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संपादकीय लेख


अंक संख्या 52,26 मार्च -1 अप्रैल 2022

प्रधानमंत्री आवास योजना से

'सबके लिए आवासका सपना हो रहा साकार

चन्दन कुमार चौधरी

प्रवीण, महाराष्ट्र के ठाणे जिले के रहने वाले हैं. पहले वह किराए के घर में रहते थे लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के कारण अब उन्हें अपनी छत मिल गई है. वह बताते हैं, 'मेरे पास अपना कोई घर नहीं था. ऐसे में मैं किराए के मकान में रहता था लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के कारण आज मेरे पास अपना घर है.’ प्रवीण प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी हैं और वह सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से बेहद खुश हैं. उनके मुताबिक, सरकार जो मदद दे रही है वह आम आदमी के लिए बहुत जरूरी है. वहीं, जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में स्थित अंतिम सीमावर्ती गांव खड़ी कमरारा में अपने परिवार के साथ रहने वाले आशिक हुसैन ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिला है. उनका गांव बॉर्डर पर है जिसके बाद सीमा तक कोई आबादी वाला इलाका नहीं है. उनका परिवार दशकों से सीमा पार से होने वाली गोलीबारी के डर के साये में जीता आया है. कच्चे घरों में रहने वाले आशिक हुसैन जैसे कई लोग अपनी आर्थिक स्थिति के चलते पक्का मकान नहीं बना पा रहे थे. जब बारिश होती थी तब पानी घर के अंदर तक जाता था और उनका सारा सामान भीग जाता था. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत इनकी जिंदगी में परिवर्तन का सूर्योदय हुआ. हुसैन बताते हैं, 'बारिश के मौसम में कच्चे मकान में पानी जाता था. उसमें बहुत दिक्कत होती थी. लेकिन पक्के मकान में इस तरह की समस्या नहीं है.’ वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना से हम खुश हैं क्योंकि गरीब को सहारा मिला है और हम अपने पांव पर खड़े हो सकते हैं. आगरा की रहने वाली विमलेश पहले कच्चे और टूटे हुए मकान में रहती थी लेकिन अब वह उसी जगह पर पक्के और अच्छे मकान में रहती हैं. वह बताती हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना से हमें लाभ हुआ है और हम नए घर में रहते हैं. कुछ यही कहानी दूध बेचने का काम करने वाली कानपुर की राम जानकी पाल की भी है, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत मकान मिला है. वह बताती हैं कि मेरा मकान दो साल पहले बन गया था. आज अगर देश के गरीब और सदियों से कच्चे और टूटे हुए मकानों में रहते आए लोगों का पक्के मकान में रहने का सपना साकार हो पा रहा है तो यह संभव हो पाया है प्रधानमंत्री आवास योजना के कारण. इसके तहत शहरी और ग्रामीण दोनों जगहों पर गरीब लोगों के पक्के मकान का सपना पूरा हो रहा है. इतना ही नहीं, इस योजना से महिला सशक्तिकरण भी संभव हो पा रहा है क्योंकि इस योजना के तहत अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं को घर का मालिकाना हक दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना को दो श्रेणी में बांटा गया है. एक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण जिसे पीएमएवाई-जी के नाम से जाना जाता है और दूसरा, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी जिसे पीएमएवाई-यू के नाम से जाना जाता है.

पीएमएवाई-जी, मार्च 2024 तक रहेगी जारी

घर एक ऐसी व्यवस्था है, जो लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है. पहले गरीब को विश्वास नहीं था कि सरकार घर बनाने में मदद कर सकती है लेकिन अब ऐसा संभव हो रहा है. भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक प्रधानमंत्री आवास योजना 'सभी के लिए आवासप्रदान करने के नेक उद्देश्य से प्रेरित एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके तहत घरों के निर्माण में नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा रहा है. सामाजिक कल्याण कार्यक्रम वाली इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य बेघर लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उन्हें सम्मानजनक गुणवत्ता का घर बनाने में मदद करना है. इसी प्रयास के तहत केंद्रीय कैबिनेट 8 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को मार्च 2021 के बाद भी मार्च 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दी, जिसमें 2,17,257 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में 'सबके लिए आवाससुनिश्चित हो सकेगा. इस योजना को मार्च 2024 तक जारी रखने से यह सुनिश्चित होगा कि 'पीएमएवाई-जीके तहत 2.95 करोड़ आवासों के समग्र लक्ष्य के अंतर्गत शेष 155.75 लाख परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त 'पक्के मकानोंके निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में 'सबके लिए आवासके उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके. 29 नवंबर 2021 तक पीएमएवाई-जी के तहत कुल 2.95 करोड़ आवासों के लक्ष्य में से 1.65 करोड़ आवासों का निर्माण किया जा चुका है. यह अनुमान है कि 2.02 करोड़ आवास, 15 अगस्त 2022 की समय सीमा तक पूरे हो जाएंगे. इसलिए 2.95 करोड़ आवासों के समग्र लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजना को मार्च 2024 तक जारी रखने की आवश्यकता है.

प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के 5 साल

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) 20 नवंबर, 2016 को शुरू की थी. इस तरह प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण, ने 20 नवंबर, 2021 को सफलतापूर्वक 5 वर्ष पूरे कर लिए. सभी के लिए आवास के महान उद्देश्य की पूर्ति सुनिश्चित करते हुए राज्य सरकार के साथ साझेदारी में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय समय सीमा के भीतर लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करता रहा है. भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक 'सभी को आवासप्रदान करने के उद्देश्य को हासिल करने के लिए संशोधित ग्रामीण आवास योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ पीएमएवाई-जी घरों को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था.

 

पीएम आवास योजना से बेघर और गरीब लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास केन्द्र सरकार की नीति और एक्शन का मूलभूत परिणाम सूत्र है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय बजट 2022 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 80 लाख घरों के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, सस्ते आवास को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करके देश भर के छह शहरों में पीएमएवाई (शहरी) के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया भी चल रही है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि देश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अन्य सस्ते आवास की परियोजनाओं के लिए ऐसी निर्माण प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं, एक घर के निर्माण से नौकरी के अवसर भी बढ़ते हैं और एक घर के निर्माण से 314 दिनों का रोजगार मिलता है. दरअसल, आवासीय निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है.

प्रधानमंत्री आवास योजना से हो रहा महिला सशक्तिकरण

 

प्रधानमंत्री आवास योजना से महिलाओं का सशक्तिकरण संभव हो पा रहा है और उन्हें मालिकाना हक भी मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, 'मुझे इस बात की भी खुशी होती है कि देश में पीएम आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, उनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा घरों पर मालिकाना हक महिलाओं का है या फिर वो ज्वाइंट ओनर हैं.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे ये शब्द सशक्त होती महिलाओं की कहानी को बयां करता है. इससे महिलाएं सिर्फ सशक्त बन रही हैं बल्कि आत्मनिर्भर भी बन रही हैं. इतना ही नहीं, इस योजना से गरीबों को स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी अन्य योजनाओं से एक साथ कई सुविधाओं का लाभ भी मिल पा रहा है.

 

किसे मिलता है इस स्कीम का लाभ

 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कम आय वाला कोई भी ऐसा व्यक्ति, जिसके पास कोई भी आवास हो, वह इसका लाभ ले सकता है. प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता को पूरा करने के लिए लाभार्थी के पास अपना घर नहीं होना चाहिए. साथ ही लाभार्थी व्यक्ति ने राज्य या केंद्र सरकार की किसी अन्य हाउसिंग स्कीम का लाभ लिया हो. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार बेघर लोगों को घर बनाकर देती है और साथ ही उन्हें सब्सिडी मिलती है जो लोग लोन पर घर या फ्लैट खरीदते हैं.

पीएमएवाई-जी योजना की विशेषताएं

 

पीएमएवाई-जी के तहत लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के तहत आवास से वंचित मानकों के आधार पर किया जाता है. साथ ही, इसमें बेघर, एक और दो कच्ची दीवारों और कच्ची छत वाले मकानों में रहने वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है. अगर लाभार्थी के चयन में कोई शिकायत हो तो उसके निवारण के लिए एक अपीलीय प्रक्रिया भी बनाई गई है. इस योजना में राशि लाभार्थियों के खातों में सीधे डीबीटी से भेजी जाती है. इस योजना के लाभार्थियों में एससी, एसटी, मुक्त बंधुआ मजदूर और गैर-एससी, एसटी श्रेणियां, विधवाओं या कार्रवाई में मारे गए रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक एवं अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति और अल्पसंख्यक शामिल हैं. साथ ही इस योजना की कुल लागत का बंटवारा केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में किया जाता है, जबकि पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिये यह राशि 90:10 के अनुपात में साझा की जाती है. इस योजना के तहत बनने वाले घर के न्यूनतम आकार को 20 वर्ग मीटर से 25 वर्ग मीटर (एक स्वच्छ रसोई घर सहित) तक बढ़ाया गया है.

 

पीएमएवाई-यू योजना की विशेषताएं

 

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत लागू किया जाता है. इस योजना के तहत बनने वाले आवासों के तेजी से और गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिये आधुनिक, अभिनव और हरित प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जाता रहा है. साथ ही, मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप परियोजना तैयार करने और अनुमोदन की प्रक्रिया राज्यों पर छोड़ दी गई है ताकि परियोजनाएं तेजी से तैयार और पूरी की जा सकंे. पीएमएवाई-यू के अंतर्गत सभी घरों में शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं भी दी जाती हैं. इस योजना में विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, एकल महिलाओं, ट्रांसजेंडर और समाज के कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है. प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू) के 6 साल 25 जून 2021 को पूरे हो गए. यह योजना 'सभी के लिए आवासके विजन के साथ वर्ष 2022 तक शहरी भारत के सभी पात्र लाभार्थियों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में लॉन्च की गई थी.

 

पीएमएवाई-यू के तहत 1.07 लाख घरों के निर्माण के लिए मंजूरी

 

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पांच राज्यों में 1.07 लाख घरों के निर्माण के लिए दिसंबर 2021 में अपनी मंजूरी दी. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के तत्कालीन सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पुदुच्चेरी और उत्तराखंड से 1.07 लाख घरों के निर्माण के लिए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा अन्य राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा भी की गई. मंत्रालय के मुताबिक, इस मिशन के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या अब 1.14 करोड़ है, जिनमें से 53 लाख से अधिक घर लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं. मिशन के तहत 1.85 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ कुल निवेश 7.52 लाख करोड़ रुपये है. अब तक 1.14 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की जा चुकी है. साथ ही, आवास और शहरी मामलों के सचिव ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को घरों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए.

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कैसे करें आवेदन

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता है. प्रधानमंत्री आवास योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा कर कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. आवेदन करने के लिए उसके पास मान्य आधार कार्ड होना चाहिए. साथ ही कोई भी व्यक्ति ऑफलाइन माध्यम से कॉमन सर्विस सेंटर (ष्टस्ष्ट) से उपलब्ध फॉर्म भरकर आवेदन कर सकता है. इसके अलावा सरकार ने मोबाइल आधारित आवास एप तैयार किया है, जिसके माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है. इस एप पर लाभार्थी मकान निर्माण की फोटो और डॉक्यूमेंट लोड कर सकते हैं और साथ ही उन्हें मिलने वाली किस्तों के बारे में भी जानकारी मिल जाती है.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और न्यू इंडिया समाचार में सहायक सलाहकार संपादक हैं. पूर्व में पीटीआई (भाषा) और बीबीसी में काम कर चुके हैं.  -मेल : chandanchoudhary84@gmail.com )

व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं.