रोज़गार समाचार
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संपादकीय लेख


Issue no 43, 21-27 January 2023

 

आधुनिककीकरण के नए युग में

भारतीय रेल का प्रवेश

 

साक्षात्‍कार

भारतीय रेल आधुनिक स्टेशनों, रेलगाडि़यों और प्रौद्योगिकी की शुरुआत तथा बेहतर कनेक्टिविटी के साथ विस्तार और बड़े पैमाने पर बदलाव के दौर से गुजर रही है। वर्तमान में, भारतीय रेलवे नेटवर्क पर छह आधुनिक 'वंदे भारत' रेलगाडि़यां चल रही हैं। इनके अलावा, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भव्‍य ऐतिहासिक स्थलों को प्रदर्शित करने वाली 'भारत गौरव' रेलगाडि़यां भी शुरू की गई हैं। दिसंबर 2022 में, भारतीय रेल ने अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरुआत की, जिसमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। इस योजना का उद्देश्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए रेलवे स्टेशनों के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और उस मास्टर प्लान को चरणबद्ध रूप से लागू करना है। विभिन्न श्रेणियों/प्रकार के प्रतीक्षालयोंया वेटिंग हॉल को जोड़ने और जहां तक संभव हो अच्छा कैफेटेरिया/फुटकर सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। स्टेशनों पर दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं रेलवे बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होंगी। आकाशवाणी के भूपेंद्र सिंह ने भारतीय रेल की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के बारे मेंरेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से रोज़गार समाचार के लिए बातचीत की।

प्रश्नः राष्ट्रीय रेल योजना के अंतर्गतवर्ष 2024 तक कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन के लिए विजन 2024 लॉन्च किया गया है। उन मोर्चों पर क्या प्रगति हुई है?

श्री अश्विनी वैष्णव: इस दिशा मेंबहुत अच्छी प्रगति हुई है। दरअसल, यदि आप गौर करें, तो 10 साल पहले भारतीय रेल द्वारा प्रतिदिन 4 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाया जाता था, जो अब प्रतिदिन 12 किलोमीटर तक ट्रैक बिछाया जाने लगा है। यह पहले कामके मुकाबले तीन गुना है, जो शानदार प्रगति है। अधिकांश क्रिटिकल और सुपरक्रिटिकल परियोजनाएं कमीशनिंग के चरण में हैं और उनमें से अनेक पहले ही चालू की जा चुकी हैं।

प्रश्नः आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना है। भारतीय रेल को "भविष्य के लिए तैयार" करने मेंरेलवे के लिए अनुसंधान और विकास तथा नई प्रौद्योगिकियों की कमिशनिंग के संदर्भ में स्‍थानीय उद्योग किस प्रकार का योगदान दे रहे हैं?

श्री अश्विनी वैष्णवः रेलवे में नई स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास पर बहुत जोर दिया जाता है। यदि आप वंदे भारत की सफलता पर गौर करें, तो यह बहुत बड़ी कामयाबी है और यह पूरी तरह से नई विश्व स्तरीय ट्रेन है, जिसे भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है। कवच (स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली) भी देश में डिजाइन और निर्मित किया गया है। हम फॉर्ज्‍ड व्‍हील्‍स का निर्माण करने जा रहे हैं जो उच्च गति वाले पहिये हैं। ये पहिए केवल भारतीय रेल के लिए ही नहीं बनाए जाएंगे, बल्कि अन्य देशों को निर्यात भी किए जाएंगे। जिस पैमाने पर लोकोमोटिव, ट्रेन, कोच, वैगन का निर्माण हो रहा है, उससे मेक इन इंडिया पहल को सही मायनों में बल मिल रहा है।

प्रश्नः रेल मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर रेलवे स्टेशनों कोउन्‍नत बनाने की योजना शुरू की है। अपग्रेड किए गए स्टेशनों की प्रमुख विशेषताओं के बारे में हमें संक्षेप में बताइए।

श्री अश्विनी वैष्णव: रेलगाड़ियों में यात्रा के दौरान यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विज़न एकदम स्पष्ट है। श्री मोदी का विज़न है कि स्टेशनों को सिटी सेंटर बनाया जाए और वे शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ते हों। फोकस अच्छा अर्बन स्‍पेस और रूफ प्लाजा बनाने पर है। प्राथमिकता का एक अन्य क्षेत्र यह है कि इन रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराए जाने चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक शहर में स्थानीय उत्पाद हैं। रेलवे स्टेशनों को उन्‍नत बनाना पूर्णतया नई अवधारणा है, जिसमें विशाल प्रतीक्षालय, अच्छे फूड कोर्ट, बच्चों और जनजातीय कलाओं के लिए स्‍थान उपलब्‍ध कराने पर ध्यान दिया जाएगा। इन तमाम कार्यों  से यात्रियों के रेल अनुभव में बदलाव आएगा।

प्रश्न: भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की गति को देखते हुए हम किस प्रकार की कौशल  संबंधी जरूरतों  और रोजगार के साधनों के सृजन पर विचार कर रहे हैं?

श्री अश्विनी वैष्णव: भारतीय रेल का देश भर में अपने लगभग 50 प्रशिक्षण केंद्रों में बहुत व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। लगभग दो लाख 50 हजार लोग रेलवे में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं और उन्‍हें देश भर में रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्‍त होते हैं। रेलवे का समाज के प्रति यह अच्छा योगदान है।

प्रश्न: कृपया हमें हीरक चतुर्भुज हाई स्पीड रेल परियोजना की मौजूदा स्थिति और भारत में बुलेट ट्रेनों के संचालन के दिशा में हुई प्रगति के बारे में बताइए।

श्री अश्विनी वैष्णव: पहली बुलेट ट्रेन परियोजना मुंबई और अहमदाबाद के बीच शुरू की गई है। इस दिशा में बहुत अच्छी प्रगति हो रही है, क्‍योंकि 126 किलोमीटर के खंबों,बड़ी नदियों पर पुलों, स्‍टेशनों और डिपो पर काम किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन की प्रौद्योगिकी काफी जटिल है। हमें प्रौद्योगिकी को समझना और आत्मसात करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग इससे अच्छी तरह वाकिफ हों और उसके बाद हम इसे अन्य गलियारों में विस्तारित करेंगे।

प्रश्न: वंदे भारत ट्रेनों ने किस प्रकार यात्रियों के यात्रा अनुभव को प्रशिक्षित किया है?

श्री अश्विनी वैष्णव: वंदे भारत ट्रेनों को मौजूदा पटरियों पर बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली सवारी के लिए डिजाइन किया गया है। वंदे भारत ट्रेन में यदि आप पानी का गिलास रखते हैं, तो उसमें से पानी नहीं छलकता, गिलास नहीं हिलता, वंदे भारत ट्रेनों मेंइसी गुणवत्‍ता की सवारी होती है। यह बहुत ही आरामदायक सवारी है। ट्रेन को 35 साल के लिए डिजाइन किया गया है, क्‍योंकि हम पटरियों को उच्च गति के लिए अपग्रेड करते हैं, इसलिए इस ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने के लिए डिजाइन किया गया है।

प्रश्न: जलवायु परिवर्तन से निपटने में ऊर्जा दक्षता की  भूमिका महत्‍वपूर्णहोती है। कृपया भारतीय रेल द्वारा ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने,विशेष रूप से हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का रुख करने संबंधी योजना के संदर्भ में किए जा रहे उपायों के बारे में बताइए।

अश्विनी वैष्णव : रेलवे इस दिशा में तीन चरणों पर ध्‍यान केंद्रित कर रहा है. पहला चरण पूर्ण विद्युतीकरण है। रेलवे ने इस मोर्चे पर काफी अच्छी प्रगति की है। हर साल लगभग पांच हजार से छह हजार किलोमीटर का विद्युतीकरण होता है। दूसराफोकससौर विद्युत और तीसरा हाइड्रोजन ट्रेन पर है। ये तीन बड़े कदम हैं;जिनके जरिए भारतीय रेल की पर्यावरण के अनुकूल रेलवे बनने की योजना है।

प्रश्नः भारतीय रेल ने स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली-कवच किस हद तक लागू की है?

अश्विनी वैष्णव : इस साल रेलवे ने लगभग तीन हजार किलोमीटर के टेंडर किए हैं। कार्यप्रगति पर है और रेलवे इसमें और तेजी लाने की योजना बना रहा है। यह बहुत अच्छी तकनीक है। यदि दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर चल रही हों, तो चालक या लोको पायलट के ब्रेक नहीं लगाने पर भी कवच प्रणाली स्वचालित रूप से ब्रेक लगाती है। इसकी सफलता पूरी दुनिया देख रही है।

प्रश्न: कृपया हमें गति शक्ति कार्गो टर्मिनल परियोजना की स्थिति के बारे में बताइए।

श्री अश्विनी वैष्णव :यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सुधार कार्यक्रम की बहुत अच्‍छी पहल है। हमने रेलवे नेटवर्क को उससे जु़ड़ने के इच्‍छुक उन लोगों के लिए खोल दिया है। भारतीय रेलवे को 140 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। 50 से अधिक आवेदनों को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। भारतीय रेलवे इसमें काफी अच्छी प्रगति कर रहा है और इससे कार्गो को सड़क से रेल की ओर लाने में मदद मिलेगी। रेल के जरिए कार्गो पर लागत, सड़क पर आने वाली लागत की तुलना में कम से कम आधे से भी कम है। इस प्रकार देश की लॉजिस्टिक्‍स लागत कम होती है।

प्रश्नः राष्‍ट्रीयगति शक्ति राष्‍ट्रीय योजना की घोषणा के बाद भारतीय रेल ने इस वर्ष के आरंभ में गति शक्ति निदेशालय का गठन किया। कृपया इस निदेशालय के अधिदेश के बारे में विस्‍तार से बताइए।

श्री अश्विनी वैष्णव: यह बहुत अच्छा सुधार है।प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अधिदेशित किया है कि हमें एकांगी रूप से नहीं, बल्कि समग्र रूप से सोचना चाहिए। रेलवे ने आठ विभागों का विलय कर उन्हें एक निदेशालय के अधीन कर दिया है। पहले किसी फाइल को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था और साधारण से मामले में भी मंजूरी मिलने में महीनों लग जाते थे। लेकिन अब कुछ ही दिनों में मंजूरी मिल रही है, जो कि काफी बड़ा बदलाव है।

प्रश्न: क्या सरकार यात्री ट्रेनों का परिचालन सार्वजनिक-निजी-भागीदारी मोड के माध्यम से करने पर विचार कर रही है?

श्री अश्विनी वैष्णव: निजी कंपनियों द्वाराट्रेनों के परिचालन की कोई योजना नहीं है। मूलत: हम यात्रियों को रेल यात्रा पर लगभग 55 प्रतिशत सब्सिडी दे रहे हैं। व्यावहारिक रूप से हर यात्री को 55 प्रतिशत की छूट और रियायत मिल रही है। निजी कंपनियों के लिए इस तरह की रियायत और छूट देना व्यवहार्य नहीं है।

प्रश्न: रेलवे 4.0, जिसे डिजिटल रेलवे भी कहा जाता है, के अंतर्गत भारतीय रेल ने अपने कामकाज के किन पहलुओं में डिजिटल अनुप्रयोगों का सर्वोत्‍तम उपयोग किया है और इस मोर्चे पर भविष्य के लिए कौन सेलक्ष्य हैं?

श्री अश्विनी वैष्णव: परिवहन योजना अब काफी हद तक स्वचालित हो चुकी है। अच्छे कंप्यूटर सिस्टम उपलब्‍ध हैं और पूरी टिकटिंग प्रणाली को कम्प्यूटरीकृत किया गया है। वैगन आवंटन, यात्रियों की ऑनबोर्डिंग और कई अन्य कार्यों को भी कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है। इससे हमें लोगों को बहुत अच्छी गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करने में मदद मिली है। इसके अलावा, रेलवे परिवहन योजना और रखरखाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का भी उपयोग कर रहा है।

प्रश्नः रेल मंत्रालय द्वारा स्टार्टअप नवाचार नीति भी शुरू की गई है। यह नीति नवोन्‍मेषी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकरअपनी परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार लाने में भारतीय रेल की किस प्रकारमदद करेगी?

श्री अश्विनी वैष्णवः रेलवे को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्‍त हुई है। 11प्रॉब्‍लम स्‍टेटमेंट्स के लिए 800 से अधिक स्टार्टअप्‍स ने आवेदन किया है। स्टार्टअप नवाचार नीति की खूबी यह है कि रेलवे उत्‍पाद को मंजूरी देने के अलावा उन स्टार्टअप्स को चार साल का अनुबंध भी देगा, ताकि वे बड़े पैमाने पर उत्‍पादों कोविकसित और तैनात कर सकें।

(साक्षात्कारकर्ता आकाशवाणी संवाददाता हैं। उनसे airnews.bhupendra@gmail.comपर संपर्क किया जा सकता है)