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विशेष लेख


Issue no 36, 04 -10 December 2021

स्वच्छ अमृत महोत्सव 2021

शहरी भारत के स्वच्छता चैंपियन सम्मानित

 

समीरा सौरभ

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 20 नवंबर, 2021 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित 'स्वच्छ अमृत महोत्सव के दौरान स्वच्छ भारत मिशन - शहरी 2.0 के पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में  स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की पहल-स्वच्छ सर्वेक्षण 2021, सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती, और शहरों के लिए कचरा मुक्त स्टार रेटिंग के लिए प्रमाणन आदि के लक्ष्यों को लागू करने और उन्हें साकार करने में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कस्बों/शहरों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों के तहत 300 से अधिक पुरस्कार दिए गए.

 

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021

स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत इंदौर ने लगातार पांचवें वर्ष भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया, जबकि सूरत और विजयवाड़ा ने 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहर की श्रेणी में क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया. 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहर की श्रेणी में, महाराष्ट्र के वीटा, लोनावाला और सासवड ने क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया. वाराणसी सर्वश्रेष्ठ गंगा शहर  के रूप में उभरा, जबकि अहमदाबाद छावनी ने भारत की सबसे स्वच्छ छावनी का खिताब जीता, इसके बाद मेरठ छावनी और दिल्ली छावनी का स्थान रहा. होशंगाबाद (मध्य प्रदेश), 'फास्टेस्ट मूवर सिटी की श्रेणी में 2020 की रैंकिंग में 361वें स्थान से 274 रैंक की छलांग के साथ 87वें स्थान पर पहुंच गया (1 लाख से अधिक आबादी वाले शहर की श्रेणी में) और इस प्रकार उसने शीर्ष 100 शहरों में  स्थान बना लिया.

 

छत्तीसगढ़ लगातार तीसरे वर्ष '100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों की श्रेणी में 'सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में उभरा, जबकि झारखंड ने दूसरी बार, '100 से कम शहरी स्थानीय निकायों की श्रेणी में सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार जीता. कर्नाटक और मिजोरम क्रमश: बड़े (100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों) और छोटे (100 से कम शहरी स्थानीय निकायों) राज्य की श्रेणी में 'फास्टेस्ट मूवर सिटी बन गए.

 

इस वर्ष के सर्वेक्षण में 4,320 शहरों ने भाग लिया, जिसमें नागरिकों की प्रतिक्रिया अभूतपूर्व संख्या में भी देखी गई. यह पिछले वर्ष के 1.87 करोड़ की तुलना में 5 करोड़ से अधिक रही. कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, 2,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं की एक टीम ने 28 दिनों के रिकॉर्ड समय में 65,000 से अधिक वार्डों का दौरा किया. महाराष्ट्र कुल 92 पुरस्कार प्राप्त करने में सफल रहा. यह संख्या इस वर्ष के सर्वेक्षण में किसी भी राज्य द्वारा हासिल किए गए पुरस्कारों में सबसे अधिक है. इसके बाद छत्तीसगढ़ का स्थान रहा जिसे 67 पुरस्कार मिले हैं. इसके अलावा, स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत शुरू की गई एक नई प्रदर्शन श्रेणी 'प्रेरक दौर सम्मान के अंतर्गत पांच शहरों- इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, नई दिल्ली नगरपालिका और तिरुपति को 'दिव्य (प्लैटिनम) के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

 

स्वच्छ सर्वेक्षण, शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए वर्षों से एक प्रभावी उपकरण के रूप में उभरा है. स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 ने स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में समूचे शहरी भारत से 6,000 से अधिक नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान करने में मदद की है. माननीय राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि 'अपशिष्ट से धन की अवधारणा के अच्छे उदाहरण सामने आ रहे हैं और इस क्षेत्र में कई स्टार्ट-अप सक्रिय हैं और इस क्षेत्र में उद्यमिता और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उपयुक्त योजनाएं बनाई जा सकती हैं.

 

सफाई मित्र सुरक्षा चुनौती

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अग्रिम पंक्ति के कर्मियों- सफाई मित्रों को भी विश्व शौचालय दिवस (19 नवंबर) के उपलक्ष्य में सम्मानित किया गया. पहली बार 'सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया गया. पिछले साल सरकार द्वारा सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के खतरनाक काम के दौरान किसी की मृत्यु न हो इसके लिए शुरू की गई 'सफाई मित्र सुरक्षा चुनौती में भाग लेने वाले 246 शहरों में इंदौर, नवी मुंबई, नेल्लोर और देवास, विभिन्न जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों के रूप में उभरे. राज्यों में छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ ने 'सफाई मित्र सुरक्षा चुनौती के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य और केंद्रशासित प्रदेश का पुरस्कार जीता. 'सफाई- मित्र सुरक्षा चुनौती पिछले एक साल में, विभिन्न पहल के माध्यम से शहरी भारत में 'मैनहोल से मशीनहोल क्रांति को आगे बढ़ाने में सक्षम रही है. ये पहल हैं- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्तीय विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) के माध्यम से बैंकों के साथ सफाईमित्रों का क्रेडिट लिंकेज, हरित नौकरियों के लिए क्षेत्र कौशल परिषद के माध्यम से नौकरी प्रशिक्षण और 190 से अधिक शहरों में एक नागरिक शिकायत प्लेटफॉर्म- हेल्पलाइन नंबर 14420 की स्थापना.

 

शहरों के लिए कचरा मुक्ति स्टार रेटिंग

कुल 9 शहरों - इंदौर, सूरत, नई दिल्ली नगर पालिका, नवी मुंबई, अंबिकापुर, मैसूरू, नोएडा, विजयवाड़ा और पाटन- को 5 सितारा शहरों के रूप में प्रमाणित किया गया है, जबकि 143 शहरों को 3 सितारा के रूप में प्रमाणित किया गया है. कचरा मुक्त शहरों के स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल को 2018 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा एक स्मार्ट संरचना के रूप में पेश किया गया था, ताकि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मापदंडों में शहरों का समग्र मूल्यांकन किया जा सके. 2018 में केवल 56 शहरों को स्टार रेटिंग पर प्रमाणन प्रदान किया गया था. इस साल, मूल्यांकन के लिए आवेदन करने वाले 2,238 शहरों के साथ यह संख्या कई गुना बढ़ गई है. कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद यह पूरी कवायद सफलतापूर्वक पूरी की गई थी. इस समूची प्रक्रिया की विशालता का अनुमान इन संख्याओं से लगाया जा सकता है कि मूल्यांकन अवधि के दौरान 14.19 लाख नागरिक सत्यापन और कवर किए गए 1 लाख स्थानों और 3.5 करोड़ डेटा बिंदुओं से 1.4 करोड़ फोटोग्राफिक साक्ष्य एकत्र किए गए थे.

 

मिशन के उद्देश्य

स्वच्छ भारत मिशन - शहरी, 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य शहरी भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाना और देश के 4,041 वैधानिक शहरों में नगरपालिका ठोस कचरे का 100 प्रतिशत वैज्ञानिक प्रबंधन करना है. स्वच्छ भारत अभियान, आर्थिक उत्थान और बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता और सुरक्षित पानी के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाकर समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहा है.

अभियान के उद्देश्य निम्न प्रकार हैं-

·         खुले में शौच से मुक्ति

·         हाथ से मैला उठाने की प्रथा का उन्मूलन

·         नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का आधुनिक और वैज्ञानिक प्रबंधन

·         स्वस्थ स्वच्छता प्रथाओं के संबंध में व्यवहार परिवर्तन को प्रभावित करना

·         स्वच्छता का संबंध और सार्वजनिक स्वास्थ्य से होने  के बारे में जागरूकता पैदा करना

·         शहरी स्थानीय निकायों के लिए क्षमता संवर्धन

·         कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) और ओपेक्स (संचालन और रख-रखाव) में निजी क्षेत्र की भागीदारी के अनुकूल वातावरण बनाना

 

वर्तमान घटनाक्रम

नागरिकों को निरंतर इससे जोड़े रखने और जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए, स्वच्छ भारत अभियान के कार्यान्वयन में भागीदारी दृष्टिकोण को नियमित अंतराल पर थीम-आधारित स्वच्छता अभियान के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है, जो एक क्षेत्र के लिए विशिष्ट हैं. थीम-आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शहर के प्रमुख स्थानों और क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है. अभियान के कार्यान्वयन और हितधारकों की भागीदारी की सुविधा के लिए, विशिष्ट विषय के आधार पर, संबंधित सरकारी विभागों और संस्थाओं को शामिल किया  जाता है. माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत-2.0 का शुभारंभ एक ऐतिहासिक घटना थी.

 

इससे पहले, 27 सितंबर 2021 को 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 शुरू किया गया था. उसी दिन, 'कचरा अलग करो अमृत दिवस मनाया गया, जिसके दौरान पूरे भारत में, वार्डों/निवासी कल्याण संघों में शहरी स्थानीय निकायों द्वारा स्रोत पर पृथक्करण के लिए स्वच्छाग्रहियों के समूहों द्वारा घर-घर जाने का अभियान चलाया गया. इस दिन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले निवासी कल्याण संघों, स्लम विकास प्राधिकरणों और अन्य को भी सम्मानित किया गया. 28-29 सितंबर 2021 के दौरान सार्वजनिक शौचालय सफाई जनभागीदारी अमृत उत्सव मनाया गया, जिसके तहत नागरिकों द्वारा सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता के बारे में फीडबैक लिया गया.

 

2 और 3 अक्टूबर को सफाई मित्र सम्मान अमृत समारोह का भी आयोजन किया गया था जहां सफाई मित्रों के साथ वर्चुअल संवाद तथा ऋण वितरण आयोजित किया गया था और नागरिकों को जागरूक करने के लिए डिजिटल डिस्प्ले की व्यवस्था की गई थी. इसमें अपशिष्ट प्रसंस्करण उद्यमियों का अभिनंदन किया गया और अपशिष्ट से कलाकृतियों की प्रदर्शनियों/बर्तन भंडारों का प्रदर्शन भी आयोजित किया गया.

तकनीकी उपाय

पिछले सात वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान-शहरी की यात्रा के तहत परिणामों को प्राप्त करने में प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस डिजिटल यात्रा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए, मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 वेबसाइट और एकीकृत एमआईएस पोर्टल 'स्वच्छतम को नया रूप दिया है. 'स्वच्छता ऐप 2.0 एक अखिल भारतीय नागरिक प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म है जो सार्वजनिक शौचालयों का पता लगाने और उनका मूल्यांकन करने के लिए सार्वजनिक विकल्प प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, एक भविष्यवादी और अत्याधुनिक स्थानिक जीआईएस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई है जो मिशन को स्मार्ट, डेटा संचालित निर्णय लेने की दिशा में आगे बढ़ाएगा. ये नई डिजिटल सक्षमता, मिशन को कागज रहित, मजबूत तथा पारदर्शी बनाने के साथ-साथ राज्यों, शहरों और स्वच्छता स्पेक्ट्रम के हितधारकों के साथ चौबीसों घंटे संपर्क करने में सक्षम बनाएगी.

 

(लेखिका भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में निदेशक हैं. उनसे sameera.saurabh@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

 व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं