेषज्ञ तैयार करने के लिये दो वर्षीय कार्य-सह-अध्ययन कार्यक्रम संचालित करता है. यह सीआईआईएसआईएल प्रमाणित विश्लेषण कार्यक्रम के तौर पर जाना जाता है.

एक अर्हता प्राप्त विशेषज्ञ के तौर पर आपके पास पूंजी बाज़ार में रोजग़ार के भिन्न-2 अवसर हैं. कुछेक क्षेत्रों के बारे में यहां नीचे उल्लेख किया गया है जिनमें आप कार्य करने पर विचार कर सकते हैं:

इक्विटी बाज़ार: एक ब्रोकिंग हाउस हैं जो कि स्वयं के लिये और अपने ग्राहकों की ओर से इक्विटीज में व्यापार संचालित करते हैं. उन्हें स्टॉक्स/शेयर्स के प्रदर्शन और क्षमता के मूल्यांकन के लिये इक्विटी विश्लेषकों की आवश्यकता होती है. इस विश्लेषण के आधार पर शेयरों की बिक्री/खरीद पर निर्णय किया जाता है और ग्राहकों को भी सिफारिशें की जाती हैं.

म्युचुअल फंड्स: म्युचुअल फंड्स व्यक्तियों और अन्य संस्थाओं से स्टॉक, बॉण्ड और ऋण पत्रों आदि में निवेश के लिये धन का संग्रह करते हैं. वे ग्राहक की प्राथमिकताओं और उनकी जोखिम स्थिति के अनुरूप भिन्न-भिन्न प्रकार की योजनाएं प्रस्तुत करते हैं. हमारे देश में बड़ी संख्या में म्युचुअल फंड संचालक हैं जिनके कार्यबल में मुख्यत: इक्विटी विश्लेषक और निधि प्रबंधक होते हैं. हमारे देश में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया एक प्रमुख म्युचुअल फंड कंपनी है. अन्य म्युचुअल फंड्स की सूची एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंडस इन इंडिया की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है.

धन प्रबंधन: उच्च निवल मूल्य रखने वाले व्यक्ति, कंपनियों और ट्रस्ट आदि कुशल परामर्श प्राप्त करने और अपने निवेशों की देखभाल करने के लिये धन प्रबंधकों की नियुक्ति करते हैं. यह उद्योगपतियों, बड़ी फर्मों, स्टार्स, खिलाडिय़ों आदि के लिये धन प्रबंधन पेशेवरों को रखना आम बात है.

निवेश बैंकिंग: यह एक आकर्षक और उतना ही चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है. निवेश बैंकिंग सामान्य बैंकिंग सेवाओं से भिन्न है. निवेश बैंक वित्तीय बिचौलियों के तौर पर काम करते हैं जो कि बड़े और जटिल वित्तीय लेनदेनों जैसे कि अंडरराइटिंग, प्रतिभूति जारीकर्ता और निवेशक जनता के बीच बिचौलिये के तौर पर कार्य करना, विलय और अधिग्रहण में सहायता करना, और सांस्थानिक ग्राहकों के लिये वित्तीय सलाहकार के तौर पर कार्य करना आदि में विशेषज्ञता रखते हैं. बार्कलेज बैंक ऑफ अमेरिका, मेरिल लिंच, गोल्डमैन सैचस, डचेज बैंक, जेपी मोर्गन, मोर्गन स्टेनले, क्रेडिट स्यूस, सिटीबैंक और लज़ार्ड आदि निवेश बैंकिंग में जाने पहचाने नाम हैं. कोटेक निवेश बैंकिंग प्रमुख भारतीय संचालकों में से एक है. कुछ निवेश बैंक विशेष तौर पर उद्योग क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं.

मर्चेंट बैंकिंग: निवेश बैंकर्स और मर्चंेट बैंकर्स के लिये कुछेक भूमिकाएं सामान्य होती हैं. मर्चेंट बैंकिंग में आरंभिक सार्वजनिक प्रस्तावों तथा इक्विटीज के जारी करने के अधिकारों, बॉण्डों आदि का प्रबंधन, ग्राहकों के लिये वित्त जुटाना, व्यवसाय/उद्योग का पुनर्गठन और पुनर्वास, परियोजना प्रबंधन सेवाएं, पोर्टफोलियो प्रबंधन आदि शामिल होते हैं. एसबीआई कैपिटल, आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज लिमिटेड, आईडीबीआई कैपिटल मार्किटस, टाटा कैपिटल मार्किटस लिमिटेड, जे एम फाइनेंशियल्स, बजाज कैपिटल, यश बैंक लिमिटेड, एडेलवीस कैपिटल भारत के सर्वोच्च मर्चेंट बैंकर्स में शामिल हैं.

रेटिंग एजेंसियां: अनेक वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कि डिबेंचर्स, कंपनियों द्वारा प्रस्तावित सावधि जमा, बॉण्डस आदि के लिये मान्यता प्राप्त रेटिंग एजेंसी से अपनी रेटिंग कराने की आवश्यकता होती है. यह रेटिंग इंस्ट्रूमेंट्स की एक प्रकार की जोखिम प्रोफाइलिंग होती है और इस बात का संकेत होता है कि जोखिम की दृष्टि से इंस्ट्रूमेंट्स कितना अच्छा या बुरा है. क्रिसिल, केअर, आईसीआरए हमारे देश में प्रमुख रेटिंग एजेंसियां हैं. मूडीज, स्टैंडर्ड एंड पूअर्स, फिच रेटिंग्स कुछेक प्रतिष्ठित वैश्विक रेटिंग एजेंसियां हैं.

लेखापरीक्षा: वित्तीय लेनदेनों के लिये नियामक दिशानिर्देश हैं और कंपनियों को लेखापरीक्षा के निष्कर्षों की रिपोर्ट करना और इनका अनुपालन करना अपेक्षित होता है. ऐसी बहुत सी फर्में हैं जो कि अपने ग्राहकों की लेखा परीक्षा के लिये लोगों को नियुक्त करती हैं. इनमें भारतीय और वैश्विक फर्में शामिल होती हैं.

कराधान: व्यक्तियों और कंपनियों दोनों के लिये अपेक्षित होता है कि आय और अन्य लेनदेनों पर कर का भुगतान देश के कानून के अनुसार किया जाये. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के साथ कर ढांचे और लेखांकन आदि को तर्कसंगत बनाया गया है. पूंजी बाज़ार में विशेषज्ञता कॅरिअर के तौर पर कराधान एक क्षेत्र हो सकता है.

कंसलटिंग फर्में: पूंजीबाज़ार और इसके प्रचालन के बारे में आपके ज्ञान के साथ आप किसी कंसलटिंग कंपनी में शामिल हो सकते हैं. देश और विदेशों में कंसलटिंग फर्मों में वृद्धि हो रही है. ये फर्में अपनी सेवाएं विभिन्न विषयक्षेत्रों जैसे कि वित्तीय पुनर्गठन, कराधान, लेखा परीक्षा आदि में प्रदान करती हैं. डेलोइट, अर्नेस्ट एंड यंग, प्राइस वाटरहाउस की गिनती बड़ी कंसलटिंग फर्मों में की जाती है जो कि वैश्विक स्तर पर प्रचालन में हैं. ऐसी फर्मों के पास अनुभवी पेशेवरों के लिये बेहतर अवसर मौजूद हैं.

शिक्षा और मीडिया: शिक्षण, प्रशिक्षण और मीडिया में भी रोजग़ार के अवसरों का पता लगाया जा सकता है. विश्वविद्यालयों, कॉमर्स और मैनेजमेंट कालेजों आदि में शिक्षण से जुड़े रोजग़ार उपलब्ध हैं. मीडिया से संबंधित रोजग़ार प्रमुख व्यवसाय/ वित्तीय दैनिकों और अन्य बिजनेस न्यूज चैनलों के पास पाये जाते हैं. यदि आप स्वयं कोई काम करना चाहते हैं तो आप अपने पसंद के क्षेत्र में उप ब्रोकर या स्वतंत्र परामर्शदाता का चुनाव कर सकते हैं. अपना काम धंधा शुरू करने से पहले कुछ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर लेना उचित होगा.

सफलता के गुण

पूंजी बाज़ार में कॅरिअर में अच्छे कार्यनिष्पादन के लिये आपको संख्याओं, विवरण और विश्लेषणात्मक योग्यता के साथ आत्मीयता के साथ जुडऩा होगा. आपको कानूनों, नियमों और विनियमों के अनुपालन के लिये उच्च मूल्य के नैतिक सिद्धांतों पर कार्य करना चाहिये. इस लेख में अनेक संस्थानों का जिक्र किया गया है जहां पूंजी बाज़ार में रोजग़ार के लिये लाभदायक कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं और उन स्थानों के बारे में उल्लेख है जहां पर संबंधित अवसर उपलब्ध हैं. इनके बारे में विवरण उनकी वेबसाइटों से प्राप्त किया जा सकता है.

लेखक मुंबई स्थित काउंसलर हैं.ई-मेल: v2j25@yahoo.in