तंदुरुस्ती और दीर्घायु के लिए फल और सब्जियां
प्रणब कुमार घोष, ए.एस. राजपूत और रमेश चंद्र परिडा
कुपोषण, आज मानवजाति के समक्ष मौजूद सबसे गंभीर समस्याओं में से एक के रूप में उभरकर सामने आया है. अनेक लोगों में ऐसे प्रमुख पोषक तत्वों की भी कमी पायी जाती है, जो विविध आवश्यक विटामिनों और खनिजों द्वारा प्रदान किए जाते हैं. इसका कारण यह है कि बड़ी संख्या में लोग अपने दैनिक भोजन में विविध सब्जियों और फलों की सही मात्रा को शामिल नहीं करते. इसी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने मौजूदा वर्ष (2021) को फल एवं सब्जियों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है. इस अवसर का उपयोग कृषि और खाद्य वैज्ञानिकों द्वारा इस बारे में जागरूकता फैलाने में करना चाहिए कि विविध फलों और सब्जियों के पोषक तत्व कौन से हैं, और किन का चयन लोगों को अपनी पोषण संबंधी जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक रूप से करना चाहिए. लोगों को इस बात से अवगत कराना चाहिए कि यह जरूरी नहीं है कि महंगे एवं स्वादिष्ट पदार्थ ही ज्यादा पोषक हों और कुदरत किसी भी क्षेत्र में स्थानीय लोगों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में समुचित रूप से उपयुक्त खाद्य पदार्थ ही उपलब्ध कराती है. इसलिए वे आवश्यक तौर पर उन्हीं का चयन करें, उन्हें बाहरी पदार्थों का चयन करने की कोई जरूरत नहीं है. उदाहरण के लिए : एक कहावत है 'दिन में एक सेब खाने से डॉक्टर के पास जाने की नौबत नहीं आती (यानी 'एन एप्पल अ डे, कीप्स डॉक्टर अवे). निस्संदेह सेब स्वास्थ्यप्रद होते हैं, लेकिन अमरूद, लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं और पौष्टिकता की दृष्टि से वे सेब की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं. इसी तरह, बेर, समान मात्रा में संतरे के जूस की तुलना में 20 गुना ज्यादा विटामिन सी प्रदान करते हैं. कंदमूल सब्जियां उच्च कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी आपूर्ति की दृष्टि से अनाज का आसान विकल्प हो सकती हैं. कसावा और चावल की प्रति 100 ग्राम मात्रा (ड्राई वेट के आधार पर) 386 और 397 एनर्जी कैलोरी प्रदान करती हैं. आम में मौजूद विटामिन ए की मात्रा मक्खन में मौजूद मात्रा के समान होती है. वेस्ट इंडियन चेरी में 1300 एमजी/100 ग्राम एस्कॉर्बिक एसिड तक की अप्रत्याशित रूप से अधिक मात्रा पायी जाती है. उच्च कैरटिन गाजर (सप्ताह में एक या दो) हमारी विटामिन संबंधी जरूरतों की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त होती हैं. आंवले में उतनी ही मात्रा के संतरे की जूस की तुलना में 20 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सलाह है कि प्रतिदिन कम से कम 400 ग्राम फलों और सब्जियों का सेवन अथवा प्रति 80 ग्राम मात्रा में उनका पांच बार सेवन करना मनुष्यों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए लाभदायक होता है. वर्ष 2017 में दुनियाभर में लगभग 3.9 मिलियन मौतों का कारण पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन नहीं करना था (डब्ल्यूएचओ, 2019). अपर्याप्त मात्रा में फलों और सब्जियों के सेवन के कारण दुनियाभर में 14 प्रतिशत मौतें जठरांत्र या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर से हुईं; इनमें लगभग 11 प्रतिशत मौतें इस्केमिक हृदय रोग से और लगभग 9 प्रतिशत मौतें स्ट्रोक के कारण हुईं.
इसलिए, वैविध्यपूर्ण, संतुलित एवं स्वस्थ भोजन और जीवनशैली के रूप में ज्यादा से ज्यादा फलों और सब्जियों का सेवन करने से होने वाले पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने तथा साथ ही साथ नीति निर्माताओं को खराब हो जाने वाले पदार्थों (पेरिशेबल आइटम्स) की हानि और बर्बादी रोकने पर गौर करने का निर्देश देने के लक्ष्य के साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2021 को फल एवं सब्जियों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईएफवी) घोषित किया जाना उचित है.
फल और सब्जियां पौधों का खाने योग्य भाग (उदाहरण के लिए बीज, फूल, कलियां, पत्तियां, तने, टहनियां और जड़ें) होते हैं, जिनकी या तो खेती की जाती है या उनकी फसल को उनकी मूल अवस्था में ही अथवा अल्पतम प्रसंस्कृत स्वरूप में एकत्र किया जाता है. ये दुनियाभर के व्यंजनों का महत्वपूर्ण अंग हैं.
फल और सब्जियां खाने के लाभ
1. स्वास्थ्य संबंधी लाभ
फलों और सब्जियों से विविध प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं. वे रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाते हैं, कुपोषण का मुकाबला करते हैं और अनेक रोगों की रोकथाम में मदद करते हैं. (तालिका-1) फलों और सब्जियों के स्वास्थ्य संबंधी फायदों के बारे में हाल ही में किए गए प्रयोगों की कुछ रिपोर्ट्स निम्नलिखित है:
· बच्चों की बढ़त (वृद्धि) और विकास: फल और सब्जियां विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और फोलेट से भरपूर होते हैं, जो अच्छी सेहत को बढ़ावा दे सकते हैं, बच्चे की रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बना सकते हैं और रोगों से रक्षा करने में मददगार हो सकते हैं. दुनियाभर के अभिभावकों को अपने बच्चों को यह समझाने की कोशिश करनी चाहिए कि वे अपने स्नेक्स में जंक फूड की बजाय हरी सब्जियों/फलों का सेवन करें. फल और सब्जियां बच्चों को बढ़ने में मदद देते हैं; शारीरिक कार्यों तथा हर उम्र में शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण में सहायता करते हैं.
· दीर्घायु : 10 यूरोपीय देशों में कराए गए अध्ययन के अनुसार, जो लोग फलों और सब्जियों का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं, वे इनका सेवन नहीं करने वालों की तुलना में ज्यादा लम्बी आयु तक जीवित रहते हैं.
· बेहतर मानसिक स्वास्थ्य: दिन में 7-8 बार खाना (कम से कम 5 बार खाने की सलाह से भी ज्यादा बार) अवसाद और चिंता का जोखिम कम होने से संबद्ध है.
· स्वस्थ हृदय: फलों और सब्जियों में पाये जाने वाले फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स हृदय रोगों की रोकथाम में सहायक हो सकते हैं.
· कैंसर के खतरे में कमी: 128 मामलों में (156 आहार अध्ययनों में से), पाया गया कि फलों और सब्जियों के सेवन से फेफड़ों, बड़ी आंत, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, ग्रासनली, मुंह, पेट, मूत्राशय, अग्न्याशय और डिम्बग्रंथि के कैंसर का खतरा कम हो गया.
· मोटापे के खतरे में कमी: अनेक अध्ययनों में पाया गया है कि फलों और सब्जियों का सेवन करने वाले कुछ खास समूहों में स्थूलता और मोटापे का खतरा कम हो जाता है.
· मधुमेह के जोखिम में कमी: सुनियोजित समीक्षा और मेटा-एनालिसिज में पाया गया कि हरी पत्तेेदार सब्जियों का अत्यधिक सेवन और ज्यादा मात्रा में फल खाने से टाइप-2 मधुमेह के खतरे में काफी कमी आती है.
· आंतों का बेहतर स्वास्थ्य: फलों, सब्जियों और उच्च फाइबर वाले पौधों पर आधारित अन्य खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार, आंतों के बैक्टीरिया की विविधता में सुधार लाता है और एंटी- इन्फ्लैमटॉरी संघटकों से संबंधित बैक्टीारिया में वृद्धि करता है, जिनका संबंध बेहतर चयापचय या मटैबलिज़म से होता है. यह भी देखा गया है कि फलों और सब्जियों के अधिक सेवन से डायवर्टीकुलोसिस के प्रसार के साथ-साथ गैस, कब्ज और डायरिया जैसी अन्य पाचन समस्याओं में कमी आयी.
· बेहतर रोग प्रतिरोधक शक्ति: फलों और सब्जियों का पर्याप्त मात्रा में सेवन कुछ संक्रामक रोगों की गंभीरता को कम कर सकता है. हालांकि वे कोविड-19 जैसे वायरस से तो हमारी रक्षा नहीं कर पाएंगे, लेकिन संक्रामक रोग से फलों और सब्जियों रहित आहार की तुलना में, हम फलों और सब्जियों युक्त आहार के सेवन से बेहतर रूप से स्वास्थ्य हो पाएंगे.
तालिका-1 : फलों और सब्जियों की उपचारात्मक शक्ति
क्रम सं.
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रोग का नाम
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सेवन की जाने वाली सब्जियां/फल
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1.
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अम्लता (ऐसिडिटी)
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लौकी, संतरा, चुकंदर, गाजर , खीरा, सेब
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2.
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रक्ताल्पता (एनीमिया)
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चुकंदर का जूस, पत्तागोभी, गाजर, टमाटर, पालक
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3.
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अपेन्डिसाइटिस
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चुकंदर के साथ गाजर का जूस, खीरे का जूस
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4.
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गठिया रोग
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हरी पत्ते दार सब्जियां, पालक के साथ गाजर, चुकंदर का जूस
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5.
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दमा
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गाजर , पालक, खुबानी, अनन्नास
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6.
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कैंसर
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गाजर, टमाटर, चौलाई, लाल पत्तागोभी, ब्लैक बेरी, ब्लूबेरी, अंगूर
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7.
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लीवर सिरोसिस
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चुकंदर, नींबू, पपीता, अंगूर
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8.
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क्यूबिट्स
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गाजर का जूस
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9.
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कब्ज
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केला और कटहल के अलावा सभी फल
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10.
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खांसी
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गाजर, पालक, अंगूर, नींबू
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11.
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मधुमेह
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स्प्रिंट बीन, अजमोदा, खीरा, करेला, काजू, अखरोट,
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13.
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मिर्गी
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सेब का जूस, संतरा, अंगूर
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14.
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पित्ताशय की पथरी
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चुकंदर, गाजर, मूली, अंगूर
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15.
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हृदय रोग
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सेब, संतरा, अनन्नास, कस्टर्ड एपल, अनार
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16.
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हाई कोलेस्ट्रॉल
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गाजर
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17.
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इंफ्लुएंजा
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संतरा, नींबू का जूस
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18.
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पीलिया
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संतरे का ताजा रस,नींबू
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19.
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गुर्दे और मूत्राशय की समस्याएं
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मटर, पालक, फूल गोभी , बादाम
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20.
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मलेरिया
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गाजर , पालक, अंगूर
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21.
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पेट के अल्सर
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लौकी, गाजर, पालक
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22.
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टान्सलाइटिस
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गाजर, सेब, अंगूर
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23.
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कीड़े
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खुबानी, अनार
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24.
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ट्यूमर
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लौकी, गाजर, पालक, अनन्नास
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25.
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रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देना
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लहसुन, अदरक, हल्दीो, बादाम, खट्टे फल
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2. पोषक तत्वों से भरपूर
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के अलावा, फल और सब्जियां विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का भी आवश्यक स्रोत होते हैं, जबकि उनमें कैलोरी की मात्रा कम होती है. वे एंटीऑक्सीडेंट्स का कार्य करने वाले और अपकर्षक या डिजेनरटिव रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करने वाले फाइटो-केमिकल्स भी भरपूर होते हैं. तालिका-2 में दर्शाया गया है कि फल और सब्जियां किस प्रकार पोषक तत्वों का खजाना होते हैं!
तालिका-2: पोषण की सुरक्षा के लिए फल और सब्जियां
क्रम सं.
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पोषक तत्व
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फल/सब्जियां
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1.
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विटामिन ए
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खुबानी, आम, केला, पपीता, गाजर , हरेमटर, पालक, टमाटर, ब्रॉकोली, कद्दू, शकरकंद, तरबूज, चौलाई
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2.
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विटामिन बी2
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बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, पत्ता गोभी, मटर, अरबी, ड्रम्स्टिक
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3.
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विटामिन बी6
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केला, अखरोट, आलू
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4.
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विटामिन सी
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सभी खट्टे फल, आंवला, आम, बेर, स्ट्रॉबेरी, टमाटर, आलू, हरी सब्जियां, पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रॉकोली, ड्रम्स्टिक
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5.
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फोलिक ऐसिड
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संतरा, फलियां, काबुली चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, मटर
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6.
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कार्बोहाइड्रेट्स
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आलू, शकरकंद, अरबी, चुकंदर, करी पत्ता
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7.
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प्रोटीन
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बादाम, काजू, अखरोट, मटर, फलियां, लोबिया, चौलाई, अरबी, ड्रम्स्टिक, मूली
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8.
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कैल्शियम
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चुकंदर, चौलाई, मेथी, शलजम, धनिया, टमाटर
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9.
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पोटेशियम
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शकरकंद, आलू, करेला, मूली
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10.
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फास्फोरस
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केला, लहसुन, मटर, करेला, केला
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11.
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आयरन
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करेला, चौलाई, मेथी, पोदीना, पालक, मटर
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7.
|
प्रोटीन
|
बादाम, काजू, अखरोट, मटर, फलियां, लोबिया, चौलाई, अरबी, ड्रम्स्टिक, मूली
|
8.
|
कैल्शियम
|
चुकंदर, चौलाई, मेथी, शलजम, धनिया, टमाटर
|
9.
|
पोटेशियम
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शकरकंद, आलू, करेला, मूली
|
10.
|
फास्फोरस
|
केला, लहसुन, मटर, करेला, केला
|
11.
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आयरन
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करेला, चौलाई, मेथी, पोदीना, पालक, मटर
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3. विविधता से भरपूर आहार और स्वस्थ जीवन शैली
विविधता से भरपूर और स्वस्थ आहार के अंग के रूप में फलों और सब्जियों की उपयुक्त मात्रा का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए. वे ऊर्जा और सेहत को बनाए रखने के लिए पोषक तत्व प्रदान करते हैं.
4. अधिक आमदनी
फलों और सब्जियों की खेती किसान के परिवार के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में योगदान देती है. यह अधिक आमदनी अर्जित कराती है, बेहतर आजीविका का सृजन करती है, खाद्य सुरक्षा और पोषण में सुधार लाती है तथा स्थानीय संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन को बढ़ाती है.
एक और दिलचस्प भाग - फलों और सब्जियों के रंगों को अक्सर उनमें निहित पोषक तत्वों और फाइटो-केमिकल्स से जोड़ा जाता है (तालिका-3)
तालिका-3: फलों और सब्जियों के रंग बनाम निसर्ग-चिकित्सा
क्रम सं.
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रंग
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निसर्ग-चिकित्सा
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फल/सब्जियां
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1.
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बैंगनी/ नीला
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एंटीऑक्सीचडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो कैंसर, स्ट्रोक और हृदय रोग के जोखिमों में कमी ला सकती हैं.
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ब्लैक बेरी, ब्लूबेरी, पर्पल ग्रेप, आलूबुखारा, चुकंदर, लाल पत्ता गोभी, बैंगन
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2.
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लाल
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कैंसर के खतरे में कमी लाने और हृदय की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करता है.
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रेड एपल, चेरी, रेड ग्रेप, लाल अमरूद, रसभरी, स्ट्रॉबेरी, तरबूज, लाल शिमला मिर्च, मूली, टमाटर रसभरी, स्ट्रॉबेरी, तरबूज, लाल शिमला
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3.
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नारंगी/पीला
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कैरोटीनॉयड होते हैं, जो आंखों को तंदुरुस्त रखते हैं.
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खुबानी, नींबू, आम, संतरा, पपीता, आडू, अनन्नास, गाजर, कद्दू
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4.
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भूरा/सफेद
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एंटीवायरल और एंटीबैक्टीबरियल साथ ही पोटेशियम प्रोपर्टीज युक्त फाइटो-केमिकल्स
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केला, कटहल, सफेद आडू, ब्राउन पीयर, फूल गोभी
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5.
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हरा
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एंटी-कैंसर प्रोपर्टीज युक्त फाइटो-केमिकल्स
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ग्रीन एपल, ऐवकाडो, हरे अंगूर, लाइम, ऐस्परैगस, हरीसेम, ब्रॉकोली, पत्ता गोभी, हरी शिमला मिर्च, खीरा, लेटस, मटर, पालक
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फलों और सब्जियों के उत्पादन का परिदृश्य
2018 में दुनियाभर में 868 मिलियन टन फलों और 1089 मिलियन टन सब्जियों का उत्पादन हुआ. महत्व की दृष्टि से मुख्य फल केला, खट्टे फल, तरबूज-खरबूजा, सेब और अंगूर थे; इसी तरह मुख्य सब्जियों में टमाटर, प्यााज, लहसुन, पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रॉकोली और खीरा शामिल थे. पूर्व एशिया और उसके बाद दक्षिण एशिया विश्व के फलों और सब्जियों के मुख्य उत्पादन क्षेत्र हैं. विश्व पहले से ज्यादा फलों और सब्जियों का उत्पादन कर रहा है- लेकिन अभी तक यह पर्याप्त नहीं है. वर्ष 2000 में, कुल विश्व उत्पादन मात्र 306 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन रहा; जबकि 2017 में यह बढ़कर 390 ग्राम हो गया है. (एफएओ 2020)
गर्व की बात यह है कि भारत, दुनियाभर में फलों के साथ ही साथ सब्जियों का भी दूसरा बड़ा उत्पादक है. केला, आम, लाइम और लेमन, पपीता और भिंडी के उत्पादन में देश प्रथम स्थान पर है. भारत सरकार की ओर से जारी 'हॉर्टिकल्चर स्टटिस्टिक्स एट अ ग्लांस -2018Ó के अनुसार, भारत ने 97.35 मिलियन टन फलों और 184.40 मिलियन टन सब्जियों का उत्पादन किया.
आमतौर पर फल और सब्जियां किसी भूखंड के लिए प्रधान फसलों से ज्यादा लाभकारी होते हैं. वे छोटे किसानों के लिए बढ़ती मांग का लाभ उठाने तथा फलों और सब्जियों के उत्पादन एवं विपणन के जरिए धन कमाने के अवसरों के द्वार खोलते हैं. महिलाएं खासतौर पर लाभांवित हो सकती हैं, क्योंकि वे अक्सर फलों और सब्जियों के उत्पादन और विपणन में संलग्न होती हैं. कोविड-19 महामारी ने होम गार्डन्स, किचेन गार्डन्स, न्यूट्रीशियन गार्डन्स और तो और रूफटॉप गार्डन्स के महत्व को उजागर किया है.
अनेक फल और सब्जियां मौसमी तथा खराब होने वाले होते हैं. फसल कटाई, परिवहन और भंडारण के दौरान होने वाला भारी नुकसान दुकानों और बाजारों में उनकी उपलब्ध मात्रा में कमी लाता है. आपूर्ति शृंखला में खाद्य पदार्थों की हानि में कमी लाना, उत्पादक संगठनों की क्षमता को मजबूती प्रदान करना तथा बुनियादी सुविधाओं में निवेश बढ़ाना, फसल कटाई के बाद की व्यवस्था और वितरण संबंधी कार्यों में मददगार हो सकता है.
समूचे विश्व में मौजूद कोविड-19 की मौजूदा परिस्थितियों के बीच वर्ष 2021 को फल एवं सब्जियों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईएफवी) घोषित किया जाना एक उचित निर्णय है. ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोक्रेट्स (जीआईएसटी) फोरम के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का एक समूह 13 अप्रैल, 2021 को आहार क्रांति का शंखनाद करने के लिए आगे आया. आहार क्रांति का उद्देश्य बेहतर जागरूकता, बेहतर पोषण और बेहतर कृषि को बढ़ावा देना है. यह लोगों को भारतीय परम्परागत आहार, स्थानीय फलों और सब्जियों की उपचारात्मक शक्तियों और संतुलित आहार के चमत्कारों के बारे में शिक्षित करेगी. आहार क्रांति में स्थानीय स्तर पर उपलब्धत फलों और सब्जियों में उत्तम एवं संतुलित आहार की परिपूर्णता समीक्षा की जाएगी.
बदलती जीवन शैलियों और खान-पान की आदतों के साथ आहार में फलों और सब्जियों का महत्व तेजी से महसूस किया जाने लगा है. 2021: फल एवं सब्जियों का अंतरराष्ट्रीय वर्ष, देशों और पूरी खाद्य प्रणाली में संलग्न लोगों को फल एवं सब्जियों के पोषक तत्वों के बारे में जानकारी का प्रसार करने का अवसर उपलब्ध कराता है. इससे समग्र दृष्टिकोण के प्रति अग्रसर होने में सहायता मिलेगी, जिससे भूख और कुपोषण के सभी स्वरूपों को मिटाने तथा सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान मिलेगा. अंत में कहा जा सकता है अपने भोजन का चयन समझदारी से कीजिए और गर्व के साथ अपनी सेहत के मजे लीजिए.
(लेखक क्रमश: राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (दिल्ली शाखा), क्षेत्रीय जैविक खेती केंद्र (जबलपुर) और ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (भुवनेश्वर) से संबद्ध हैं, ईमेल: pkghosh2003@gmail.com)
व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं.
(चित्र: एफएओ)