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संपादकीय लेख


Issue no 26, 25 September - 01 October, 2021

कोविड-१९ संकट के बाद पर्यटन क्षेत्र के पुनरुद्धार का मार्ग

उद्योग परिदृश्य

पर्यटन क्षेत्र, आर्थिक विकास और रोज़गार के अवसरों के सृजन का एक प्रमुख वाहक है. देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की नौकरियों के लिए पर्यटन का योगदान 2017-18 में 80.54 मिलियन और 2018-19 में 88.72 मिलियन था. यात्रा और पर्यटन, 2018 में 234 बिलियन डॉलर का भारत में सबसे बड़ा सेवा उद्योग था. यह उद्योग भारत में सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक भी है. इसने 2019 में जनवरी  से  दिसंबर तक 29.962 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा अर्जित की, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में  4.8 प्रतिशत  अधिक है.

अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्रों की तरह पर्यटन क्षेत्र को भी 2020 की शुरुआत से कोविड-19 महामारी के कारण भारी झटका लगा. संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यू-टीओ) द्वारा प्रकाशित कोविड -19 और पर्यटन एक अपडेट: आर्थिक परिणामों का आकलन नामक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में गिरावट के कारण 2020 और 2021 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के संदर्भ में दुनिया को  कम से कम 4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है.

भारत के पर्यटन क्षेत्र को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए, पर्यटन मंत्रालय ने जनवरी, 2021 में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) को भारत और कोरोना वायरस महामारी: पर्यटन से जुड़े घरानों की आर्थिक हानि और रिकवरी के लिए नीतियों पर अध्ययन करने के लिए नियुक्त किया. अध्ययन के परिणामों के अनुसार: (द्ब) 2020-21 के दौरान समग्र आर्थिक मंदी के कारण, पर्यटन अर्थव्यवस्था या पर्यटन प्रत्यक्ष सकल मूल्य वर्धन (टीडीजीवीए) में पहली तिमाही में 42.8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 15.5 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 1.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. (ii) अनुमान है कि महामारी के दौरान पर्यटकों के आगमन और इसलिए पर्यटन व्यय में उल्लेखनीय गिरावट के कारण, टीडीजीवीए 2020-21 की पहली तिमाही में, पिछले वर्ष की इसी तिमाही से 93.3 प्रतिशत तक गिरावट आई. इसके बाद थोड़ा सुधार हुआ और दूसरी तिमाही में इसमें 79.5 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 64.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. ((iii) लॉकडाउन लागू होने के बाद पर्यटन क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां चली गईं. पहली तिमाही  के दौरान 14.5 मिलियन, दूसरी तिमाही के दौरान 5.2 मिलियन और तीसरी तिमाही के दौरान 1.8 मिलियन नौकरियां जाने का अनुमान है.

पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया था कि पर्यटन क्षेत्र पर कोविड -19 महामारी के प्रभावों को दूर करने के लिए, भारत सरकार ने कई उपाय किए हैं.

वित्तीय और राहत उपाय

·         आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को 3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त या कोलेटेरल-मुक्त स्वचालित ऋण दिए गए हैं. इस ऋण का  कार्यकाल 4 साल का और ऋण स्थगन की अवधि 12 महीने की होगी.

·         सरकार ने पात्र सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों और व्यावसायिक उद्यमों को उनकी परिचालन देनदारियों को पूरा करने और अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने में सहायता के लिए शुरू की है. आतिथ्य, यात्रा, पर्यटन और खेलकूद संबंधी क्षेत्रों में व्यावसायिक उद्यमों को कवर करने के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना 3.0 की शुरुआत के साथ योजना का दायरा बढ़ाया गया है.

·         कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए नई ऋण गारंटी योजना के तहत, पर्यटन क्षेत्र में लोगों को देनदारियों का निर्वहन करने और कोविड-19 के कारण प्रभावित होने के बाद फिर से कारोबार शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी/व्यक्तिगत ऋण प्रदान किया जाएगा. इस योजना में पर्यटन मंत्रालय तथा राज्य सरकारों द्वारा मान्यताप्राप्त क्षेत्रीय स्तर के 10,700 पर्यटक गाइड और पर्यटन मंत्रालय द्वारा मान्यताप्राप्त यात्रा और पर्यटन हितधारक (टीटीएस) शामिल होंगे. प्रत्येक टीटीएस को 10 लाख रुपये जबकि प्रत्येक पर्यटक गाइड को 1 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकेगा. इसमें कोई प्रोसेसिंग शुल्क नहीं होगा, पूर्व भुगतान शुल्क में छूट होगी और अतिरिक्त कोलेटेरल की कोई आवश्यकता नहीं होगी. यह योजना पर्यटन मंत्रालय द्वारा नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के माध्यम से संचालित की जा रही है.

·         वित्त मंत्रालय ने इस साल जून में, 2019-20 के लिए भारत से सेवा निर्यात योजना -एसईआईएस स्क्रिप जारी करने की घोषणा की. कोविड-19 के बाद की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 2,061 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ 2019-20 के लिए भारत से सेवा निर्यात योजना को जारी रखने के वाणिज्य विभाग के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की. एसईआईएस पंजीकृत सेवा प्रदाताओं को उनकी शुद्ध विदेशी मुद्रा आय के प्रतिशत के रूप में हस्तांतरणीय शुल्क क्रेडिट स्क्रिप के साथ प्रोत्साहन प्रदान करता है. सेवा प्रदाता इन एसईआईएस स्क्रिप का उपयोग मूल सीमा शुल्क सहित कई केंद्रीय शुल्क और करों का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. एसईआईएस स्क्रिप वर्तमान में टूर ऑपरेटरों को उनकी विदेशी मुद्रा आय पर दिए जाते हैं.

·         केंद्र सरकार ने पर्यटन उद्योग को व्यापार निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कोविड-19 संकट के मद्देनजर अलग-अलग अवधि के लिए आयकर अधिनियम, कंपनी अधिनियम और जीएसटी अधिनियम के तहत विभिन्न नियामकों के अनुपालन में राहत दी है.

·         भारतीय रिजर्व बैंक ने सावधिक ऋण पर स्थगन को भी 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया.

·         वीजा जारी किया जाना फिर से शुरू होने के बाद, पहले 5 लाख पर्यटक वीजा नि:शुल्क जारी किए जाएंगे. पहले 5 लाख पर्यटक वीजा (नि:शुल्क वीजा) जारी करने के दौरान प्रति पर्यटक केवल एक बार नि:शुल्क वीजा का लाभ मिलेगा. यह योजना 31 मार्च 2022 तक या 5,00,000 वीजा जारी होने तक, जो भी पहले हो, लागू रहेगी.

·         इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन सेवा प्रदाताओं को मान्यता प्रदान करने के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं जो जनवरी, 2021 से प्रभावी हो गए हैं. संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, पहली बार ग्रीनशूट/स्टार्ट-अप-एजेंसियों की श्रेणी शुरू की जा रही है. ये स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की नीति के अनुरूप हैं और आत्मनिर्भर भारत से संबंधित गतिविधियों को भी आगे बढ़ाएंगे.

·         पर्यटन उद्योग में हितधारकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हितधारकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के वास्ते बाजार विकास सहायता योजना (एमडीए) के दिशा-निर्देशों को संशोधित किया गया है, ताकि हितधारकों को अधिकतम लाभ प्रदान करने के लिए योजना के दायरे और पहुंच को बढ़ाया  जा सके.

·         ऑनलाइन संवर्धन सहित अतिरिक्त वर्धन गतिविधियों को शामिल किया गया है और वित्तीय सहायता की सीमा को बढ़ाया गया है.

·         जिन होटलों और अन्य आवास इकाइयों की परियोजना मंजूरी/पुन:मंजूरी  और वर्गीकरण/ पुनर्वर्गीकरण समाप्त हो गया है/समाप्त होने वाला है, उनकी स्वीकृति या प्रमाणन की वैधता को 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है.

·         पर्यटन मंत्रालय द्वारा ट्रैवल एजेंटों, टूर ऑपरेटरों, पर्यटक परिवहन ऑपरेटरों की मान्यता को स्वचालित रूप से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. जिन लोगों ने मंत्रालय की मान्यता के लिए आवेदन जमा किए हैं, उन्हें आवश्यक प्रक्रियाओं के पूरा होने तक छह महीने के लिए अनंतिम मान्यता दी गई है.

उपर्युक्त उपायों से पर्यटन क्षेत्र में हितधारकों को निकट भविष्य में संचालन के लिए काफी मदद मिलने की उम्मीद है. इसी तरह, महामारी के कारण क्षेत्र में चल रही मंदी से प्रभावित, सरकार द्वारा अनुमोदित पर्यटन गाइडों को भी आवश्यक राहत मिलने की आशा है.

परिचालन सिफारिशें

इस बीच, यात्रा और आतिथ्य उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों के लिए लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील के साथ व्यापार को सुरक्षित रूप से फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और सभी हितधारकों के बीच प्रसारित किए गए हैं.

·         कोविड-19 के बाद, पुनरुद्धार की तैयारी के लिए, पर्यटन मंत्रालय ने व्यवसाय को सुचारू रूप से फिर से शुरू करने की सुविधा के लिए होटल, रेस्तरां, बैड एंड ब्रेकफास्ट/ होमस्टे और पर्यटन सेवा प्रदाताओं के लिए कोविड सुरक्षा और स्वच्छता संबंधी विस्तृत परिचालन दिशा-निर्देश तैयार किए हैं और जारी किए हैं.

·         साथी (आतिथ्य उद्योग के लिए आकलन, जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए प्रणाली) नामक एक पहल की गई है. इस पहल को लागू करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी की है. इसका उद्देश्य कर्मचारियों तथा मेहमानों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है, संगठन के भीतर उन संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना जिन्हें दुरुस्त करने की आवश्यकता है, कोविड-19 से संबंधित नियामक आवश्यकताओं के अनुपालन तथा संचालन में निरंतरता सुनिश्चित करने में आतिथ्य इकाई की मदद करना.

सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण

पर्यटन क्षेत्र को कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबारने के लिए सहायता देने के वास्ते विभिन्न वित्तीय तथा राहत उपायों के अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं.

मंत्रालय ने पर्यटन सेवा प्रदाताओं को हर स्तर पर शिक्षा, प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करने के लिए सेवा प्रदाता क्षमता निर्माण योजना लागू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य सेवा के हर स्तर पर जनशक्ति को प्रशिक्षित तथा उन्नत करना, स्थानीय आबादी को पेशेवर विशेषज्ञता प्रदान करना और साथ ही शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पर्यटन क्षेत्र में रोज़गार योग्य क्षमता का निर्माण करना है. वर्तमान में सेवा प्रदाता क्षमता निर्माण योजना के तहत आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में हुनर से रोज़गार तक, मौजूदा सेवा प्रदाताओं के लिए कौशल परीक्षण तथा प्रमाणन (एसटी एंड सी), पर्यटन साहसिक तथा  एस्कॉर्ट पाठ्यक्रम, भाषाई पर्यटक सुविधाकर्ता (एलटीएफ), संवेदीकरण कार्यक्रम/ पर्यटन जागरूकता कार्यक्रम (मौजूदा सेवा प्रदाताओं के लिए) और उद्यमिता कार्यक्रम शामिल हैं. उपर्युक्त के अलावा, मंत्रालय ने गंतव्य आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है ताकि पर्यटन सेवा प्रदाता इस क्षेत्र से संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए दूर-दराज के शहरों में स्थित संस्थानों में जाए बिना यह सुनिश्चित कर सकें कि यह क्षेत्र अब अप्रशिक्षित हाथों से सेवा दे रहा है.

नई नीतियां

केंद्र सरकार एक मजबूत आगंतुक अर्थव्यवस्था विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि पर्यटन मंत्रालय ने इस संबंध में कई पहल की हैं, जैसे कि कल्याण तथा साहसिक पर्यटन सहित पर्यटन उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में अतुल्य भारत 2.0 अभियान  और प्रसाद तथा स्वदेश दर्शन जैसी योजनाओं के माध्यम से उद्योग में निवेश. इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने कारवां और कारवां कैंपिंग पार्कों के विकास तथा संवर्धन जैसे नए पर्यटन क्ष़ेत्रों को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाई हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नई योजना-अखिल भारतीय पर्यटक वाहन प्राधिकरण और परमिट नियम, 2021 की शुरुआत की है. इस योजना के माध्यम से, पर्यटक वाहन ऑपरेटर आवेदन जमा करने के 30 दिनों के भीतर अखिल भारतीय पर्यटक प्राधिकरण/परमिट ऑनलाइन प्राप्त कर सकता है.

स्वदेश में पर्यटन पर जोर

भारत के पास मजबूत स्वदेशी बाजार है जिससे बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों पर निर्भर देशों की तुलना में, उस पर अंतरराष्ट्र्रीय स्तर पर यात्रा प्रतिबंधों के कारण कम प्रभाव होगा. हर साल कम से कम 24 मिलियन भारतीय पर्यटक विदेश यात्रा करते हैं और अनुमानित 25 बिलियन डॉलर खर्च करते हैं. अंतरराष्ट्र्रीय यात्रा प्रतिबंधों को देखते हुए, सरकार ने घरेलू यात्रा को प्रोत्साहित करके इन अधिक खर्च करने वाले पर्यटकों को बनाए रखने का प्रयास किया  है. इसकी सफलता के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि सुरक्षा और स्वच्छता के लिए मजबूत प्रोटोकॉल सुनिश्चित करके पर्यटकों की चिंताओं को दूर किया जाए.

पर्यटन मंत्रालय ने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश की समृद्ध विरासत, संस्कृति, कम ज्ञात स्थलों और स्थानीय गंतव्यों के बारे में लोगों को जानकारी देने के उद्देश्य से जनवरी 2020 में देखो अपना देश पहल शुरू की. यह पहल माननीय प्रधानमंत्री के संबोधन के अनुरूप है, जिसमें उन्होंनें प्रत्येक नागरिक को वर्ष 2022 तक कम से कम 15 गंतव्यों का दौरा करने को कहा है. इस पहल के तहत, पर्यटन मंत्रालय वेबिनार, ऑनलाइन संकल्प और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रमों जैसी प्रचार गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. कम ज्ञात स्थलों, विरासत, संस्कृति, स्थानीय पर्यटन स्थलों आदि सहित देश और इसके पर्यटन स्थलों/ उत्पादों के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा की जा रही है. देखो अपना देश पहल को मंत्रालय के सोशल मीडिया एकाउंट, वेबसाइट और घरेलू भारत पर्यटन कार्यालयों द्वारा व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है. देशभर में पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करने और स्थानीय पर्यटन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्थानीय धार्मिक तथा गैर-धार्मिक स्थलों को देश के बाहर और भीतर से आने वाले पर्यटकों के लिए बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न प्रचार अभियान भी चला रहा है. घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई स्थानों पर रोड शो आयोजित किए जा रहे हैं. कोविड के बाद के परिदृश्य में यात्रा करने के लिए भारत के, सुरक्षित गंतव्य होने के संदर्भ में पर्यटकों के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के बीच सुरक्षा और सुरक्षा के प्रोटोकॉल पर जागरूकता पैदा करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं.

पर्यटन के माध्यम से ग्रामीण आय का लाभ उठाना

भारत में कोविड -19 के कारण लगाया गया  लॉकडाउन एक बहुत बड़ा आर्थिक झटका था. यह 24 मार्च 2020 को पूरे देश में शुरू हुआ और अब भी किसी न किसी रूप में प्रतिबंधों के साथ जारी है. इसने सभी क्षेत्रों में उद्यमों पर लगाए गए पूर्ण लॉकडाउन के साथ अर्थव्यवस्था को ठप कर दिया. भले ही कृषि गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दी गई थी, लेकिन इसके शुरुआती चरणों में कृषि मूल्य शृंखला को भी बड़े पैमाने पर व्यवधानों का सामना करना पड़ा. इसका ग्रामीण भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर हानिकारक प्रभाव पड़ा. कोरोना वायरस महामारी ने देश के बड़े हिस्से में शहरी से, ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पलायन भी शुरू कर दिया है. देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए बड़े शहरों के बाहर आजीविका के अवसर प्रदान करने में पर्यटन की अनूठी भूमिका को ध्यान में रखते हुए, नए पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकास के लिए ग्रामीण पर्यटन की पहचान की गई है. इसके साथ ही, सरकार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए भारत में ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत के तहत एक व्यापक रणनीति अपनाने की योजना बना रही है। पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस साल 19 जुलाई को संसद को बताया कि मंत्रालय पर्यटन के इस विशिष्ट क्षेत्र के प्रचार और विकास पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. मंत्रालय ने तद्नुसार भारत में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए मसौदा राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप -आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल तैयार किया है. वोकल फॉर लोकल की भावना से प्रेरित, ग्रामीण पर्यटन आत्मनिर्भर भारत के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. देश में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए कार्यनीति निम्नलिखित प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है:

·         आदर्श नीतियां और सर्वोत्तम प्रथाएं

·         क्लस्टर विकसित करना

·         विपणन सहायता

·         हितधारकों का क्षमता निर्माण

·         संचालन और संस्थागत ढांचा

भारत में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप का मसौदा ग्रामीण क्षेत्रों में आय और रोज़गार पैदा करने और स्थानीय समुदायों, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने, आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने पर केंद्रित है.

यात्रा और पर्यटन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है, और सरकार कोविड से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में उद्योगों की मदद के लिए सक्रिय कदम उठा रही है. इन उपायों से निकट अवधि में इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की आशा है. इनसे सरकार द्वारा अनुमोदित पर्यटक गाइडों का भी सहायता मिलेगी, जो महामारी के बीच इस क्षेत्र में चल रही मंदी की चपेट में हैं. इन उपायों से 2028 तक इस क्षेत्र को अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद में 12.68 ट्रिलियन रुपये का योगदान करने में मदद मिलेगी.

(रोज़गार समाचार टीम द्वारा संकलित)

(सामग्री और चित्र साभार:tourism.gov.in)