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संपादकीय लेख


अंक संख्या -26 , 24-30 सितम्बर,2022

चिकित्‍सा पर्यटन

भारत के उपचार उपायों की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता

श्री अविनाश मिश्रा

मधुबंती दत्‍ता

भारत ने अपनी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और विश्‍व स्‍तरीय चिकित्सा सुविधाओं की ओर समूची दुनिया का ध्‍यान और विश्वास आकृष्ट करते हुए वैश्विक चिकित्सा गंतव्‍यके रूप में अपनी मजबूत पकड़ स्थापित की है। भारतीय आतिथ्य के मूलभूत दर्शन अतिथि देवो भव: ( (अतिथि देवता के समान होता है , भारतवासी अपने अतिथियों का उपचार ईश्वर की भक्ति के समान हीकरने में यकीन रखते हैं।

चिकित्सा पर्यटन से क्या आशय है?

चिकित्‍सा पर्यटन शब्द का आशय अत्याधुनिक चिकित्सा देखरेख प्राप्त करने हेतु अंतरराष्‍ट्रीय यात्रा की योजना से है। चिकित्सा पर्यटक अन्य देशों में उपलब्‍ध किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और प्रक्रियाओं का उपयोग कर अपनी सेहत को बरकरार रखने,उसमें सुधार लाने अथवा उसे बहाल करने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय सीमाएं पार करते हैं। चिकित्सा पर्यटन के प्रमुख लाभों में बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, अत्याधुनिक तकनीक, नवीन दवाएं, अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियां, बेहतर आतिथ्य और अनुकूलित उपचार शामिल हैं।

चिकित्सा पर्यटन के मानचित्र पर भारत की स्थिति

चिकित्सा पर्यटन भारत के सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योगों में से एक है, जिसमें हाल के वर्षों में अतिशय वृद्धि हुई है और आने वाले वर्षों में इसमें पर्याप्त वृद्धि होने का अनुमान है। चिकित्सा संबंधी पर्यटन के लिए भारत एक आदर्श गंतव्य है, क्योंकि वह समग्र स्वास्थ्य एवं  कल्याण के वातावरण और उसके अनेक अवसरों के विशिष्ट मिश्रण की पेशकश करता है।चिकित्सा पर्यटन पर होने वाले खर्च के संबंध में वर्तमान में भारत 12वें स्थान पर है, जो देश की मजबूत और सहायक सरकारी नीतियों का परिणाम है, जिनमें 'चिकित्‍सा वीजा' और केंद्रित मार्केटिंग अभियान को अपनाना शामिल हैं।चिकित्सा पर्यटकों के लिए यात्रा को सुगम बनाने के लिए, 'चिकित्सा वीजा' की एक नई श्रेणी को नीति के अंग के रूप में पेश किया गया है, जिसे भारत के पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा परामर्श और उपचार के लिए भारत आने के इच्छुक पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए विकसित किया है। फिलहाल, आगंतुक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, अपेक्षित शुल्क का ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं और अपने चिकित्‍सा ई-वीजा की डिजिटल प्रति हासिल कर सकते हैं।

निम्नलिखित आंकड़े चिकित्सा वीजा पर भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें 2017 (4.95 लाख) से 2019 (6.95 लाख) तक लगभग 41% की वृद्धि दर्शायी गई है। जैसा कि आंकड़ों में दर्शाया गया है, मुख्य रूप से महामारी के कारण 2020 (1.83 लाख) में विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई। इसके बाद, 2021 (3.04 लाख) में, भारत में चिकित्सा के उद्देश्य से आने वाले लोगों की संख्या फिर से बढ़ने लगी।

आव्रजन ब्यूरो, भारत सरकार के अनुसार, इराक (93.4%), मालदीव (76.1%), यमन (69.9%), नाइजीरिया (53.1%), अफगानिस्तान (34%), सूडान (30.3%), ओमान (28%) उन शीर्ष देशों में शामिल हैं, जहां से 2020 में चिकित्सा उद्देश्यों के लिए विदेशी नागरिक भारत पहुंचे।

भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त

भारत चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के लाभों की पेशकश करता है, लेकिन उनमें से सबसे महत्वपूर्ण निम्‍नलिखित हैं:

·         भारत एक लोकप्रिय गंतव्य है, जो विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक स्‍थलों, ऐतिहासिक स्थलों, तीर्थ स्थलों, उत्तम हस्तशिल्पों, विलक्षण मेलों और प्रदर्शनियों की पेशकश करता है। परिणामस्वरूप, चिकित्सकीय कायाकल्‍प के साथ ही साथ आनंद और मनोरंजन को जोड़ने की संभावनाएं हमेशा बरकरार रहती हैं।

·         चिकित्सा पर्यटन में यात्री जिस मुख्य मानदंड की मांग करते हैं, वह है कम के लिए अधिकयानी वे किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं प्राप्‍त करने की इच्‍छा रखते हैं। यह आम धारणा है कि कई समृद्ध देशों की तुलना में, भारत चिकित्सा पर्यटकों को उनके पैसे की सही कीमत प्रदान करता है।

·         भारत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के लिए विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते केंद्रों में से एक है। आईटी स्वास्थ्य सेवा उद्योग का आधार बन चुका है। इसलिए, आईटी के विकास ने मांग और पहुंच को गति दी है, जिससे चिकित्सा पर्यटन को प्रोत्साहन  मिला है।

·         सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों द्वारा की गई पहल कई तरह की सेवाओं की पेशकश करती हैं, जिनमें आसान और सुगम तरीके से मेडिकल वीजा मिलना, नियमित उड़ानें और आवागमन के लिए घरेलू परिवहन प्रणाली के अन्य साधन, यात्रियों की जरूरतों के अनुरूप किफायती टूर पैकेज, इंटरनेट और अन्य संचार सुविधाओं तक अधिक पहुंच सहित प्रमाणित औषधियों और चिकित्‍सा पद्धतियों की सुगमता से उपलब्धता चिकित्सा पर्यटन के लाभों को बढ़ाती हैं।

चिकित्सा पर्यटन को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार की ओर से उठाए गए कदम

·         'हील इन इंडिया' और 'हील बाय इंडिया': माननीय प्रधानमंत्री चिकित्सा पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनने तथा हर साल लाखों लोगों की जान बचाने और उनकी सेवा करने के देश के सामर्थ्य के संबंध में आशावादी दृष्टिकोण रखते हैं। उन्होंने भारतीय चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश के पक्ष में सभी व्यापक तत्वों सहित चिकित्सा पर्यटन को अधिक प्रोत्साहन  देने के लिए 'हील इन इंडिया' अभियान के लक्ष्य की स्थापना की। इससे हमारे चिकित्सा कार्यबल को दुनियाभर की यात्रा करने और स्वस्थ वैश्विक समाज की रचना में योगदान देने का अवसर मिलता है। भारत चिकित्सकीय दृष्टि से वैश्विक केंद्र बनने के लिए अपनी पारंपरिक चिकित्सा को विकसित करने तथा 'हील इन इंडिया' और 'हील बाय इंडिया' पहल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

·         आयुष वीजा/ईवीजा : भारत आयुष वीजा/ईवीजा के लिए एक नई श्रेणी बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। यह 'हील इन इंडिया' अभियान का एक घटक है, जो पारंपरिक चिकित्सा यात्रा का पक्षधर है। प्रधानमंत्री ने 20 अप्रैल, 2022 को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित "वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन" के उद्घाटन समारोह के अवसर पर आयुष चिकित्सा पर्यटन, शिक्षा, या योग सहित उपचार हेतु भारत आने वाले पर्यटकों के लिए आयुष वीजा की एक विशेष श्रेणी का शुभारंभ करने की घोषणा की। जहां एक ओर आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के लिए अन्य देशों से भारत आने वाले व्यक्तियों के लिए आयुष वीजा को शुरु करने के तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है, वहीं 165 देशों ने आयुर्वेदिक चिकित्सा  प्राप्त करने के लिए  चिकित्सा और परिचारक वीजा के प्रावधान किए हैं।

 

·         चिकित्‍सा एवं कल्‍याण पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप : चिकित्सा पर्यटन पर पर्यटन मंत्रालय का रणनीतिक दस्तावेज निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित है: (i) भारत के लिए कल्याण गंतव्‍य (यानी वेलनेस डेस्टिनेशन) के रूप में एक ब्रांड विकसित करना (ii) चिकित्‍सा  और कल्‍याण पर्यटन के लिए व्यवस्था को मजबूत करना (iii) ऑनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) पोर्टल स्थापित करके डिजिटलाइजेशन को सक्षम करना (iv) मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के लिए पहुंच में वृद्धि करना (v) कल्‍याण पर्यटन को बढ़ावा देना (vi) शासन और संस्थागत ढांचे को मजबूती प्रदान करना।

 

 

·         प्रचार और प्रोत्‍साहन : चिकित्सा पर्यटन को प्रोत्‍साहन देने हेतु एक समर्पित संस्थागत ढांचा प्रदान करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा और कल्याण पर्यटन बोर्ड का गठन किया है। जारी गतिविधियों के अंग के रूप में  सरकार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों रूपों में वैश्विक रिपोर्ट  और ऑनलाइन मीडिया अभियान जारी करती है, जो 'अतुल्य भारत' ब्रांड लाइन के तहत विदेशों में प्रचार के लिए आवश्यक हैं। इससे देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, सरकार राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को चिकित्सा/पर्यटन मेलों, चिकित्सा सम्मेलनों, कल्याण सम्मेलनों, कल्याण मेलों और संबद्ध रोड शो में भाग लेने के लिए बाजार विकास सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

 

चिकित्सा पर्यटन बाजार का वैश्वीकरण

भारत में वैदिकयुग से ही चिकित्सा का लंबा और गौरवशाली इतिहास रहा  है। चिकित्सा की प्रारंभिक प्रणालियों में से एक आयुर्वेद का उद्गम  8000 ईसा पूर्व में देखा जा सकता है। प्राकृतिक चिकित्सा,यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी सहित अनेक चिकित्सा पद्धतियां उभर चुकी हैं। योग और ध्यान में भी प्रमुखता से वृद्धि हुई है औरये अब स्वास्थ्य पर अपने सकारात्मक  प्रभावों के लिए जाने जाते हैं।भारत ने अपनी स्वतंत्रता के मद्देनजर समग्र स्वास्थ्य के लिए समकालीन स्वास्थ्य सेवाओं, वैकल्पिक चिकित्सा और कल्याण के उत्‍कृष्‍ट मिश्रण वाला एक विशिष्ट वातावरण तैयार किया हैक्योंकि देश ने आधुनिक चिकित्सा में प्रभावशाली रूप से उन्‍नति की है।

पिछले कुछ दशकों से चिकित्सा प्रौद्योगिकी, पूंजीगत वित्त पोषण और विनियामक ढांचे में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार के कारण स्वास्थ्य सेवा उत्पादन और खपत की नई परिपाटियां उभरकर आई हैं। भारत में प्रचलित आयुर्वेद, योग, पंचकर्म, कायाकल्प चिकित्सा आदि सहित चिकित्सा पद्धतियां  दुनिया की सबसे प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से हैं। भारत किफायती, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकता है। प्राथमिक उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की भावना को प्राप्त करना, प्रोत्साहन देना या बरकरार रखना है। दक्षिण भारतीय राज्यों में से एक- केरल ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण उत्पादों के रूप में उत्‍कृष्‍ट स्वास्थ्य और उपचार सुविधाओं की स्थापना की है। आयुर्वेदिक केंद्र नई पीढ़ी के होटलों और रिसॉर्ट्स की सामान्‍य विशेषता बनते जा रहे हैं। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय आगंतुक अब केवल आयुर्वेदिक उपचार और कायाकल्प के लिए ही भारत की यात्रा करते हैं। शीर्ष पर्यटन कंपनियों ने आयुर्वेदिक उपचार को अपने ब्रोशर में सूचीबद्ध किया है। यदि स्वास्थ्य और चिकित्सा पर्यटन पर उचित ध्यान दिया गया, तो इस क्षेत्र में पर्याप्त उन्‍नति हो सकती है। भारत के चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र के कुछ उभरतेरुझान  निम्‍नलिखित हैं:

·         भारत उच्च स्‍तरीय चिकित्सा पेशेवर और सुविधाएं होने का दावा करता है।

·         उपचार की लागत स्रोत बाजारों की तुलना में काफी कम है।

·         विभिन्न चिकित्सा प्रक्रियाओं में लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता ।

·         पश्चिमी चिकित्सा ज्ञान के साथ मिश्रित पूर्वी स्वास्थ्य सेवा ज्ञान पश्चिमी पर्यटन स्थलों की तुलना में ज्‍यादा से ज्‍यादा आकर्षक होता जा रहा है।

सरकार की सिफारिश पर, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) से संबद्ध एक गैर-लाभकारी संगठन इंडियन हेल्थकेयर फेडरेशन ने 'स्वास्थ्य पर्यटन' के उद्देश्य सेदेश भर के विशिष्ट भारतीय अस्पतालों की एक गाइड तैयार की है। व्‍यापक प्रचार के लिए इसे पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट www.incredibleindia.orgपर पोस्ट किया गया है।पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन को प्रोत्‍साहन देने के लिए ब्रोशर, सीडी और अन्य प्रचार सामग्री का सृजन किया हैऔर इस सामग्री को लक्षित क्षेत्रों में प्रचार के लिए व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है।चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन को मुख्य रूप से कई अंतरराष्ट्रीय स्थानोंजैसे लंदन में वर्ल्ड ट्रैवल मार्ट और आईटीपी बर्लिन में प्रचारित किया गया है। सभी राज्य सरकारों को आयुर्वेदिक और पंचकर्म केंद्रों के लिए प्रत्‍यायन मानकों की प्रति उपलब्‍ध कराई गई है, ताकि उन्‍हें लागू किया जा सके।अधिक जानकारी के लिए इन्हें पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट www.incredibleindia.orgपर पोस्ट किया गया है।

पिछले दो वर्षों में पर्यटन मंत्रालय के 'अतुल्य भारत अभियान' के तहत योग, आयुर्वेद और कल्याण को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिकऑनलाइन और आउटडोर मीडिया में प्रचारित किया गया है।इंडियन हेल्थकेयर फेडरेशन, फार्मास्युटिकल, चिकित्‍सा उपकरण और गैर-सरकारी अस्पतालों और नैदानिक सुविधाओं को एक साथ लाती है।फेडरेशन का प्राथमिक उद्देश्‍य देश के स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय को सहायता देना और उसे आगे बढ़ाना है। इसका लक्ष्‍य  सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य सेवा संगठनों के बीच संचार के वाहक के रूप में कार्य करना है।

भारत स्वास्थ्य के मामले में एशिया प्रशांत के 10 शीर्ष देशों में से तीसरे स्थान पर है, जो उसे मेडिकल वैल्यू टूरिज्म (एमवीटी) के क्षेत्रमें महत्‍वपूर्ण बनाता है।भारतीय परिप्रेक्ष्‍य से मेडिकल वैल्यू टूरिज्मसमग्र स्वास्थ्य और कल्याण की पेशकश करता हैतथा अपने भोजन, प्रकृति और संस्कृति की भावना के मिश्रण से भारतीय आतिथ्य की परिपूर्णताका प्रसार करता है।उल्लेखनीय रूप से, भारत संभवत: इकलौता ऐसा देश है, जहां एक पूरा मंत्रालय पूरक चिकित्सा, एंटी-एजिंग के उपचार और योग के प्रति समर्पित है।दुनिया भर की आबादी को बीमारी और उपचार के चक्र से दूर ले जाने तथा मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण सहित निवारक और समग्र स्वास्थ्य की जीवन शैली की ओर उन्‍मुख करने का सु‍विचारित प्रयास किया जा रहा है।एमवीटी 21 वीं सदी के नागरिक के व्यवहार के ज्ञान पर आधारित है, जो स्वास्थ्य देखभाल के विपरीत, स्वास्थ्य की दिशा में प्रयास किया जाता है। आयुर्वेद, योग और ध्यान आज भी भारतीय कल्‍याण पर्यटन के कालातीत स्तंभ हैं।वैकल्पिक उपचारों और तनाव से राहत पहुंचाने वाले तथा कायाकल्प करने वाले उपचारों को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं।

आगे की राह

स्वास्थ्य सेवा उद्योग का नया आयाम सरकार को दोषरहित मूल्य श्रृंखला का आश्‍वासन देने के लिए व्‍यावहारिक व्यापार कानूनों के साथ समन्‍वयक के रूप में कार्य करने की अनुमति देता है। नीति निर्माताओं को अल्‍प विकसित देशों के चिकित्सा पर्यटकों का स्वागत करने वाले भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों पर ध्यान देना चाहिए, जो कुशल ऑपरेशन के लिए यहां आते है और जिनके लिएलागत और शल्य चिकित्सा कासामर्थ्‍य अत्यधिक महत्व रखते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को चिकित्सा पर्यटन उद्योग में क्षमता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाने की आवश्यकता है। निजी अस्पताल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करके नीति को प्रभावित करने और आर्थिक सहायता प्राप्‍त चिकित्सा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विदेशी दूतावासों के साथ सहयोग कर सकते हैं।भारत में विशिष्ट पर्यटन उत्पादों– क्रूज, एडवेंचर, चिकित्सा, कल्याण, खेल, एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां), इको-टूरिज्‍म,फिल्म, ग्रामीण और धार्मिक पर्यटनका वैविध्‍यपूर्ण पोर्टफोलियो है।

इस बात पर बल देना महत्वपूर्ण है कि मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में कई अन्य उपचार पद्धतियां  जैसे योग और आध्यात्मिक आश्रय शामिल हैंऔर यह केवल कल्‍याण के लिए नहीं है। इन विशिष्‍ट स्‍थलों के लिए विभिन्न देशों के कई पर्यटक भारत की यात्रा करते हैं। उत्तराखंड, केरल, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक सहित भारत के अनेक स्थान पहले से ही योग, ध्यान और हैल्‍थ रिट्रीट्स प्रदान करते हैं।आने वाले दिनों में आयुष वीजा लागू होते ही, भारत में नए मेडिकल वैल्यू ट्रैवल स्थानों का रुख करने वाले विदेशी यात्रियों की संख्‍या में वृद्धि होने का अनुमान है।

सरकार प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ संबद्धता के माध्यम से चिकित्सा पर्यटन में सुधार ला  रही है। मान लीजिए कि वैश्विक स्तर पर सेवाओं को प्रचारित करने में अस्पताल प्रबंधन में सीधे तौर पर शामिल है।ऐसी स्थिति में, संभावित चिकित्सा पेशेवरों के मन में संदेह की बहुत कम गुंजायश बचेगीऔर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र प्रभावपूर्ण  ढंग से समृद्ध होगा।पिछले कुछ वर्षों से हितधारकों द्वारा निभाई जा रही अलग-अलग भूमिकाओं के परिणामस्वरूप चिकित्सा पर्यटन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं।बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा ने इस उद्योग की ओर कई अतिरिक्त उद्यमियों का ध्‍यान आकर्षित किया है।नीति निर्माताओं, स्थानीय समुदाय और अन्य निजी उद्यमियों ने मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय स्वास्थ्य प्रणालियों के अंतरराष्‍ट्रीयकरण में योगदान दिया है।स्वास्थ्य सेवाएं और सरल  स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क मुहैया करवाने में, अधिक कुशल बनकर क्षमता निर्माण की प्रक्रिया में सुधार लाया जा सकता है।चिकित्सा संस्थानों की सफलता के सामर्थ्‍य का आकलन करने के लिए गुणवत्ता और मानक आश्वासन महत्वपूर्ण मानदंड हैं।

(लेखक नीति आयोग (पर्यटन) में क्रमशः सलाहकार और युवा व्‍यवसायी  हैं। व्यक्त किए गए विचार निजी हैं और रोजगार समाचार की आधिकारिक स्थिति या नीति को नहीं दर्शाते।)