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संपादकीय लेख


vol.33, 2017

 

स्मार्ट लाइब्रेरी एप्पस: उत्पादक और डिजिटल साक्षरता
में अभिनव कदम

डॉ. एस शेखर सिंह और प्रोफे. (डॉ.) एम टी एम खान

इलेक्ट्रॉनिक रूप में सूचना के प्रोसेस और आदान-प्रदान के लिये हमारे सामथ्र्य में हाल की हुई प्रगति दुनिया भर में कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं और सामाजिक संरचनाओं को नया स्वरूप प्रदान कर रही हैं. पुस्तकालय डिजिटल नागरिकता के मार्ग में अग्रणी भूमिका में हैं. प्रथम स्थान वे होने चाहिएं जहां सर्वाधिक उन्नत प्रौद्योगिकियां कार्यान्वित की जाती हैं. टेक्नो-डिजिटल स्मार्ट सोसाइटी में स्मार्ट लाइब्रेरी एप्पस (एसएलए) की पहल, पुस्तकालय सेवाओं को अभिनव तरीके से साक्षरता सेवाओं में उनके शिक्षण हब के रूप में परिवर्तित करने के काम में तेज़ी लेकर आयेगी.
पुस्तकालय रिकॅार्डिड ज्ञान का भण्डारगृह होते हैं. ये भौतिक मीडिया है जो कि प्रौद्योगिकीय उन्नतियों और नवाचारों के साथ समय-समय पर बदलते ज्ञान को रिकॅार्ड करता है. पुस्तकालय के महत्वपूर्ण विकास को 4 बी.सी के आसपास निनेवे में किंग अशुरबानिपाल की क्ले टेबलेट लाइब्रेरी से लेकर वर्तमान स्मार्ट लाइब्रेरी तक देखा जा सकता है. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी), इंटरनेट और विशेष तौर पर विश्वव्यापी वेब की खोज़ ने सूर्य के नीचे हर चीज में क्रांति पैदा कर दी है. सूचना और संचार क्रांति की शुरूआत ने कई संस्थानों के आवरण को बदल डाला है. अब हम डिजिटल दुनिया में रह रहे हैं. हर तरफ -कैमरा, -डायरी, डिजिटल टेलीविजन, -हस्ताक्षर आदि के रूप में हमारे सामने प्रमाण हैं. साथ ही बड़े पैमाने पर सूचना को रिकार्ड, भण्डारण, पुन:प्रापण और विस्तार भी किया जाता है. समझा जाता है कि लाइब्रेरी शब्द का उद्भव लातिन शब्दलाइबरसे हुआ है जिससे आशय है इस्तेमाल के उद्देश्य के लिये व्यवस्थित रूप में पुस्तकों का रखरखाव करना.
इलेक्ट्रॉनिक सूचना तेज़ गति से वैश्विक नेटवर्क पर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल का प्रसार है. सूचना विस्फोट की देख रेख के लिये बेहतर और तीव्र नेटवर्कों के साथ-साथ अद्यतन टूल्स और तकनीकें अपेक्षित होती हैं. सूचना बहुत ही तेज़ गति से प्रसारित हो रही है. सूचना संबंधी क्षेत्र विशेषकर संग्रह, प्रोसेसिंग, भण्डारण और सूचना के विस्तार की प्रवृत्ति और परिवर्तन के परिणामस्वरूप पुस्तकालयों के स्मार्ट एप्प और पुस्तकालयों में परिवर्तन की क्रांति आई है. ये अपनी सेवाएं टूल्स और तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए प्रदान करती हैं जो कि वर्तमान स्मार्ट -वातावरण में अधिक प्रभावी और उपयोग अनुकूल हैं. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्पस एक टूल है जो कि सभी लाइब्रेरियों, विशेषकर राष्ट्रीय महत्व के पुस्तकालयों, शैक्षणिक संस्थानों के पुस्तकालयों के लिये अधिक फायदेमंद है. आज के दिन पुस्तकालय केवल पुस्तकें जुटाने के लिये नहीं हैं. वे केवल व्यक्तियों बल्कि टीमों के लिये भी सृजनात्मक स्थान हैं. वे आर्थिक इन्क्यूबेटर्स और शिक्षण हब हैं. स्मार्ट एप्पस युक्त पुस्तकालय उपयोगकर्ताओं को उनके हाथ में मौजूद उपकरणों जैसे कि स्मार्ट फोन, टेबलेट्स की स्क्रीन पर सीधे अपेक्षित दस्तावेज उपलब्ध कराते हैं जिससे कि स्मार्ट -सूचना से जुड़ा जा सकता है. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्पस व्यक्ति विशेष की उनके रुचि के क्षेत्र के अनुरूप आवश्यकताएं पूरी करने के वास्ते तीव्र प्रौद्योगिकी विकास चक्र के जरिए काम करेंगी. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प अपनी सूचनाएं उपयोगकर्ताओं को एक क्षण में उनके स्क्रीन पर उपलब्ध करा देती हैं और उपयोगकर्ता इस सूचना को अन्य को उपलब्ध करा सकता है.
एप्पस या स्वदेशी एप्लीकेशन्स आपके स्मार्ट उपकरणों के लिये छोटे-छोटे प्रोग्राम होते हैं. वे उपयोगकर्ताओं को -मेल, ट्वीटर और फेसबुक की जांच करने, वेब सर्फिंग, संगीत सुनने या टे्रनों के समय पर आवागमन की जांच करने में सहायक होती हैं. इसके अलावा प्लेटफार्म विनिर्दिष्ट एप्प, अनेक मोबाइल वेबसाइटें भी वेब एप्प के तौर पर जानी जाती हैं जो कि आपके स्मार्ट उपकरण के ब्राउजर (सफारी, इंटरनेट एक्सप्लोरर, फायरफॉक्स आदि) के जरिये प्रापण योग्य होती हैं और छोटा या बड़ा कोई भी उपकरण हो सब में काम करती हैं. ये वेबसाइटें स्मार्ट उपकरण डिस्पले पर अधिकतम उपयोग के लिये होती हैं. ब्राउजर के जरिये काम करने के कारण, ये स्वदेशी एप्पस में इस्तेमाल में अक्सर थोड़ा धीमी होती हैं.
स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प से लाइब्रेरी सेवाओं में तेज़ी आयेगी और कैटेलॉग जैसी खोज़बीन की तीव्र सुविधा उपलब्ध होगी. उपयोगकर्ता को सामान्यत: अनेक परिणाम प्राप्त होते हैं, स्क्रीन पर एक नया बटन प्रदर्शित होगा, यदि आपको फिर एक से अधिक हिट्स प्राप्त होते हैं, तो आप पूर्ववर्ती खोज़ क्षेत्र का प्रयोग करते हुए, कलेक्शन्स या विशेष कलेक्शन को देखने में समर्थ होंगे. ‘‘रू4 ्रष्ष्शह्वठ्ठह्ल’’ में लॉग करें जिसके बाद आप देख सकेंगे कि कौन सी पुस्तकें आपने ब्राउज की हैं और उन्हें कब लौटाना, लोन, नवीनीकरण कराना होगा या कोई अन्य अनुरोध करना है, लाइब्रेरी से समाचारों/अद्यतनों के लिये ताज़ा जानकारी प्राप्त करते रहें, सभी लाइब्रेरी स्थलों के लिये स्थानों और वास्तविक खुलने के घण्टों के बारे में जानें, सोशल साइटों जैसे कि फेसबुक, ट्वीटर पर फॉलो करें और पुस्तकालय विशेषज्ञों से चैट करें जो कि सप्ताह में चौबीसों घण्टे उपलब्ध रहते हैं. पच्चीस वर्ष पहले लोग कह रहे थे कि इंटरनेट पुस्तकों को बाहर का रास्ता दिखा देगा. वास्तव में इसने हमें व्यस्त बना दिया है. एसएलए एप्प नियमित पुस्तकालय वेबसाइट की सेवाओं को बढ़ावा देगा, एप्प की सहायता से उपयोगकर्ता आईएसबीएन -प्रत्येक पुस्तक के कवर पर दर्ज होने वाला बार कोड, को स्कैन कर सकता है और प्रस्तुतकर्ता के पास उपलब्धता की स्थिति जानने के लिये लाइबेरी कैटेलॉग की खोज़ कर सकेगा. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प लाइब्रेरी के इस्तेमाल के लिये इसी तरह का अन्य पहुंच बिंदु है, इसमें कोई संदेह नहीं कि उपयोगकर्ता लाइब्रेरी को अपनी सुविधा अनुसार प्रयोग में ला सकता है.
स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प के नये अभिनव एप्लीकेशन पुस्तकालय सेवाओं और सूचना विशेषज्ञों की भूमिका के साथ-साथ उपयोगकत्र्ताओं की सूचना की भूमिका पर प्रभाव डालेगा जो कि उनकी तत्काल आवश्यकता से संबंधित है. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प एक ऐसा एप्प है जिसमें अनेक डिजिटल -इन्फारमेशन संसाधन हैं जो कि सर्वर से लिंक हैं और नेटवर्क के अधीन स्थापित हैं. सूचना स्रोत और उनका विस्तार पूर्णत: डिजिटाइज़ है और चाहे लाइब्रेरी हो, घर या काम पर हों एसएलए इंस्टाल करके किसी टेबलेट या स्मार्ट फोन पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प पहुंच, गति और उपलब्धता के संबंध में सूचना के विस्तार में क्रांति उत्पन्न कर रही हैं. आपको पहली बार एसएलए डाउनलोड करने के लिये इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत है. केवल उस एप्प को डाउनलोड करें जिसका आप इस्तेमाल करने जा रहे हैं और इससे जुडऩे के बाद आप सूचना प्राप्त कर सकते हैं. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प के पीछे की मूल अवधारणा सही समय पर सही उपयोगकर्ता को सही सूचना उपलब्ध कराने के लिये संसाधनों और उपलब्धता की वैश्विक हिस्सेदारी करना है. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प कुछ और नहीं बल्कि एक ऐसा एप्प है जिसका विश्वव्यापी किसी लाइब्रेरी विशेष के साथ इलेक्ट्रानिक या डिजिटल स्वरूप में सूचना के विभिन्न स्रोतों का जुड़ाव है. एसएलए को कम स्थान, प्रबंधन के लिये कम मानवशक्ति शक्ति की आवश्यकता होती है और इस तरह यह किफायती होता है.
दरअसल, वेस्टफोर्ड, न्यू जर्सी में पुस्तकालय संरक्षक अब अपने स्मार्ट फोनों को लाइब्रेरी कार्ड्स के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. कार्डस्टार एप्प संरक्षकों को अपने स्मार्ट फोनों पर उनके लाइब्रेरी कार्ड बारकोड को सेव करने में सहायक होते हैं. वे पुस्तकों के बारे में पता लगाने के लिये सीधे फोन में कोड को स्कैन कर सकते हैं. ओकविले पब्लिक लाइब्रेरी भी स्मार्ट फोन एप्प की प्रवृत्ति में शामिल हो रही है और एक ऐसा एप्प प्रस्तुत कर रही है जिससे संरक्षक अपने अकाउंट्स तक पहुंच जाते हैं. संरक्षक वस्तुओं को धारण, नवीकृत कर सकते हैं, पुस्तकालय के घण्टों की जांच कर सकते हैं, कलेक्शन का पता लगा सकते हैं और -बुक्स तथा ऑडियो बुक्स को डाउनलोड कर सकते हैं. कैम्ब्रिज लाइब्रेरी की वेबसाइट भी स्वत: मोबाइल उपकरणों से जुड़ जाती है. कैम्ब्रिज भी एक एप्प प्रस्तुत करती है परंतु यह केवल आगामी इवेंट्स की जानकारी प्रदान करती है. एब्सकोहोस्ट, एक वेब एप्प कई डाटाबेसों जैसे कि साइइन्फो, एरिक और एकेडमिक रिसर्च प्रीमियर का एक्सेस प्रदान करती है. यह आईफोन और एंड्रायड एप्प दोनों उपलब्ध कराती है जो कि मोबाइल वर्जन की तुलना में आसान लॉग-इन उपलब्ध कराती है. एप्प डाउनलोड करने के बाद आपको डिजिटल लाइब्रेरी के जरिए एक एबस्को डाटाबेस को खोलने की जरूरत होती है. वल्र्डकैट, दर्जनों देशों में 10,000 से अधिक पुस्तकालयों का कलेक्शन धारण करने वाली विश्वव्यापी कैटलॉग है. वल्र्ड कैट के आईफोन एप्प और वेब एप्प दोनों हैं.
भारतीय अकादमिक पुस्तकालयों का टेबलेट्स/स्मार्ट फोन, ओसीबी (वर्चुअल हेल्प डेस्क) जैसे स्मार्ट उपकरणों के लिये एसएलए (स्मार्ट लाइब्रेरी एप्पस) द्वारा नई अभिनव सेवाओं से स्क्रीन पर सूचना उपलब्ध करवाने के अद्यतन टूल्स और तकनीकों के जरिए डिजिटाइज करने की आवश्यकता है. हमारे देश में कुछेक अकादमिक पुस्तकालय अब स्मार्ट सेवाओं की तरफ बढ़ रहे हैं. मानव संसाधन विकास मत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित और आईआईटी खडग़पुर द्वारा समन्वित नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ने हाल में स्मार्ट उपकरणों से अपना एनडीएल एप्प शुरू किया है जहां लोगों के लिये -सूचना और -संसाधन उपलब्ध हैं, ये हैं डीएलआई (5,00,000 से अधिक क्लासिक पुस्तकें), लिब-रिवोक्स (2 लाख से अधिक ऑडियो पुस्तकें), एसएनएलटीआर (रबीन्द्र नाथ ठाकुर के साहित्य का डिजिटाइजेशन), कृषिकोष (कृषि पर 50,000 से अधिक पुस्तकें, जर्नल्स, आलेख और प्रतिवेदन), एनपीटीईएल (मा.सं.वि. मं. द्वारा प्रायोजित परियोजना जिसमें 10,000+ इंजीनियरिंग विषयों के विडियो लेक्चर हैं) और वर्तमान में 412096 मदें हैं जो कि एनडीए के इस्तेमाल के प्रति लोगों, विशेषकर शोधकर्ताओं और छात्रों की रुचि को बढ़ा रहा है जिन्हें इन मूल्यवान -सूचना संसाधनों की आवश्यकता है. सरकार को कुछ -अकादमिक स्मार्ट एप्प शुरू करने के लिये कदम उठाने के साथ-साथ सभी शैक्षणिक संस्थानों को उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं पर आधारित अपने लाइब्रेरी एप्प शुरू करने के लिये निदेशित करना चाहिये जो कि लाइब्रेरी से -फॉर्म में सब्सक्राइब और एक्सेस प्राप्त कर सकें और वेब पर उपलब्ध -संसाधनों से जुड़ सकें जो कि संकायों, शोधकत्र्ताओं और छात्रों द्वारा प्रयोग में लाये जाते हैं, जैसे कि -पीजी पाठशाला (मा.सं.वि.मं. की स्नातकोत्तर स्तर पर 71 विषयों में -सामग्री विकसित करने के लिये आईसीटी के जरिए शिक्षा पर इसके राष्ट्रीय मिशन के अधीन परियोजना), वर्चुअल लैब्स, एक दृष्टिकोण, शिक्षक से बात करें (पुरस्कार विजेता स्वदेशी निर्मित मल्टी-मॉडल, मल्टी मीडिया -लॄनग प्लेटफार्म जो कि व्यापक -लॄनग अनुभव प्रदान करता है), स्पोकन टयूटोरियल, वीएलई (वर्चुअल लॄनग एन्वायरमेंट, स्नातकपूर्व और स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाये जाने वाले कई विषयों की जरूरत को पूरा करने वाले -संसाधनों का ऑनलाइन वातावरण), -कल्प (डिजिटल लॄनग वातावरण के सृजन संबंधी एक परियोजना) आदि. यह भारतीय छात्रों का अपने अध्ययन और शिक्षण के प्रति रूझान पैदा करेगा. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि परंपरागत प्रणालियां -सिस्टम्स और वर्चुअल लॄनग सिस्टम्स में परिवर्तित हो रही हैं.
स्मार्ट लाइब्रेरी एप्पस टेक्नो डिजिटल स्मार्ट युग में पठन-पाठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. ये जब भी अपेक्षित होगा बहुत ही आसानी से स्मार्ट फोनों और टेबलेट्स में डाउनलोड और इंस्टाल किये जा सकेंगे. अत: सूचना सेवाएं चारदीवारी के भीतर तक सीमित होकर नहीं रहेंगी बल्कि ग्रामीणों से लेकर उन्नत लोगों तक सभी के लिये स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्कों के साथ समेकित हो जायेंगी. अकादमिक पुस्तकालय डा. एस आर रंगनाथन द्वारा प्रदान किये गये पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के मंत्र अर्थात ‘‘हरेक उपयोगकर्ता और हरेक पाठक का अपनी पुस्तक के लिये समय बचाएं‘‘ हासिल करने के लिये इस सरल अभिनव कदम से लाइब्रेरी एप्प सेवाएं अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती हैं.
स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प (एसएलए) की विशेषताएं:
संरचित सूचना जिसे एसएलए के जरिये उपलब्ध कराया जाता है , डिजिटल -ऑब्जेक्ट पुकारा जाता है जिसमें -पाठ, -ऑडियो, -विडियो, -फोटोग्राफ, -चित्र, -ड्राइंग्स, -कम्प्यूटर प्रोग्राम्स, -आर्ट वक्र्स, -व्याख्या, -संख्याडाटा, -कोस्मोलोजिकल डाटा, डिजिटाइज़्ड -साउण्ड, -ग्राफिक्स और डिजिटल -फार्म में मल्टीमीडिया अवयव शामिल हैं. एसएलए के लिये नि:संदेह डिजिटल स्मार्ट उपकरण जैसे कि टेबलेट्स, स्मार्ट फोन आदि और वेब प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा परंपरागत और सामान्य कार्य के कम्प्यूटरीकरण के लिये निम्नलिखित फ़ीचर्स रखने ही होंगे:
*विभिन्न डिजिटल वस्तुओं को लिंक उपलब्ध करवाना
*राष्ट्रीय आंदोलनडिजिटल इंडियाको समर्थन
*प्रचार समर्थन और -सूचना का एकीकरण
*एक स्मार्ट एप्प पुस्तकालय, घर में या काम पर कहीं भी उपलब्ध फार्मेट में सूचना की पहुंच के अवसर प्रदान करता है.
*संग्रह विकास, संयोजन, पहुंच और संरक्षण के परंपरागत पुस्तकालय मिशन को समर्थन
*प्राथमिक और माध्यमिक दोनों ही व्यापक सूचना संग्रह तक पहुंच प्रदान करता है.
*सर्च और रिट्रीवल इंटरफेस को समर्थन और उपलब्धता
*एसएलए से बड़ी मात्रा में दुर्लभ और ख़र्चीली सामग्री की दूरस्थ पहुंच के जरिए इस बाधा के दूर होने की
आशा है.
*उपयोगकर्ता की पहुंच में सुविधा के लिये एसएलए को शक्तिशाली उपयोग अनुकूल इंटरफेस प्रभावी खोज और रिट्रीवल उपलब्ध कराना चाहिये.
*हैंडलिंग, खोज़बीन और प्रबंधन में आसानी
*डिजिटाइज़्ड -उपकरणों से साफ-सुथरी हार्ड प्रति का पुन: उत्पादन जिससे समय की बचत होती है.
*अनौपचारिक शिक्षण व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
वितरित सूचना केे व्यापक सृजन और प्रयोग के लिये अधिक से अधिक लोगों को समर्थ बनाने में पुस्तकालयों में शोध अनिवार्य है. पुस्तकालय में डाटा के टेराबाईट के प्रबंधन के लिये तीव्र सूचना खोज संगणन क्षमता और नेटवर्क से जुड़ी होती है जिस तक पूर्ण पहुंच की आवश्यकता है जिसकी अभी तक मानवीय पैमाने पर कम पहुंच है. स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प आपके हाथ में स्मार्ट स्क्रीन की मदद से मिनटों में इस्तेमाल करने और कार्य को पूरा करने के लिये तीव्र और तेज़ी से लिंक प्रदान करता है. सूचना समाज को बेहतर बनाने के लिये सरकार को -संसाधनों और सेवाओं के लिये विशेषकर अकादमिक संस्थानों (प्राथमिक से उच्चतर) के लिये नये अद्यतन औज़ार और अनुप्रयोग के वास्ते पर्याप्त वित्त और अन्य सुविधाएं प्रदान करनी चाहिये. दरअसल, अकादमिक पुस्तकालय/संस्थानों (विशेषकर राष्ट्रीय महत्व वाले) को  अपने -कलेक्शन, वेब और ओपन वेब संसाधनों की पहुंच बढ़ाने के लिये टेबलेट्स/स्मोर्ट फोनों, ओसीबी (ऑनलाइन चैट बॉक्स) और वीएचडी (वर्चुअल हेल्प डेस्क) जैसे स्मार्ट उपकरणों के लिये एसएलए (स्मार्ट लाइब्रेरी एप्पस) जैसे और अधिक अद्यतन टूल्स और एप्लीकेशन्स विकसित करने के लिये कदम उठाने चाहिएं. यह कदम/एसएलए उपयोगकर्ताओं को सामान्य संसाधनों की अपेक्षा, जिनकी प्रामाणिकता सिद्ध नहीं होती है, संबंधित पुस्तकों के उपलब्ध ओपन वेब संसाधनों, -संसाधनों और -सेवाओं के इस्तेमाल के प्रति प्रेरित करेगा. सरकार को डिजिटल इंडिया 2020 के लक्ष्य को पूरा करने के लिये देश में विभिन्न पुस्तकालयों/संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों, ओपन वेब संसाधनों और सेवाओं के उत्कृष्ट इस्तेमाल के लिये एनईसी एप्प (नेशनल -कॉर्नर) विकसित करने के लिये कदम उठाने चाहियें जो कि सामान्य फीस पर मात्र एक क्लिक की दूरी पर हैं. यह ओपन एक्सेस संसाधनों के प्रति ओपन एक्सेस और इस्तेमाल के लिये प्रोत्साहित करने में सहायक होगा. यह सच्चाई है कि इन संसाधनों का मूल्य बढ़ रहा है क्योंकि स्मार्ट लाइब्रेरी एप्प एक अनूठा है और हमारी आशाओं से अधिक इसका इस्तेमाल हो रहा है. स्थानीय समुदायों की प्रौद्योगिकीय साक्षरता में सुधार करने के लिये पुस्तकालयों को संगत प्रौद्योगिकियों जैसे कि लाइब्रेरी बुकमार्ग एंड गाइड डिवाइस, बुक डिलीवरी ड्रोन, प्रिंट पुस्तकों के लिये डिजिटल इंटरफेस, मोबाइल लाइब्रेरी सेंटर सेे, इनमें से कुछेक को चरणबद्ध रूप में, लैस किया जाना चाहिये-जिसका भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
(शेखर सिंह, एनवीएस नोएडा में लाइब्रेरियन हैं और एम टी एम खान गलगोटिया यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा में प्रोफेसर एवं डीन, स्कूल ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फारमेशन साइंस, हैं,
-मेल : shekharlib22@gmail.com; mtmkhan55@gmail.com)
चित्र: गूगल के सौजन्य से