यू.पी.एस.सी. सिविल सेवा साक्षात्कार का सामना कैसे करें?
संजय कुमार
उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है!!! संघ लोक सेवा आयोग द्वारा २८ अक्तूबर २०१७ से ३ नवंबर २०१७ तक आयोजित की गई सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, २०१७ के परिणाम के आधार पर आई.ए.एस., आई.पी.एस. तथा अन्य समवर्गी सेवाओं के लिए चयन हेतु ९८० अधिकारियों की अनंतिम रिक्तियों के लिए व्यक्तित्व परीक्षा हेतु २५६८ उम्मीदवारों को चुना गया है.
इन उम्मीदवारों की व्यक्तित्व परीक्षा १९ फरवरी, २०१८ से प्रारंभ होने की संभावना है. व्यक्तित्व परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग कार्यालय, धौलपुर हाउस, शाहजहां रोड, नई दिल्ली-११००६९ में ली जाएगी.
संघ लोक सेवा आयोग (सं.लो.से.आ.) सिविल सेवा परीक्षा भारत में सबसे अधिक कठिन प्रतिस्पर्धाओं में से एक मानी जाती है. मात्र ९८० सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले ५ लाख से अधिक उम्मीदवारों के साथ, सं.लो.से.आ. में चयन की सम्पूर्ण प्रक्रिया में प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षा) निहित है.
सिविल सेवा परीक्षा में व्यक्तित्व परीक्षा या साक्षात्कार अंतिम बाधा होता है, जिसे पार करने के बाद मिलती है जीवन भर की खुशी, सिविल सेवा परीक्षा के कुल २०२५ अंकों में से २७५ अंक व्यक्तित्व परीक्षा के होते हैं, जिनके आधार पर अंतिम चयन-सूची तैयार की जाती है.
किसी उम्मीदवार की सफलता और रैंक का निर्धारण इस छोटे किन्तु महत्वपूर्ण भाग के द्वारा किया जाता है. इस भाग में अच्छे अंक प्राप्त करने की व्यापक संभावना होती है. यह परीक्षा मात्र २५ से ३५ मिनट की होती है और इसमें २ अंकों की संख्या से २२० तक उच्च अंक प्राप्त किए जा सकते हैं.
किन्तु उम्मीदवार साक्षात्कार के महत्व को नहीं समझते और यदि वे इसका महत्व समझते भी हैं तो भी उपयुक्त दृष्टिकोण के अभाव में अपनी तैयारी को सही दिशा नहीं दे पाते. वास्तव में वे इसे बहुत हल्के में लेते हैं. किन्तु सही ढंग से तैयारी किए जाने पर आप निश्चित रूप से इसमें आसानी से सफल हो सकते हैं. साक्षात्कार की तैयारी को रोचक बनाने के उपाय इस प्रकार है:
सिविल सेवा के आकांक्षी उम्मीदवारों का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा लिया जाता है जिसे उम्मीदवारों के व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक ट्रैक की पहले से जानकारी होती है. उनसे सामान्य रुचि, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर प्रश्न पूछे जाएंगे.
व्यापक संदर्भ मे बात की जाए तो वास्तव में यह उम्मीदवार की न केवल बौद्धिक क्षमताओं का बल्कि सामाजिक ट्रेट्स और राष्ट्रीय एवं वैश्विक महत्व की दैनिक घटनाओं में उनकी रुचि का मूल्यांकन है. कुछ गुण जिनका आकलन किया जाता है:-
*ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा
*तर्क-क्षमता
*धारणा अथवा मत- संतुलन
*नेतृत्व कौशल
*मानसिक सजगता और प्रतिक्रियात्मकता
*रुचि की विविधता एवं व्यापकता
*धैर्य
कुशाग्रता एवं विविध विषयों पर आपके विचार
इससे स्पष्ट है कि उम्मीदवारों को अपनी तैयारी श्रेष्ठ संभावित रूप में करनी चाहिए. यह तैयारी उन्हें दो तरह से सहायता करेगी. पहला यदि साक्षात्कारकर्ता उनसे कोई अप्रत्याशित या अनपेक्षित प्रश्न भी पूछेगें तो उन्हें न तो आश्चर्य होगा और न ही यह अटपटा लगेगा. दूसरे, यदि उन्होंने अपनी पूरी तैयारी की है तो उनमें आत्म-विश्वास सृजित होगा और इस आत्म-विश्वास के साथ वे साक्षात्कार में, उन अंकों की तुलना में उच्च रैंक के अंक प्राप्त करेंगे जो अंक वे बिना किसी मार्ग दर्शन के प्राप्त करते. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि समय का सदुपयोग किया जाए.
नीचे की तैयारी करने के कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं जिनका अनुसरण किया जाना चाहिए:
स्वयं को जानें:
अपने व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को जानने का प्रयास करें भले ही पहलु गुप्त या अनजान हों. यदि आपके व्यक्तित्व की कोई विशेषता आई.ए.एस. अधिकारी के अनुकूल नहीं है तो उस कमजोरी को दूर करने के प्रयास करें.
अपने जीवन-वृत्त को कई बार पढ़ें और दोहराएं :
सं.लो.से.आ. साक्षात्कार में अधिकांश प्रश्न उम्मीदवारों के जीवन-वृत्त पर आधारित होंगे. उनके विस्तृत आवेदनपत्र में ऐसी निम्नलिखित मदें होती हैं जिनमें संभावित प्रश्न होते हैं:
*मूल/गृह राज्य एवं स्थान आदि
*स्कूल कॉलेज तथा स्कूलिंग का स्थान
*माता एवं पिता का व्यवसाय
*उम्मीदवार के विगत व्यवसाय/रोज़गार एवं संगठन यदि कोई हो.
*जन्म-तिथि, नाम का अर्थ, कोई विशेष जिला तथा जन्म-स्थान : उस तिथि एवं वर्ष, स्थान की विशेष विशेषताएं एवं विशिष्टता, विशेष समस्याएं, प्रसिद्ध व्यक्ति, विशेष अवसर
*अभिरुचि, ईमानदार बने रहें, कोई गढ़ी हुई या झूठी अभिरुचि न लिखें/बनाएं
*पुरस्कार एवं पाठ्येत्तर कार्यकलाप ईमानदार बने रहें और अतिशयोक्ति से बचें
*स्नातक योग्यता के बाद रोज़गार में लंबे समय के अंतराल के कारण- यदि कोई अंतराल हो.
ऐच्छिक विषय, स्नातक स्तर पर लिए गए विषय :-
व्यावहारिक प्रकृति के सामान्य प्रश्न जैसे कोई विषय या संकल्पना प्रशासन या वास्तविक जीवन में कैसे सहायता करता है आदि
प्राथमिकता वाली सेवांए : उनका औचित्य विशेष रूप से उनके असामान्य होने पर जैसे आई.पी.एस. ही क्यों और आई.ए.एस. या आई.एफ.एस. क्यों नहीं?
सेवाओं के लिए प्राथमिकताओं का संशोधित क्रम: उन का औचित्य.
इसलिए अभिरुचियों, शिक्षा, कार्य अनुभव, सेवा प्राथमिकता आदि जैसे क्षेत्रों के प्रश्नों की अच्छी तैयारी करें.
साक्षात्कार का प्रारंभ :
साक्षात्कार के लिए आपकी बारी आने पर साक्षात्कारकर्ता आपको बुलाएंगे. एक व्यक्ति, जिसे उम्मीदवारों को बुलाने का कार्य सौंपा गया है, आपको सूचित करेगा. उसके द्वारा सूचना मिलने पर अपनी सभी सामग्रियां लेकर साक्षात्कार- कक्ष की ओर आगे बढें. यदि कक्ष का दरवाजा खुला है तो साक्षात्कारकर्ताओं से शिष्टतापूर्वक ‘‘महोदय, क्या में अंदर आ सकता हूं?’’ पूछकर कक्ष में जाने की अनुमति मांगे. अनुमति मिलने के बाद ही कक्ष में प्रवेश करें. यह अनुमति या तो मौखिक (शब्दों के माध्यम से) या इशारे (संकेत द्वारा) में हो सकती है. साक्षात्कार की सीट की ओर विश्वासपूर्वक जाएं और समय के अनुसार साक्षात्कारकर्ताओं का ‘‘गुड मार्निंग सर/मैडम’’ या ‘‘गुड ऑफ्टर नून’’ कह कर अभिवादन करें. अधिकांश मामलों में कोई एक साक्षात्कारकर्ता उम्मीदवार को सीट पर बैठने के लिए कहता है कुछ मामलों में साक्षात्कारकर्ता साक्षात्कारदाता के शिष्टाचार तथा आचरण को परखते हैं और उन्हें अपना स्थान ग्रहण करने के लिए जानबूझ कर देरी से कहते हैं. यदि आपके साथ ऐसा होता है तो अपना स्थान ग्रहण करने के लिए उनसे शिष्टता के साथ पूछें. आपके द्वारा स्थान ग्रहण करने के बाद आपका साक्षात्कार प्रारंभ होता है.
पहला प्रभाव (प्रारंभिक छवि):
एक प्रसिद्ध कहावत है :- ‘‘पहला प्रभाव ही अंतिम प्रभाव होता है.’’ इसलिए साक्षात्कारकर्ताओं के मन में अच्छी छाप छोडऩा अनिवार्य है. यह कार्य कठिन भी नहीं है. दरवाजे से कुर्सी की ओर जाते समय विश्वास पूर्वक जाएं और कुर्सी पर बैठने से पहले उपयुक्त अनुमति ले लें और प्रश्न पूछने वाले साक्षात्कारकर्ता से उपयुक्त नेत्र संपर्क बनाए रखें.
हावभाव :
हावभाव आपके मौखिक संचार का महत्वपूर्ण भाग होते हैं. वास्तव में हमारे हावभाव हमारे शब्दों से पहले हमारे बारे में बहुत कुछ बता देतें है. इसलिए यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि आप अपने हावभाव के माध्यम से बोले जाने वाले शब्दों को किस तरह प्रभाव देते हैं.
हावभाव में आपका व्यवहार, रुख, चेहरे की अभिव्यक्ति शामिल होती है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति विभिन्न शारीरिक, मानसिक और भावात्मक स्थिति को व्यक्त करता है और सांकेतिक (शब्दों का उपयोग किए बिना) अभिव्यक्ति करता है. इसलिए संपूर्ण साक्षात्कार प्रतिक्रिया के दौरान उपयुक्त हावभाव बनाए रखना अनिवार्य है.
संचार कौशल :
संचार कौशल, अपने विचार व्यक्त करने और दूसरों को प्रभावी रूप में सुनने की क्षमता होता है. पहला नियम है एक अच्छा श्रोता बनना, किन्तु व्यावहारिक रूप में कम पाया जाता है. आप जो भी भाषा बोलते हैं उसमें शब्द चयन अत्यधिक सावधानी पूर्वक करें क्योंकि कुछ शब्दों के हेर फेर से पूरा अर्थ परिवर्तित हो सकता है. इसलिए कम बोलें, संक्षिप्त रूप में बोलें किन्तु अपने विचारों और भावों को स्पष्ट रखें.
झूठ ना बोलें
अतिशयोक्ति का प्रयोग न करें और अपने जीवनवृत्त में झूठे तथ्य न दें. संघ लोक सेवा आयेाग बोर्डों के सदस्य सुशिक्षित/विद्वान एवं अनुभवी व्यक्ति होते हैं. वे आपकी गलती को पकड़ लेंगे.
समस्या समाधान कौशल
समस्या समाधान कौशल किसी एक समस्या अथवा अनेकों समस्याओं के समाधान करने से संबंधित होता है. कोई भी समस्या किसी वांछित परिणाम और किसी समय विशेष पर उसकी वास्तविक स्थिति के बीच का अंतराल होती है. इस अंतराल पर नियंत्रण रखने के लिए संबंधित कार्य अपेक्षित होता है. इस कार्य के निर्धारण के लिए समस्या समाधान कौशल अपेक्षित होता है. उदाहरण के लिए, यदि आप भारत में महिलाओं की स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं तो इस मामले को ग्रामीण महिलाओं और शहरी महिलाओं में वर्गीकृत करें और उसके बाद उनकी सामाजिक-राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति के बारे में सोचें इस तरह आप अपने समस्या समाधान कौशल का विकास कर सकते हैं.
उत्तर संक्षिप्त रूप में दें
संक्षिप्त एवं सटीक उत्तर देने की कला में माहिर बनें. आप अपने उत्तर आकर्षक एवं रोचक बना सकते हैं. आपके विचार संतुलित एवं निष्पक्ष होने चाहिएं. किसी भी तथ्य पर आम धारणा देने की बजाए उस पर आप अपनी ठोस राय बनाएं. और इस तरह आप अपना उत्तर संक्षिप्त और सटीक रूप में दे सकते हैं.
तर्क न करें और अपनी गलती को स्वीकार करें
किसी भी साक्षात्कार को एक वार्ता मंच मानना हमेशा बेहतर होता है. वार्ता अथवा विचार विमर्श में ऐसे विषयों पर चर्चा करना शामिल होता है जो विषय प्रश्न से निकल कर आते हैं. इस मामले का समाधान करने के लिए, यह संभव है कि आपसे एक के बाद एक कई प्रश्न पूछे जाएं, विशेष रूप से किसी विस्तृत साक्षात्कार के दौरान. चर्चा किए जाने वाले मामले पर आप अपनी धारणा के बारे में विनीत होकर बताएं यदि साक्षात्कारकर्ता आपकी बात से सहमत न हो और अपनी पूरानी राय पर रहे तो साक्षात्कारकर्ता को गलत सिद्ध करने के लिए विचार-विमर्श को बंद करना बेहतर है.
इसके अतिरिक्त मनुष्य होने के नाते गलतियां होना स्वाभाविक है यदि आप कोई गलती करते हैं और साक्षात्कारकर्ता इसकी ओर संकेत करता है तो अपनी गलती सहज रूप में स्वीकार कर लें. इस पर आप अपना खेद व्यक्त करें और संपूर्ण साक्षात्कार प्रतिक्रिया के दौरान विनम्र बने रहें.
संभावित मानक प्रश्नों का अभ्यास करना
अपने जीवनवृत्त एवं वर्तमान घटनाओं पर अधिकतम संभावित प्रश्न तैयार करें. अपने जीवनवृत्त की प्रतियां अपने चुनिंदा मित्रों को दें और उनसे अपने लिए प्रश्न बनाने के लिए कहें. अपने निजी उत्तरों के बारे में सोंचे और उत्तर तैयार करें. नियमित रूप से अभ्यास करें : सुनना, सोचना, संक्षेपीकरण एवं बोलना. पढऩे/सुनने, सोचने के बाद अन्य विषयों से जोडऩा. इसके बाद अपनी राय अंतरंग एवं संक्षिप्त करें.
वर्तमान घटनाओं के लिए ऑडियो विजुअल, टीवी वार्ताएं देखें, पढ़ें, विचार करें एवं सुनें. ये सभी अत्यधिक सहायक एवं रोचक होते हैं. कुछ उपयोगी स्रोतों में आरएसटीवी, एलएसटीवी, बीबीसी न्यूज, सीएनएन, हिन्दू समाचार पत्र और आईडीएसए आदि शामिल हैं.
अब आप, साक्षात्कार में पूछे जाने वाले जीवनवृत्त एवं वर्तमान घटनाओं से संबंधित संभावित/मानक प्रश्नों का अभ्यास कर सकते हैं. यह प्रक्रिया आपमें विश्वास जगाएगी क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली किसी भी कमी को आप दूर कर सकते हैं.
साक्षात्कार के दौरान आम त्रुटियों से बचें
*कुछ सामान्य त्रुटियां आपकी सफलता के अवसरों को कम कर सकती हैं. ऐसी त्रुटियों से बचने के लिए आप निम्नलिखित दिशा निर्देशों का अनुसरण कर सकते हैं :
*साक्षात्कार कक्ष के अंदर सेल फोन न ले जाएं
*साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान बेचैन न हों.
*साक्षात्कार के दौरान बारबार कलाई घड़ी की ओर न देखें.
*किसी भी प्रकार की आलोचना करने से बचें.
*धैर्य बनाए रखें. प्रतिकूल एवं कठिन समय में वे आपकी मानसिकता और धैर्य की परीक्षा ले सकते हैं. इसलिए इसे उसी सहज भावना से लें.
*अपने कॅरिअर के प्रति अत्यधिक उत्साह का प्रदर्शन न करें यदि आपको पूछे गए किसी प्रश्न का उत्तर नहीं आता है तो विनीत होकर कहें ‘‘महोदय मुझे इस प्रश्न का उत्तर नहीं पता है.’’
साक्षात्कार की पोशाक
बहुत अधिक खर्चीले कपड़े पहनने की आवश्कता नहीं है. सामान्य कपड़े पहनें. पुरुषों के लिए हल्के रंग की कमीज और गहरे रंग की पैंट पहनना हमेशा अच्छा रहता है क्योंकि यह पहनावा आकर्षक आभास देता है. भारतीय संस्कृति में महिलाओं के लिए एक सामान्य साड़ी पहनना प्रशंसनीय होती है. इसके अतिरिक्त आपके कपड़े साफ एवं स्वच्छ होने चाहिएं.
कृत्रिम साक्षात्कार
किसी भी रोज़गार के साक्षात्कार के लिए एक कृत्रिम साक्षात्कार अच्छा प्रयास होता है. यह प्रशिक्षण के उद्देश्य से संचालित किया जाता है यह आपको किसी साक्षात्कार का अभ्यास करने के अवसर देता है. इसलिए यह हमेशा वांछनीय होता है कि आप वास्तविक साक्षात्कार में जाने से पहले कुछ कृत्रिम साक्षात्कार का अभ्यास करें. इससे आपको कठिन प्रश्नों का उत्तर देने, साक्षात्कार नीति तैयार करने, अपने संचार कौशल सुधारने और वास्तविक साक्षात्कार के लिए जाने से पहले तनाव कम करने में सहायता मिलेगी.
वास्तविक साक्षात्कार से पहले के अंतिम क्षण
साक्षात्कार कक्ष से बाहर अपने अंतिम आमंत्रण की प्रतीक्षा करते समय आप बेचैन हो सकते हैं. आप स्वयं को थका हुआ अनुभव कर सकते हैं. आप इसका समाधान कर सकते हैं. आप जो चाहे वो कर सकते हैं. आप गहरी सांसें ले सकते हैं इससे आप तनाव मुक्त अनुभव करेंगे और आगे की कार्यवाही के लिए तैयार हो सकेंगे.
गुड लक
(लेखक सक्सेस फोर आईएएस, पटना में इतिहास एवं सामान्य अध्ययन के संकाय हैं. ई-मेल आईडी :-sanjaykbatroul@gmail.com)