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संपादकीय लेख


Volume-8

कॉलेज दाखिले 2017 : तनावमुक्त रहें

(ऊषा अल्बुकर्क और
निधि प्रसाद)

कॉलेज में दाखिले के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है. जिज्ञासाओं, विकल्पों और चिंताओं के साथ विद्यार्थी अपने जीवन के अगले चरण को महत्वाकांक्षाओं के साथ देखते हैं.
12वीं क क्षा की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद किसी भी विद्यार्थी निम्नांकित तरह के प्रश्नों का सामना करना पड़ता है:
*आप कौन सा पाठ्यक्रम चुनना चाहते हैं?
*आपकी व्यावसायिक योजना क्या है?
*आप किस कॉलेज में दाखिला लेने के इच्छुक हैं?
*क्या आप किसी खास विश्वविद्यालय में कोशिश करना चाहते हैं? यदि नहीं, तो फिर क्या योजना है?
*कॉलेज या पाठ्यक्रम? लोकप्रिय कॉलेज हो चाहे पाठ्यक्रम कोई भी हो, या फिर उत्कृष्ट पाठ्यक्रम हो, चाहे कहीं भी उपलब्ध हो.
यह वर्ष का वह समय है, जब विद्यार्थी अपने कॉलेज जीवन के नए चरण में प्रवेश करने की तैयारी करते हैं. कॉलेज फ्रैशमैन के रूप में शुरूआत करते हुए विद्यार्थियों के लिए दाखिला प्रक्रिया के बारे में सोचना कठिन कार्य होता है.
अच्छी शिक्षा सभी की महत्वाकांक्षा होती है. इसके अलावा स्कूल से कॉलेज का सफर युवाओं के लिए विस्मयकारी होता है. युवा मन में रोमांच और आत्म-प्रतिष्ठा और दूसरी तरफ प्रवेश के दौरान भ्रम और चिंता की एक जटिल स्थिति से गुजरना होता है. माता पिता की चिंताएं और साथियों का दबाव इस जटिलता को और बढ़ाता है.
बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों में संभवत: एक ऐसा कलाकार भी होता है, जो गणित का महत्व समझने की आवश्यकता महसूस नहीं करता. कोई ऐसा उद्यमी हो सकता है, जो इतिहास या अंग्रेजी साहित्य पर ध्यान नहीं देता. कोई ऐसा संगीतकार या खिलाड़ी हो सकता है, जो रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान के अंकों की परवाह नहीं करता. यह जरूरी है कि माता पिता अपने बच्चे की विशिष्ट प्रतिभा की पहचान करें और उन्हें ऐसा कॉलेज चुनने में मदद करें, जो उनकी प्रतिभा को विशिष्टता प्रदान कर सके.
कॉलेज जाने का अर्थ अपने को व्यवसाय के लिए तैयार करने से कुछ अधिक होता है. कॉलेज का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसका शैक्षिक पाठ्यक्रम और दर्शन होता है, जो एक अनुकूल वातावरण और समान विचार वाले विद्यार्थी प्रदान करता है. यह भी एक पहलू है, जिसे दिमाग में रखा जाना चाहिए. अत: कॉलेज का चयन करने की प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण होती है. आपको अपनी शैक्षिक योग्यताओं और लक्ष्यों के सर्वाधिक अनुकूल कॉलेज या विश्वविद्यालय तलाश करने की प्रक्रिया में संभावित कॉलेजों के लिए कुछ मानदंड तय करने की आवश्यकता है, ताकि आप अपने व्यक्तिगत विकास के लिए उत्कृष्ट परिवेश उपलब्ध कराने वाले कॉलेज का चयन कर सकें. जब कोई छात्र या छात्रा कॉलेज छोड़ता/छोड़ती है, तो वह अक्सर वह नहीं होता है, जो प्रथम वर्ष में प्रवेश के समय था. इन सब कारणों को देखते हुए यह जरूरी है कि कॉलेज का चयन अत्यंत सूझबूझ के साथ किया जाए.
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि अनेक कारणों से कुछ प्रतिष्ठित कॉलेज लोकप्रिय होते हैं. परंतु, ऐसे प्रसिद्ध और विशिष्ट कॉलेजों तक अपने आवेदन सीमित रखना आपके कॉलेज अनुभव के लिए हानिकारक हो सकता है. आज के विद्यार्थियों के लिए अध्ययन के असंख्य विकल्प उपलब्ध हैं. लेकिन, भारत में शिक्षा क्षेत्र में मांग-आपूर्ति का भारी अंतराल है और हमारे विनियम निरंतर इस आपूर्ति को सीमित कर रहे हैं. विद्यार्थियों को हमारी एकमात्र सलाह यह है कि ऐसे कॉलेज का चयन करें, जो आपके लिए उपयुक्त हो, जो समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करें, ऐसा हो, जो एक लाभप्रद और सफल व्यवसाय के लिए आपको उत्कृष्ट ढंग से तैयार करे. एक बेहतर कॉलेज में अच्छे शिक्षक होते हैं, जो समय के साथ बदलती नई शिक्षण प्रविधि अपनाते हैं और किसी भी विद्यार्थी को आगे बढऩे का वातावरण और अवसर प्रदान करते हैं.
परंतु, कॅरिअर बनाना सिर्फ उस कॉलेज या विश्वविद्यालय पर निर्भर नहीं होता है, जहां आप पढ़ते हैं. यह इस पर अधिक निर्भर करता है कि उन तीन वर्षों में आपने क्या अध्ययन किया. दाखिले का समय विद्यार्थियों और अभिभावकों, दोनों के लिए रोमांचक और भ्रामक होता है. कॉलेज जीवन, पाठ्यक्रमों और भावी संभावनाओं के बारे में समूची धारणा, कुछ ऐसी होती है, जिसके प्रति अनेक आवेदक अनभिज्ञ और अनिश्चित होते हैं. इसी प्रकार सही विश्वविद्यालय या विषय का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है.
आज का आर्थिक वातावरण विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित करता है, और आपको उद्योग की जरूरतों के अनुकूल क्षमताओं का निर्माण कॉलेज के प्रारंभिक दिनों में ही करना होता है. यह वर्ष का ऐसा समय है, जब आप न केवल स्कूल छोडऩे की प्रमुख परीक्षाओं अथवा 12वीं कक्षा के बोर्ड की परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं, बल्कि प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षणों की भी तैयारी करते हैं, जिनमें आपको कुछ समय बाद बैठना है. सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं, चाहे वह इंजीनियरी, मेडिसिन, विधि जैसी बड़ी परीक्षाएं हों, या फिर होटल मैनेजमेंट, फैशन डिजाइन, वास्तुशिल्प और ऐसे ही अन्य पाठ्यक्रमों से संबंधित परीक्षाएं हों.
अच्छे अंक कला, विज्ञान और वाणिज्य में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए उच्चकोटि के कॉलेजों में दाखिले में आपकी मदद कर सकते हैं. परंतु, प्रतियोगी परीक्षणों में प्राप्त अंकों के आधार पर यह तय होता है कि आपको किस पाठ्यक्रम में दाखिला मिलेगा, जो आपकी पसंद के व्यवसाय में आपको प्रशिक्षित करेगा. अत: इन परीक्षाओं के लिए तैयारी करने से पहले आपको स्पष्ट तौर पर तय करने की आवश्यकता है कि आपकी किस क्षेत्र में कार्य करने की योजना है.
1. अभिरुचि और योग्यताएं : शिक्षा के संचालन में आपकी रुचि अत्यन्त महत्वपूर्ण है. व्यवसाय का चयन भावना से जुड़ा विषय है और जब तक आपकी अभिरुचि उसमें नहीं होगी, उत्कृष्टता हासिल एवं बनाए नहीं रखी जा सकती. स्नातक के बाद आपके चुने हुए विषय या कालेज अध्ययन के अतिरिक्त भी कॅरिअर के और बहुत सारे विकल्प होते हैं. प्रत्येक डिग्री पाठ्यक्रम आपको उस विषय की सीधे जानकारी देता है, जो आपको प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त करने में सहायक होती है, और साथ ही कुछ अंतरणीय कौशल भी प्रदान करता है, जिनका इस्तेमाल आप अन्य अनेक व्यवसायों को हासिल करने के लिए कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त कला, विज्ञान या वाणिज्य में स्नातक उपाधि प्राप्त करने के लिए आप कॅालेज में जो तीन वर्ष व्यतीत करते हैं, वे व्यक्ति के रूप में आपकी समग्र वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. कॉलेज वह स्थान है, जहां आपको दुनिया की प्रथम झलक मिलती है, जो आपको जिम्मेदारी ग्रहण करने, मित्रों का चयन करने और जीवन के लिए संभावित संबंधों और स्वयं का बचाव करने की सीख प्राप्त करने का अवसर देता है. यह सीख आपको व्यवसाय जगत की समस्याओं से निपटने और भावी व्यक्तित्व का निर्माण करने में सक्षम बनाती है.   
2. पाठ्यक्रम या कॉलेज : गिने चुने अच्छे संस्थानों और उनमें सीटें सीमित होने को देखते हुए अधिकतर ऐसा होता है कि कॉलेज विद्यार्थियों का चयन करते हैं, न कि विद्यार्थी कॉलेज का. अत: स्कूल छोडऩे के साथ ही विद्यार्थियों के समक्ष सबसे कठिन निर्णयों में से एक यह होता कि मैं किस कॉलेज में दाखिला लूं या फिर मेरे लिए कॉलेज महत्वपूर्ण है या पाठ्यक्रम?
कॉलेज तय करने से पहले आपको साफ  तौर पर यह तय करना है कि आपके व्यवसाय की दिशा क्या है. इसके बाद आप पाठ्यक्रम  या कॉलेज के चयन के लिए स्वयं के मानदंड तय कर सकते हैं. यदि अध्ययन के विषय का विकल्प महत्वपूर्ण है तो तदनुरूप कॉलेज की तलाश की जा सकती है, जो आपको उस विषय में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए अद्यतन प्रयोगशालाएं, कम्प्यूटर और अन्य अपेक्षित सुविधाएं प्रदान कर सके. एक अच्छा कॉलेज वह होता है, जहां बेहतरीन शिक्षक हों, जो बदलते दौर में नई शिक्षण पद्धति अपनाता हो और पसंद के विषय में अनुसंधान का वातावरण और अवसर प्रदान करता हो. दूसरी तरफ यदि आप एक व्यापक स्नातक पाठ्यक्रम का चयन करते हैं, जहां विषय मुख्य मानदंड न हो, तो आपको ऐसे कॉलेज की तलाश करनी चाहिए, जो उदार सोच को प्रोत्साहित करता हो, और विविध गतिविधियों के अवसर प्रदान करता हो.
3. विकल्प खुले रखें: यह हमेशा अच्छा रहता है कि अपनी कॅरिअर योजना के अनुरूप पांच या छह कॉलेजों मे आवेदन किया जाये और कम से कम दो या तीन विषय चुने जायें. इनमें से एक विषय ऐसा होना चाहिए, जो द्वितीय विकल्प हो और जिसमें दाखिले के प्रति आप आश्वस्त हों. अपने चुने गए प्रत्येक कॉलेज में पहुंचने का प्रयास करें. कॉलेज खुले होने के दिनों उनके परिसरों में जाकर आप क्लासरूमों, व्याख्यान कक्षों, खेल और छात्रावास सुविधाओं आदि का जायजा ले सकते हैं. आप सम्बद्ध कॉलेज के व्याख्याताओं और विद्यार्थियों से संस्था के बारे में बातचीत करके मालूम कर सकते हैं कि वहां क्लब आदि गतिविधियां कैसी हैं और वहां से पास आउट स्नातकों की उपलब्धियां क्या रही हैं. कॉलेज परिसर में घूम कर आप प्रचलित सामान्य वातावरण का प्रभाव महसूस कर सकते हैं, और आप यह विचार कर सकते हैं कि अमुक माहौल में आप कितने फिट हो सकते हैं.
4. उपलब्ध पाठ्यक्रम: भारत में प्रत्येक विश्वविद्यालय विभिन्न संकायों मेें  कला, वाणिज्य और विज्ञान सहित विविध प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है. इन विषयों में बीए अर्थशास्त्र, बी कॉम, या बी.एससी भौतिक विज्ञान जैसे परम्परागत विषयों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रौद्योगिकी, फिजियोथेरेपी, पोलिमर साइंस, भूविज्ञान, दर्शन, विशेष शिक्षा और संगीत में डिग्री जैसे पाठ्यक्रम शामिल होते हैं. इनके अलावा मेडिकल साइंस और इंजीनियरी जैसे व्यावसायिक डिग्री पाठ्यक्रम और विधि, कम्प्यूटर अनुप्रयोग, प्रबंधन जैसे क्षेत्रों तथा फ्रैंच, जर्मन, स्पैनिश, जैपनीज, चाइनीज सहित अन्य अनेक विदेशी भाषाओं से संबंधित पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं. यदि आप नियमित डिग्री पाठ्यक्रम में दाखिला न ले पायें तो आपके लिए दूरस्थ शिक्षण अथवा मुक्त शैक्षिक पाठ्यक्रमों जैसे विकल्प भी हैं, जो अधिकतर विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किए जाते हैं. आपके लिए अनेक प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं जैसे ट्रैवल और टूरिज्म, रिटेल मैनेजमेंट, बिजनेस जर्नलिज्म और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, वूमैन स्टडीज और ऐसे ही अन्य पाठ्यक्रम.
कॉलेज, विश्वविद्यालयों और व्यावसायिक संस्थानों में इतने सारे विकल्पों की उपलब्धता को देखते हुए, यह निराश या चिंतित होने का समय नहीं है. इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की सलाह माने: ‘‘आपने जो भी डिग्री जिस भी कॉलेज से प्राप्त की हो, जीवन में अंतत: महत्वपूर्ण यह होता है कि आप अनुशासित हैं, प्रतिबद्ध हैं, कठिन परिश्रमी हैं और निश्चित रूप से कुछ स्मार्ट हैं या नहीं. अत: मैं विद्यार्थियों को सलाह देता हूं कि वे इस बात की ंचिंता न करें कि किस कॉलेज में पढ़े हैं, बल्कि यह देखें कि उन्हें जो शिक्षा मिली उसमें से उन्होंने उत्कृष्ट को ग्रहण किया कि नहीं.’’
अत: मैं सभी विद्यार्थियों की सफलता की कामना करती हूं कि वे प्राप्त की गई उत्कृष्ट शिक्षा के आधार पर अपने सपने पूरे करें. 
ऊषा अल्बुकर्क कॅरिअर्स स्मार्ट प्रा. लि. नॉर्थ दिल्ली शाखा की निदेशक हैं और निधि प्रसाद इस संगठन की अध्यक्ष हैं.
ई-मेल  : careerssmartonline@gmail.com,  और nidhiprasadcs@gmail.com
चित्र: गूगल के सौजन्य से